संयुक्त अरब अमीरात के राजदूत अहमद अल बन्ना ने कहा है कि उनके देश ने केरल को आर्थिक सहायता के लिए किसी रकम की कोई घोषणा नहीं की है। इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार, इस बात के एलान के साथ ही विरोधी दलों और मीडिया के एक वर्ग का नकारात्मक चेहरा एक बार फिर सामने आ गया है। केरल के सीएम और मीडिया के एक बड़े वर्ग का यह दावा झूठ साबित हो गया है कि UAE सरकार ने 700 करोड़ की मदद की पेशकश की है। इससे साथ ही यह खबर भी झूठी साबित हुई कि मोदी सरकार ने उसे लेने से इनकार कर दिया है।
UAE Ambassador Ahmed Albanna said that there has been no official announcement so far by the UAE on any specific amount as financial aid… So we have been having a national debate on 700 cr, when there is not even an offer on the table! #KeralaFloodRelief https://t.co/NiI8YQCXUw
— Amit Malviya (@amitmalviya) August 24, 2018
दरअसल मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए बड़े स्तर पर साजिशें रची जा रही हैं। हाल में यह ट्रेंड देखा जा रहा है कि भारतीय मीडिया में आजकल ऐसी खबरें सुर्खियां बना दी जा रही हैं जो अंतरराष्ट्रीय स्तर से बिना किसी तथ्यों के आधार पर निकलती हैं। इसके बाद कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियां उसे मोदी सरकार से जोड़कर बदनाम करने का एक अभियान सा लेकर निकल पड़ती हैं। यूएई से आर्थिक मदद की खबर भी ऐसी ही है। आपको बता दें कि इंडिया टुडे ने एक रिपोर्ट छापी थी जिसके तहत ये कहा गया था कि यूएई ने एक कमेटी का गठन किया है जो यह देखेगी कि कैसे बाढ़ग्रस्त केरल की मदद की जा सकती है।
जाहिर है इसमें न तो किसी रकम की बात है और न ही वित्तीय मदद का कोई आश्वासन। लेकिन कांग्रेस और वामपंथ समर्थित ‘डर्टी ट्रिक गैंग’ ने इसी आधार पर फेक न्यूज फैला दिया ताकि मोदी सरकार बदनाम हो।
आइये हम उन खबरों पर नजर डालते हैं जब मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए प्लांट किया गया और फिर फैलाया गया।
”स्विस बैंक में भारतीय लोगों के कालेधन में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।‘’ 29 जून को भारत के सभी न्यूज वेबसाइट्स, अखबारों और टीवी चैनलों ने खूब दिखाया। हालांकि जब इस खबर को तथ्यों के आईने में पड़ताल की गई तो साफ जाहिर हो गया कि यह एक ‘प्लांटेड’ खबर है और योजनाबद्ध तरीके से मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए फैलाई जा रही है।
दरअसल वर्ष 2006 में कांग्रेस की सरकार में यह रकम 23 हजार करोड़ थी। इस रकम में 2011 में 12 प्रतिशत और 2013 में 43 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। लेकिन मोदी सरकार की सख्ती के कारण 2016 में यह घटकर 4500 करोड़ ही रह गई। यानि इसमें 80 प्रतिशत की कमी आई थी। साफ है कि 2017 में इसमें महज 2500 करोड़ रुपये की वृद्धि ही हुई है, वह भी भारत और स्विटजरलैंड के बीच हुए पारदर्शिता के समझौते के बाद। यानि साफ है कि यह काला धन नहीं बल्कि सफेद धन है जिसका हिसाब-किताब साफ-साफ बताया जा रहा है। जाहिर है यह यूपीए सरकार की तुलना में अब भी 70 प्रतिशत कम है।
प्लांटेड खबर : भारत महिलाओं के लिए दुनिया का सबसे खतरनाक देश
मामले की सच्चाई : ‘थॉमसन रॉयटर्स’ द्वारा किए गए सर्वे में भारत को महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित देश बताया गया। यह दावा एक ओपिनियन पोल पर आधारित है न कि किसी रिपोर्ट या डेटा पर। इस सर्वे में सिर्फ 6 सवाल पूछे गए और इसमें केवल 548 लोग शामिल थे जिन्हें ‘थॉमसन रॉयटर्स’ द्वारा महिलाओं के मुद्दों से जुड़े एक्सपर्ट्स बताया गया है। 130 करोड़ लोगों के देश में 548 लोगों के सर्वे के आधार पर कोई राय बनाना और उसे प्रचारित करना साजिश नहीं तो और क्या है?
