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पीएम नरेंद्र मोदी नोबेल शांति पुरस्कार के सबसे प्रबल दावेदार, युद्ध रोकने के लिए सबसे भरोसेमंद नेता मानती है दुनिया

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दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है। आज समूची दुनिया उन्हें युद्ध रोकने के लिए सबसे भरोसेमंद नेता और शांतिदूत मानती है। दुनिया को शांति और तरक्की की राह दिखा रहे हिंदुस्तान की अगुवाई कर रहे पीएम मोदी ना सिर्फ अपने देश का परचम पूरी दुनिया में लहरा रहे हैं। उनकी खूबियों की तारीफ करने वालों में नोबेल प्राइज कमेटी के मेंबर का नाम भी अब शामिल हो गया है। नोबेल पुरस्कार समिति के डिप्टी लीडर एस्ले टोजे (Asle Toje) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जितनी तारीफ की है वह उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार का प्रबल दावेदार बनाता है। एस्ले टोजे ने पीएम मोदी के शासन की सराहना करते हुए कहा कि पीएम मोदी की नीति के कारण भारत एक समृद्ध और शक्तिशाली देश बन रहा है।

युद्ध रोकने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी सबसे भरोसेमंद नेता

एस्ले टोजे ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व शांति के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं और विश्व-शांति व्यवस्था को पुनर्स्थापित करने की क्षमता भी रखते हैं।” भारत को शांति की विरासत बताते हुए असल तोजे ने कहा कि भारत का महाशक्ति बनना तय है। उन्होंने कहा कि युद्ध रोकने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी सबसे भरोसेमंद नेता हैं और केवल वे ही शांति स्थापित कर सकते हैं।

पीएम मोदी दुनिया में शांति के सबसे विश्वसनीय चेहरा

एस्ले टोजे ने यह भी कहा कि भारत चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नोबेल समिति भारत आ चुकी है और एबीपी को दिए एक इंटरव्यू में टोजे ने कहा कि पीएम मोदी दुनिया में शांति के सबसे विश्वसनीय चेहरों में से एक हैं।

पीएम मोदी दुनिया का रखते हैं ख्याल

एस्ले टोजे ने कहा कि पीएम मोदी एक ऐसे नेता हैं जो न केवल भारत और इसकी अर्थव्यवस्था के उत्थान का ख्याल रखते हैं बल्कि दुनिया भर के मामलों में योगदान और भागीदारी भी करते हैं। उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा है कि उन्होंने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को यह बताया कि यह युद्ध का युग नहीं है। ये एक सराहनीय काम है।

नोबेल पीस प्राइज के लिए बड़ी संख्या में भारतीय नॉमिनेशन

नार्वे से नोबेल प्राइज कमेटी की टीम भारत पहुंची है। ये वो कमेटी है जो नोबेल शांति पुरस्कार का विजेता तय करती है। इस कमेटी के डिप्टी लीडर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही भारतवासियों को नोबेल पुरस्कार से जुड़ी कोई बहुत बड़ी खबर सुनने को मिल सकती है। एस्ले टोजे ने एबीपी न्यूज़ से कहा, “नोबेल पीस प्राइज के लिए हमें बड़ी संख्या में भारतीय नॉमिनेशन मिल रहे हैं। मैं उम्मीद कर रहा हूं कि दुनिया का हर नेता वो काम करे जो नोबेल पीस प्राइज के लिए ज़रूरी हो।”

भारत का सुपर पावर बनना तय, दुनिया भारत से सीखे

एस्ले आगे कहते हैं कि पीएम मोदी ने रूस अमेरिका और चीन के राष्ट्राध्यक्षों से बात की है कि भविष्य शांति का हो ना कि युद्ध का। मुझे ख़ुशी है कि मोदी सिर्फ भारत को ही आगे बढ़ाने का काम नहीं कर रहे हैं बल्कि उन मुद्दों पर भी काम कर रहे हैं जो दुनिया में शांति के लिए ज़रूरी हैं। दुनिया को भारत से सीखने की ज़रूरत है। भारत का सुपर पावर बनना तय है। एक तरफ जहां रूस और अमेरिका दोनों ही न्यूक्लियर वार और बचाव की बात कर रहे हैं। ऐसे में इन देशों को भारत की ओर देखने की जरूरत है। भारत की नो फर्स्ट यूज पॉलिसी सबसे रिस्पॉन्सिबल पॉलिसी है।

