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अधीर रंजन ने सोनिया और राहुल को मुश्किल में डाला, दोनों को सता रहा गिरफ्तारी का डर, महंगाई पर कांग्रेस का प्रदर्शन गांधी परिवार को बचाने का सिर्फ बहाना

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नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी चौतरफा घिर चुके हैं। उन पर प्रवर्तन निदेशालय का शिकंजा कसता जा रहा है। अब उन्हें किसी भी वक्त गिरफ्तारी का डर सता रहा है। इसकी झलक कांग्रेस के नेताओं के चेहरे पर और सड़क पर उनके प्रदर्शन में देखी जा सकती है। कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने महंगाई का बहाना बनाकर सोनिया और राहुल को बचाने के लिए सड़क पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। दरअसल कांग्रेस प्रदर्शन की आड़ में मोदी सरकार पर दबाव डालने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन कांग्रेस की इस बेचैनी के पीछे की कहानी काफी दिलचस्प है। यह जानकर आपको हैरानी होगी कि कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी भी सोनिया और राहुल को जेल में देखना चाहते हैं। 

अधीर रंजन चाहते हैं सोनिया और राहुल की गिरफ्तारी !

सांसद अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में मोदी सरकार से सवाल किया था कि यदि कांग्रेस एक ‘भ्रष्ट’ पार्टी है, तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी को अब तक जेल क्यों नहीं हुई। उनके इस सवाल से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें उन्हें कहते सुना जा सकता है, “सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी जी को जेल की सलाखों के पीछे रख पाए आप लोग। रखो ना, हम चाहते हैं कि कानून को चुस्त दुरुस्त करके जो लोगों को चोर बनाकर आप लोग सत्ता में आए हैं। वो लोग क्यों हाउस में बैठे हुए है… क्यों वो लोग जेल की सलाखों के पीछे नहीं है ? क्यों राहुल जी बाहर है ? क्यों मैडम सोनिया गांधी बाहर है ? ये मैं पूछना चाहता हूं।”

अधीर रंजन के बयान पर पीएम मोदी का पलटवार

दरअसल अधीर रंजन चौधरी का वायरल हो रहा यह वीडियो 24 जून, 2019 का है, जब लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण प्रस्ताव पर चर्चा हो रही थी। इस दौरान अधीर रंजन चौधरी ने 2-जी मामले में मनमोहन सिंह सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा था। इसके अगले दिन यानि 25 जून, 2019 को लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सदन में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी के बयान का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर पलटवार किया था। 

“ये इमरजेंसी नहीं है कि सरकार किसी को जेल में डाल दे, ये लोकतंत्र है”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी। हमें इसलिए कोसा जा रहा है कि फलाने को जेल में क्यों नहीं डाला। ये इमरजेंसी नहीं है कि सरकार किसी को जेल में डाल दे, ये लोकतंत्र है, ये काम न्यायपालिका का है, हम कानून से चलने वाले लोग हैं और किसी को जमानत मिलती है तो इंजॉय करे…बदले की भावना से काम नहीं होना चाहिए, लेकिन करप्शन के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी।” 
https://youtu.be/WTUwbs3FEIU?t=3213

अधीर रंजन के बयान से घिरे सोनिया और राहुल 

तब प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जो भी करेंगे ईमानदारी से करेंगे, किसी के खिलाफ हीन भाव से काम नहीं करेंगे। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने अधीर रंजन के बयान पर तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की। लेकिन अधीर रंजन चौधीर के बयान ने उत्प्रेरक का काम किया। संसद में ही प्रधानमंत्री मोदी ने संकेत दे दिया था कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनका अभियान जारी रहेगा। उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय को भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई की पूरी छूट दी। नेशनल हेराल्ड मामले में भी जांच तेज हुई। सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर शिकंजा कसता चला गया। आज दोनों गिरफ्तारी से बचने के लिए हाथ पैर मार रहे हैं।

अपने बयानों से कांग्रेस को मुश्किल में डालते रहते हैं अधीर

इस तरह अधीर रंजन चौधरी कांग्रेस पार्टी को अपने बयानों से किरकिरी कराते रहते हैं। अभी हाल में ही उन्हें राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को ‘राष्ट्रपत्नी’ संबोधित कर कांग्रेस को मुश्किल में डाल दिया था। कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “हिन्दुस्तान की राष्ट्रपति जी सबके लिए हैं। राष्ट्रपति जी नहीं राष्ट्रपत्नी जी, हिन्दुस्तान की राष्ट्रपत्नी जी सबके लिए हैं। हमारे लिए क्यों नहीं।” जिस तरह ‘राष्ट्रपत्नी’ शब्द पर जोर दिया है, उससे लगता है कि कांग्रेस एक गरीब आदिवासी महिला को राष्ट्रपति के रूप में स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए सोनिया गांधी राजमाता हैं, जो राष्ट्रपति से भी ऊपर हैं। 

जेल जाने से बचने के लिए सड़क पर ड्रामा

गौरतलब है कि कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता सत्याग्रह के नाम पर जिस तरह सड़कों पर ड्रामा कर रहे हैं, वो किसी भी सभ्य लोकतंत्र के लिए उचित नहीं है। एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में कानून के सामने हर कोई बराबर है। लेकिन कांग्रेस राजमाता सोनिया गांधी और उनके बच्चों को संविधान और देश से ऊपर समझते हैं। कांग्रेसियों की माने तो वे किसी के प्रति जवाबदेह नहीं है। ईडी की पूछताछ को आलाकमान की शान में गुस्ताखी मान रहे हैं। इसलिए कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। सड़क पर महंगाई का बहाना बनाकर प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां तक कि प्रियंका गांधी वाड्रा पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई करती नजर आ रही है। प्रदर्शन के दौरान काले कपड़े पहनकर अनुच्छेद 370 के खिलाफ संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि 5 अगस्त, 2019 को इस अनुच्छे को निरस्त किया गया था। राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास की वर्षगांठ पर ‘काले कपड़े’ पहनकर प्रदर्शन करना महज़ संयोग नहीं, बल्कि कांग्रेस का एक नया प्रयोग हैं।

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