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यूपी के अंतर्राष्ट्रीय धर्मांतरण सिंडिकेट के तार पश्चिम बंगाल से पाकिस्तान तक जुड़े, योगी सरकार ने किया भंडाफोड़

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उत्तर प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय धर्मांतरण सिंडिकेट चलाने वाले गिरोह का कनेक्शन PFI, SDPI समेत पाकिस्तान के कई आतंकी संगठनों से होने के प्रमाण मिले हैं। इतना ही नहीं सिंडिकेट के तार मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति के चलते पश्चिम बंगाल से भी जुड़े हुए हैं। छह स्टेट्स में ऑपरेट कर रहे इस रेडकलाइज नेटवर्क में लव जिहाद के जरिए 100 से ज्यादा लोगों का धर्म परिवर्तन किए जाने के सबूत मिले हैं। प्रदेश की योगी सरकार ने बड़े पैमाने पर चल रहे इस धर्मांतरण गिरोह का पर्दाफाश किया है। बलरामपुर के छांगुर बाबा से लेकर आगरा तक इस सिंडिकेट में शामिल गिरफ्तार अभियुक्त पूरे नेटवर्क में अलग-अलग रोल निभाते थे। ये लोग ISIS पैटर्न पर लड़कियों को मुस्लिम बनाने का नेक्सस चलाते थे। इसके अलावा सिंडिकेट के लिए फंड जुटाना, फंड को चैनलाइज करना, धर्मांतरण के लिए लोगों को लीगल एडवाइस देना, नए फोन और सिम कार्ड दिलवाना, हिंदू लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाना, धर्म परिवर्तन के लिए कानूनी दस्तावेज तैयार करना शामिल है।

कनाडा, कतर और UAE जैसे देशों की एजेंसियों से फंडिंग
आगरा के रहने वाले रमेश की FIR ने एक अंतरराष्ट्रीय धर्मांतरण सिंडिकेट का खुलासा किया है। इसके बाद सिंडिकेट से जुड़े 6 राज्यों से 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन्हें अमेरिका, लंदन, कनाडा, कतर और UAE जैसे देशों की एजेंसियों से फंडिंग मिल रही थी। लापता दोनों बहनों को भी पश्चिम बंगाल से रेस्क्यू कर परिवार को सौंपा गया। तब पता चला कि दीपाली ‘अमीना’ और खुशी ‘जोया’ बन चुकी हैं। शुरुआती जांच के बाद पुलिस के मुताबिक दोनों बहनों को टारगेट बनाने वाली गैंग हिंदू लड़कियों को ‘लव जिहाद’ और कट्टरपंथी बनाने की गतिविधियों में शामिल है। ये ISIS के पैटर्न पर धर्मांतरण करा रही है। इस गैंग के पाकिस्तानी आतंकी संगठन से जुड़े होने के संकेत मिले हैं। गैंग का सरगना अब्दुल रहमान और आयशा अब तक सैकड़ों लोगों का धर्मांतरण करा चुके हैं। दोनों ने खुद भी धर्मांतरण किया है।

पुलिस कोलकाता नहीं जाती, तो बेटियों का निकाह हो जाता
आगरा के सदर इलाके से गायब हुईं दोनों बहनों को पुलिस ने कोलकाता से रेस्क्यू कर परिवार को सौंप दिया है। बेटियों की वापसी से परिवार खुश है, लेकिन सुरक्षा को देखते हुए पुलिस ने उन्हें मीडिया के सामने आने से मना किया है। विक्टिम बच्चियों के पिता रमेश से मीडिया को बताया कि दीपाली आगरा में PhD की तैयारी कर रही थी, तब उसकी दोस्त साइमा उसे कश्मीर घुमाने के बहाने अपने घर ले गई। वहां उसने मेरी बेटी का ब्रेनवॉश किया। दीपाली कश्मीर से लौटी तो अजीब सी बातें करने लगी। उसमें हिंदू रीति-रिवाजों को लेकर विरोध की भावना आ गई थी। घर पर कोई पूजा होती तो वो उसमें शामिल नहीं होती थी। वो दिनभर छोटी बहन खुशी के साथ ही रहती। वो उसे भी नमाज अदा करने और हिजाब पहनने के फायदे बताने लगी थी। ‘दोनों बहनें एक ही कमरे में रहती थीं। धीर-धीरे बड़ी बहन की बातों और सोच का असर छोटी बहन पर भी होने लगा। दोनों ने घर से भागने का प्लान बनाया और तीन माह पहले अचानक गायब हो गईं।’ रमेश आगे बताते हैं, ‘मेरी शिकायत पर पुलिस ने 4 मई को दोनों बेटियों के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज की। पुलिस ने उनकी तलाश शुरू की और कोलकाता से उन्हें बचाकर ले आई। अगर ऐसा न होता तो वो लोग मेरी कुंवारी बेटियों का अब तक निकाह करवा चुके होते।

