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जब पीएम मोदी ने आधी रात के बाद जयशंकर को फोन कर पूछा- ‘जागे हो’

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काम के प्रति जज्बा जग-जाहिर है। पीएम मोदी रात-बिरात अपने मंत्रियों को फोन करके अपडेट लेते रहते हैं। अब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इसका एक और उदाहरण प्रस्तुत किया है। एस. जयशंकर इन दिनों अमेरिका में हैं और वहां एक कार्यक्रम में अफगानिस्तान में किए गए भारत के कार्यों के बारे में बता रहे थे। एस. जयशंकर ने वहां मौजूद लोगों को एक किस्सा सुनाया, जिससे एक बार फिर यह साफ हुआ कि नरेंद्र मोदी किस तरह 24X7 काम करने वाले प्रधानमंत्री हैं और दिन हो या रात, किस तरह उन्हें अपने लोगों की फिक्र रहती है। जयशंकर ने बताया कि यह उस समय की बात है जब वर्ष 2016 में अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ में भारतीय दूतावास पर हमले की कोशिश हुई थी। उस वक्त जयशंकर विदेश सचिव हुआ करते थे। उन्होंने घटना को याद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें पर्सनली आधी रात को फोन किया। उन्होंने ने पीएम मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा, फोन उठाते ही उनका पहला सवाल यह था- जागे हो।

आधी रात को पीएम के फोन आने पर मुझे आश्चर्य हुआः जयशंकर

अमेरिका के न्‍यूयॉर्क में गुरुवार को मोदी एट द रेट 20 ड्रीम्स मीट डिलीवरी पुस्तक से जुड़े एक कार्यक्रम के दौरान जयशंकर ने अफगानिस्तान के मजारएशरीफ में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले की घटना को याद करते हुए कहा कि जैसे ही नई दिल्ली तक सूचना पहुंची, हम सभी लोग हरकत में आ गए। हर तरफ से कोशिश की जा रही थी कि किस तरह मदद मिले और वहां हमारे लोग सुरक्षित रह सकें। यह सब करते-करते आधी रात हो गई थी। हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि क्या हो रहा है और इतने में मेरे फोन की घंटी बजी। मुझे थोड़ा आश्चर्य हुआ जब प्रधानमंत्री फोन करते हैं तो आपको कॉलर आईडी नहीं मिलती है, मैंने फोन उठाया तो प्रधानमंत्री थे। जयशंकर ने कहा, ‘आधी रात हो चुकी थी…. मेरा फोन बजा… जब प्रधानमंत्री आपको फोन करते हैं तो कोई कॉलर आईडी नहीं आता… मैं थोड़ा हैरान हुआ… लेकिन नो कॉलर आईडी पर भी कोई आपसे बात करना चाह रहा होता है… इस बार प्रधानमंत्री थे… वह मानकर चल रहे थे कि मैं उन्‍हें पहचान लूंगा… इसलिए उनका पहला सवाल था, जागे हो? मैंने कहां हां सर। 12.30 बजा है और क्‍या कर रहा होऊंगा? उन्‍होंने कहा, अच्‍छा.. टीवी देख रहे हो… क्‍या हो रहा है वहां (मजार-ए-शरीफ)?’ इसके जवाब में मैंने कहा कि मदद पहुंचाई जा रही है। उम्मीद है दो-तीन घंटे में स्थिति सामान्य हो जाएगी।

पीएम मोदी ने कहा- सीधे मुझे फोन करना

विदेश मंत्री जयशंकार ने कहा कि पीएम ने कहा, जब मदद पहुंच जाए तो मुझे फोन कर देना। मैंने कहा, सर इसमें दो से तीन घंटे और लगेंगे। जब ऑपरेशन खत्म हो जाएगा तो मैं आपके सूचित कर दूंगा। इसके बाद पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि सीधे मुझे फोन करना। विदेश मंत्री ने कहा कि किसी प्रधानमंत्री में यह एक विलक्षण गुण है। वो काम करते समय घड़ी नहीं देखते। उनका पूरा समय देश और अपने लोगों के लिए समर्पित हैं।

मोदी को दिया भारत-अमेरिका के रिश्‍ते सुधारने का क्रेडिट

जयशंकर ने एक दिन पहले कहा था कि भारत शक की निेगाहों से अमेरिका को देखता था। पीएम मोदी के नेतृत्‍व में नजरिया बदला और ‘वैचारिक बोझ’ पीछे छूट गया। जयशंकर ने कहा था कि ‘वह प्रैक्टिकल हैं, नतीजों पर फोकस रखते हैं, कॉस्‍ट-बेनेफिट एनालिसिस कर चुके हैं। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर 11 दिनों की अमेरिका यात्रा पर हैं। वह संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में शामिल हुए। इसके अलावा कई द्विपक्षीय बैठकों में हिस्‍सा लेंगे। उनका मीडिया, कारोबारियों व अन्‍य सेक्‍टर्स के साथ बातचीत के भी कई कार्यक्रम हैं। अपने समकक्ष एंटनी ब्लिंकेन और जो बाइडेन प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने वह 25 सितंबर को वाशिंगटन डीसी जाएंगे। वह उद्योग जगत के नेताओं और भारतीय अमेरिकियों से भी मुलाकात करेंगे।

पीएम मोदी 18 घंटे करते हैं काम

भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिनचर्या देखी है, उनके मुताबिक़ मोदी रोज 18 घंटे काम करते हैं। अपने मंत्रियों से भी उन्होंने ऐसा ही करने को कहा है। हर काम में सख्ती। हर काम की मॉनिटरिंग। फिर उस पर होने वाली प्रतिक्रिया पर नज़र। राजनीतिक विश्लेषक मोदी के काम करने के तरीके को कॉर्पोरेट स्टाइल वाला कहते हैं। वे भाषणों में सीईओ की तरह टिप्स देते हैं। उनके निजी जीवन का भी अंदाज़ किसी बड़ी प्राइवेट कंपनी के सीईओ जैसा ही है। उनके सुबह उठने और नाश्ते का वक़्त फिक्स है, हालांकि सोने का समय काम के दबाव पर निर्भर करता है।

क्या था आपरेशन देवी शक्ति

अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को वहां से सुरक्षित निकालने के मिशन को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में अंजाम दिया गया। इस मिशन को भारत ने ‘ऑपरेशन देवी शक्ति’ का नाम दिया गया था। आखिरकार तालिबान के क्रूर आतंकवादियों से लोगों की जान बचाने के इस मुश्किल मिशन को ऐसा नाम क्यों दिया गया। इस मिशन का नाम ऑपरेशन देवी शक्ति इसलिए रखा गया है, क्योंकि जैसे ‘मां दुर्गा’ राक्षसों से बेगुनाहों की रक्षा करती हैं, इसलिए इस मिशन का लक्ष्य बेकसूर नागरिकों को तालिबान के आतंकियों की हिंसा से हिफाजत करना है।

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