देश में मुस्लिम कट्टरपंथियों की जमात किस तेजी से अपने पैर फैला रही है इसका यह जीता जागता उदाहरण है कि इंडियन आइडियल फेम फरमानी नाज कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गई हैं। उनका गाया हुआ शिव भजन मौलवियों को नागवार गुजरा है। उनके गाए हुए भजन को हराम बताया जा रहा है। मजे की बात यह है कि फरमानी नाज ने इससे पहले भी कई भजन गाए हैं लेकिन तब कोई शोर-शराबा नहीं हुआ। भारत में प्रसिद्ध गायक मोहममद रफी ने न जाने कितने ही भजन गाए, प्रसिद्ध गीतकार शकील बदायूनी ने कितने की भजन लिखे लेकिन तब यह शोर नहीं उठा कि एक मुस्लिम होकर आप हिंदू भजन कैसे गा सकते हैं या लिख सकते हैं। बालीवुड में सलमान, शाहरुख, सैफ जैसे कलाकार जब नाच-गाना करते हैं तो मुस्लिम कट्टरपंथियों को उसमें हराम नहीं नजर आता है। इंडियन आइडल 12 में मुस्लिम गायक दानिश ने भी मां शेरावालिए भजन गाया था जिसे लोगों ने काफी पसंद किया था। लेकिन तब मुस्लिम कट्टपंथियों को वह हराम नहीं लगा था। इससे मुस्लिम कट्टपंथियों का दोहरा चरित्र ही सामने आता है कि जो सबल हैं उसे मत छेड़ो और जो अबला है उस पर अपनी कट्टरपंथी सोच को थोप दो। यहां हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन तलाक खत्म करने के फैसले को याद करना चाहिए और उसके दूरगामी परिणाम पर भी विचार करना चाहिए। तीन तलाक खत्म होने से जहां महिलाओं का सशक्तिकरण हुआ है वहीं अब वे आत्मनिर्भर बनने की ओर भी कदम बढ़ा रही हैं और देश के विकास में सहभागी बन रही हैं। दरअसल देश विरोधी कट्टरपंथी यही नहीं चाहते हैं…कि भारत विकास के मोर्चे पर आगे बढ़े और मजबूत भारत बने…इसीलिए वे अपनी दकियानूसी सोच को समाज में जिंदा रखना चाहते हैं।
Singer Farmani Naaz uploaded her video of song 'Har Har Shambhu Shiva Mahadeva' on her YouTube channel.
Now, Maulana Mufti Asad Qasmi, Ulama of Deoband said singing & dancing of any sort is not permissible in Islam.
If India wants to be like Taliban? Isn't it Ratna Pathak Shah? pic.twitter.com/owufiRKgaG
— Anshul Saxena (@AskAnshul) August 1, 2022
फरमानी के गाने को मुफ्ती ने गुनाह कहा था?
मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि देखिए इस सिलसिले में यही कहूंगा कि इस्लाम में शरीयत के अंदर कोई भी किसी भी तरह का गाना गाना जायज नहीं है। मुसलमान होते हुए अगर कोई गाना गाता है तो यह गुनाह है। किसी भी तरीके के गाने हों, उनसे फरहेज करना चाहिए, उनसे बचना चाहिए। फरमानी नाम की महिला ने गाना गाया है। यह शरीयत के खिलाफ है। मुसलमान होने के बावजूद ऐसे गाने गाना गुनाह है। महिला को इससे परहेज करना चाहिए, तौबा करनी चाहिए।
Muzaffarnagar's Indian Idol fame Farmani Naaz recorded the song 'Har Har Shambhu' and uploaded it on social media. After this she came under the target of fundamentalists. pic.twitter.com/73gSTjrqHS
— santosh singh (@SantoshGaharwar) August 1, 2022
फरमानी ने पहला भजन ‘घनश्याम तेरी बंशी’ गाया था
