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‘हिन्दू’ शब्द से भी उद्धव सरकार को नफरत,10वीं और 12वीं कक्षा के परीक्षा फॉर्म से हटाया ‘हिंदू’ ऑप्शन

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खुद को हिन्दुत्व का झंडाबरदार बताने वाली शिवसेना को अब ‘हिन्दू’ शब्द से भी नफरत होने लगी है। इसका ताजा प्रमाण महाराष्ट्र की 10 वीं और 12 वीं कक्षा के परीक्षा फॉर्म से मिलता है। परीक्षा फॉर्म की एक कॉपी शेयर करते हुए बीजेपी विधायक अतुल भातखलकर ने बुधवार को आरोप लगाया कि परीक्षा फॉर्म में से ‘हिंदू’ विकल्प को हटा दिया गया है। बीजेपी नेता ने दावा किया कि उद्धव ठाकरे सरकार ने अगले बोर्ड परीक्षाओं के लिए जारी किए गए नए परीक्षा फॉर्मों में ‘हिंदू’ के बजाय ‘गैर-अल्पसंख्यक’ शब्द का इस्तेमाल किया है।

बीजेपी विधायक की उद्धव सरकार को चेतावनी

‘हिन्दू’ शब्द हटाये जाने से आक्रोशित भातखलकर ने उद्धव सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने डेडलाइन देते हुए कहा कि अगर अगले 24 घंटों में ‘हिंदू’ शब्द को परीक्षा फॉर्म में वापस नहीं डाला गया तो ‘पार्टी फॉर्म को जलाने के साथ-साथ राज्य भर में विरोध प्रदर्शन आयोजित करेगी।’ 

शिवसेना ने किया हिंदुत्व विचारधारा का त्याग-फडणवीस

बीजेपी नेता द्वारा लगाए गए आरोपों पर अब तक महाराष्ट्र सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इस बीच, शिवसेना के एक नेता द्वारा मुस्लिम बच्चों के लिए ‘अज़ान’ प्रतियोगिता का सुझाव देने के बाद, बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि ‘शिवसेना ने पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे द्वारा प्रस्तावित हिंदुत्व विचारधारा को त्याग दिया है और वोट बैंक की राजनीति कर रही है।’ 

छद्म धर्मनिरपेक्ष बन गई है शिवसेना-फडणवीस

नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि “शिवसेना छद्म धर्मनिरपेक्ष बन गई है, और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पार्टी के सांसद संजय राउत को इस मुद्दे पर बोलना चाहिए। ‘सामना’ (शिवसेना के मुखपत्र) में बालासाहेब ने जो अपने बयानों और लेखों में कहा था, शिवसेना ठीक उसका उलटा कर रही है।”

शिवसेना नेता ने अजान प्रतियोगिता का दिया सुझाव

शिवसेना मुंबई-दक्षिण विभागाध्यक्ष पांडुरंग सकपाल ने एक उर्दू समाचार पोर्टल को दिए साक्षात्कार में हाल ही में हिंदू रीति-रिवाजों की ‘आरती’ के साथ ‘अज़ान’ (मुस्लिम प्रार्थना का आह्वान) को पसंद किया और सुझाव दिया कि मुस्लिम बच्चों के लिए ‘अज़ान’ बोलने की प्रतियोगिता आयोजित की जानी चाहिए। इसपर फडणवीस ने कहा, “हमने कभी भी मुसलमानों को वोट बैंक नहीं माना है और तुष्टिकरण की नीति नहीं चाहते हैं। मुसलमान ‘सबका साथ सबका विकास’ का हिस्सा हैं। लेकिन, शिवसेना वोट बैंक की राजनीति कर रही है।”

उद्धव सरकार किस हद तक हिंदू विरोधी है, आइए देखते हैं
महाराष्ट्र में सरकार बदलते ही हिन्दू विरोधियों के हौसले बुलंद हो गए। उन्हें ना तो कानून का डर है ना पुलिस का। राज्य में हिन्दुओं पर लगातार हमले हो रहे हैं, लेकिन कुर्सी बचाने के चक्कर में उद्धव ठाकरे की सरकार तुष्टिकरण में जुटी हुई है। औरंगाबाद के एक आश्रम में संत प्रियशरण महाराज और  पालघर में जिस तरह पुलिस की मौजूदगी में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की मॉब लिंचिंग की गई, उससे राज्य के हिंदुओं में दहशत का माहौल है।
औरंगाबाद में संत की मॉब लिंचिंग की कोशिश

