Home समाचार पीएम मोदी की पहल से 9 साल में बदली काशी की तस्वीर,...

पीएम मोदी की पहल से 9 साल में बदली काशी की तस्वीर, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और बेहतर कनेक्टिविटी से चमक रहा शहर

SHARE

वाराणसी में 12-13 जून 2023 को जी-20 समूह के विकास मंत्रियों की बैठक चल रही है। पीएम नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। वाराणसी पहुंचे तमाम प्रतिनिधियों का विदेश मंत्री के स्तर पर स्वागत किया गया। उनके लिए विशेष गंगा आरती, नौका विहार के साथ ही अन्य भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका उन्होंने आनंद लिया। पीएम मोदी के विजन से पिछले नौ साल में काशी नगरी का कायाकल्प किया गया है। पीएम मोदी वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी से सांसद चुने गए थे और तब से वहां के सांसद हैं।सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने बाबा की नगरी का कायाकल्प करना शुरू करवाया। पीएम मोदी के प्रयासों और विकास योजनाओं के बदौलत ही बनारस की एक बदली हुई तस्वीर आज दुनिया के सामने है। पीएम मोदी ने पिछले नौ वर्षों के दौरान वाराणसी के परिदृश्य को बदलने और इस शहर व इसके आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों के जीवन को आसान बनाने पर विशेष ध्यान दिया है।

विदेशी मेहमान गंगा आरती की अद्भुत छटा के साक्षी बने
वाराणसी में होने वाली जी-20 समिति की बैठक में शामिल होने वाले मेहमानों ने दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती में शामिल हुए। 9 अर्चक और 18 देवकन्याओं ने विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती की। विदेशी मेहमान गंगा आरती हर छटा को निहारते हुए दिखे। जी-20 में शामिल होने वाले मेहमानों की अगुवाई विदेश मंत्री एस जयशंकर कर रहे थे लिहाज वह भी गंगा आरती में शामिल हुए। मेहमानों के स्वागत में पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया। इसके साथ ही विदेशी मेहमानों का स्वागत बनारस की संस्कृति और सभ्यता के अनुसार किया गया और उसके बाद दशाश्वमेध घाट पर विदेशी मेहमान विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती की अद्भुत छटा के साक्षी बने।

पीएम मोदी के विजन से पिछले 9 वर्षों में काशी का कायाकल्प हुआ है। इस पर एक नजर-

बाबा विश्वनाथ को साल भर में 100 करोड़ से ज्यादा का चढ़ावा
13 दिसम्बर 2021 को श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण पीएम मोदी ने किया था। लोकार्पण के एक साल के भीतर भक्तों ने 100 करोड़ रुपये से अधिक का दान दिया है। महज एक साल के भीतर ही 7.35 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ धाम के दर्शन किए हैं। यह तादाद पहले के मुकाबले 12 गुने से भी ज्यादा है। काशी विश्वनाथ मंदिर में बीते एक साल में नकदी के अलावा 60 किलो सोना, 10 किलो चांदी, 1500 किलो तांबा भी भक्तों ने चढ़ाया है। श्रद्धालुओं ने 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी दान में दी है। कुल मिले दान का 40 फीसदी ऑनलाइन आया है। खुद मंदिर प्रशासन की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते साल के मुकाबले इस साल आय में 500 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है।

साढ़े सात करोड़ भक्तों ने किया दर्शन
जब से धाम ने मूर्त रूप लिया भक्तों का आकर्षण बढ़ता गया। काशी के होटल सहित सभी व्यवसाय अपने चरम पर हैं। भक्तों की आवक पहले विशेष मौकों पर होती थी लेकिन अब रोजाना डेढ़ लाख भक्त दर्शन कर रहे हैं। साल भर में लगभग साढ़े सात करोड़ भक्तों ने यहां मत्था टेका है जिसके कारण अब मन्दिर की व्यवस्था को सुचारू करने के लिए खजाना पूरा भरा हुआ है। भक्तों की बढ़ती हुई संख्या के कारण होटल व्यवसाय बूम पर है। इतना ही नहीं पर्यटन से जुड़े सभी वर्ग उत्साहित हैं।

