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मोदी सरकार के 9 सालः ये 9 योजनाएं बनी गरीबों का सहारा, समृद्धि से बदली देश की तस्वीर और तकदीर

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार 26 मई 2023 को नौ साल पूरे करने जा रही है। मोदी सरकार ने सबका साथ-सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास के मंत्र पर चलते हुए देश की तस्वीर बदल दी है। उनकी जनकल्याणकारी योजनाओं ने देश के गांव-गरीब और आम लोगों के जीवन की तस्वीर और तकदीर बदल दी है। पीएम मोदी के विजन से ऐसी योजनाएं शुरू की गई हैं जिससे समाज के अंतिम व्यक्ति की समृद्धि सुनिश्चित हो रही है। इन योजनाओं में जन धन योजना, अटल पेंशन योजना, पीएम किसान सम्मान निधि योजना, उज्जवला योजना, आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, पीएम स्वामित्व योजना शामिल हैं। पेंशन योजना ने जहां बुजुर्ग गरीबों को आत्मनिर्भर और सशक्त किया है वहीं उज्जवला योजना से महिलाओं को चूल्हे के धुएं से मुक्ति मिली। पीएम किसान ने जहां किसानों को खाद और बीज की चिंता से मुक्त किया वहीं फसल बीमा योजना ये आपदा में फसल बर्बाद होने पर भी उन्हें संबल प्रदान किया। गरीब कल्याण योजना से जहां 80 करोड़ गरीबों को राशन मिल रहा वहीं आयुष्मान भारत ने उन्हें स्वस्थ्य परेशानी की चिंता से मुक्त किया। इसी तरह आवास योजना से जहां गरीबों को भी अपना घर मिला वहीं स्वामित्व योजना से अपने घर या जमीन का मालिकाना हक मिला है।

आइए देखते हैं कि इन नौ योजनाओं से कितनों गरीबों को लाभ मिल रहा है और यह कैसे गरीबों का सहारा बन रही है और उनमें समृद्धि ला रही है-

1. जन धन योजना
जन धन योजना के तहत 48.70 करोड़ लोग खाते खुलवा चुके

बैंकिंग सुविधा को देश के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से 15 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री जन धन योजना की शुरुआत की गई थी। प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत अकाउंटहोल्डर को सरकार द्वारा कई सारी सुविधाएं दी जाती हैं। प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) की वेबसाइट के मुताबिक, इस योजना में 5 अप्रैल 2023 तक कुल 48.70 करोड़ लोग खाते खुलवा चुके हैं और 32.96 करोड़ रुपे डेबिट कार्ड जारी किए जा चुके हैं। खास बात यह है कि इसमें 32.48 करोड़ खाते ग्रामीण और अर्धशहरी इलाकों में खोले गए हैं। भारत में डिजिटल क्रांति लाने में जन धन खातों की प्रमुख भूमिका रही है।

जन धन खातों में 10 हजार की ओवरड्राफ्ट सुविधा

प्रधानमंत्री जन धन योजना में अकाउंट होल्डर को सरकार की ओर से 10000 रुपये तक की ओवरड्राफ्ट की सुविधा दी जाती है। इसका मतलब है कि खाते में रुपये न होने पर भी आप 10000 रुपये तक की निकासी कर सकते हैं। अगर आप जनधन योजना के तहत मिलने वाली ओवरड्राफ्ट की सुविधा का लाभ उठाना चाहते हैं तो इसके लिए बैंक में इस योजना के तहत खाता खोलना होगा।

जन धन खातों से उठा सकते हैं कई अन्य योजना का लाभ

जन धन योजना के तहत खाता खोलने पर अकाउंटहोल्डर को न्यूनतम बैलेंस रखने की कोई अनिवार्यता नहीं होती है। इसके तहत दिए जाने वाले रुपे डेबिट कार्ड पर दो लाख रुपये तक का एक्सीडेंटल इंश्योरेंस कवर होता है। इसमें जमा रकम पर बैंकों की ओर से सेविंग अकाउंट के लिए निर्धिारित की गई ब्याज दर दी जाती है। इसके साथ सरकार की ओर से चलाई जाने वाली अन्य सरकारी योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY), अटल पेंशन योजना (APY), मुद्रा (Mudra) योजना का लाभ लेने के लिए भी इस खाते का प्रयोग कर सकते हैं।

