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हिंदू देवी-देवताओं से AAP को इतनी नफरत क्यों है? इन आठ बयानों से समझिए केजरीवाल की हकीकत

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सनातन धर्म और हिंदू देवी-देवताओं से इतनी नफरत क्यों है। वह हमेशा से ही हिंदू विरोधी नीतियों का अनुसरण करते रहे हैं और अब इसकी परतें ज्यों-ज्यों खुल रही है सवाल भी खड़े होते जा रहे हैं कि क्या केजरीवाल हिन्दू धर्म के लिए सबसे बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं। क्या केजरीवाल हिंदू धर्म के खिलाफ रची जा रही अंतर्राष्ट्रीय साजिश का हिस्सा हैं? क्या वह हिंदू के वेश में गुप्त क्रिश्चियन हैं। उन्होंने खुद ही कहा था कि 1992 में वह मदर टेरेसा से मिले थे और कोलकाता में एक ईसाई मिशनरी में छह महीने सेवा की थी। केजरीवाल चुनावी लाभ लेने के लिए तो खुद को हनुमान भी बता देते हैं लेकिन असलियत कुछ और ही है। क्या कोई हनुमान भक्त हनुमान मंदिर को तोड़ सकता है। दिल्ली के चांदनी चौक में पुराने हनुमान मंदिर को तोड़ दिया गया। कहा जा रहा था कि मंदिर चांदनी चौक के मुख्य मार्ग के बीच आ रहा था। अब इस तरह से तो न जाने कितने मुस्लिम दरगाह सड़क के किनारे और बीचोबीच बने हुए हैं। क्या केजरीवाल उन्हें भी तोड़ने की जहमत उठाएंगे। इसी तरह जब से पंजाब में AAP की सरकार बनी है दर्जनों मंदिरों को तोड़ा गया है। कुछ मंदिरों पर वक्फ बोर्ड ने कब्जा कर लिया है, लेकिन AAP की सरकार इस पर कार्रवाई करने की जगह मूकदर्शक बनी हुई है क्योंकि इसमें उसकी मिलीभगत है। दरअसल केजरीवाल अपने अंतर्राष्ट्रीय आकाओं को नाराज नहीं करना चाहते हैं। केजरीवाल के आका इस्लाम और ईसाई समुदाय से आते हैं जहां से उन्हें हर तरह की मदद मिलती है। केजरीवाल और उनके नेताओं के आठ बयान से समझिए कि इनको हिंदू धर्म से इतनी नफरत क्यों हैं।

केजरीवाल और उनके नेताओं के इन आठ बयान से साफ हो जाता है कि हिंदू धर्म से इनको कितनी नफरत है-

1.  केजरीवाल – बाबरी मस्जिद का टूटना गलत था। 

2. केजरीवाल – मंदिर से किसी का भला नहीं हो सकता। 

3. केजरीवाल ने स्वास्तिक चिन्ह का किया अपमान। 

4.  संजय सिंह- मिले मुलायम कांशीराम, हवा में उड़ गए जय श्रीराम।  

5. मनीष सिसोदिया- राम मंदिर बनाने से रामराज्य नहीं आएगा।   

6. गोपाल इटालिया- कथा, भजन में तालियां बजाने वाले हिजड़े हैं। 

7. केजरीवाल- श्रीकृष्ण के सुदर्शन चक्र को बताया झाडू। 

8.  राजेंद्र पाल गौतम – हिंदू धर्म के देवी-देवताओं की पूजा नहीं करूंगा।  

केजरीवाल और उसकी पार्टी के नेताओं द्वारा हिंदू धर्म पर हमला हमेशा होता रहा है। दिल्ली सरकार में मंत्री राजेंद्र पाल गौतम और गुजरात में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया हिन्दू धर्म को खत्म करने में उनकी पूरी मदद कर रहे हैं। जहां राजेंद्र पाल गौतम राम, कृष्ण जैसे देवताओं को नहीं मानते हैं, वहीं गोपाल इटालिया सत्यनारायण भगवान की पूजा को फालतू मानते हैं और हिन्दुओं को ब्राह्मणों से पूजा नहीं कराने की सलाह देते हैं।

