कोरोना संकट के बीच पंजाब कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। जहां मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को टीककरण अभियान और लोगों की सुरक्षा पर ध्यान देना था, वहीं वो अपनी कुर्सी बचाने में लगे हैं। पंजाब कंग्रेस में पोस्टर वार शुरू होने से अंतर्कलह अब सड़कों पर आ चुका है। नवजोत सिंह सिद्धू के दो साल पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह के बारे में दिए गए चर्चित बयान ‘कौन कैप्टन’ का जवाब अब ‘कैप्टन एक ही होता है’ से दिया जा रहा है। इसी बीच बढ़ते विवाद को थामने के लिए दिल्ली में गुटबाजी को सुलझाने के लिए गठित पैनल की बैठक हो रही है।
Delhi: Congress panel members, constituted to resolve factionalism in Punjab Congress, arrive at 15 GRG war room for a meeting. pic.twitter.com/HYVldcFVs7
— ANI (@ANI) June 9, 2021
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच शुरू हुआ टकराव अब बड़ा रूप लेता जा रहा है। पार्टी को डर है कि विवाद को जल्द नहीं सुलझाया गया, तो अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी को सत्ता में बने रहने के लिए एकजुट होकर काम करने की जरूरत है, लेकिन कांग्रेस पार्टी की पंजाब इकाई राजनीतिक ध्रुवों में बंटती दिख रही है।
पंजाब के कांग्रेस नेताओं में अंतर्कलह को शांत करने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने तीन सदस्यीय केंद्रीय कमेटी का गठन किया था। इसमें पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत, जयप्रकाश अग्रवाल और मल्लिकार्जुन खडगे शामिल हैं। कांग्रेस की केंद्रीय कमेटी के सदस्यों ने चार दिनों तक पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू सहित विधायकों, सांसदों और मंत्रियों से अलग-अलग बातचीत की। कमेटी आज अपनी रिपोर्ट कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप सकती हैं।
सूत्रों ने कहा कि क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू का भाग्य अभी भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन संकेत मिल रहे हैं कि अमरिंदर के विरोध के बावजूद पंजाब कैबिनेट में उपमुख्यमंत्री पद के लिए उनकी सिफारिश की जा सकती है। 2015 की बेअदबी मामले सहित विभिन्न मुद्दों पर अमरिंदर सिंह पर निशाना साधने वाले असंतुष्ट कांग्रेस नेता सिद्धू ने भी कांग्रेस पैनल से मुलाकात की और अपने विचार रखे। उन्होंने जोर देकर कहा था कि हर पंजाबी को पंजाब की प्रगति में एक हिस्सेदार बनाया जाना चाहिए।
नवजोत सिद्धू को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के संकेत के साथ ही कांग्रेस में खलबली मची हुई है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री के समर्थकों ने राज्य के सड़कों व गलियों में होर्डिंग व पोस्टर लगाने शुरू कर दिए है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री के करीबियों ने अब फील्ड में ही यह माहौल बनाना शुरू कर दिया है कि 2022 का चुनाव मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के ही नेतृत्व में लड़ा जाएगा।
राज्य में विभिन्न सड़कों पर कांग्रेस नेताओं की ओर से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पक्ष में होर्डिंग व बैनर लग रहे हैं। इनमें लिखा जा रहा है ‘कैप्टन एक ही होता है।’ राज्य की सड़कों पर लगे होर्डिंग पार्टी हाईकमान को कहीं न कहीं यह इशारा कर रहे हैं कि अगर इस समय अनुकूल फैसला न लिया गया तो उच्च स्तर के नेताओं के बीच चल रही लड़ाई जिला स्तर तक पहुंच सकती है।
गौरतलब है कि पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू का झगड़ा पुराना है। सिद्धू किसी न किसी मुद्दे पर मुख्यमंत्री को घेरते रहे हैं। इस बार पार्टी के कई दूसरे नेता भी खुलकर सिद्धू की हिमायत कर रहे हैं। इससे पार्टी की चिंता बढ़ गई है। राज्य में कांग्रेस के करीब 40 विधायकों (पंजाब विधानसभा में पार्टी के कुल का आधा) ने कांग्रेस आलाकमान को बताया कि जमीन पर सब कुछ ठीक नहीं है। लोग अमरिंदर सिंह सरकार से नाखुश हैं। राज्य सरकार में बेअदबी और फायरिंग मामले को हैंडल करने में नाकाम रही और ड्रग माफिया पर लगाम लगाने में असमर्थ साबित हुई है।