2. अटल पेंशन योजना
अटल पेंशन योजना सदस्यों की संख्या हुई 5.25 करोड़ पार

मोदी सरकार की अटल पेंशन योजना (APY) के तहत अब तक इसके 5.25 करोड़ से अधिक खाते हो गए हैं। यानी अटल पेंशन योजना के तहत कुल नामांकन ने 5.25 करोड़ के आंकड़े को पार कर लिया है। एपीवाई के शुभारंभ से ही इसमें नामांकन निरंतर बढ़ता जा रहा है। वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 में नए नामांकन में 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 में नए नामांकन में 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। अब तक एपीवाई में प्रबंधन के तहत कुल परिसंपत्ति (AUM) 28,434 करोड़ रुपये से भी अधिक आंकी गई है और इस योजना ने अपने शुभारंभ से लेकर अब तक 8.92 प्रतिशत का निवेश रिटर्न अर्जित किया है।

अटल पेंशन योजना से गरीबों, वंचितों, श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा

अटल पेंशन योजना सभी भारतीयों, खासकर गरीबों, वंचितों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा देने के उद्देश्य से शुरू की गई है। यह असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार की एक पहल है। यह योजना 18 से 40 वर्ष आयु वर्ग के सभी बैंक खाताधारकों के लिए खुली है। अटल पेंशन योजना में निवेश करने वाले व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसकी पत्नी और पत्नी की भी मृत्यु होने की स्थिति में बच्चों को पेंशन मिलने का प्रावधान है। रिटायर होने के बाद जीवनभर पेंशन पाने के लिए आपको अटल पेंशन योजना में कुछ सालों तक ही निवेश करना होता है।

वर्ष 2015 में शुरू हुई थी अटल पेंशन योजना

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 9 मई 2015 को असंगठित क्षेत्र में मजदूरों को वृद्धावस्था आय सुरक्षा देने और 60 वर्ष की आयु के बाद न्यूनतम पेंशन की गारंटी प्रदान करने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की थी। यह पेंशन योजना लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो गई है। भारत सरकार द्वारा देश के नागरिकों के लिए घोषित की गई गारंटीड पेंशन वाली इस स्‍कीम अर्थात अटल पेंशन योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के उन कामगारों पर फोकस किया जाता है, जिनकी हिस्‍सेदारी कुल श्रम बल में 85 प्रतिशत से भी अधिक है। अटल पेंशन योजना के तहत 60 साल की उम्र पूरी होने पर प्रति माह 1000, 2000, 3000, 4000 या 5000 रुपये की गारंटीड न्‍यूनतम पेंशन मिलेगी जो सदस्‍यों द्वारा किए जाने वाले अंशदान पर निर्भर करेगी।

3. उज्जवला योजना
उज्जवला योजना से जुड़ी 9.59 करोड़ महिलाएं

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से 1 मार्च 2023 तक 9.59 करोड़ लाभार्थी जुड़े हुए हैं। व‍ित्तीय वर्ष 2022-23 में मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थी पर‍िवारों को साल के 12 स‍िलेंडरों पर 2400 रुपये की सब्स‍िडी यानी एक स‍िलेंडर की खरीद पर 200 रुपये की सब्स‍िडी देने का फैसला ल‍ि‍या। मोदी सरकार के इस फैसले से 9.59 करोड़ परिवार को फायदा मिलेगा। प्रति सिलेंडर 200 रुपये की यह सब्सिडी उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को साल में 14.2 किलो के 12 एलपीजी सिलेंडर के लिए दी जाएगी। 200 रुपये की यह सब्सिडी सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा की जाती है। सरकारी कंपनी इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम 22 मई, 2022 से यह सब्सिडी दे रही हैं, जिसे एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया है। सरकार को इसपर 2022-23 में 6,100 करोड़ रुपये और 2023-24 में 7,680 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। मोदी सरकार की कोशिश है कि देश की ज्यादा से ज्यादा महिलाएं पूरी तरह से खाना पकाने के लिए स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल करें। उज्ज्वला योजना उपभोक्ताओं की 2019-20 में औसत एलपीजी खपत 3.01 रिफिल थी जो 2021-22 में बढ़कर 3.68 रिफिल हो गई।

