Home समाचार Aditya-L1 सफल प्रक्षेपण: अंतरिक्ष यात्री क्रिस हैडफील्ड ने की प्रधानमंत्री मोदी के...

Aditya-L1 सफल प्रक्षेपण: अंतरिक्ष यात्री क्रिस हैडफील्ड ने की प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना

SHARE

भारत ने आदित्य एल-1 का सफल प्रक्षेपण कर लिया है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग कर इतिहास रचने के बाद आज 2 सितंबर, 2023 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन-इसरो ने श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी सी57 से आदित्य एल-1 उपग्रह का सफल प्रक्षेपण किया। भारत ने इसके साथ ही सूर्य के अध्ययन की दिशा में एक अहम कदम बढ़ा दिया है। अंतरिक्ष यात्री क्रिस हेडफील्ड ने इसको लेकर भारत की तकनीकी कौशल की सराहना की है।

अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station)के पूर्व कमांडर क्रिस हेडफील्ड ने इसरो की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसे पिछले कई वर्षों से देख रहे हैं। वह इसरो से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं, इसलिए अंतरिक्ष अभियान को आगे बढ़ाना भारतीय नेतृत्व की ओर से वास्तव में एक स्मार्ट कदम है। इसे विकसित किया जा रहा है। इसके निजीकरण की प्रक्रिया भी चल रही है, ताकि व्यवसायों और भारत के लोगों को इसका फायदा मिल सके।

न्यूज एजेंसी ANI के साथ बातचीत में उन्होंने यह भी कहा कि स्पेस कॉमर्स, जीपीएस सैटेलाइट, मौसम उपग्रह, दूरसंचार, चंद्रमा पर खोज, सूर्य पर खोज, यह सब एक जीवनकाल से भी कम समय में हुआ है। इसलिए यह इतनी अधिक अंतरिक्ष प्रतिस्पर्धा नहीं है, क्योंकि यह हर किसी के लिए अंतरिक्ष में एक नया अवसर है। अब दौड़ वास्तव में इस बारे में है कि कौन टेक्नोलॉजी को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाकर स्पेस बिजनेस को लाभदायक बना सकता है। भारत ऐसा करने के लिए वास्तव में बहुत मजबूत स्थिति में है। अपोलो मर्डर्स के लेखक क्रिस हेडफील्ड ने यह भी कहा कि भारत सरकार जो कुछ भी करती है उसको बजट परिप्रेक्ष्य में रखना बहुत महत्वपूर्ण है। चाहे अनाज वितरण हो, स्वास्थ्य या लोक कल्याण पर खर्च हो, यह कुल बजट के 1 प्रतिशत का 100वां हिस्सा है। दूसरे देशों के खर्च की तुलना में यह काफी कम है। यह भारत को काफी प्रतिस्पर्धी बनाता है…जिस सस्ते और सफल तरीके से भारत चंद्रमा पर उतरा, वह उन सभी भारतीय अंतरिक्ष कंपनियों के लिए एक प्रमाण है कि वे भी बाकी दुनिया की तुलना में कम पैसे में काफी कुछ कर सकते हैं, एक अच्छा बिजनेस मॉडल है।

आदित्य एल-1 करीब चार महीने में लैग्रेंज 1 प्वाइंट पर पहुंच जाएगा। इस मिशन का मकसद सौर हवाओं और सूर्य के वातावरण का अध्ययन करना है। आदित्य एल-1 में प्रकाशमंडल, क्रोमोस्फीयर और सूर्य की सबसे बाहरी परतों कोरोना का निरीक्षण करने के लिए सात पेलोड हैं।

Leave a Reply