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Year Ender 2025 : पीएम मोदी के विजन और संकल्प से अहम उपलब्धियां का साक्षी रहा यह साल, देखिए टॉप-10 उपलब्धियां

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फाइल फोटो

हर साल अपने साथ नई उम्मीदें, नई चुनौतियां और नए अध्याय लेकर आता है। अलविदा होता साल भी पीएम मोदी की दूरदृष्टि, विजन और समृद्ध भारत बनाने के संकल्प से उन वर्ष में दर्ज हो गया है, जिसने भारत की दिशा, दृष्टि और सामर्थ्य- तीनों को नए सिरे से परिभाषित किया है। तकनीक, आस्था, सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, विज्ञान, खेल और संस्कृति—हर क्षेत्र में यह वर्ष निर्णायक साबित हुआ है। इस साल की सफल यात्रा वह दस्तावेज है, जिसमें भारत ने खुद को और अधिक  संगठित, सक्षम और आत्मविश्वासी राष्ट्र के रूप में साबित कर दिखाया है। आज हम जब पीछे मुड़कर देखते हैं तो यह साफ दिखता है कि यह साल भविष्य के भारत की नींव को और मजबूत करने वाला रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 2025 ने हर सेक्टर और हर मोर्चे पर भारत की आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी छवि को और मजबूत किया है। यह वर्ष उस भारत की तस्वीर बन गया जो निर्णय लेता है, जोखिम उठाता है और बेहतर परिणाम भी देता है। इस साल ने आने वाले दशक की नींव रख दी। एक ऐसे भारत की नींव जो विश्व मंच पर अपने आत्मबल, आत्मगौरव और आत्मनिर्भरता के साथ तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है।

1.प्रयागराज महाकुंभ से भारत की सांस्कृतिक शक्ति का वैश्विक उद्घोष
पीएम मोदी के नेतृत्व में इस साल की शुरूआत आस्था के उस पर्व से हुई, जिसे पूरी दुनिया ने आश्चर्य और आस्था के मिले-जुले भावों से देखा। 13 जनवरी 2025 से प्रयागराज में शुरू हुआ महाकुंभ भारत की सांस्कृतिक शक्ति का विराट प्रदर्शन बन गया। 26 फरवरी 2025 तक चले इस आयोजन ने दुनिया को दिखाया कि आस्था और आधुनिक प्रबंधन एक-दूसरे के विरोधी नहीं, बल्कि पूरक हो सकते हैं। 38 दिनों में लगभग 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में यह महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन नहीं रहा, बल्कि विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक और मानवीय प्रबंधन प्रयोग बना। महाकुंभ ने यह संदेश दिया कि भारत अपनी परंपराओं को आधुनिक तकनीक के साथ आत्मविश्वास से आगे बढ़ा सकता है। यह आयोजन भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे मजबूत उदाहरण बनकर उभरा। इसी साल यूनेस्को द्वारा दीपावली को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया जाना भारत की सांस्कृतिक जीत रही। यह निर्णय भारतीय सभ्यता के मूल्यों को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठा दिलाने वाला साबित हुआ।

2.ऑपरेशन सिंदूर से आतंकवाद और पाक को दिया सख्त संदेश
पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने स्पष्ट कर दिया कि अब जवाब केवल कूटनीतिक बयान नहीं होंगे। 7 मई 2025 को भारतीय सशस्त्र बलों ने “ऑपरेशन सिंदूर” शुरू किया। इस अभियान के तहत पीओके में स्थित लश्कर, जैश और हिज्बुल के नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया गया। चार दिनों तक चले ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने न केवल दुश्मन के हमलों को विफल किया, बल्कि यह स्पष्ट कर दिया कि आतंकवाद के खिलाफ नीति अब ‘सहनशीलता’ नहीं बल्कि ‘निर्णायक प्रतिकार’ की है। यह ऑपरेशन प्रधानमंत्री मोदी के उस सिद्धांत का प्रतीक बना कि भारत अपनी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा।