केजरीवाल ने हिंदू धर्म में पवित्र स्वास्तिक का किया अपमान

हिंदू धर्म में स्वास्तिक को बेहद पवित्र चिन्ह माना जाता है और किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले ‘स्वास्तिक’ चिन्ह बनाकर उसकी पूजा की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से कार्य सफल होता है। स्वास्तिक को मंगल का प्रतीक भी माना जाता है। लेकिन सनातन धर्म से नफरत करने वाले अरविंद केजरीवाल ने स्वास्तिक का भी मजाक बना दिया और हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाएं भड़काने का काम किया। करीब चार वर्ष पहले उन्होंने एक विवादास्पद ट्वीट किया था जिसमें एक ऐसी फोटो शेयर की थी, जिसमें स्वास्तिक का अपमान किया गया है। अरविंद केजरीवाल के जिस ट्वीट पर विवाद हो रहा है, वो ट्वीट उन्होंने 20 मार्च 2019 को किया था। इस ट्वीट में उन्होंने एक फोटो शेयर किया, जिसमें एक कार्टून कैरेक्टर हाथ में झाड़ू (आप का चुनाव चिन्ह) लेकर स्वास्तिक के पीछे भागता नजर आ रहा है। इस फोटो को शेयर कर उन्होंने लिखा था, Someone sent this… (किसी ने मुझे ये भेजा है)।

केजरीवाल के मंत्री ने लोगों को दिलाई देवी-देवताओं की पूजा न करने की शपथ

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुजरात में मंदिरों का दौरा कर रहे हैं। हिन्दुओं को झांसा देने के लिए जनसभा में कृष्ण और अर्जुन की कहानियां सुना रहे हैं। लेकिन असल में आम आदमी पार्टी की विचारधार पूरी तरह हिन्दू धर्म विरोधी है। क्योंकि इस पार्टी के जन्मदाता अरविंद केजरीवाल ईसाई संत मदर टरेसा के शिष्य है और उनके ही बताये रास्ते पर चल रहे हैं। इसलिए आम आदमी पार्टी में वही लोग शामिल है, जो हिन्दू धर्म के देवी-देवताओं को नहीं मानते और इस धर्म को खत्म करना चाहते हैं। इसके लिए वे तरह-तरह के अभियान चला रहे हैं। इसका प्रमाण दिल्ली में ‘मिशन जय भीम’ कार्यक्रम के दौरान देखने को मिला, जब केजरीवाल सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम लोगों को ब्रह्मा, विष्णु, महेश, राम और कृष्ण को ईश्वर ना मानने और इनकी कभी पूजा नहीं करने की शपथ दिलाई। दिल्ली में आयोजित ‘मिशन जय भीम’ कार्यक्रम में केजरीवाल सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम भी शामिल हुए थे। 05 अक्टूबर, 2022 को विजयादशमी के अवसर पर दिल्ली के करोलबाग स्थित अंबेडकर भवन में आयोजित ‘मिशन जय भीम’ कार्यक्रम में 10 हजार लोगों ने बौद्ध दीक्षा ली।

केजरीवाल ने सुदर्शन चक्र को झाड़ू कहकर हिंदू धर्म का किया अपमान

गुजरात में चुनाव जीतने के लिए झूठे वादों से लेकर तमाम छल प्रपंच रचने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अब हिंदू का चोला भी ओढ़ लिया है। लेकिन हिंदू बनने और दिखने के प्रयास में उनकी असलियत लोगों के सामने आ गई और लोग उन्हें फर्जी हिंदू कहने लगे। माथे पर चन्दन और गले पर पीतांबरधारी गमछा ओढ़े हुए केजरीवाल गुजरात में मीडिया के सामने गीता का ज्ञान सुनाने लगे। उन्होंने गीता के श्लोक के अर्थ का अनर्थ कर दिया। उन्होंने कहा- ”यदा यदा ही धज…भगवान ने कहा कि जब भी पृथ्वी पर कुछ गड़बड़ होती है तो उन्हें अपनी झाडू चलानी पड़ती है।” क्या उन्हें नहीं पता कि भगवान श्रीकृष्ण सुदर्शन चक्र चलाते हैं, झाड़ू नहीं। गुजरात में केजरीवाल ने इस तरह हिंदू धर्म का अपमान किया। दरअसल केजरीवाल गीता के अध्याय 4 का श्लोक 7 और 8 कहना चाह रहे थे जो इस प्रकार है ‘ “यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्। इस श्लोक में श्री कृष्ण कहते हैं “जब-जब इस पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है, विनाश का कार्य होता है और अधर्म आगे बढ़ता है, तब-तब मैं इस पृथ्वी पर आता हूं और इस पृथ्वी पर अवतार लेता हूं।