गरीब महिलाओं को चूल्हे के धुएं से आजादी दिला रही उज्ज्वला योजना

भारत में आजादी के बाद से महिलाओं के कल्याण को लेकर सैकड़ों स्कीमें बनीं, लेकिन इसके बावजूद देश के हजारों गांवों में करोड़ों महिलाओं को दिन के तीनों पहर चूल्हे के सामने बैठकर खाना पकाना पड़ता था। प्रधानमंत्री मोदी ने गरीब महिलाओं को चूल्हे के धुएं से आजादी दिलाने और उनके बेहतर स्वास्थ्य को ध्यान में रख कर प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) शुरू की थी। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत 1 मई, 2016 को की गई। इस योजना ने जहां महिलाओं को चूल्हे के धुएं से ​मुक्ति प्रदान की वही उज्ज्वला स्कीम मोदी सरकार की लोकप्रिय योजनाओं में शुमार की गई। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के माध्यम से देश की 18 वर्ष से अधिक उम्र की एपीएल, बीपीएल तथा राशन कार्ड धारक महिलाओं को रसोई गैस उपलब्ध करवाई जाती है। इसके तहत महिलाओं को रसोई गैस सिलेंडर के साथ फ्री गैस चूल्हा दिया जाता है जिसके अंतर्गत लाभार्थियों को रिफिल एवं हॉट प्लेट, एलपीजी गैस कनेक्शन के साथ निशुल्क प्रदान की जाती है। लाभार्थियों को गैस स्टोव खरीदने के लिए ब्याज मुक्त लोन भी मुहैया करवाया जाता है। आज बड़ी संख्या में महिलाएं इस योजना का लाभ उठा रही हैं।

4. आयुष्मान भारत योजना
आयुष्मान भारत के 23.30 करोड़ से अधिक कार्ड जारी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने देशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना’ (पीएम-जेवाई) की शुरुआत की थी। अब यह योजना गरीब-वंचितों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत 23 अप्रैल, 2023 तक 23.30 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड मुहैया कराए गए हैं। देश में अब तक 4.81 करोड़ से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं।

प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का मुफ़्त इलाज

‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना’ के चार साल पूरे हो गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने 23 सितंबर, 2018 को झारखंड की राजधानी रांची में इस योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का उद्देश्य प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज 10.74 करोड़ से भी अधिक गरीब और वंचित परिवारों (या लगभग 50 करोड़ लाभार्थियों को) मुहैया कराना जो भारतीय आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं। मोदी सरकार इस जन आरोग्य योजना को और सुगम और सरल बनाने की कोशिश में जुटी है, ताकि अधिक-से-अधिक गरीब परिवार इसका लाभ उठा सकें। इसके लिए एक वेबसाइट mera.pmjay.gov.in और टोल फ्री नंबर 14555 और टोल फ्री नंबर 1800-111-565 जारी किया जा चुका है। इसकी मदद से कोई भी जान सकता है कि उसका परिवार लाभार्थियों में शामिल है या नहीं।

5. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना
देश के 80 करोड़ गरीबों को मिल रहा मुफ्त राशन

देश के 80 करोड़ गरीबों को कोविड महामारी से बचाने के लिए भारत सरकार ने एक ‘भगीरथ प्रयास’ किया। केन्द्र सरकार ने अप्रैल 2020 में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की। तब से लगातार चल रही इस योजना के तहत देश के गरीबों को मुफ्त राशन मिल रहा है। इस तरह भारत अपनी एक बड़ी आबादी को भुखमरी से बचाकर सुपर पॉवर की तरह उभरा है। केंद्र ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अप्रैल 2020 से अब तक 3.9 लाख करोड़ रुपये का मुफ्त खाद्यान्न पात्र लोगों को उपलब्ध कराया है। योजना के तहत केंद्र सरकार की ओर से हर महीने 80 करोड़ गरीबों को पांच किलो गेहूं और चावल मुफ्त दिया जाता है। यह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत आपूर्ति की किए जाने वाले खाद्यान्न से अलग मात्रा है।

गरीबों के कल्याण के लिए अब तक 3.90 लाख करोड़ रुपये खर्च

पीएमजीकेएवाई के तहत अब तक 3.90 लाख करोड़ रुपये से अधिक के खर्च के साथ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 1,118 लाख टन खाद्यान्न आवंटित किया गया है। वहीं सरकार ने वर्ष 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर 2.75 लाख करोड़ रुपये की फसलों की रिकॉर्ड खरीद की है।

एक देश, एक राशन कार्ड का मिला फायदा

एक देश एक राशन कार्डयोजना से देशभर के गरीबों को काफी राहत मिली है। एक देश एक राशन कार्ड (ONORC) सभी 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू किया गया है, जिसमें लगभग 80 करोड़ एनएफएसए लाभार्थी शामिल हैं। अगस्त 2019 में ओएनओआरसी योजना शुरू होने के बाद से 93 करोड़ से अधिक पोर्टेबिलिटी लेनदेन पंजीकृत किए गए हैं, जिसमें 177 लाख टन से अधिक खाद्यान्न वितरित किया गया है। वर्ष 2022 के दौरान, 11 महीनों में 39 करोड़ पोर्टेबिलिटी लेनदेन किए गए, जिसमें 80 लाख टन से अधिक खाद्यान्न वितरित किया गया है।