रूस-यूक्रेन लड़ाई रोकने में भारत का रोल बेहद ज़रूरी

नॉर्वे के भारतीय मूल के सांसद हिमांशु गुलाटी ने कहा, “आने वाले समय में बहुत भारतीयों को नोबेल प्राइज के लिए नॉमिनेट किया जाएगा। दुनिया में शांति बनाए रखने में पीएम मोदी का रोल बहुत ज़रूरी है। रूस यूक्रेन दोनों ही साइड भारत की रिस्पेक्ट करते हैं। अगर इस लड़ाई को रोकना है भारत का रोल बेहद ज़रूरी है।

ग्लोबल मुद्दों पर काम करने वाले नेताओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुरीद आज पूरी दुनिया हो चुकी है, इस पर एक नजर-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुरीद हुई दुनिया

नवंबर 2022: वाशिंगटन में भारतीय अमेरिकियों के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमेरिकी सरकार के वरिष्ठ अधिकारी जोनाथन फाइनर ने बताया कि बाइडेन भारत के प्रधाममंत्री मोदी के बड़े प्रशंसक है और उनको ग्लोबल मुद्दों पर काम करने वाले नेताओं में मानते हैं। 20 नवंबर, 2022 को जोनाथन फाइनर अमेरिकी सरकार के कई अधिकारियों के साथ इंडिया हाउस पहुंचे और वहां भारत और अमेरिका के रिश्तों की सराहना की। उन्होंने भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू से मुलाकात में प्रधानमंत्री मोदी की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा कि उन्होंने विश्व स्तर पर अच्छी भूमिका अदा की है।

जी-20 में एक राय बनाने में पीएम मोदी ने निभाई अहम भूमिका

नवंबर 2022: जोनाथन फाइनर ने कहा कि इंडोनेशिया के बाली में जी-20 समिट के दौरान सभी देशों की एक राय बनाने में प्रधानमंत्री मोदी ने अहम भूमिका निभाई। राष्ट्रपति बाइडेन भी प्रधानमंत्री मोदी को वैसा नेता मानते हैं, जो ग्लोबल मुद्दों पर काम कर सकते हैं। फाइनर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कहा कि यह दौर युद्ध का नहीं है और उनके इस बयान ने साझा बयान को लेकर सहमति की नींव रख दी। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका और उसके राष्ट्रपति जो बाइडेन जब दुनियाभर में ऐसे भागीदारों की तलाश करते हैं, जो वास्तव में जिम्मेदारियों का भार उठाने में मदद कर सकते हैं। या जो वास्तव में वैश्विक एजेंडे को आगे बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं। तब भारत और उसके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सूची में काफी ऊपर मिलते हैं।

शांति के लिए भारत के प्रयासों की तारीफ

सितंबर 2022: पिछले एक साल से रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का लेकर सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने अपने एक बैठक में शांति के लिए भारत के प्रयासों की तारीफ की।

पीएम मोदी ने सही कहा, यह समय युद्ध का नहींः फ्रांस के राष्ट्रपति

सितंबर 2022: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने महासभा रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस की आलोचना की थी। उन्होंने अपने संबोधन ने पीएम नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा था, ‘पीएम मोदी उस वक्त सही थे जब उन्होंने कहा था कि यह समय युद्ध का, पश्चिम से बदला लेने का या पूर्व के खिलाफ पश्चिम का विरोध करने का नहीं है।’ इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री ने कहा था कि यह समय हमारे समान संप्रभु देशों के लिए सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने का समय है।