3.हमारी इकोनॉमी दुनिया में पांचवें स्थान पर, जल्द जापान को पछाड़ेंगे
भारत की आर्थिक यात्रा में मई 2025 ऐतिहासिक मोड़ लेकर आया। इसी महीने भारत 4.13 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनकर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है। जापान चौथे स्थान पर है, जिसकी अर्थव्यवस्था लगभग $4.28 ट्रिलियन है। खास बात यह है कि भारत एक बार जापान के पीछे छोड़ भी दिया था, लेकिन यह रेंकिंग प्रदर्शन के आधार पर बदलती रहती है। अगले साल ही जापान को फिर पीछे छोड़कर चौथे पायदान पर आ जाएगा। टेक्नोलॉजी, ऑटो उद्योग और सेवाओं पर आधारित जापान की अर्थव्यवस्था वृद्ध होती आबादी के कारण चुनौतियों का सामना कर रही है। अर्थशास्त्रियों ने भारत ने यह भी संकेत दिया कि मौजूदा गति बनी रही तो 2027–28 तक वह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। यह उपलब्धि किसी एक योजना का नहीं, बल्कि दस वर्षों की निरंतर नीतिगत स्थिरता और सुधारों का परिणाम है। तेज विकास दर, मजबूत घरेलू मांग, रिकॉर्ड निवेश और डिजिटल अर्थव्यवस्था के विस्तार ने इस उपलब्धि को संभव बनाया। आईटी, स्टार्टअप, मैन्युफैक्चरिंग और डिजिटल पेमेंट जैसे क्षेत्रों में भारत ने वैश्विक मानक तय किए। यह उपलब्धि केवल आंकड़ों की नहीं, बल्कि पीएम मोदी की आत्मनिर्भर भारत की सोच का परिणाम रही।

4.विंग कमांडर शुभ्रांशु शुक्ला के जरिए अंतरिक्ष में ऐतिहासिक उड़ान
भारत के अंतरिक्ष इतिहास में 25 जून 2025 को स्वर्णिम अध्याय जुड़ा, जब भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर शुभ्रांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना हुए। वे किसी कमर्शियल मिशन में पायलट की भूमिका निभाने वाले पहले भारतीय बने। उन्होंने 18 दिनों तक अंतरिक्ष में रहकर 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए और 15 जुलाई को सुरक्षित धरती पर लौटे। यह उपलब्धि भारत की मानव अंतरिक्ष क्षमताओं और वैश्विक तकनीकी साझेदारी में बढ़ती भूमिका को दर्शाती है। पीएम मोदी ने अंतरिक्ष में तकनीक के जरिए विंग कमांडर शुभ्रांशु शुक्ला से अद्भुत संवाद किया।

5.चंद्रयान-4 की सफलता से चंद्र मिशन को नई दिशा मिली
स्पेस के क्षेत्र में एक और छलांग लगाते हुए इसरो ने जुलाई 2025 में चंद्रयान-4 मिशन की अहम टेस्ट फ्लाइट को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा से सैंपल वापस लाने की तकनीक को परखना था। लैंडिंग, सैंपल कलेक्शन और रिटर्न मॉड्यूल से जुड़े परीक्षणों की सफलता ने भारत को डीप-स्पेस मिशनों की अग्रिम पंक्ति में खड़ा कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अंतरिक्ष क्षेत्र में आत्मनिर्भरता अब केवल सपना नहीं, ठोस वास्तविकता बन चुकी है। यह मिशन चंद्रमा से सैंपल वापस लाने की दिशा में भारत का सबसे महत्वाकांक्षी कदम है। भारत ने सफल परीक्षण से यह साबित किया कि वह अब डीप-स्पेस मिशनों के लिए पूरी तरह तैयार है।

6.रक्षा उत्पादन, भविष्य की युद्ध क्षमता और स्वदेशी शक्ति का विस्तार
भारत ने रक्षा उत्पादन और निर्यात में अगस्त 2025 में नया रिकॉर्ड बनाया। वर्ष 2025 में रक्षा निर्यात 23,622 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि कुल रक्षा उत्पादन 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। स्वदेशी मिसाइल, ड्रोन, रडार और हथियार प्रणालियां अब वैश्विक बाजार में भारत की पहचान बन चुकी हैं। पीएम मोदी के विजन का ही कमाल है कि उन्होंने एक आयातक देश को निर्यातक देश में बदल दिया। इसके बाद भारत की सैन्य शक्ति को नई धार मिली। INS नीलगिरी, INS सूरत, INS माहे, INS अरनाला जैसे युद्धपोत नौसेना में शामिल हुए। साथ ही लेजर आधारित डायरेक्ट एनर्जी वेपन, स्वार्म ड्रोन, नागास्त्र और अग्नि-5 व अग्नि प्राइम मिसाइलों के सफल परीक्षण हुए। रेल आधारित कैनिस्टर लॉन्च सिस्टम से अग्नि प्राइम का परीक्षण भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में ले आया जिनके पास ऐसी क्षमता है। यह स्पष्ट संकेत था कि भारत भविष्य के युद्धों के लिए पूरी तरह तैयार है।

 