मुजफ्फरनगर की रहने वालीं फरमानी अपने भक्ति गीतों को यू ट्यूब पर अपलोड करती हैं। सावन के महीने में उनका हर-हर शंभू भजन काफी लोकप्रिय हुआ है लेकिन उनकी लोकप्रियता और शिव भजन मौलवियों को पसंद नहीं आया है। नाज के भजनों के लिए कट्टरपंथियों ने फतवा तो जारी नहीं किया लेकिन उन्होंने इस हराम बताया है। नाज इंडियन आइडल में भी गा चुकी हैं लेकिन अपने बच्चे की तबीयत खराब होने पर उन्हें वापस लौटना पड़ा। फरमानी ने कहा कि जब हम कव्वाली करते हैं तो भजन भी गा लेते हैं। पहला भजन घनश्याम तेरी बंशी.. गाया था। भाई के साथ भी कई भजन गाए हैं। गांव में मेरे गाने पर सभी लोग खुश होते हैं। गाने की तारीफ करते हैं। उन्होंने कहा कि वह एक कलाकार है, ऐसे में उन्हें हर तरह के गीत गाने पड़ते हैं।
Countless Hindus shown in Bollywood films going to dargahs and mosques, chanting Sufi qawwalis and Ali Maula. But one Farmani Naaz singing Har Har Shambhu has angered clerics so much they have issued fatwas against her
Watch and share this. Let's support Farmani https://t.co/sX5U9kVIEr
— Gems of Bollywood (@GemsOfBollywood) August 2, 2022
मेरे भक्ति चैनल पर राधा कृष्ण के भी गाने हैं : फरमानी
फरमानी ने बताया कि वह एक भक्ति चैनल चलाती हैं, जिस पर कई भक्ति गीत गाए हैं। राधा कृष्ण के भी कई गाने गाए हैं। उन्होंने कहा कि मुझे इतनी अच्छी आवाज मिली है तो अपने हुनर के बल पर गाने गाकर आगे बढ़ रही हूं। हम मर्यादा में रहकर गाते हैं। कभी किसी धर्म का अपमान नहीं किया। 2017 में शादी के बाद 2018 में एक बेटा हुआ। बेटे को बीमारी थी। इसके बाद पति और ससुराल वालों ने छोड़ दिया। इसके बाद जीवनयापन के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा। मेरे सामने कोई विकल्प नहीं था। ऐसे में एक कलाकार के तौर पर गाने गाना शुरू कर दिया। आज गाकर ही परिवार चला रही हूं।
Bhakti Sangeet communalised. Clerics accuse singer Farmani Naaz for violating tenets of Islam just because she sang 'har har shambhu'. Will singers now check the religious antecedents of a hymn before performing it? If this isn't rank Hinduphobia what is?
— Rahul Shivshankar (@RShivshankar) August 1, 2022
पति ने जब दूसरी शादी की तब उलेमा कहां थे
फरमानी ने कहा कि मुझे बिना तलाक दिए पति ने दूसरी शादी कर ली तब उलेमा कहां थे। इस मामले पर कभी किसी ने मेरा दुख नहीं समझा। अब आज जब गाने गाकर अपने बेटे को पाल रही हूं तो लोगों को आपत्ति हो रही है। इसमें किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। लोग मेरे गानों को पसंद कर रहे हैं। बच्चे के भविष्य के लिए कर रही हूं. सरकार कोई ऐसा कदम उठाए कि जो मेरे साथ हुआ है, वो किसी और के साथ नहीं हो। फरमानी ने कहा कि आज लड़कियां आत्मनिर्भर होकर समाज में जी रही हैं। वे अपने टैलेंट के दम पर आगे बढ़ रही हैं। ऐसे में किसी को भला क्यों परेशानी होनी चाहिए।
मोहम्मद रफी ने गाए हैं कई भजन
बालीवुड में प्रसिद्ध गायक मोहम्मद रफी ने कई भजन गाए हैं लेकिन तब किसी कट्टरपंथी ने ये नहीं कहा कि यह हराम है। मो. रफी ने मन तड़पत हरि दर्शन को आज भजन गाया और खास बात यह है कि इस गाने के गीतकार और संगीतकार भी मुसलमान हैं। यहां पेश है मोहम्मद रफी के कुछ भजन….
