प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के सिंदरी (धनबाद) में प्रदेश से जुड़े छह बड़े प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी। इन प्रोजेक्ट में सिंदरी के खाद कारखाना पुनरुद्धार, देवघर में एम्स अस्पताल व हवाई अड्डा, पतरातू में पावर प्लांट, रांची में गैस पाइप लाइन वितरण योजना का ऑनलाइन शिलान्यास किया। इन पर करीब-करीब 27 हजार करोड़ रुपए की लागत आएगी। प्रधानमंत्री इसके अलावा राज्य में 250 जन औषधि केंद्रों के संचालन और सीसीएल में नियोजन की भी शुरुआत की।
The foundation stones for key development projects were laid during the public meeting in Jharkhand. This includes the revival of the Sindri Fertiliser Project, which is a part of our efforts to revive fertiliser plants in Eastern India. pic.twitter.com/MjLwHZgP1e
— Narendra Modi (@narendramodi) May 25, 2018
जोहार के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसमूह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि झारखंड भगवान बिरसा मुंडा व जयपाल सिंह मुंडा के संघर्ष और अटल बिहारी वाजपेयी के सपनों की भूमि है। यहां कोयले की खान देश के विकास में भूमिका अदा कर रहीं हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि जब चुनाव के समय यहां आया था तब विकास के लिए डबल इंजन की जरूरत की बात की थी। एक रांची और दूसरा दिल्ली वाला। चार साल में आपने देखा कि दोनों सरकारों ने एक ही दिशा में सबका साथ और सबका विकास लेकर एक लक्ष्य के साथ कदम बढ़ाया। इसे आपने भली भांति अनुभव किया है। हमें विश्वास है कि हम सार्वजनिक जीवन में काम करते हैं। हमारा रास्ता सही है, हमारा इरादा नेक है। इसका मानदंड लोकतंत्र में जनसमर्थन होता है।
पीएम मोदी ने कहा कि झारखंड में उजाला फैलाने की ताकत है। काला हीरा भले ही काले रंग में रंगा हो पर उसमें उजाला फैलाने की ताकत है। 18 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत का पतरातू में पावर प्लांट का शिलान्यास किया। यह झारखंड की आर्थिक ताकत बनेगा। यह युवाओं को रोजगार देगा। कोयला खदानों के विस्थापितों को रोजगार मिले। हमें खुशी है कि ऐसे कई युवकों को हमें नियुक्ति पत्र देने का अवसर मिला।
पीएम मोदी ने हमारा सपना था कि हिंदुस्तान के हर गांव में बिजली पहुंचे। 2014 में इस देश के 18 हजार गांव में सदियों से अंधेरा था। वहां बिजली का खंभा तक नहीं था। इन गांवों को रोशनी देने का हमने बीड़ा उठाया। ये उपेक्षित गांव थे। वोट बैंक की राजनीति करनेवालों को उपेक्षितों की चिंता नहीं होती। हम सबका साथ सबका विकास की बात करते हैं। तय समय सीमा के पहले 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचा दी है। पहले किसी को फुर्सत नहीं थी कि पूछे के आजादी के बाद भी वहां बिजली क्यों नहीं गई। हमने बीड़ा उठाया तो परिणाम सामने है।