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कांग्रेसी राज्यों की कारनामा: कचरे में फेंकने और गड्डे में गाड़ने के बाद अब फ्रीज में जमाकर बर्बाद कर दिए गए टीके

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार देश के हर व्यक्ति को टीका लगाने का प्रयास कर रही हैं। देश में चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान के तहत कोरोना टीके की दी जा चुकी खुराक की संख्या 23.61 करोड़ के पार हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में देश के सभी लोगों को मुफ्त टीकाकरण की बात कही है। इस सबके बाद भी कुछ कांग्रेस समर्थित राज्य टीके को लेकर हो-हल्ला कर रहे हैं और कमी का रोना रो रहे हैं, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इन राज्यों में कोरोना टीके की लाखों खुराकें बर्बाद हो चुकी हैं। राजस्थान में कोरोना टीके को कचरे में फेंकने और गड्डे में गाड़ने के बाद अब अब फ्रीज में जमाकर टीके बर्बाद करने का मामला सामने आया है। दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार राज्य के रघुनाथपुरा पीएचसी में कोरोना वैक्सीन की 50 वायल, यानी 500 डोज को फ्रिज में जमा कर बर्बाद कर दिए गए। फ्रिज में तापमान 2-8 डिग्री सेल्सियस तक रहना चाहिए, लेकिन इसका ध्यान नहीं रखा गया।

9 राज्यों ने इस्तेमाल ही नहीं की वैक्सीन की पूरी खेप
कुछ कांग्रेसी सरकारें टीकाकरण अभियान को पटरी से उतारने में लगी हुई हैं। आप को यह जानकर हैरानी होगी कि वैक्सीन पर हो-हल्ला मचाने वाली 9 राज्य की सरकारों ने केंद्र से मिली खेप का इस्तेमाल ही नहीं किया। इन कांग्रेसी और कांग्रेस समर्थित सरकारों ने सिर्फ कमी का रोना रोकर केंद्र सरकार को बदनाम करने की कोशिश की।

एक दिन पहले ही आई हिन्दुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास अभी भी 1.65 करोड़ वैक्सीन की डोज उपलब्ध हैं। केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, कम से कम नौ राज्यों ने जनवरी और मार्च के बीच उन्हें सप्लाई की गई कोरोना वैक्सीन की खुराक को पूरा इस्तेमाल ही नहीं किया।

हिन्दुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, झारखंड, केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली ने उन्हें दी गई वैक्सीन का पूरा इस्तेमाल किया ही नहीं। राजस्थान को जनवरी से मार्च के बीच तीन माह में दी गई 1.06 करोड़ खुराक में से सिर्फ 0.57 करोड़ ही इस्तेमाल की गई। पंजाब ने 0.29 करोड़ खुराक में से लगभग 8.40 लाख ही इस्तेमाल की। छत्तीसगढ़ में 0.43 करोड़ खुराक में से 0.19 करोड़, तेलंगाना में 0.41 करोड़ में से केवल 0.13 करोड़, आंध्र प्रदेश में 0.66 करोड़ में से सिर्फ 0.26 करोड़ और झारखंड में 0.31 करोड़ में से केवल 0.16 करोड़ ही इस्तेमाल की गई।

सौजन्य हिंदुस्तान टाइम्स

इसके साथ ही केरल में 0.63 करोड़ वैक्सीन में से 0.34 करोड़ ही इस्तेमाल हुई। महाराष्ट्र ने 1.43 करोड़ खुराक में से केवल 0.62 करोड़ खुराक का ही इस्तेमाल किया जबकि दिल्ली ने 0.44 करोड़ में से 0.24 करोड़ को ही इस्तेमाल किया।

झारखंड में 37 प्रतिशत और छत्तीसगढ़ में 30 प्रतिशत वैक्सीन बर्बाद
इसके साथ ही कांग्रेसी राज्यों में कोरोना टीके की लाखों खुराकें बर्बाद हो चुकी हैं। राजस्थान में कोरोना वैक्सीन के साढ़े 11 लाख डोज बर्बाद हो चुके हैं। हाल ही में कोरोना टीकाकरण की प्रगति की समीक्षा बैठक में यह तथ्य सामने आया कि वैक्सीन की बर्बादी करने वाले राज्यों में सबसे ऊपर झारखंड और छत्तीसगढ़ है। झारखंड में सबसे अधिक 37.3 प्रतिशत वैक्सीन की बर्बादी हुई है। इसके बाद छत्तीसगढ़ में 30.2 प्रतिशत वैक्‍सीन की बर्बादी हुई। वैक्सीन बर्बादी में तमिलनाडु तीसरे नंबर पर है। यहां 15.5 प्रतिशत टीकों की बर्बादी होती है।

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