6. पीएम किसान सम्मान निधि योजना
पीएम-किसान योजना से 8 करोड़ किसानों को लाभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम-किसान योजना के तहत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से 27 फरवरी 2023 को लगभग 8 करोड़ किसानों को इस योजना की 13वीं किस्त के रूप में 16,800 करोड़ रुपये वितरित किए थे। पीएम-किसान योजना की 11वीं और 12वीं किस्त क्रमशः 2022 के मई और अक्टूबर महीने में जारी की गई थी। किस्त के रूप में किसानों को 2 हजार रुपये का लाभ मिला। इससे पहले 17 अक्तूबर 2022 को 12वीं किस्त जारी हुई थी। इससे छोटे किसानों को खाद और बीज खरीदने में सहूलियत होती है और उन्हें कर्ज लेने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ रहा है।

लाभार्थी किसानों सालाना मिलते हैं 6,000 रुपये

पीएम किसान सम्मान निधि योजना मोदी सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक है। इसके देशभर में करोड़ों लाभार्थी हैं। इस योजना को केंद्र सरकार द्वारा साल 2019 में शुरू किया गया था। इस स्कीम के जरिए सरकार हर लाभार्थी किसान के खाते में 6,000 रुपये सालाना ट्रांसफर करती है। इन पैसों को कुल 2-2 हजार रुपये की तीन किस्तों में ट्रांसफर किया जाता है। अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो पीएम किसान स्कीम की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

7. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 17 करोड़ किसानों का बीमा

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अभी तक देश भर में 17 करोड़ से भी अधिक किसानों ने बीमा कराया है। अब तक, योजना के तहत 1.3 लाख करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया जा चुका है। आधार सीडिंग ने किसान के खातों में सीधे दावा निपटान में तेजी लाने में मदद की है। यानी यह सब बिना किसी भ्रष्टाचार या कमीशन के सीधा किसानों के खाते में पहुंचा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार किसानों के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। किसानों के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के आठ साल से ज्यादा हो गए हैं।

फसल बीमा योजना किसानों के लिए सुरक्षा कवच

मोदी सरकार ने इस योजना को 13 जनवरी, 2016 को लागू किया था। देश के किसानों को हर साल बाढ़, आंधी, तेज बारिश के चलते काफी नुकसान उठाना पड़ता है। फसल बीमा योजना के तहत किसानों को किसी भी प्राकृतिक आपदा के कारण फसल में हुई हानि पर बीमा कवर देने का प्रावधान किया गया है, यानि किसानों की फसल को प्राकृतिक आपदाओं के कारण खराब होने पर प्रीमियम का भुगतान देकर एक सीमा तक हुई हानि कम कराएगी। प्रीमियम राशि को प्रत्येक किसान की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए काफी कम रखा गया है। खरीफ पर 5 प्रतिशत और रबी पर मात्र 1.5 प्रतिशत प्रीमियम राशि है। फसल बीमा योजना किसानों के लिए सुरक्षा कवच के समान है। किसान के हिस्से के अतिरिक्‍त प्रीमियम का खर्च राज्य और केंद्र सरकार द्वारा समान रूप से सहायता के रूप में दिया जाता है। पूर्वोत्तर राज्यों में केंद्र सरकार ने 90 प्रतिशत प्रीमियम राशि प्रदान करती है।

8. प्रधानमंत्री आवास योजना
तीन करोड़ से ज्यादा पक्के घरों का निर्माण

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने हर परिवार को छत मुहैया कराने के मामले में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अपने घर का हसरत पाले बैठे लोगों के सपनों में मोदी सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना ने एक नई जान डाल ही है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मोदी सरकार तीन करोड़ से ज्यादा पक्के घरों का निर्माण कर चुकी है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2022 में कहा था कि देश के हर निर्धन को पक्का घर देने के लिए सरकार महत्त्वपूर्ण कदम उठा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत तीन करोड़ से अधिक मकान बनाए जा चुके हैं। सभी घर मूलभूत सुविधाओं से युक्त हैं और ये घर महिला सशक्तिकरण के प्रतीक बन गए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी कर रहे आम लोगों के घर का सपना पूरा