पांच साल में बढ़े दस गुना पर्यटक
बीते पांच साल में वाराणसी आने वाले पर्यटकों की संख्या दस गुना तक बढ़ चुकी है। कोरोना संकट खत्म होने के बाद से वाराणसी आने वाले विदेशी पर्यटकों की तादाद में खासा वृद्धि हुई है। पर्यटन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2022 में महज जुलाई महीने में वाराणसी पहुंचने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या 40.03 लाख है, जो जुलाई 2017 के 4.61 लाख के मुकाबले करीब दस गुना ज्यादा है। इस साल सावन और देव दीपावली में वाराणसी पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या ने रिकार्ड बनाया है। काशी विश्वनाथ मंदिर के चारों प्रवेश द्वारों पर लगे हेट स्कैनिंग मशीन से आने वालों की गिनती की जाती है।

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ने खोले समृद्धि के द्वार
वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण ने समृद्धि के द्वार खोल दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों का काशी विश्वनाथ धाम अपने नए कलेवर में अब एक साल पूरा कर चुका है। जहां कभी संकरी गालियां थीं वह आज भव्य आकर्षण का केंद्र है। चाहे गंगा द्वार हो, वीविंग गैलरी हो या फिर मंदिर चौक हो, हर तरफ भव्यता भक्तों को अपनी तरफ खींच रही है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के साल भर के भीतर ही साढ़े सात करोड़ श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए। इससे जहां शहर में समृद्धि आई है वहीं मंदिर प्रशासन की आय में भी वृद्धि हुई है। कॉरिडोर बनने के बाद से वाराणसी आने वाले श्रद्धालुओं की तादाद में कई गुना इजाफा हुआ है।

घाटों के सौंदर्य सैलानियों के आकर्षण का केंद्र
घाटों के सौंदर्य से रीझ रहे दुनिया भर के सैलानियों को काशी में पर्यटन के नए केंद्र मिल रहे हैं। अस्सी से संत रविदास घाट को जोड़ने वाला ब्रिज और गंगा व्यूइंग गैलरी के साथ ही खिड़किया घाट पर आधुनिक सुविधाएं पर्यटकों को आकर्षित करेंगे। इसके साथ ही गंगा पार रेती पर टेंट सिटी से लेकर हाई फ्लड लेवल पर प्रस्तावित सड़क नई सुविधा के रूप में सैलानियों के सामने होंगी।

टेंट सिटी, नमो घाट और रिवर फ्रंट जल्द बनकर तैयार होगा
गंगा घाटों के सौंदर्यीकरण के पूरा होने, क्रूज सेवाओं के बढ़ने और हैलीकॉप्टर से भ्रमण की सुविधा के शुरू होने के बाद वाराणसी आने वाले श्रद्धालुओं की तादाद में और भी इजाफा होगा। इसके बाद काशी विश्वनाथ मंदिर की आय और भी बढ़नी तय है। अगले साल तक वाराणी में टेंट सिटी, नमो घाट और रिवर फ्रंट की परियोजना आकार ले लेंगी। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है। इसके अलावा गंगा और घाटों की सफाई, गौतम बुद्ध की उपदेश स्थली सारनाथ का विकास, गंगा में क्रूज़ आदि पर्यटकों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण कारक बनकर सामने आये हैं।

भारत का पहला इनलैंड वॉटर मल्टी मोडल हब
भारत का पहला जलीय पोत के लिए मल्टी मोडल टर्मिनल काशी को मिला है। काशी को स्वतंत्र भारत में पहली ऐसी परियोजना का सम्मान मिला। प्रधानमंत्री मोदी ने धार्मिक नगरी में पहले जलीय पोत व कंटेनर का स्वागत किया।

विश्वनाथ से महाकाल तक की यात्रा हुई सुगम्य
वाराणसी से आरम्भ होने वाली और उज्जैन एवं ओम्कारेश्वर से जोड़ने वाली काशी महाकाल एक्सप्रेस सेवा की भी शुरुआत की गई। IRCTC द्वारा की गयी यह तीसरी कॉर्पोरेट रेल सेवा है, जो सभी आधुनिक सेवा और सुविधाओं से सुसज्जित है। वहीं सुगम्य यात्रा के लिए वातानुकूलित रेल में मॉडुलर बायो-टॉयलेट, धुआं एवं अग्नि संशोधक और बुझाने के लिए यंत्र, आरामदायक बर्थ, आधुनिक मनोरंजन प्रदायक जैसी अनेकों सुविधाएं दी।