आयोध्या में मंदिर से नहीं यूनिवर्सिटी बनाने से आएगा रामराज्यः मनीष सिसोदिया

दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से 2018 में एक कार्यक्रम के दौरान जब आयोध्या में राम मंदिर पर आम आदमी पार्टी के स्टैंड के सवाल पर पूछा गया तब जवाब में मनीष सिसोदिया कहा कि आयोध्या में रामराज्य मंदिर बनाने से नहीं यूनिवर्सिटी बनाने से आएगा। सिसोदिया ने कहा कि अगर दोनों पक्ष राजी हो जाएं तो वहां एक विश्वविद्यालय बनाना चाहिए। ताकि इस विश्वविघालय में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और विदेशी छात्र भी शिक्षा ग्रहण कर सके है। उन्होंने कहा कि अपने बच्चों को पढ़ाकर ही हम रामराज्य ला सकते हैं।

संजय सिंह ने कहा – हवा में उड़ गए जय श्रीराम

केजरीवाल के करीबी नेता संजय सिंह ने कहा था- ‘मिले मुलायम-कांशीराम, हवा उड़ गए जयश्री राम’। यह कहकर उन्होंने हिंदू धर्म के प्रति अपने नफरत का इजहार किया था। दरअसल नब्बे के दशक में बाबरी विध्वंस के बाद लेफ्ट लिबरल गैंग ने इस नारा को उछाला था- ‘मिले मुलायम-कांशीराम, हवा उड़ गए जयश्री राम, बाकी राम झूठे असली राम कांशीराम’। उसके बाद संजय सिंह इस नारे का इस्तेमाल कर अपनी मंशा जाहिर कर दी है।

AAP गुजरात प्रदेश अध्यक्ष इटालिया ने किया हिंदू धर्म का अपमान

अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के गुजरात अध्यक्ष गोपाल इटालिया ने लगातार हिंदू धर्म के विरोध में जगह उगलते रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर हिंदू धर्म का अपमान किया है। भगवान श्रीकृष्णा की नगरी द्वारका में AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल की तारीफ करते हुए गोपाल इटालिया ने कहा कि भगवान कृष्ण और बीजेपी के राक्षसों से बचाने के लिए अरविंद केजरीवाल अर्जुन बन कर आए हैं। भगवान श्रीकृष्ण पर गुजराती में की गई इस टिप्पणी को लेकर हिन्दू विरोधी मानसिकता से ग्रसित इटालिया के खिलाफ केस दर्ज हो गया है। इटालिया ने हाल ही में हिन्दू परंपराओं और मान्यताओं का अपमान किया था। AAP नेता ने कहा था, “मैं जो कहता हूं अगर वो आपको सही नहीं लगे तो मुझे ब्लॉक कर दो क्योंकि मुझे आपकी जरूरत नहीं। लोग सत्यनारायण कथा और भागवत कथा जैसी अवैज्ञानिक और फालतू की चीजों पर पैसा और समय बर्बाद कर देते हैं। इसके बाद भी लोगों को यह नहीं पता चलता कि उन्हें ऐसा करके क्या हासिल हुआ। वे दूसरों का समय भी बर्बाद कर देते हैं। अगर हम 5 पैसे भी ऐसी फालतू चीजों पर खर्च कर देते हैं तो हमें मनुष्य की तरह जीने का अधिकार भी नहीं है।”

