प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल विजन के कारण आज देश में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के जरिए ट्रांजेक्शन लगातार बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने जब अगस्त 2016 में UPI को लॉन्च किया था तब समूचे विपक्ष ने इसका माखौल उड़ाया था। वित्त मंत्री रह चुके कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने तो संसद में डिजिटल पेमेंट का मजाक उड़ाया था। आज डिजिटल पेमेंट सारे रिकार्ड तोड़ रही है। यह लगातार तीसरा महीना है जब यूपीआई लेनदेन की संख्या 1000 करोड़ के पार गई है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के मुताबिक, अक्टूबर 2023 में कुल 1141 करोड़ यूपीआई ट्रांजेक्शन के जरिए 17.16 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया। जबकि सितंबर 2023 में 1056 करोड़ ट्रांजेक्शन के माध्यम से 15.80 लाख करोड़ रुपये की राशि का लेनदेन किया गया और अगस्त 2023 में 1058 करोड़ ट्रांजेक्शन के जरिए कुल 15.76 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन किए गए।
मोदी सरकार की डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने की नीति के कारण देश भर में लोग तेजी से यूपीआई को अपना रहे है। इससे लोगों को भुगतान के लिए अपने पास नकदी रखने की झंझट से भी मुक्ति मिल रही है। यूपीआई की तरह अक्टूबर में IMPS के जरिए ट्रांजेक्शन में तेजी आई है। अक्टूबर 2023 में 49.3 करोड़ ट्रांजेक्शन के जरिए 5.38 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया है। जबकि सितंबर में 47.3 करोड़ ट्रांजेक्शन के जरिए 5.07 लाख करोड़ रुपये और अगस्त 2023 में 48.9 करोड़ ट्रांजेक्शन से 5.14 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ था।
क्यूआर कोड ने दिया अहम योगदान
क्यूआर के आ जाने के बाद यूपीआई ट्रांजेक्शन में और भी ज्यादा तेजी से इजाफा आया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक यूपीआई के 330 लाख से भी ज्यादा यूनीक यूजर्स हैं और लगभग 70 लाख दुकानदारों ने 356 लाख क्यूआर कोड को लगाया है। इसके अलावा PhonePe, Google Pay, Paytm, और Amazon Pay जैसे UPI ऐप्स की वजह से इसका ट्रांजेक्शन बढ़ा है।
गांव में कैशलेस अर्थव्यवस्था के बारे में बात नहीं की जा सकतीः पी. चिदंबरम
2017 की शुरुआत में मोदी सरकार के ‘डिजिटल इंडिया’ अभियान की आलोचना करते हुए कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने संसद में डिजिटल पेमेंट का मजाक उड़ाते हुए कहा था “आप लोग गांव जाइये और 10 रूपये की सब्ज़ी खरीदिये, वहां बिना मशीन, वाई-फाई, इंटरनेट के कैसे पेमेंट कर पाओगे।” चिदंबरम ने कहा था, ”कोई किसी गांव में जाकर कैशलेस अर्थव्यवस्था के बारे में बात नहीं कर सकता। आप वहां जाएं तो लोग पूछेंगे कि ‘क्या है डिजिटल?’।” चिदंबरम ने कहा था झूठ बोलकर बचना बहुत मुश्किल है। अब देशवासियों ने गांव-गांव में डिजिटल पेमेंट करके दिखा दिया है तो यह साफ हो गया है कि झूठ चिदंबरम बोल रहे थे और वह देश को गुमराह कर रहे थे।
चिदंबरम ने झूठ फैलाया- डिजिटल भुगतान बढ़ेगा, नकद लेनदेन भी बढ़ेगा
ऐसा लगता है कि कांग्रेस और लेफ्ट लिबरल इकोसिस्टम ने भारत में डिजिटल पेमेंट को लेकर झूठ फैलाने का ठेका पी. चिदंबरम को दे रखा है। चिदंबरम ने 15 अप्रैल 2023 को भी एक ट्वीट कर कहा- 2018-19 में भारत में 2,02,000 एटीएम थे। 2020-21 तक यह संख्या बढ़कर 2,38,590 हो गई। बढ़ती अर्थव्यवस्था में जहां डिजिटल भुगतान बढ़ेगा, वहीं नकद लेनदेन भी बढ़ेगा, प्रचलन में नकदी भी बढ़ेगी। चिदंबरम ने यहां भी झूठ फैलाया।
This is how you manipulate data?? The correct metric would be share of currency in circulation in total payments.