7.डिजिटल भुगतान में दुनिया को पीछे छोड़ा, 129 अरब से अधिक ट्रांजैक्शन
भारत ने डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में इस साल दुनिया को पीछे छोड़ दिया। यूपीआई ने 129 अरब से अधिक ट्रांजैक्शन के साथ वैश्विक रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम में शीर्ष स्थान हासिल किया। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष तक ने इसे दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म माना। फ्रांस, यूएई, सिंगापुर सहित कई देशों में यूपीआई की पहुंच भारत की डिजिटल कूटनीति का प्रमाण बनी। अगस्त 2025 तक सरकारी सेवाओं का बड़ा हिस्सा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आ चुका था। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिये करोड़ों रुपये सीधे लाभार्थियों के खातों में पहुँचे। इससे बिचौलियों की भूमिका घटी और पारदर्शिता बढ़ी। डिजिटल गवर्नेंस मोदी सरकार की सबसे स्थायी विरासतों में गिनी जाने लगी।

8.राम मंदिर निर्माण की पूर्णता के साथ इतिहास का स्वर्णिम अध्याय लिखा
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा कराई थी। पीएम मोदी की मौजूदगी में यह समारोह भव्यता के साथ संपन्न हुआ। अब इस साल 25 नवंबर को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की पूर्णता के साथ इतिहास का स्वर्णिम अध्याय लिखा गया। पीएम मोदी के द्वारा मंदिर के शिखर पर धर्मध्वजा फहराने का दृश्य सदियों के संघर्ष, आस्था और संकल्प का प्रतीक बना। यह क्षण केवल आस्था का नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक बनकर उभरा, जिसने करोड़ों भारतीयों को भावनात्मक रूप से जोड़ दिया।

 

9.भारत–रूस संबंधों की नई ऊँचाई: रणनीति और विश्वास की मजबूती
इसी साल भारत और रूस के रिश्तों ने एक नया अध्याय जुड़ा, जब राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर आए। वैश्विक भू-राजनीतिक तनावों के बीच यह यात्रा भारत की संतुलित कूटनीति का प्रतीक बनी। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा एयरपोर्ट पर स्वयं स्वागत और दोनों नेताओं की अनौपचारिक निकटता ने दुनिया को स्पष्ट संदेश दिया कि भारत अपने पुराने रणनीतिक साझेदारों के साथ भरोसे का रिश्ता बनाए हुए है। ऊर्जा, रक्षा, व्यापार और तकनीक में 2030 तक के रोडमैप ने द्विपक्षीय संबंधों को नई मजबूती दी। जिससे भारत की वैश्विक कूटनीति और मजबूत हुई। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा ने भारत–रूस संबंधों को नई ऊंचाई दी।

10. खेल इतिहास का स्वर्णिम वर्ष साबित, नारी शक्ति ने भी दिखाई ताकत
जिसमें देश ने विश्व मंच पर अपनी क्षमता और गहराई का जबरदस्त प्रदर्शन किया। सबसे बड़ी उपलब्धि भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने हासिल की, जिसने ICC वनडे वर्ल्ड कप में अपनी श्रेष्ठता साबित करते हुए पहली बार यह खिताब जीता। इसी साल कोलंबो में आयोजित ब्लाइंड महिला क्रिकेट विश्व कप में भारतीय टीम ने इतिहास रचा तथा नेपाल को सात विकेट से हराकर यह ट्रॉफी भी अपने नाम की। भारत ने इसी साल सितंबर में एशिया कप (T20) का खिताब जीता। फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को 5 विकेट से रोंदकर 9वीं बार एशिया कप की ट्रॉफी अपने नाम की। क्रिकेट के अलावा 2025 में भारत ने खेलो इंडिया अभियान, सांसद खेल महोत्सव के फलस्वरूप और भी कई खेलों में अपनी ताकत दिखाई। विशेष रूप से भारतीय महिला कबड्डी टीम ने दुनिया भर में अपनी दबदबा बनाए रखा और कबड्डी विश्व कप का खिताब जीत कर यह दर्शाया कि पारंपरिक खेलों में भी भारत का दबदबा बरकरार है। इन उपलब्धियों ने न केवल खेल के विविध क्षेत्रों में भारत की उपस्थिति को मजबूत किया, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि भारतीय खिलाड़ियों में कौशल, धैर्य और आत्मविश्वास विश्वस्तरीय प्रतिस्पर्धा के लिये पर्याप्त है। भारत ने यह साबित कर दिया कि खेल केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि राष्ट्रीय पहचान और युवा सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण मार्ग भी है।

 

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