फूल कारोबार भी चमका, गेंदा और गुलाब की सबसे अधिक मांग
बनारस के सैकड़ों गांवों में किसान फूलों की खेती से अच्छा खासा मुनाफा कमाते हैं। यहां जिन फूलों की खेती होती है उनमें गुलाब, बेला, चमेली तो कहीं ग्लेडुलस, रजनीगंधा और जरबेरा का भी उत्पादन होता है। हालांकि सबसे अधिक मांग गेंदा और गुलाब की है। पूर्वांचल में हजारा गेंदे की खेती अत्यंत लोकप्रिय है। गेंदे की खेती के प्रसिद्ध होने की सबसे अहम वजह इसको शीत या ग्रीष्म ऋतु दोनों में हर तरह की मिट्टी में उगाया जा सकता है। फूलों के पोषण के लिए धूप वाला वातावरण सबसे बढ़िया माना जाता है।

काशी में विश्व का पहला डीजल से इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव
काशी के विश्व का पहला डीजल से इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव मिला है। पीएम मोदी ने यहां देश की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू किया। इसके अलावा वाराणसी- दिल्ली के बीच महामना एक्सप्रेस और कैंट व मण्डुवाडीह स्टेशन का सौंदर्यीकरण किया।

किसान और गोमाता के लिए उच्चतम मूलभूत सुविधाओं का निर्माण
पीएम मोदी ने गोमाता की सुरक्षा एवं संरक्षण हेतु मूलभूत सुविधाओं का उद्घाटन किया। काशी में गोमाता की सुरक्षा एवं आश्रय के लिए 102 गौ आश्रय केंद्र खुले। इसके अलावा यहां के किसानों के लिए 100 मीट्रिक टन क्षमता वाला कृषि उत्पाद गोदाम और बहुप्रयोजक बीज भण्डार, कृषि उत्पाद के निर्यात को सहायता देने व किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए आम एवं सब्जी के लिए इंटीग्रेटेड पैक हाउस का उद्घाटन किया।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को उचित सम्मान
पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मारक का काशी में उद्घाटन एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकार्पण किया गया। साथ ही काशी में स्थापित 63 फुट लम्बी पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का भी अनावरण हुआ। यह प्रतिमा आने वाली पीढ़ियों को उनकी स्मृति और जीवन से सीख लेने की प्रेरणा देता रहेगा।

वाराणसी की सीवेज ट्रीटमेंट प्रबंधों का उन्नयन
ट्रांस्वर्स तकनीक से मोहन कतरा कोनिया घाट क्षेत्र एवं मुकीमगंज- मछोदरी के बीच में सीवर लाइन बिछाई गई, घाट व सेवज पम्पिंग स्टेशनों पर एफ्लुएंट मॉनिटरिंग सिस्टम एवं स्काडा सिस्टम लगाए गए। इसके साथ ही कोनिया मुख्य पम्पिंग स्टेशन पर ग्रिड द्वारा बिजली एवं 0.8 मेगावाट का सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित किया गया।

सारनाथ के साथ ही काशी की सांस्कृतिक धरोहर का विकास
पीएम मोदी के कार्यकाल में सारनाथ के धमेख स्तूप के ऐतिहासिक स्थल पर साउंड एंड लाइट शो का उद्घाटन किया गया। प्रतिदिन चलने वाला 30 मिनट का कार्यक्रम राजकुमार सिद्धार्थ से भगवान बुद्ध बनने तक के जीवन सफर पर प्रकाश डालता है जो पर्यटकों को काशी के इतिहास से जोड़ता, स्थानीय लोगों के गौरव को चिन्हित करता है और यह कार्यक्रम काशी की शान बना है।

रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर काशी के सांस्कृतिक अक्षय वट की नई शाखा
काशी की परंपरा के प्रतीक हेतु रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के मुहाने पर 108 रुद्राक्ष के साथ शिवलिंग की तरह डिजाइन बनवाई गई। 100 लोगों की क्षमता वाला बैठक कक्ष दो कमरों में 50 प्रत्येक की क्षमता के साथ विभाजित हो सकता है, आर्ट गैलरी और बहुउद्देशीय पूर्व-कार्य क्षेत्र प्रदान किये गए हैं। इसके अलावा 1,200 लोगों की क्षमता वाले अंतरराष्ट्रीय मानक सभागार बनाए गए।

काशी के लिए विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं
काशी में 430 बेड का सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल का उद्घाटन कराया गया जो कोविड महामारी के समय में लड़ाई में सहायक बना। 74 बेड का मनोरोग हॉस्पिटल शुरू किया गया जो कि मानसिक रोगों को प्राथमिकता और जागरूकता में अति कारगर सिद्ध हो रही है।

शहर में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को बढ़ाना
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय अस्पताल में 30 एनआईसीयू केयर बेड समर्पित, 30 उच्च निर्भरता इकाइयों और 40 मातृ देखभाल बिस्तरों के साथ 100 बिस्तरों वाले मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य शाखा का उद्घाटन किया। जिला अस्पताल में महिलाओं और बच्चों के लिए 50 बेड भी जोड़े गए। वहीं बीएचयू में आंखों से संबंधित बीमारियों के लिए क्षेत्रीय नेत्र संस्थान का उद्घाटन किया गया।

शहर में 720 स्थानों पर 3,000 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए
यातायात, पुलिस प्रबंधन प्रणाली एवं मेडिकल इमरजेंसी के लिए एकीकृत कमांड और कंट्रोल सेंटर, स्मार्ट निगरानी सुनिश्चित करने के लिए शहर के 720 महत्वपूर्ण स्थानों पर 3,000 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। पुलिस मामलों की बेहतर जांच कर सके इसके लिए वाराणसी में फोरेंसिक साइंस लेब यूनिट की स्थापना और शहर में शूटिंग रेंज बनाने के लिए नींव रखी गई।

पंचकोशी परिक्रमा, बेहतर सड़कें, बेहतर कनेक्टिविटी
गोदौलिया मल्टीलेवल टू व्हीलर पार्किंग और शहरों के चार प्रमुख पार्कों का सौंदर्यीकरण और अपग्रेडेशन किया गया। पंचकोशी परिक्रमा सड़क का सौंदर्यीकरण, वाराणसी गाजीपुर सड़क पर 3 लेन का फ्लाईओवर और 18 ग्रामीण सड़कों का सौदर्यीकरण व मरम्मत कराया गया।

ग्रामीण लिंक रोड के पुनर्निर्माण के लिए 119 करोड़ रुपये
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लहरतारा-चौकाघाट फ्लाईओवर के नीचे ओपन कैफे व फूड कोर्ट, रो-रो सुविधा, रामनगर घाट क्रूज विकसित, 84 घाटों पर साइनेज लगाया।

विश्वनाथ धाम के 14 भवनों में गतिविधियां शुरू
श्री काशी विश्वनाथ धाम के 33 भवनों में से 14 भवनों की गतिविधियां शुरू हो गई हैं। इनमें मोक्ष की कामना के लिए आने वालों के लिए मुमुक्षु भवन, बाबा के प्रसाद के लिए अन्नपूर्णा भवन, सुरक्षा व प्रशासनिक व्यवस्था के लिए पिनाक व नीलकंठ पैवेलियन, विश्वनाथ द्वार (गोदौलिया गेट), शक्ति भवन, (यूटिलिटी भवन) शौचालय, गंगा दर्शनम (गंगा व्यूइंग गैलरी), ललिता घाट (ललिता पथ), जलासेन पथ (रैंप बिल्डिंग) केदार भवन, ओंकारेश्वर भवन (यात्री सुविधा केंद्र) शुरू हो चुके हैं। इसके साथ ही शंकराचार्य चौक (मंदिर चौक) और भैरवनाथ द्वार (गंगा प्रवेश द्वार) का काम भी पूरा हो चुका है।

Leave a Reply