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अर्थव्यवस्था के लिए वरदान साबित हुई कोरोना टीकाकरण की तेज रफ्तार, कोरोना के प्रभावों से अर्थव्यवस्था को बाहर निकालने में की मदद

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वैश्विक कोरोना संकट के समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने अपने देशवासियों के जीवन के साथ ही अर्थव्यवस्था को बचाने की चुनौती थी। प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले अपने देशवासियों के जीवन की परवाह की। उन्होंने कठोर फैसलों के साथ मुफ्त खाद्यान्न भी उपलब्ध कराया। इसके बाद अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषण की। प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वैक्सीन के विकास के साथ ही महाटीकाकरण अभियान शुरू किया। टीकाकरण की रफ्तार तेज करने के लिए मनसुख मंडाविया को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बनाया। मंडाविया ने प्रधानमंत्री मोदी के भरोसे पर खरा उतरते हुए पुरानी स्वास्थ्य प्रणाली से ही वो रिकॉर्डतोड़ कारनामा कर दिखाया, जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी। अब तक देश में करीब 96 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है।

टीकाकरण की तेज रफ्तार आज अर्थव्यवस्था के लिए वरदान साबित हो रही है, क्योंकि यह देशवासियों में सुरक्षा का भाव जगाने में सफल रही है। टीकाकरण की तेज मुहिम की बदौलत तीसरी लहर की आशंका काफी कम करने में कामयाबी मिली है। इस विश्वास ने आर्थिक रिकवरी को रफ्तार देने में अहम भूमिका निभाई है। वित्त मंत्रालय की सितंबर महीने की आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, टीकाकरण की तेज रफ्तार ने कोरोना के बुरे प्रभावों से अर्थव्यवस्था को बाहर निकलने में मदद की है। हर क्षेत्र में वृद्धि के साथ भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से सुधार के रास्ते पर आगे बढ़ रही है। आने वाले महीनों में इसमें और तेजी आने की उम्मीद है।

कोरोना टीकाकरण की तेज रफ्तार का असर

  • कोरोना महामारी की दूसरी लहर लगातार कमजोर हो रही है।
  • नए मामलों के अलावा मौतों की संख्या में काफी कमी आई है।
  • देश में कोरोना के एक्टिव केसों में तेजी से गिरावट आई है।
  • तीसरी लहर की आशंका कम करने में कामयाबी मिली है।
  • रोजाना 1 करोड़ वैक्सीन लगाने की क्षमता ने भरोसा जगाया।
  • लोगों की आर्थिक गतिविधियां बढ़ने से मांग में बढ़ोतरी हुई।

अर्थव्यवस्था में मजबूती के साथ तेज विकास

  • सितंबर महीने में जीएसटी संग्रह 117 करोड़ पार कर गया।
  • RBI के मुताबिक विकास दर 9.5% से अधिक रहने की उम्मीद है।
  • मूडीज ने भारत का सॉवरेन आउटलुक नेगेटिव से स्टेबल किया।
  • व्यापारिक निर्यात ने 30 बिलियन डॉलर का आंकड़ा पार किया।
  • आर्थिक विकास की रफ्तार प्री-कोविड स्तर के 90 प्रतिशत पर पहुंची।
  • FPI में तेजी के साथ भारत आकर्षक निवेश गंतव्य बना हुआ है।
  • विदेशी मुद्रा भंडार 642 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
  • शेयर मार्केट ने इतिहास रचते हुए 60 हजार का आंकड़ा पार किया।
  • सितंबर के महीने में देशभर में 85 लाख लोगों को रोजगार मिला।
  • कंज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स 48.6 से बढ़कर सितंबर में 57.7 हो गया।

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