दिल्ली में दलित हिन्दुओं का बौद्ध धर्म में धर्मांतरण

केजरीवाल मुफ्त इलाज, मुफ्त शिक्षा, मुफ्त पानी और बिजली का ललच देकर मदर टेरेसा का सबसे बड़ा अनुयायी और शिष्य होने का सबूत दे रहे हैं। जिस तरह ईसाई मिशनरी ईश्वर की अनुकंपा का बखान कर सभी दुखों से छुटकारे का स्वपन्न दिखाती है, उसी तरह केजरीवाल जनता को झूठे सपने दिखा रहे हैं। केजरीवाल ने मुफ्त रेवड़ी का चारा डालकर भोले भाले हिन्दुओं, दलितों, आदिवासियों और मध्यम वर्ग को बहलाकर वोट लिया और दो राज्यों में सत्ता में आ गए। दिल्ली और पंजाब में सत्ता में आने बाद केजरीवाल गुजरात जैसे दूसरे राज्यों की जनता को अपने मायावी रेवड़ी जाल में फंसाने निकल पड़े है। वहीं अपने मंत्रियों को हिन्दुओं के धर्मांतरण के अभियान में लगा दिया है। राजेंद्र पाल गौतम केजरीवाल के इसी अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं।

पंजाब में दलित सिखों का ईसाई धर्म में धर्मांतरण

पहले देश के दूर-दराज और आदिवासी बाहुल्य वाले राज्यों में धर्मांतरण की खबरें आती थी, अब पंजाब जैसे समृद्ध राज्य में सिखों के धर्मांतरण की खबरें आ रही हैं। अकाल तख्त का आरोप है कि मिशनरियां सीमा पर स्थित गांवों में सिखों का ईसाइयत में धर्मांतरण करा रही है। अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह का कहना है कि सीमा पर स्थित गांवों में क्रिश्चिन मिशनरियां सिख परिवारों का जबरन धर्म परिवर्तन करा रही हैं। जत्थेदार ने आगे यह भी आरोप लगाया है कि सिख समुदाय के कई सदस्यों को पैसों का लालच दिया जा रहा है। केजरीवाल के ईसाई प्रेम, मदर टेरेसा का शिष्य बनना और हिंदू धर्म का विरोध, इससे समझा जा सकता है कि पंजाब में तेजी से हो रहे धर्मांतरण का कारण क्या है।

केजरीवाल ने दिवाली-छठ पर दिल्ली में बैन किए पटाखे

हिंदू विरोधी केजरीवाल सरकार के कारण दिल्ली के लोगों की इस बार भी दिवाली बिना पटाखों वाली रहेगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एक बार फिर से दिल्ली में दिवाली-छठ पर पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है। दिल्ली में अगले साल एक जनवरी तक सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक रहेगी। यह प्रतिबंध पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर भी लागू रहेगी। केजरीवाल के करीबी मंत्री गोपाल राय ने ट्वीट किया कि ‘दिल्ली में लोगों को प्रदूषण के खतरे से बचाने के लिए पिछले साल की तरह ही इस बार भी सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा रहा है, तांकि लोगों की जिंदगी बचाई जा सके। इस बार दिल्ली में पटाखों की ऑनलाइन बिक्री / डिलीवरी पर भी प्रतिबंध रहेगा। यह प्रतिबंध 1 जनवरी 2023 तक लागू रहेगा। प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करने को लेकर दिल्ली पुलिस, DPCC और राजस्व विभाग के साथ मिलकर कार्य योजना बनाई जाएगी।’ केजरीवाल सरकार ने पर्यावरण-प्रदूषण के नाम पर पिछले साल भी दिवाली-छठ में पटाखों को प्रतिबंधित कर दिया था। जबकि तमाम जांच और रिपोर्ट से ये साफ हो गया था कि दिल्ली के प्रदूषण के लिए पटाखे स्रोत नहीं हैं। दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य स्रोत पराली जलाना और कल-कारखानों के साथ गाड़ियों से होने वाला प्रदूषण है। इसको लेकर लोगों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल से सवाल किए हैं कि ईद-बकरीद पर पशुओं की हत्या पर बैन क्यों नहीं लगाया जाता है?

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