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वाराणसी: आस्था, विश्वास, शिक्षा, संस्कृति और पर्यटन का केन्द्र

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वाराणसी दुनिया के सबसे प्राचीन और पवित्र शहरों में एक है। यह सिर्फ एक शहर ही नहीं बल्कि आस्था, विश्वास, शिक्षा, संस्कृति, ज्ञान और पर्यटन का केन्द्र है। वाराणसी… बनारस या काशी… यह मौज-मस्ती और मोक्ष प्राप्ति का शहर है। यह अपने फन का एक अलग ही शहर है, जहां लोगों को जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है। यह एक तरह से देश की गौरवशाली संस्कृति का उद्गम तथा परंपराओं, इतिहास, संस्कृति और समरसता का संगम स्थल है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से सांसद बनने के बाद से काशी को ऐसे शहर के रूप में विकसित करना चाहते हैं जो भारत की सांस्कृतिक और बौद्धिक गतिविधियों का केंद्र हो और जहां ज्ञान का निरंतर प्रवाह हो। साथ ही उत्कृष्ट पर्यटन और बुनियादी सुविधाओं का विकास हो।

पीएम मोदी ने पर्यटन, संस्कृति और धरोहर क्षेत्र में पिछले ढ़ाई साल में कई कार्य किए गए हैं। पर्यटन क्षेत्र में 175.82 करोड़ की लागत से कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

  • प्रसाद योजना के तहत बुद्धा थीम पार्क (2.20 करोड़ रुपए), गुरुधाम मंदिर (0.70 करोड़ रुपए), सारंगनाथ कुंड (2.50 करोड़ रुपए), मार्कण्डेय महादेव मंदिर और नदी तट (6.68 करोड़ रुपए) का विकास किया गया।
  • चार धरोहर स्थलों धम्मेख स्तूप, चैखण्डी स्तूप, लालखां मकबरा और मानमहल पर 4.55 करोड़ रुपए की लागत से विशेष प्रकाश व्यवस्था की गई।

 

पर्यटकों को यहां आने-जाने में सुविधा हो इसके लिए वाराणसी और आसपास के इलाके में कई सड़कों के सुधार और विस्तार का काम हो रहा है।

  • पंचक्रोशी रोड का 151.86 करोड़ से संवर्धन विस्तार का प्रस्ताव है।
  • दशाश्वमेघ गोदौलिया सांस्कृतिक क्षेत्र का विकास (1.55 करोड़ रुपए), टाउनहाल का विकास (2.58 करोड़ रुपए)
  • इसके साथ वाराणसी के 86 धरोहर स्थलों का विकास 9.53 करोड़ रुपए से किया जा रहा है।
  • इसके साथ ही 26.51 करोड़ रुपए से हृदय योजना के तहत हेरिटेज स्ट्रीट लाइट पोल और एलईडी लाइटिंग का कार्य किया जा रहा है।
  • पांच करोड़ रुपए की लागत से मणिकर्णिका घाट का जीर्णोद्धार, मुख्य गली का संपूर्ण विकास, मोक्ष द्वार, धाट पर स्थित धर्मशालाओं में सुविधाओं का विस्तार किया गया है।

पीरामल फाउंडेशन की ओर से दशाश्वमेघ घाट, शीतलाघाट और राजेन्द्र प्रसाद घाट का सुन्दरीकरण किया गया है।

  • इसी तरह ओएनजीसी ने 10.42 करोड़ रुपए की लागत से दुर्गाकुंड, लाटभैरवकुंड, लक्ष्मीकुंड के जीर्णोद्धार और सुन्दरीकरण का कार्य किया।
  • संस्कृति मंत्रालय की ओर से कबीर मठ के कबीरचैरा पर एक नए म्यूजियम का निर्माण हो रहा है।
  • साथ ही नाबार्ड/ नमामि गंगे की ओर से 20 करोड़ की लागत से चंद्रावती तीर्थ के निर्माण का कार्य चल रहा है।
  • स्मार्ट सिटी प्रपोजल के अंतर्गत शहर के 1389 एकड़ क्षेत्रफल का 2268.88 करोड़ रुपए की लागत से समुचित विकास किया जाएगा जिसमें मुख्यत: पुरानी काशी शामिल है।

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