ब्रेनवाश से इस्लाम कबूल कराके कुर्बानी के लिए तैयार किया
इस मामले की जांच में शामिल UP-ATS के एक सीनियर अफसर के मुताबिक 24 मार्च को लड़कियों के परिजन घर से बाहर गए हुए थे। इसी का फायदा उठाकर दीपाली अपनी छोटी बहन खुशी को लेकर दिल्ली आ गई। यहां उनकी मुलाकात रीत उर्फ इब्राहिम नाम के लड़के से हुई, जो इस गैंग का मेंबर था। उसी ने ही दोनों को दिल्ली से पहले बिहार, फिर वहां से कोलकाता भिजवाया। दीपाली और खुशी को कोलकाता में एक मुस्लिम बस्ती में ठहराया गया। यहां उनकी मुलाकात आयशा से हुई। उसने दोनों का इस तरह से ब्रेनवॉश किया कि वो मुजाहिदा (कुर्बान होने को तैयार) बनने के लिए तैयार हो गईं। इसके बाद एक मौलवी की मदद से दोनों बहनों ने इस्लाम कबूल लिया। धर्म परिवर्तन के बाद दीपाली ‘अमीना’ और खुशी ‘जोया’ बन गईं।’ ‘पुलिस ने कोलकाता से रेस्क्यू की गईं दोनों लड़कियों के फोन की जांच की। इसमें पता चला है कि दोनों गैंग के सरगना अब्दुल रहमान के संपर्क में थीं। वो रोजाना चैट के जरिए उनसे बात करता था। पता चला है कि वो बातचीत में लड़कियों को उनकी जैसी दूसरी लड़कियों का धर्म बदलवाने की नसीहत देता था।’

छह स्टेट्स में ऑपरेट कर रहा रेडकलाइज नेटवर्क, 100 लव जिहाद के केस
आगरा धर्मांतरण सिंडिकेट से जुड़े आरोपियों के खिलाफ हुए एक्शन के बारे में UP के DGP राजीव कृष्ण ने मीडिया को बताया कि मामले की शुरुआती जांच में इस गिरोह का कनेक्शन PFI, SDPI समेत पाकिस्तान के कई आतंकी संगठनों से होने के संकेत मिले हैं। आगरा से लापता हुई 2 लड़कियों की सूचना मिलने पर हमने पश्चिम बंगाल, गोवा, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान और UP में 11 टीमें लगाई थीं। करीब छह स्टेट्स में ऑपरेट कर रहे इस रेडकलाइज नेटवर्क में हमें लव जिहाद के जरिए 100 से ज्यादा लोगों का धर्म परिवर्तन किए जाने के सबूत मिले हैं। गिरफ्तार अभियुक्त पूरे नेटवर्क में अलग-अलग रोल निभाते थे।

