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लंदन में प्रधानमंत्री मोदी ने जीता पूरी दुनिया का दिल, पढ़िए 21 प्रमुख बातें…

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को लंदन में ‘भारत की बात सबके साथ’ कार्यक्रम में पूरी दुनिया के सामने देश के बारे में अपने नजरिये को रखा। इस अवसर पर उन्होंने अपनी निजी जिंदगी से लेकर देश के विकास की योजनाओं पर अपने विचार रखे। प्रधानमंत्री मोदी ने कई ऐसी बातें कहीं, जो प्रेरणा देने वाली हैं। देखते हैं पीएम मोदी की 21 प्रमुख बातें-

1-लोकतंत्र में जनता जनार्दन ईश्वर का रूप है, वो फैसला कर ले तो एक चाय बेचने वाला भी उनका प्रतिनिधि बनकर रॉयल पैलेस में हाजिरी लगा सकता है।

2-भारत आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। आतंक का निर्यात करने वालों को मोदी उसी की भाषा में जवाब देना जानता है।

3-भारत आंख झुकाकर या आंख उठाकर नहीं बल्कि आंख मिलाकर बात करने में विश्वास करता है।

4-मुझे किताब पढ़कर गरीबी सीखनी नहीं पड़ी है। मैं उस जिंदगी को जिया है।

5- बच्चों को पढ़ाई, युवाओं को कमाई, बुजुर्गों को दवाई, इन तीनों पर ही हमने विशेष ध्यान दिया।

6-मुझे सवा सौ करोड़ देशवासियों की शक्ति पर भरोसा है। आज जितने बदलाव देश में देखने को मिल रहे हैं, ये उसी का परिणाम है।

7-जो लोग मुझ पर पत्थर फेंकते हैं, मैं उन पत्थरों से ही पथ बना लेता हूं और उसी पर चढ़कर आगे बढ़ता हूं।

8-गांधी जी ने आजादी को आंदोलन बना दिया था, मैं विकास को जन आंदोलन बना देना चाहता हूं।

9-मैं गरीबों का सशक्तीकरण कर उनकी एक फौज तैयार करना चाहता हूं, जो गरीबी से लड़े। तभी गरीबी मिटेगी। गरीबी हटाओ के नारे से गरीबी नहीं हटेगी।

10-मेरी पूंजी है – कठोर परिश्रम, प्रमाणिकता और सवा सौ करोड़ देशवासियों का प्यार।

11-मैं मानता हूं जिस दिन मेरी बेसब्री खत्म हो जाएगी उस दिन मैं देश के काम नहीं आऊंगा। मेरी बेसब्री मेरी ऊर्जा है, मुझे दौड़ाती है।

12-मुझे खुशी है कि आज सवा सौ करोड़ देशवासियों के दिल में उमंग, आशा, अपेक्षा उभर कर आ गई है।

13-जब आप सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय के संकल्प से चलते हैं तो निराश होने का कोई कारण नहीं होता है।

14-अगर नीति स्पष्ट हो, नीयत साफ हो, इरादे नेक हों और सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय का इरादा हो तो इसी व्यवस्था से आप इच्छित परिणाम ले सकते हैं।

15- मैं गलतियां कर सकता हूं, लेकिन गलत इरादों से कुछ नहीं करूंगा। मैंने देश को वादा किया है।

16-मेरा विश्वास है कि लाखों समस्याएं हैं, तो सवा सौ करोड़ समाधान भी हैं। देश के लोगों की शक्ति पर मुझे भरोसा है।

17- फकीरी को इंजेक्ट नहीं किया जा सकता है, यह इनबिल्ट होती है।

18- मैं अभाव में पैदा हुआ इसलिए मुझ पर किसी भी चीज का प्रभाव नहीं होता है।

19-आलोचना लोकतंत्र की ब्यूटी है। यदि आलोचना नहीं हो तो लोकतंत्र कैसा? मोदी सरकार की भरपूर आलोचना होनी चाहिए। आलोचना से ही डेमोक्रेसी पनपती है।

20-आज क्रिटिसिज्म ने दुर्भाग्य से एलिगेशन का रूप ले लिया है। एक तंदरूस्त लोकतंत्र के लिए क्रिटिसिज्म करना चाहिए लेकिन एलिगेशन से बचना चाहिए।

21- इतिहास में नाम दर्ज करना मेरा मकसद नहीं है। लोग मुझे सवा सौ करोड़ भारतीयों की तरह ही याद रखें। मकसद है तो मेरा देश अजर-अमर रहे। मोदी की छवि चमकाने में इंट्रेस्ट नहीं है, हिंदुस्तान की छवि चमकाने में मेरा इंट्रेस्ट है।

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