At least do some proper research before posting anything*The share of Currency in circulation (CIC) in payment systems has been declining from 88% in FY16 to 20% in… pic.twitter.com/0p2FFKSc5h
— Wise Cracker (@Wise__Cracker) April 15, 2023
नकदी का प्रचलन 88 प्रतिशत से घटकर 20 प्रतिशत हो गई
सच्चाई यह है कि भुगतान प्रणालियों में प्रचलन में मुद्रा (सीआईसी) की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2016 में 88 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 2022 में 20 प्रतिशत हो गई है और वित्त वर्ष 2027 में इसके और भी कम होकर 11.15 प्रतिशत होने का अनुमान है।
MasterCard और Visa का कारोबार सिमटने का अंदेशा, जार्ज सोरोस इसलिए कर रहा भारतीय अर्थव्यवस्था पर हमला
भारत का यूपीआई (UPI) दुनियाभर में लोकप्रिय हो रहा है। इससे MasterCard और Visa का कारोबार सिमटने का अंदेशा गहरा गया जिससे अमेरिका और जार्ज सोरोस के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई है। MasterCard का कारोबार वर्ष 2022 में 22.24 बिलियन डॉलर था। इसकी कर्मचारियों की संख्या 29,900 थी। मास्टरकार्ड की स्थापना 58 साल पहले 1966 में हुई थी। इसका मुख्यालय अमेरिका के न्यूयार्क में है। कंपनी का राजस्व 2022 में 22.23 अरब डॉलर, 2021 में 18.88 अरब डॉलर, वर्ष 2020 में 15.30 अरब डॉलर था। इसी तरह अमेरिकी कंपनी Visa का वर्ष 2022 में राजस्व 30.18 अरब डॉलर, इसी तरह अमेरिकी कंपनी PayPal का राजस्व 27.51 अरब डॉलर और अमेरिकी कंपनी Western Union 4.47 अरब डॉलर रहा। इसके बरक्स UPI अब तेजी से दुनियाभर में लोकप्रिय हो रहा है इससे अमेरिका के पैरों के नीचे से जमीन खिसकने लगी है। यही वजह है अमेरिकी अरबपति जार्ज सोरोस इन दिनों अडानी समूह और भारतीय अर्थव्यवस्था पर लगातार हमला कर रहा है।
भारत का डिजिटल पेमेंट्स मार्केट 2026 तक 10 ट्रिलियन डॉलर
यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते फिनटेक देशों में से एक है, जो मुख्य रूप से डिजिटल पेमेंट्स सेगमेंट में प्रगति से प्रेरित है। PhonePe और Boston Consulting Group (BCG) की एक हालिया रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला है कि भारत का डिजिटल पेमेंट्स मार्केट 2026 तक 3 ट्रिलियन डॉलर से 10 ट्रिलियन डॉलर तक तिगुने से अधिक हो जाएगा।
टॉप 10 देशों में रियल टाइम पेमेंट में भारत सबसे टॉप पर
पूरी दुनिया के टॉप 10 देशों में रियल टाइम पेमेंट लेन-देन के मामले में भारत टॉप पर है। जबकि चीन दूसरे नंबर पर है। अमेरिका जैसा विकसित देश इस मामले में 9 वें नंबर पर है। जापान सातवें नंबर पर है। दक्षिण कोरिया तीसरे नंबर पर चौथे नंबर पर थाईलैंड, UK पांचवें नंबर पर और नाइजीरिया इस मामले में छठे नंबर पर है।
डिजिटल पेमेंट में आई क्रांति से अर्थव्यवस्था में तेजी
आज भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली बन चुकी है। इसके लिए देश में डिजिटल पेमेंट क्रांति को भी एक बड़ी वजह बताया जा रहा है। IMF जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्था भी भारत की डिजिटल क्रांति की आज तारीफ कर रही है। हालांकि नोटबंदी के बाद डिजिटल भुगतान की धीमी शुरुआत हुई थी, लेकिन मोदी सरकार ने लोगों को प्रेरित करने के लिए कई प्रयास किए। सरकार का प्रयास भी सफल रहा और लोगों ने डिजिटल पेमेंट को अपनाना शुरू किया। इसका परिणाम है कि आज लोगों के लिए ये पेमेंट का पसंदीदा तरीका बन चुका है। नए-नए बदलाव और सुविधाएं इससे जुड़ने से डिजिटल पेमेंट का और विस्तार हुआ।