प्रधानमंत्री मोदी का बयान सही और न्यायपूर्ण: सुलिवन

सितंबर 2022: अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने 20 सितंबर, 2022 को व्हाइट हाउस में मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का वह बयान सिद्धांतों के आधार पर दिया गया बयान था, जिसे वह सही मानते हैं। एससीओ शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर एक सवाल के जवाब में सुलिवन ने कहा कि मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जो कहा वह सही और न्यायपूर्ण है। उनकी ओर से सिद्धांतों के आधार पर दिया गया बयान है। इसका बहुत स्वागत किया गया। भारत के रूस से लंबे रिश्ते हैं, इसके बावजूद उसने इस बात पर जोर दिया कि यह जंग खत्म करने का समय है।

मेक्सिको के राष्ट्रपति का प्रस्ताव, पीएम मोदी बनें विश्व शांति दूत

अगस्त 2022: मेक्सिको के राष्ट्रपति आंद्रियास मैनुएल लोपेज ओब्राडोर ने विश्व शांति के लिए एक अंतरराष्ट्रीय कमीशन बनाने की बात कही और सुझाव दिया है कि इसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शामिल किया जाए। ओब्राडोर ने कहा कि पांच साल तक के लिए दुनिया में शांति कायम करने के लिए एक कमीशन बनाया जाए। वह इसमें मोदी, ईसाइयों के धर्म गुरु पोप फ्रांसिस और यूनाइटेड नेशंस के महासचिव एंतोनियो गुतरेस को रखना चाहते हैं। मेक्सिको के राष्ट्रपति ने जिस तरह सिर्फ तीन लोगों के पैनल का सुझाव दिया और फिर उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शामिल किया, उससे पता चलता है कि उनकी नजर में पीएम मोदी की कितनी अहमियत है।

इजरायल-फिलिस्तीन विवाद और पीएम मोदी की भूमिका

अगस्त 2022: मेक्सिको के राष्ट्रपति ने यूक्रेन और ताइवान के अलावा इजरायल-फिलिस्तीन विवाद का भी जिक्र किया। इजरायल-फिलिस्तीन विवाद में भारत की अपनी खास नीति रही है। भारत ने फिलिस्तीन के बंटवारे के संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का विरोध किया था। जिन 13 देशों ने उस प्रस्ताव का विरोध किया, उनमें भारत इकलौता गैर-अरब देश था। 1948 के उसी प्रस्ताव के जरिए इजरायल का वजूद सामने आया था। लेकिन जवाहर लाल नेहरू के जमाने में ही भारत ने इजरायल को मान्यता भी दी थी। उसके बाद से भारत का रुख कमोबोश फिलिस्तीन के पक्ष में रहता आया। हाल के वर्षों पीएम मोदी के नेतृत्व में इजरायल से संबंध कहीं ज्यादा मजबूत हुए हैं। फिर भी संतुलन की नीति अब भी बनी हुई है। मेक्सिको के राष्ट्रपति ओब्राडोर ने मोदी, पोप और गुतरेस की सदस्यता वाले कमीशन के जरिए अगर इजरायल-फिलिस्तीन विवाद सुलझने की उम्मीद जताई है तो इसके पीछे अरब देशों के साथ ही इजरायल से भी भारत के उतने ही मजबूत संबंधों की तस्वीर होगी।

पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की नीतियां आजाद मुल्क जैसीः इमरान खान

अगस्त 2022: पड़ोसी देश पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने कई बार वैश्विक से लेकर देश के मंच पर भारत की और पीएम मोदी की नीतियों की तारीफ की है। उन्होंने अगस्त 2022 के महीने में कहा था, ‘पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की नीतियां पूरी तरह आजाद मुल्क जैसी हैं।’ इमरान यह भी कह चुके हैं- भारत हमारे साथ आजाद हुआ। उसे मैं बहुत बेहतर जानता हूं। मेरे वहां कई दोस्त हैं। वो एक खुद्दार कौम है। कोई सूपर पावर उस देश को आंख नहीं दिखा सकता। वो रूस से तेल खरीद रहे हैं, जबकि उस पर बैन लगा हुआ है।

