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हरदोई की वैशाली लगाई थी यूक्रेन से निकालने की गुहार, लोगों का दावा- मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए सपा नेता की बेटी ने बनाया वीडियो

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यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध की वजह से हजारों भारतीय छात्र यूक्रेन में फंस गए हैं। इन छात्रों को वहां से सुरक्षित निकालने के लिए भारत सरकार ‘ऑपरेशन गंगा’ चला रही है। वहीं उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के 19 छात्रों के यूक्रेन में फंसे होने की पुष्टि जिला प्रशासन ने की थी। इनमें से चार छात्र भारत लौट चुके हैं। इनमें एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही वैशाली यादव भी शामिल है, जो वीडियो संदेश देकर भारत सरकार से निकालने की गुहार लगाई थी। अब सोशल मीडिया पर लोग वैशाली पर पिता के दबाव में मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए वीडियो बनाने का आरोप लगा रहे हैं।

पिता के कहने पर बनाया वीडियो

दरअसल वैशली यादव का वीडियो संदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। लोगों के मुताबिक वैशली के पिता पूर्व ब्लॉक प्रमुख महेंद्र यादव समाजवादी पार्टी के नेता हैं। यूपी में चल रहे चुनाव के बीच महेंद्र यादव ने यूक्रेन संकट को राजनीतिक अवसर में बदल दिया और बेटी के माध्यम से सियासी फायदा उठाने की कोशिश की। लोगों ने दावा किया कि जब हरदोई पुलिस ने वैशाली से वीडियो के बारे में पूछताछ की तो पता चला कि अपने पिता के कहने पर सरकार को बदनाम करने के लिए वीडियो बनाया था।

वैशाली के पिता पर फर्जीवाड़े का आरोप

वीडियो सामने आने के बाद वैशाली यादव घिरती नजर आ रही है। वहीं उनके पिता महेंद्र यादव पर फर्जीवाड़े का भी आरोप लग रहा है। लोगों का आरोप है कि वैशाली के पिता ने फर्जी हस्ताक्षर के जरिए लाखों रुपये की निकासी की है। इससे वैशाली यादव का ग्राम प्रधान की कुर्सी खतरे में है। इस मामले में पंचायत सचिव सहित ब्लॉक के अधिकारी और कर्मचारी भी फंस सकते हैं और उन पर कार्रवाई हो सकती है। 

यूक्रेन से छुट्टी में घर आई वैशाली ग्राम प्रधान बन गईं

पिछले साल उत्तर प्रदेश में हुए पंचायत चुनावों के दौरान वैशाली यादव अपने गांव तेरापुरसेली आई थी। उन्होंने ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ा और इसमें जीत भी दर्ज कर ली। प्रधानी का चुनाव जीतने के बाद वह अपनी पढ़ाई के लिए वापस यूक्रेन चली गई। इस बात की जानकारी गांव में किसी को नहीं थी। जब यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद यह बात सामने आई तो गांव के लोग हैरान रह गए।

पंचायती राज विभाग करेगा धन की निकासी की जांच

वैशाली के यूक्रेन में होने की खबर सामने आते ही सांडी ब्लॉक के तेरापुरसेली गांव के लोगों में आक्रोश फैल गया। पंचायतराज भी सख्त हो गया है। कहा ये भी जा रहा है कि वैशाली के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है। वैशाली के इस तरह गांव छोड़कर विदेश में रहने को लेकर पंचायती राज विभाग ने कथित तौर पर नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। पंचायती राज विभाग उनकी अनुपस्थिति में ग्राम पंचायत द्वारा उपयोग किए गए धन की जांच करेगा।

नेशनल खरकी यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की पढ़ाई

हरदोई जिले और लखनऊ से स्कूली पढ़ाई करने वाली वैशाली पिछले तीन साल से यूक्रेन के खरकी शहर में नेशनल खरकी यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक वैशाली ने एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए यूक्रेन को इसलिए चुना, क्योंकि इसकी डिग्री यूरोपीय संघ में स्वीकार्य है। 2021 के सितंबर महीने में वैशाली यूक्रेन पहुंची थीं। बताते हैं कि पिछले हफ्ते बुधवार को भारत के लिए फ्लाइट थी, लेकिन युद्ध के बाद शहर बंद हो गया। इसलिए वो नहीं आ सकी और वहां फंस गई थी।

 

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