आयशा उर्फ कृष्णा के फोन से मिले हिंदू धर्म विरोधी VIDEO
पुलिस जांच में ये भी सामने आया है कि धर्मांतरण गैंग की पूरी फंडिंग गोवा की रहने वाली आयशा उर्फ एसबी कृष्णा कर रही थी। आयशा कनाडा में सैयद दाऊद इब्राहिम से मिलने वाली फंडिंग को गैंग में बांटती थी। इन पैसों को UAE, लंदन, कनाडा और अमेरिका के रास्ते भारत भेजा जाता था, ताकि इसे ट्रैक करना मुश्किल हो। आयशा ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि वो 2020 में पंजाब यूनिवर्सिटी से MSc डेटा साइंस की पढ़ाई कर रही थी। उसी दौरान यूनिवर्सिटी में कश्मीर के कुछ स्टूडेंट्स उसके संपर्क में आए। उन्होंने उसे इस्लाम धर्म कबूलने के लिए मोटिवेट किया। उनके कहने पर वो कोलकाता गई और वहीं एसबी कृष्णा से आयशा बन गई। 2021 से वो अब्दुल रहमान गैंग में फंडिंग का काम संभाल रही है। उसका पति शेखर रॉय उर्फ हसन अली कोलकाता के कोर्ट में नौकरी करता था। शेखर गैंग के लोगों के लिए लीगल एडवाइजर के तौर पर काम करता था।

छांगुर बाबा: 2015 से धर्मांतरण के खेल में एक्टिव हुआ
दूसरी ओर बलरामपुर का छांगुर बाबा भी धर्मांतरण गिरोह को लेकर सुर्खियों में है। छांगुर बाबा का घर बलरामपुर जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर रेहरामाफी गांव में है। 2011 से पहले तक वह गांव-गांव साइकिल से अंगूठी और नग बेचने का काम करता था। 2011 में पत्नी कुतबुनिशा प्रधान बनी तो उसने यह काम कम कर दिया। वह अक्सर मुंबई भी जाता और वहां वरली में हाजी अली दरगाह के बाहर नग बेचता था। 2015 में उसने धर्मांतरण के काम में एंट्री ली। इसका पहला प्रूफ नवीन और नीतू के रूप में मिलता है। मुंबई के सिंधी परिवार से आने वाला बिजनेसमैन नवीन घनश्याम रोहरा इस्लाम धर्म अपनाकर जमालुद्दीन बन गया। नीतू रोहरा नसरीन बन गई। दोनों ने छांगुर को अपना सब कुछ मान लिया। छांगुर जो कहता, दोनों वही करते थे। 2020 में छांगुर दोनों को लेकर अपने गांव रेहरामाफी चला आया। अपने गांव के बगल मधुपुर में 3 बीघा जमीन ली। उस पर आलीशान कोठी और एक डिग्री कॉलेज बनवाया। फिर यहीं से धर्मांतरण की पूरी दुकान शुरू हो गई।

मुस्लिम युवाओं को उकसाता, हिंदू लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाओ
छांगुर धर्मांतरण के लिए मुस्लिम युवाओं को हिंदू लड़कियों से दोस्ती करने और फिर उनका धर्मांतरण करवाने के लिए उकसाता था। ऐसे कई केस सामने आए हैं। एक केस औरैया जिले का है। यहां की 22 साल की मानवी शर्मा उर्फ गोल्डी 3 जुलाई को लखनऊ में दोबारा से हिंदू धर्म में वापस आ गई। उन्होंने जो कहानी बताई, वह हैरान करती है। मानवी कहती हैं- मेरा घर औरैया जिले के बाबरपुर गांव में है। मैंने वहीं आनंतराम के एक कॉलेज से बीएससी किया। मेरे पिता अरविंद शर्मा और मां ज्योति शर्मा कानपुर गए थे, तो उन्हें एक लड़का मिला। उसने अपना नाम रुद्र शर्मा बताया। मां ने उससे पापा की शराब की लत का जिक्र किया। इस पर उसने छांगुर बाबा का नाम बताया। कहा, बाबा शराब की लत छुड़ा देंगे। रुद्र शर्मा हम सबको छांगुर बाबा से मिलाने के लिए ले गया। वहां छांगुर ने हम सबको ताबीज दिया। इसके बाद उसकी मुझसे बात होने लगी। बाद में उसने फतेहपुर की एक मस्जिद में मुझसे निकाह किया। तब मुझे पता चला कि वह रुद्र शर्मा नहीं, मेराज अंसारी है। इसके बाद हम उसे छोड़कर अपने घर चले आए। वह एक दिन घर आया। उसके फोन में मेरे कुछ वीडियो थे। मेरे पापा ने कहा कि वीडियो डिलीट कर दो। उसने कहा कि अपनी छोटी बेटी से शादी करवाओगे, तब कर दूंगा। पापा को बहुत गुस्सा आया और मारपीट में मेराज अंसारी की मौत हो गई। मेरे मम्मी-पापा मेराज की हत्या के मामले में जेल में बंद हैं।