12 नवंबर, 2020 को औरंगाबाद में चौक परिसर के लाडसावंगी मार्ग पर स्थित एक आश्रम में संत प्रियशरण महाराज की मॉब लिंचिंग की कोशिश की गई। रात में सात-आठ की संख्या में आए हमलावर आश्रम के दरवाजे की कड़ी को तोड़कर अंदर घुसे। इसके बाद वहां मौजूद एक महिला से महाराज का पता पूछा। प्रियशरण महाराज को सामने पाते ही हमलावरों ने मारपीट शुरू कर दी। हमलावरों ने महाराज के कंधे पर चाकू से हमला किया। इस हमले में महाराज घायल हो गए। महाराज को बाद में निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

पालघर में साधुओं की मॉब लिंचिग: 16 अप्रैल, 2020
पालघर में पुलिस के सामने जूना अखाड़ा के दो साधुओं कल्पवृक्ष गिरि महाराज और सुशील गिरी महाराज को पीट-पीटकर मार दिया गया। जूना अखाड़े के दोनों साधु अपने ड्राइवर के साथ मुंबई से गुजरात के सूरत में अपने साथी गुरुभाई के अंतिम संस्कार के लिए जा रहे थे। दोनो साधुओं को ही उनका अंतिम संस्कार करना था, लेकिन जब इनकी गाड़ी महाराष्ट्र-गुजरात बॉर्डर के पास पालघर इलाके में पहुंची तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इसके कुछ देर बाद आदिवासी बहुल इस इलाके में एक खास समुदाय के सैकड़ों लोगों की भीड़ ने लाठी-डंडे और इंट-पत्थरों से इनपर हमला कर दिया। हैरानी की बात यह है कि महाराष्ट्र पुलिस मूकदर्शक बन सारा तमाशा देखती रही। साधु पुलिस के सामने गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन पुलिसवालों ने उन्हें भीड़ के हवाले कर दिया।


नांदेड़ में साधु-सेवक की बेरहमी से हत्या: 23 मई, 2020
नांदेड़ के आश्रम में 23 मई की रात रुद्र पशुपति महाराज और उनके सेवक की हत्या कर दी गई। साधु का शव आश्रम में मिला, जबकि उनकी सेवा करने वाले सेवादार का शव आश्रम से कुछ दूर पर पड़ा मिला। सुबह ज​ब शिष्यों ने उन्हें आश्रम में मृत देखा तो तुरंत पुलिस को सूचना दी।

शिवसेना अब मुस्लिमों की पार्टी बन चुकी है। उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे अब हिन्दू विरोध की राजनीति कर रहे हैं। जो घटनाएं सामने आ रही हैं, उससे यही बात साबित होती है कि शिवसेना इस्लामिक पार्टी बन चुकी है। आप भी देखिए-

*मुंबई में फ्री कश्मीर का समर्थन- 5 जनवरी 2019 को गेटवे ऑफ इंडिया पर टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोग जेएनयू के समर्थन में बैठे थे और फ्री कश्मीर का पोस्टर-बैनर लहरा रहे थे। खास बात यह रही कि शिवसेना सांसद संजय राउत ने इसका समर्थन किया।

*जेएनयू हिंसा की तुलना 26/11 से– हिंदुत्व का चोला उतार चुके महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जेएनयू हिंसा की तुलना कांग्रेस राज में देश में हुए सबसे बड़े आतंकी हमले 26/11 से की।

* जमाते इस्लामी की पिछलग्गू बनी शिवसेना- शिवसेना प्रमुख रहे बाला ठाकरे जिस मुस्लिम तुष्टिकरण के खिलाफ हमेशा हुंकार भरते थे  अब शिवसेना सत्ता के लिए उसी के गोद में जाकर बैठी हुई है। उसी पार्टी के सांसद संजय राउत अब जमात-ए-इस्लामी के कार्यक्रम में शामिल होकर बाल ठाकरे का नया नारा गढ़ रहे हैं।

* हिंदू अल्पसंख्यकों का विरोध- शिवसेना ने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर हिंदू विरोधी चेहरा दिखाया।

* वीर सावरकर के अपमान पर चुप्पी- वीर सावरकर के नाम पर वोट मांगने वाली शिवसेना ने राहुल गांधी के सावरकर विरोध वाले बयान पर चुप्पी साध ली।

* वंदे मातरम कराया बंद- विधानसभा सत्र के शुरुआत में वंदे मातरम पर लगाई रोक

 

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