भारत में सबसे ज्यादा डिजिटल पेमेंट के विकल्प मौजूद
आज पूरी दुनिया भारत में डिजिटल पेमेंट की तारीफ कर रही है और इसके प्लेटफॉर्म UPI यानी Unified Payment Interface को अपने-अपने देश में शुरू करना चाहती है। वहीं विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से ज्यादा विकल्प भारत में मौजूद हैं। भारत में डिजिटल पेमेंट करने के लिए यूपीआई (UPI), रुपे (RUpay), पेटीएम (Paytm), फोन-पे (Phone-Pay), गूगल पे (Google Pay) के साथ अन्य विकल्प मौजूद हैं। जबकि अमेरिका और चीन के पास इससे कम ऑप्शंस हैं।
दुनिया के 50 से अधिक देशों में पहुंच चुकी UPI सेवाएं
तेज गति भुगतान और आसान उपयोग की वजह से भारत का यूपीआई दुनियाभर में लोकप्रिय हो रहा है। अब सिंगापुर के पे-नाऊ और भारत के यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के बीच सीमा पार कनेक्टिविटी लॉन्च हो गई। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के पीएम हेसिन लूंग इस मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुभारंभ के साक्षी बने। भारत से बाहर UPI सेवाओं को शुरू करने जा रहा सिंगापुर भले ही नया नाम हो, लेकिन इससे पहले यह पेमेंट सिस्टम कई देशों में पहुंच चुका है। रुपे के माध्यम से पहले से कई देशों में भारत की डिजिटल भुगतान सेवा काम कर रही है। इनमें भूटान, नेपाल, मलेशिया, ओमान, यूएई, ब्रिटेन जैसे देश शामिल हैं। इसके साथ ही यूरोप के देशों, फ्रांस एवं अन्य देशों के साथ ही 30 अन्य देशों में इसकी सेवाओं के लिए बातचीत चल रही है।
यूपीआई सेवाओं के लिए मुख्य रूप से इन देशों के साथ समझौता हो चुका है अथवा बातचीत चल रही है। इन पर एक नजर-
सिंगापुर
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी UPI का लगातार विस्तार हो रहा है। देश का ये पेमेंट सिस्टम कई देशों में चल रहा है और अब इस लिस्ट में सिंगापुर का नाम भी जुड़ गया है। इसके तहत UPI, सिंगापुर के Paynow से कनेक्ट होगा। भारत का यूपीआई (UPI) दुनियाभर में लोकप्रिय हो रहा है। सिंगापुर के पे-नाऊ के साथ इसके जुड़ने से दोनों देशों के बीच क्रॉस-बॉर्डर कनेक्टिविटी के तहत बेहद आसानी और तेजी के साथ पैसे ट्रासंफर किए जा सकेंगे।
बहरीन
बहरीन ने भारतीय UPI और सिंगापुर के PayNow लिंकेज जैसी भुगतान एकीकरण प्रणाली स्थापित करने में रुचि व्यक्त की है। प्रारंभिक चर्चा हो चुकी है। छोटे खाड़ी देश के लिए फिनटेक एक स्पष्ट प्राथमिकता है।
भूटान
एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनआईपीएल), भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम की अंतरराष्ट्रीय शाखा और भूटान के रॉयल मॉनेटरी अथॉरिटी (आरएमए) ने भूटान में भीम यूपीआई क्यूआर-आधारित भुगतान को सक्षम और कार्यान्वित करने के लिए भागीदारी की।
नेपाल
नेपाल वह पहला देश था जिसने UPI को अपने देश में लागू किया गया था। नेपाल की मनम इन्फोटेक और गेटवे पेमेंट्स सर्विस के सहयोग से, व्यक्ति-से-व्यक्ति, व्यक्ति-से-व्यापारी और सीमा-पार भुगतान चालू हो गए। हैं।
संयुक्त अरब अमीरात
NIPL ने UPI भुगतान को सक्षम करने के लिए UAE में LuLu Financial Holding, Mashreq Bank और Network International के साथ साझेदारी की है। 21 अप्रैल, 2022 को मशरेक के नियोपे के जरिए देश में यूपीआई की शुरुआत की गई।