प्रधानमंत्री मोदी ने जब साल 2014 में पहली बार देश की बागडोर संभाली तो उस समय करोड़ों लोगों के पास अपना घर नहीं था। प्रधानमंत्री मोदी ने इन लोगों की पीड़ा को समझ देश के हर परिवार को घर देने का वादा किया। इसी के तहत प्रधानमंत्री मोदी ने 25 जून, 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) की शुरूआत की और 20 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का शुभारंभ किया।

सस्ते मकान क्षेत्र में जबरदस्त तेजी

प्रधानमंत्री आवास योजना पीपीपी मोड के आधार पर चल रही है। पीएमएवाई के तहत बनने वाले प्रत्येक पक्के घर में शौचालय, गैस कनेक्शन, बिजली आपूर्ति, पेयजल आपूर्ति आदि सुविधाओं से ग्रामीण भारत की तस्वीर बहुत तेजी से बदल रही है। ऐसा अनुमान है कि इस कारण सस्ते आवासीय क्षेत्र में जबरदस्त तेजी आने वाली है। कई हाउसिंग कंपनियों के अनुसार ग्राहकों का जबरदस्त आकर्षण दिख रहा है। पीएमएवाई के तहत केंद्र सरकार ने मध्यम आयवर्ग के लोगों के लिए दो नई योजनाएं शुरू की। इन योजनाओं के तहत 9 लाख रुपये तक के आवास ऋण पर ब्याज में 4 फीसदी और 12 लाख रुपये के आवास ऋण पर ब्याज में 3 फीसदी छूट दी गई है।

9. पीएम स्वामित्व योजना
पीएम स्वामित्व योजना के तहत 2.39 लाख गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा

पीएम स्वामित्व योजना के तहत 31 मार्च 2023 तक 2.39 लाख गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण का काम पूरा हो चुका है, जो 3.72 लाख गांवों के कुल लक्ष्य का 63 प्रतिशत है। ड्रोन सर्वेक्षण मध्य प्रदेश राज्य, लक्षद्वीप, केन्द्र शासित प्रदेश दिल्ली, दादरा नगर हवेली और दमन और दीव क्षेत्रों में पूरा हो गया है। उत्तराखंड, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और गोवा के बाद हरियाणा के लाभार्थियों के संपत्ति कार्ड तैयार किए गए हैं। राज्यों और सर्वे ऑफ इंडिया के बीच समन्वय के साथ लगभग 74,000 गांवों के लिए 1.24 करोड़ से अधिक संपत्ति कार्ड तैयार करने की उपलब्धि हासिल की गई है।

गांव के लोगों को अपने घर की जमीन का मालिकाना हक

मोदी सरकार द्वारा गांव के लोगों को भी शहर जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने के मकसद से ग्रामीण क्षेत्रों में कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन्हीं योजनाओं में से एक पीएम स्वामित्व योजना भी है। इस योजना के तहत गांव के उन लोगों को अपने घर की जमीन का मालिकाना हक दिया जाता है, जो किसी भी सरकारी आंकड़े में दर्ज नहीं है। दरअसल, देश के ग्रामीण क्षेत्रों में काफी ऐसे लोग हैं, जिनकी घर की जमीन किसी भी सरकारी आंकड़ों में दर्ज नहीं है, जिससे उनकी जमीन पर किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा कब्जा होने का खतरा हमेशा बना रहता है। इसके अलावा, इस जमीन पर लोन भी नहीं मिल पाता है। इसी समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना की शुरुआत की।

पीएम मोदी ने 2020 में शुरू की पीएम स्वामित्व योजना

पीएम स्वामित्व योजना एक केंद्रीय योजना है, जिसे 24 अप्रैल 2020 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने शुरू किया था। स्वामित्व योजना का उद्देश्य गांव में बसे हुए ग्रामीण परिवारों के मालिकों को “अधिकारों के रिकॉर्ड”/संपत्ति कार्ड प्रदान करना है। इस योजना में विविध पहलुओं को शामिल किया गया है। इनमें संपत्तियों के मुद्रीकरण को सुगम बनाना और बैंक ऋणों को सक्षम बनाना; संपत्ति संबंधी विवादों को कम करना; व्यापक ग्राम स्तरीय योजना शामिल हैं। यह पंचायतों के सामाजिक-आर्थिक प्रोफाइल को और बढ़ाएगा, जिससे वे आत्मनिर्भर बनेंगे। इस योजना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विकलांग, अल्पसंख्यक, महिला और अन्य कमजोर समूहों सहित समाज के प्रत्येक वर्ग को शामिल किया गया है।

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