जिस तरह से दिल्ली में दंगों को अंजाम दिया गया, उससे आशंका जतायी जाने लगी थी कि यह किसी बड़ी साजिश का नतीजा है। जैसे-जैसे पुलिस और ईडी की जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे आशंका हकीकत में बदलती जा रही है और साजिश की परतें खुलती जा रही हैं। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने कट्टरपंथी संगठन पीएफआई के सरगना परवेज़ और सेक्रेटरी इलियास को गिरफ्तार किया है। दोनों पर शाहीन बाग प्रदर्शन की फंडिंग और दिल्ली में हुए दंगों को भड़काने का आरोप है। इन दोनों का संबंध आईएसआईएस से जुड़ी दंपत्ति से था, वहीं इनकी पहुंच आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं तक थी, जो कॉल, मैसेज और व्हाट्सएप के जरिए जुड़े हुए थे।
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने PFI Delhi State Head मोहम्मद परवेज़ अहमद और सेक्रेटरी इलियास को शाहीन बाग और दिल्ली दंगों में फ़ंडिंग के आरोप मे गिरफ्तार किया। ED ने भी परवेज अहमद से पुछताछ की थी।PFI सदस्य दानिश की गिरफ़्तारी और बयानों के बाद दोनों की गिरफ्तारी हुयी।?? pic.twitter.com/tWvwsU0WzI
— Jitender Sharma (@capt_ivane) March 12, 2020
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रिपोर्ट के मुताबिक आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के तार भी पीएफआई से जुड़े हुए थे। इसमें कहा गया है कि संजय सिंह पीएफआई के अध्यक्ष मोहम्मद परवेज अहमद से लगातार संपर्क में थे। ईडी ने कहा है कि संजय सिंह और परवेज के बीच व्हाट्सएप चैट भी की गई है। इसके अलावा दोनों ने एक-दूसरे से मुलाकात भी की थी।
ईडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि भीम आर्मी और कांग्रेस के नेता उदिज राज के भी PFI से संबंध थे। ईडी अधिकारियों का कहना है कि जिन-जिन का नाम सामने आया है उन्हें आने वाले समय में नोटिस भेजा जाएगा और इस संबंध में जवाब तलब किया जाएगा।
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया है कि मोहम्मद परवेज़ कांग्रेस के कई नेताओं से संपर्क में था। मोहम्मद परवेज़ कई भड़काऊ व्हाट्सएप ग्रुप्स से भी जुड़ा हुआ है, जो दंगा फैलाने का काम करते हैं। कपिल मिश्रा कई बार कहते रहे हैं कि अगर दंगाई ताहिर हुसैन के कॉल डिटेल की जांच हो तो ये साफ़ हो जाएगा कि दंगों के समय वो आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह से लगातार संपर्क में था।
ताहिर हुसैन के कॉल रिकार्ड्स सारे मीडिया के पास है –
1. अंकित शर्मा की हत्या वाले दिन घर पर ही था
ताहिर ने भी झूठ बोला और संजय सिंह ने भी
2. दंगो और हत्या के बीच ताहिर हुसैन ने संजय सिंह, केजरीवाल और अमानतुल्ला खान से 50 से ज्यादा बार बात की
मीडिया में सन्नाटा क्यों?
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) March 3, 2020
दंगों के दौरान आईबी के अधिकारी अंकित शर्मा को दंगाइयों ने मारकर नाले में फेंक दिया था। अंकित का शव 26 फरवरी को बरामद किया गया। कई लोगों की गवाही और स्थानीय रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि अंकित की हत्या में आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व पार्षद मुहम्मद ताहिर हुसैन का हाथ है। जब ताहिर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज हुआ और उस पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी, तो कई लोग उसके बचाव में सामने आए। इसमें पीएफआई के साथ संजय सिंह और AAP के विधायक अमानतुल्लाह खान भी शामिल थे।
ताहिर हुसैन को घिरते देखकर आम आदमी पार्टी ने उससे किनारा कर लिया और पार्टी से निलंबित कर दिया। वहीं आतंकी संगठन पीएफआई का दर्द सामने आया। दिल्ली हिंसा में संलिप्त संगठन पीएफआई ने कहा कि ताहिर हुसैन की कोई गलती नहीं थी, वह गंदी राजनीति का शिकार बना है। इसके साथ ही पीएफआई ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार पर भी जमकर हमला बोला।
आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान बार बार ताहिर हुसैन का बचाव कर रहा है। पुलिस की गिरफ्त में ताहिर हुसैन के आने के बाद अमानतुल्लाह ने ट्वीट किया और पुलिस जांच से पहले ही ताहिर को बेकसूर बता दिया। अमानतुल्लाह खान ने कहा कि पूरा मुल्क जानता है कि ताहिर हुसैन बेक़सूर है। बीजेपी उसको फंसा रही है । अगर बीजेपी में हिम्मत है तो ताहिर हुसैन, कपिल मिश्रा, प्रवेश वर्मा, अमित शाह और अमूल्य पटनायक का नार्को टेस्ट पब्लिक के सामने कराए। सच सबके सामने आ जायेगा कि दिल्ली फसादात किसने कराये।
पूरा देश जनता है कि ताहिर हुसैन बेक़ुसूर है। बीजेपी उसको फसा रही है ।अगर बीजेपी में हिम्मत है तो ताहिर हुसैन ,कपिल मिश्रा, प्रवेश वर्मा ,अमित शाह और अमूल्य पटनायक का नार्को टेस्ट पब्लिक के सामने कराए। सच सबके सामने आजायेगा कि दिल्ली के दंगे किसने कराये।
— Amanatullah Khan AAP (@KhanAmanatullah) March 12, 2020
इससे पहले अमानतुल्लाह खान ने एक ट्वीट में धर्म को आधार बनाकर ताहिर का बचाव किया था। अमानतुल्लाह खान ने कहा था कि आज ताहिर हुसैन सिर्फ़ इस बात की सज़ा काट रहा है कि वो एक मुस्लिम है। शायद आज हिंदुस्तान में सबसे बड़ा गुनाह मुस्लिम होना है, ये भी हो सकता है आने वाले वक्त में ये भी साबित कर दिया जाए कि दिल्ली तशद्दुद ताहिर हुसैन ने कराया है।
आज ताहिर हुसैन सिर्फ़ इस बात की सज़ा काट रहा है की वो एक मुस्लिम है। शायद आज हिंदुस्तान में सबसे बड़ा गुनाह मुस्लिम होना है ये भी होसकता है आने वाले वक्त में ये साबित करदिया जाए कि दिल्ली की हिंसा ताहिर हुसैन ने कराई है।
— Amanatullah Khan AAP (@KhanAmanatullah) March 7, 2020
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने ताहिर हुसैन के बचाव में कहा कि ताहिर हुसैन पहले ही इस पर अपना बयान दे चुके हैं। उन्होंने मदद के लिए पुलिस को फोन किया था। पुलिस आठ घंटे बाद उनके आवास पर पहुंची और उन्हें उनके घर से निकाला गया। संजय सिंह ने कहा, ‘ताहिर हुसैन के बयान को नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है। इसे जांच का हिस्सा क्यों नहीं बनाया जा रहा है। उन्होंने अपने घर पर हमले की सूचना देने के लिए 100 नंबर पर कॉल किया। पुलिस को पता है कि उन्होंने हुसैन और उनके परिवार को निकाला। वह पिछले दो दिनों से अपने घर में नहीं हैं।’
Sanjay Singh, AAP: Tahir Hussain has already given his statement in which he said that he gave all details to police&media about mob entering his house during the violence. He had asked police for protection. Police came 8 hours late&rescued him&his family from his house. (2/2) https://t.co/AZns0p2AtW
— ANI (@ANI) February 27, 2020
ताहिर हुसैन आम आदमी पार्टी से निलंबित एक पार्षद है, जो एक मजदूर से एक रसूखदार नेता बन गया। उसकी पहुंच सीधे आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं तक है। बीजेपी संवाद ने एक ट्वीट किया, जिसमें बताया कि हिंसा के तीन दिन पहले तक ताहिर हुसैन ने अमानतुल्लाह खान को 56 बार, मनीष सिसोदिया को 18 बार और सीएम अरविंद केजरीवाल को 9 बार फोन किया था।
Three days before riots, Tahir Hussain
held 56 calls with Amanatullah Khan and Deputy CM Manish Sisodia 18 times and CM Arvind Kejriwal 9 times.— भाजपा सम्वाद (@bjpsamvad) March 2, 2020
बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने सवाल किया है कि आम आदमी पार्टी ताहिर हुसैन को बचाने की पुरजोर कोशिश क्यों कर रही है।संजय सिंह कई बार ताहिर हुसैन का बचाव कर चुके हैं। तिवारी ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि ताहिर और अन्य आरोपियों से पूछताछ के बाद आम आदमी पार्टी के कई और बड़े नेताओं के नाम सामने आएंगे। इसी डर और घबराहट का सबूत आम आदमी पार्टी के नेता अपने बयानों के जरिए दे रहे हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में कहा, “मैं सदन को और सदन के माध्यम से देश को विश्वास दिलाता हूँ कि दंगों के लिए जिम्मेदार लोग और दंगों का षड्यंत्र करने वाले लोग, चाहे वे किसी भी जाति, मजहब या पार्टी के हो, उन्हें किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा।” मोदी सरकार की सख्ती और ताबड़तोड़ हुई गिरफ़्तारियों के बाद और भी राज़ खुलेंगे। अब देखना है कितने सफेदपोशों की पोल खुलती है। ये तो स्पष्ट हो गया है कि इन दंगों के पीछे एक बहुत बड़ा राजनीतिक संरक्षण था, जो सीएए विरोध से उपजा था।