मलेशिया
मलेशिया में भी यूपीआई सेवाएं चालू हो गई हैं। मर्चेंटट्रेड एशिया ने भारत को वास्तविक समय में आनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए एनपीसीआई इंटरनेशनल के साथ भागीदारी की है। इस साझेदारी ने मर्चेंटट्रेड और उसके नेटवर्क को एनआईपीएल से जुड़ने और यूपीआई के माध्यम से भारत में लाभार्थी बैंकों को प्रेषण की सुविधा प्रदान करने में सक्षम बनाया है।
ओमान
सेंट्रल बैंक ऑफ ओमान (सीबीओ) और एनआईपीएल के बीच हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन ने भारतीय रुपे कार्ड और ओमान में यूपीआई प्लेटफॉर्म को भारतीय श्रमिकों और पेशेवरों को लाभान्वित करने के लिए निर्बाध डिजिटल प्रेषण की सुविधा प्रदान की है।
फ्रांस
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की इंटरनेशनल यूनिट ने फ्रांस में यूपीआई और रूपे को उपलब्ध कराने के लिए एक समझौता किया है। यह समझौता फ्रांस की Lyra Network के साथ हुआ है। पूरी तरह से स्वदेशी टेक्नोलॉजी यूपीआई (UPI) और रूपे (Rupay) की पहुंच अब यूरोप (Europe) तक होने वाली है। आने वाले समय में फ्रांस (France) में यूपीआई और रूपे दोनों की सर्विस उपलब्ध होने जा रही है।
ब्रिटेन
सीमा-पार भुगतान समाधानों को और मजबूत करने के लिए टेरापे और पेएक्सपर्ट ने एनआईपीएल के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इन साझेदारियों ने भारत में भारतीय ग्राहकों और व्यापारियों को एक सक्रिय यूपीआई आईडी के साथ सीमा पार भुगतान करने और स्वीकार करने में सक्षम बनाया है।
यूरोपीय देशः स्विटज़रलैंड, नीदरलैंड, बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग
एनआईपीएल ने यूरोप भर में भारतीय भुगतान चैनलों की स्वीकार्यता बढ़ाने के इरादे से यूरोपियन पेमेंट सर्विसेज फैसिलिटेटर वर्ल्डलाइन के साथ साझेदारी की है, खासकर नीदरलैंड, बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग, स्विटज़रलैंड आदि जैसे देशों में। इस साझेदारी के तहत, वर्ल्डलाइन का क्यूआर कोड-आधारित तंत्र यूरोप में व्यापारियों के पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) सिस्टम को भारतीयों से अपने मोबाइल फोन का उपयोग करके यूपीआई भुगतान स्वीकार करने की अनुमति देगा।
जापान की जेसीबी इंटरनैशनल ने जारी किया 10 लाख RuPay JCB card
जापान की जेसीबी इंटरनैशनल ने 10 लाख RuPay JCB card जारी करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य हासिल कर लिया है। JCB Card International (South Asia) के प्रबंध निदेशक सतरो मोरी ने कहा कि उनकी फर्म National Payments Corporation of India (NPCI) से साझेदारी को मजबूत करना चाहती है। फर्म का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में कार्ड की सदस्यता 30 गुना बढ़ाना है। वर्तमान समय में जेसीबी इंटरनैशनल का 12 सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों से गठजोड़ है जो JCB RuPay credit card जारी करते हैं। इन बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नैशनल बैंक, सिटी यूनियन बैंक, यूनियन बैंक, कैथोलिक सीरियन बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, कोटक महिंद्रा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यस बैंक, फेडरल बैंक और ठाणे जनता सहकारी बैंक शामिल हैं।