फरीदाबाद और लखनऊ में लव जिहाद, छांगुर का नाम आया
हरियाणा के फरीदाबाद की मुजेसर थाने की पुलिस ने आमिर हुसैन को गिरफ्तार किया है। संजय कॉलोनी की रहने वाली 16 साल की नाबालिग ने कहा- आमिर उसके पास की कॉलोनी में ही रहता था। सहेली नेहा खान ने उससे मुलाकात करवाई। इसके बाद वह मुझे दिल्ली की निजामुद्दीन दरगाह ले गया। वहां हमारी मुलाकात जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा से हुई। छांगुर ने धर्म बदलकर शादी करने को कहा और कई बड़े-बड़े सपने दिखाए। इसके बाद उसने नमाज अदा करवाई। ताबीज भी दी। ऐसा ही एक मामला लखनऊ के विनय खंड का है। यहां की गुंजा गुप्ता को छांगुर ने इस्लाम धर्म में कन्वर्ट करवाकर अलीना बना दिया, क्योंकि अबू अंसारी नाम के एक लड़के ने खुद को अमित बताकर उससे शादी कर ली थी। बाद में पता चला कि वह हिंदू नहीं, मुस्लिम है। गुंजा को लेकर अबू बलरामपुर के मधेपुर पहुंचा। वहां एक उर्स में छांगुर से मुलाकात करवाई और गुंजा को अलीना बना दिया। अबू छांगुर गैंग का सदस्य है। वह इसी तरह से महिलाओं का धर्मांतरण करवाता रहा है।

मास्टरमाइंड जलालुद्दीन तीन तरीके से कराता था धर्मांतरण
दरअसल, धर्मांतरण का मास्टरमाइंड जलालुद्दीन शाह उर्फ छांगुर बाबा मुख्य रूप से 3 तरह से धर्म परिवर्तन करवाता था। उसके इन 3 तरीकों में एक तरीका मुस्लिम युवाओं को हिंदू लड़की से शादी करने और फिर उसे इस्लाम कबूल करवाने का था। दूसरे तरीके में वह लोगों को नीतू यानी नसरीन और उसके पति नवीन (जमालुद्दीन) को दिखाता। कहता, इन्होंने इस्लाम कबूल किया और आज इनके पास करोड़ों रुपए हैं। आलीशान बंगला और गाड़ी है। लोग उसकी इस बात से प्रभावित होते और फिर एक समय के बाद इस्लाम अपना लेते थे। छांगुर के धर्मांतरण का तीसरा तरीका नौकरी का लालच देना, मुकदमे और मुसीबतों को खत्म कराना था। वो कई तरह के प्रलोभन देकर हिंदुओं को मुस्लिम धर्म में कन्वर्ट करवाना था। छांगुर का धर्मांतरण का यह खेल पिछले 10 साल में खूब फला-फूला, लेकिन अब योगी सरकार ने सख्त एक्शन लेते हुए छांगुर बाबा की पोल खोल कर रख दी है। इसके साथ ही पुलिस प्रशासन ने उसके काले कारनामों की फाइलें खोलनी शुरू कीं। छापेमारी करके साथ के लोगों को पकड़ना शुरू किया।

 

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