पीएम मोदी ने कोरोना पर लोकतांत्रिक तरीके से काबू पायाः जो बाइडेन

मई 2022: कोरोना महामारी के दौरान जब पूरी दुनिया वैक्सीन के लिए परेशान था। तब भारत ने न सिर्फ भारत के करोड़ों लोगों का वैक्सीनेशन सफलतापूर्वक करवाया था बल्कि पड़ोसी देशों की भी मदद की। जिसकी तारीफ करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा था कि पीएम मोदी ने बड़ी आबादी के बावजूद भारत में कोरोना पर लोकतांत्रिक तरीके से काबू पाया है।

कोरोना काल में पीएम मोदी के मैनेजमेंट का केवल विश्व बैंक ही मुरीद नहीं हुआ बल्कि दुनिया के नेताओं ने उनकी सराहना की। इस पर एक नजर-

कोरोना काल में पीएम मोदी के मैनेजमेंट का मुरीद हुआ विश्व बैंक

वैश्विक कोरोना महामारी से लड़ने में जहां अमेरिका और ब्रिटेन जैसे साधन संपन्न देश खुद को असहाय महसूस कर रहे थे, वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत सीमित संसाधनों के बावजूद 130 करोड़ की आबादी को बचाने के लिए डटकर मुकाबला किया। कोरोना के खिलाफ जंग में प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह सेनापति की भूमिका निभाई, उसकी सराहना आज विश्व बैंक भी कर रहा है। विश्व बैंक ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि कोरोना से लड़ने के लिए उसके द्वारा दी गई आर्थिक मदद का मोदी सरकार ने बेहतर इस्तेमाल किया। इसके साथ ही भारत सरकार के केंद्रीकृत खरीद, दीर्घकालिक बाजार विकास, आपातकालीन चिकित्सा उपकरण के उत्पादन और प्रारंभिक निर्यात प्रतिबंधों ने कोरोना के असर को कम करने में मदद की।

डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा- आपकी वजह से 60 देशों में टीकाकरण

कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में भारत की भूमिका को लेकर डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस अदनोम गेब्रेयसस ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की। गेब्रेयसस ने प्रधानमंत्री मोदी को वैक्सीन इक्विटी को सपोर्ट करने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि COVAX के प्रति आपकी प्रतिबद्धता और कोरोना वैक्सीन की खुराक को साझा करने से 60 से अधिक देशों को अपने स्वास्थ्य कर्मचारियों और अन्य प्राथमिकता समूह का टीकाकरण शुरू करने में मदद मिली। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि बाकी देश भी आपके इस उदाहरण को फॉलो करेंगे।

कनाडा की सड़कों पर लगे प्रधानमंत्री मोदी के होर्डिंग्स

भारत ने कोरोना संकट काल में तमाम देशों को वैक्सीन देने का काम किया है। इसकी दुनिया भर में जमकर तारीफ हो रही है। भारत की ओर से कनाडा को वैक्सीन की कुल 20 लाख डोज दी गई। इसको लेकर कनाडा के ग्रेटर टोरंटो में सड़कों के किनारे बड़े-बड़े पोस्टर और होर्डिंग लगाए गए। इन होर्डिंग के जरिए भारत और प्रधानमंत्री मोदी का आभार प्रकट किया गया। ग्रेटर टोरंटो में जो बिलबोर्ड लगाए गए, उनपर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर थी। इनपर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर के साथ लिखा था, ‘कनाडा को कोविड वैक्सीन देने के लिए धन्यवाद भारत और पीएम नरेन्द्र मोदी। भारत-कनाडा मित्रता अमर रहे।’ कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन करके वैक्सीन देने के लिए आग्रह किया था। प्रधानमंत्री मोदी उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया था।

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत सबसे आगे- आईएमएफ

संयुक्त राष्ट्र और विश्व स्वास्थ्य संगठन के बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) भी भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी का कायल हो गया। आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथन ने कोरोना से निपटने की नीतियों और वैक्सीन डिप्लोमेसी को लेकर भारत की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि कोरोना से जंग में भारत सबसे आगे है। गीता गोपीनाथ ने भारत के वैक्सीन के तेज उत्पादन और इसे कई देशों को मुहैया कराए जाने के अभियान की सराहना की। उन्होंने कहा कि अगर आप पूछें कि दुनिया में वैक्सीन का एक हब कहां है तो निश्चित तौर पर यह भारत होगा। भारत ने कई पड़ोसी देशों को वैक्सीन की आपूर्ति कर कोरोना संकट से निपटने में टीकाकरण के माध्यम से अहम भूमिका निभाई।