प्लांटेड खबर : UN ने कहा कश्मीर में हो रहा मानवाधिकारों का उल्लंघन
मामले की सच्चाई : कांग्रेस और वामपंथी दलों ने यूएन मानवाधिकार आयोग के उच्चायुक्त जेन बिन राद अल-हुसैन की उस रिपोर्ट को ताकत देने की कोशिश की जिसमें भारत पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाए गए। हालांकि सच्चाई यह है अल राद हुसैन का पाकिस्तान और ISI से से रिश्ता है और रिपोर्ट प्रकाशित होने बाद उन्हों्ने जेनेवा में हुर्रियत और कश्मीॉर के अलगाववादी नेताओं से मुलाकात की थी। इस रिपोर्ट के बाद अमेरिका भी यूएन मानवाधिकार परिषद पर पक्षपाती, बेशर्म और पाखंडी होने का आरोप लगाते हुए संगठन से बाहर निकल आया है। इस आयोग के सदस्य कई देशों ने रिपोर्ट यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि यह ‘झूठी’ है।
प्लांटेड खबर : पत्नी हिंदू और पति मुस्लिम होने से नहीं बनाया पासपोर्ट
मामले की सच्चाई : तन्वी सेठ ऊर्फ सादिया अनस पासपोर्ट मामले में हिंदू-मुसलिम नफरत की फेक स्टोरी चलाई गई। जबकि सच यह है कि गलत जानकारी देने के कारण तन्वी सेठ का पासपोर्ट रद्द किया जा चुका है और 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। गौरतलब है कि तन्वी सेठ के पासपोर्ट अप्लीकेशन पर तन्वी सेठ नाम था, जबकि वोटर आईडी पर तन्वी अनस, आधार कार्ड पर तन्वी अनस सिद्दीकी और निकाहनामा पर सादिया अनस सिद्दीकी था।
प्लांटेड खबर : रिश्तों में खटास, अमेरिका ने भारत से टाली टू प्लस टू बैठक
मामले की सच्चाई : चीन और अमेरिका के बीच चल रहे ट्रेड वार के बीच अमेरिका भारत पर दबाव बनाना चाहता है, लेकिन मोदी सरकार उस दबाव में नहीं आ रही है। अमेरिका ईरान से तेल खरीदने के लिए भारत को मना कर रहा है, भारत पर यह दबाव डाला जा रहा है कि वह रूस से मिसाइल डिफेंस प्रणाली की डिफेंस डील खत्म करे और अमेरिका से खरीदे। वह यह भी चाहता है कि भारत चीन से अपने व्यापारिक रिश्तों में भी कमी लाए, लेकिन देशहित में मोदी सरकार ने साफ मना कर दिया है।
प्लांटेड खबर : दलित होने के कारण राष्ट्रपति का अपमान किया
मामले की सच्चाई : मीडिया के एक धड़े ने यह खबर फैलाई कि राष्ट्रपति भवन ने मंदिर प्रशासन को पत्र लिख कर आरोप लगाया है कि मंदिर के गर्भगृह के बाहर पुजारियों ने गलत व्यवहार किया था। हालांकि इस खबर में सत्यता नहीं है, क्योंकि न तो राष्ट्रपति भवन ने राज्य सरकार या मंदिर प्रबंधन को कोई पत्र लिखा है और न ही उन्होंने बदसलूकी के कोई आरोप ही लगाए हैं। यह खबर अवश्य है कि कुछ लोगों ने सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के करीब जाने की कोशिश की थी।