दिल्ली दरबार से लेकर राज्यों कि इकाई तक कांग्रेस अपनी ही सियासी गुटबाजी का शिकार हो रही है। पंजाब में कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू पहले कैप्टन से पंगा ले रहे थे, अब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ मुखर हैं। राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सियासी जंग जग-जाहिर है।
सीएम भूपेश बघेल और सिंहदेव में छत्तीस का आंकड़ा
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का अंदरूनी विवाद सीएम भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव के बीच चल ही रहा है। अब छत्तीसगढ़ के झगड़े में एनएसयूआई और कांग्रेस के विवाद में आग में घी का काम किया है। कांग्रेसियों ने ही अपने आनुषांगिक के पोस्टर फाड़ डाले। मामला इतना बढ़ा कि पुलिस को बीच-बचाव के लिए आना पड़ा। दरअसल, कांग्रेस संगठन में आपसी खींचतान और विवाट जारी है। मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के बीच चल रहा विवाद रविवार को संगठन में निचले स्तर पर पहुंच गया।
कांग्रेस के दो गुटों में जमकर हुई तू-तू, मैं-मैं
अम्बिकापुर में हुआ विवाद कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के एक कार्यक्रम को लेकर था। एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष नीरज पाण्डेय और एनएसयूआई सोशल मीडिया विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदित्य भगत यहां पहुंचे। वहां विवाद हो गया, दूसरे पक्ष ने वहां लगे बैनर-पोस्टर फाड़ डाले। दोनों पक्षों के बीच तू-तू, मैं-मैं के बाद मामला इतना बढ़ा कि पुलिस को बुलाना पड़ा।
कांग्रेसियों ने ही एनएसयूआई के बैनर-पोस्टर फाड़ दिए
एनएसयूआई देश भर में एक कार्यक्रम चला रही है। अम्बिकापुर के राजीव भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस होना था। तय समय पर संगठन के दोनों पदाधिकारी और उनके समर्थक राजीव भवन पहुंचे। वहां जिला कांग्रेस की बैठक चल रही थी। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के बेटे और एनएसयूआई के राष्ट्रीय पदाधिकारी आदित्य भगत ने इस पर नाराजगी जताई। इस बीच जिला कांग्रेस गुट ने राजीव भवन के प्रवेश द्वार पर लगे एनएसयूआई के बैनर-पोस्टर फाड़ दिए।
कांग्रेसियों का झगड़ा पुलिस अधिकारियों के सुलझाना पड़ा
इसके बाद वहां बवाल हो गया। बाद में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने ही हस्तक्षेप कर मामला शांत कराया। आदित्य के मुताबिक उन्होंने जिला कांग्रेस के अध्यक्ष राकेश गुप्ता को इसकी जानकारी दी। कहा कि यह भी कांग्रेस का ही कार्यक्रम है। उन्हें हस्तक्षेप करना चाहिए। इसके बाद भी उन्होंने किसी भी तरह के हस्तक्षेप से इनकार कर दिया। विवाद के बाद राजीव भवन के बाहर एनएसयूआई का कार्यक्रम हुआ, भीतर जिला कांग्रेस की बैठक हुई।एनएसयूआई और पीसीसी एक-दूसरे को झुठला रहे हैं
जिला कांग्रेस का तर्क है कि नीरज पाण्डेय और आदित्य ने अपने कार्यक्रम की जानकारी नहीं दी थी। अचानक आए और कार्यक्रम करना चाहा। उसी समय पर दूसरे कार्यक्रम भी लगे हुए थे। अचानक आने पर कार्यक्रम नहीं बदला जा सकता। एनएसयूआई नेताओं का कहना है कि कार्यक्रम की पूरी जानकारी प्रदेश कांग्रेस को दी गई थी। इसका प्रोटोकॉल जारी हुआ था। इसके बाद भी जिला कांग्रेस ने वह भवन उपलब्ध नहीं कराया जो पार्टी के सभी संगठनों का है।