यूएन ने भारत को बताया ग्लोबल लीडर

कोरोना संकट काल में दुनिया भर को वैक्सीन उपलब्ध कराने में अग्रणी भूमिका निभाने पर संयुक्त राष्ट्र ने भी भारत की जमकर तारीफ की। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि कोरोना संकटकाल में भारत एक ग्लोबल लीडर के तौर पर सामने आया। भारतीय नेतृत्व के मानवीय दृष्टिकोण और वैक्सीन की सहायता पर आभार जताते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने कहा कि कोरोना की जंग में भारत ने ग्लोबल लीडर की भूमिका निभाई है।

ब्राजील के राष्ट्रपति ने कोरोना वैक्सीन को बताया संजीवनी बूटी

भारत में बनी कोरोना वैक्सीन की 20 लाख खुराक पाकर खुश ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो ने कोरोना वैक्सीन की तुलना संजीवनी बूटी से की। उन्होंने भगवान हनुमान की संजीवनी बूटी ले जाते हुए तस्वीर को ट्वीट कर इस मुश्किल वक्त में साथ देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का शुक्रिया अदा किया। कोरोना वैक्सीन पाकर खुद को धन्य महसूस करते हुए बोलसोनारो ने कहा कि कोरोना की जंग को लड़ने में मदद करने के लिए ब्राजील भारत का आभार व्यक्त करता है। हम भारत का धन्यवाद करते हैं।

भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिया है : UNGA में पीएम मोदी

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ पूरी दुनिया का एकजुट होना जरूरी है। बिखरी हुई दुनिया किसी के भी हित में नहीं है। हमें संयुक्त राष्ट्र को नई शक्ति और नई दिशा देनी ही होगी। स्वामी विवेकानंद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा था कि सवा सौ साल स्वामी विवेकानंद ने विश्व धर्म संसद से दुनिया को एक संदेश दिया था। यह संदेश था- सद्भाव और शांति। भारत की ओर से आज भी दुनिया के लिए यही संदेश है। गांधी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि पूरा विश्व इस साल महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है। सत्य और अहिंसा का उनका संदेश विश्व की शांति और प्रगति के लिए आज भी महत्वपूर्ण है। यूएन पीसकीपिंग मिशन में अगर किसी ने सबसे बड़ा बलिदान दिया है, तो वह देश भारत है। हम उस देश के वासी हैं जिसने दुनिया को युद्ध नहीं, बुद्ध दिए हैं। शांति का संदेश दिया है। इसलिए हमारी आवाज में आतंक के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता भी है और आक्रोश भी।

चाणक्य नीति से मेल खाता है मोदी के कामकाज का तरीका

ग्लोबल लीडर के तौर पर दुनिया के बड़े मंचों पर प्रधानमंत्री मोदी की धाक बढ़ती जा रही है। दुनिया में आतंक के बढ़ते प्रभाव और अफगानिस्तान में तालिबान के उदय के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद अब दुनिया के अन्य हिस्सों में भी युद्ध आहट सुनाई दे रही है। इन सब के बीच दुनिया की निगाहें देश के प्रधानमंत्री मोदी पर आ टिकी हैं। इतिहासकार मानते हैं कि मोदी के कामकाज का तरीका चाणक्य की नीति से मेल खाता है। इसी नीति के सहारे सैकड़ों साल पहले चंद्रगुप्त मौर्य ने शक्तिशाली मौर्य साम्राज्य की नींव रखी थी। वैक्सीन डिप्लोमेसी से लेकर ऑयल डिप्लोमेसी तक भारत के हित को ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी भारत को नई महाशक्ति के रूप में विकसित कर रहे हैं।

 

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