मन तड़पत हरि दर्शन को आज
फिल्म-बैजू बावरा, 1952, गीतकार-शकील बदायूंनी, संगीत-नौशाद, गायक-रफी
भगवान, भगवान … भगवान
ओ दुनिया के रखवाले, सुन दर्द भरे मेरे नाले
फिल्म-बैजू बावरा, 1952, गीतकार-शकील बदायूंनी, संगीत-नौशाद, गायक-रफी
मन रे तू काहे न धीर धरे…
फिल्म-चित्रलेखा, 1964, गीतकार-साहिर लुधियानवी, संगीतकार-रोशन, गायक-रफी
सुख के सब साथी, दुःख में ना कोई
मेरे राम, मेरे राम, तेरा नाम एक सांचा दूजा ना कोई
फिल्म-गोपी,1970, गीतकार-राजेंद्र कृष्ण, संगीतकार: कल्याण जी-आनंद जी, गायक-मोहम्मद रफी।
बड़ी देर भई नंदलाला
तेरी राह तके बृजबाला
फिल्म खानदान-1965, संगीतकार-रवि, गीतकार-राजिंदर किशन, गायक-मोहम्मद रफी
मुस्लिम गीतकारों के लिखे भजन
ओ दुनिया के रखवाले / शकील बदायुनी
ओ दुनिया के रखवाले
सुन दर्द भरे मेरे नाले
मोहे पनघट पे नंदलाल / शकील बदायुनी
मोहे पनघट पे नन्दलाल छेड़ गयो रे
मोरी नाजुक कलईया मरोर गयो रे
मन तड़पत हरि दर्शन को आज / शकील बदायुनी
मन तड़पत हरि दर्शन को आज
मोरे तुम बिन बिगड़े सकल काज
हे रोम रोम में बसने वाले राम / साहिर लुधियानवी
हे रोम रोम में बसने वाले राम
जगत के स्वामी हे अंतर्यामी
ओ पालनहारे निर्गुण और न्यारे / जावेद अख़्तर
ओ पालनहारे निर्गुण और न्यारे
तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं
सोहिल बलोच ने भगवान शिव को समर्पित किया था भजन
गुजरात के राजकोट के रहने वाले सोहिल बलोच ने भगवान शिव को समर्पित भजन कम्पोज किया और गाया तो उनका धर्म रास्ते की अड़चन नहीं बना। राजकोट के बजरंगवाडी इलाके के निवासी सोहिल बलोच ने ‘मैं तो जोगी बनके आया’ नाम से भजन लिखा और कम्पोज किया। सोहिल ने कहा कि मैं मुस्लिम परिवार में पैदा हुआ और हिंदू इलाके में रहा। मैं भजन सुनते हुए ही बड़ा हुआ हूं। बचपन में मैं स्वाध्याय परिवार में जाता और भजन गाता था।
नफरती सोच वाले समाज में जहर घोल रहे
दरअसल सोहिल बलोच जिस संस्कृति की बात कर रहे हैं कि मुस्लिम परिवार में पैदा हुआ और हिंदू इलाके में भजन सुनते हुए बड़ा हुआ तो यही भारत की गंगा-जमुनी तहजीब है जहां सब एक-दूसरे की संस्कृति का आदर करें और मिलकर रहें। लेकिन पीएफआई और अन्य मुस्लिम संगठनों द्वारा देश में चलाए जा रहे नफरती सोच की वजह से समाज में जहर घोला जा रहा है। अब पैगंबर पर टिप्पणी करने पर सर तन से जुदा का नारा ही नहीं दिया जाता उसे कई शहरों में अंजाम दे दिया जाता है वहीं हिंदू देवी-देवताओं पर टिप्पणी होती ही रहती है लेकिन क्या कभी इस तरह का जघन्य कृत्य देखने को मिला है। यह काफी समय से कहा जाता रहा है कि देश में सिमी पर प्रतिबंध लगने के बाद उसने अपना चोला बदलकर पीएफआई नाम रख लिया है और नफरत का कारोबार बदस्तूर जारी है। अब एनआईए की जांच में यह बात सामने आई है कि पीएफआई को करोड़ों रुपये की फंडिंग विदेश से होती है और उसके लिंक आतंकवादी संगठन आईएसआईएस से भी हैं। एनआईए की जांच अभी जारी है और पीएफआई पर जल्द-जल्द से प्रतिबंध लगाने की जरूरत है जिससे भारत इन नफरती सोच से ऊपर उठकर विकास के मोर्चे पर दुनिया में झंडे गाड़े और एक मजबूत देश बनकर उभरे।