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Year Ender 2022 : इस साल PM Modi ने वह कर दिखाया जो कोई सोच भी न पाया…नामीबिया के चीतों से लेकर अंतरिक्ष में छलांग, इकोनॉमी में ब्रिटेन को पछाड़ने से G20 की अध्यक्षता तक दुनिया को चमत्कृत करने वाली TOP-10 उपलब्धियां

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के देश-दुनिया में करोड़ों फैन यूं ही नहीं है। दरअसल, पीएम मोदी ऐसे अनौखे और अद्भुत काम करके मिसाल पेश करते हैं, जिनके बारे में कोई और राजनेता दूर-दूर तक सोच भी नहीं पाते। पीएम मोदी की काबिलियत के चलते ही इस गुजरते साल में भी भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई ऐसी उपलब्धियां हासिल कीं हैं, जिनसे हर भारतीय का सीना गर्व से 56 इंची चौड़ा हो जाता है। भारतीयों का सीना गर्व से चौड़ा हो भी क्यो ना, यह उपलब्धियां हैं ही ऐसी, जिन्होंने हमारे हिंदुस्तान की धाक पूरी दुनिया में जमाई है। एक ही साल में जी20, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और शंघाई सहयोग संगठन जैसे तीन-तीन बड़े अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की अध्यक्षता मिलना बताता है कि भारत ने अपनी ताकत का लोहा पूरी दुनिया को मनवा दिया है। यही नहीं इसी साल नामीबिया से चीते लाकर, अंतरिक्ष के क्षेत्र में छलांग लगाकर और दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का तमगा हासिल करते भारत ने दुनियाभर के देशों को चमत्कृत कर दिया है। इसके साथ साफ संदेश दिया है कि भारत विकसित राष्ट्र बनने की डगर पर तेजी से दौड़ रहा है।1. दुनिया के 20 सबसे ताकतवर देशों के संगठन G20 की अध्यक्षता भारत को मिली
भारत को दुनिया के 20 सबसे ताकतवर देशों के संगठन G20 की अध्यक्षता इसी साल मिली। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने 16 नवंबर, 2022 को आधिकारिक तौर पर जी-20 की अध्यक्षता भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सौंपी। इसके बाद 1 दिसंबर, 2022 को भारत औपचारिक रूप से जी-20 का अध्यक्ष बन गया। गौरतलब है कि जी-20 का अगला सम्मेलन सितंबर, 2023 में नई दिल्ली में होगा। जी-20 की अध्यक्षता मिलना भारत के लिए बेहद गर्व की बात है। इस संगठन की अध्यक्षता से जहां ग्लोबल फोरम में भारत का कद बढ़ेगा, वहीं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके कई फायदे होंगे। पीएम मोदी ने देश के 56 शहरों में इसके वृहद आयोजन कराने की रूपरेखा बनाई है। पीएम मोदी के पंच प्राण में से एक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य की दिशा में भी इससे और तेजी से आगे बढ़ेगा।2. पीएम मोदी की आर्थिक नीतियों के चलते दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना भारत
कोरोना महामारी के बाद जबकि विश्व के बड़े-बड़े देशों की अर्थव्यवस्था धराशायी हो रही है। ऐसे में पीएम मोदी के विजन और दूरदृष्टि सोच के चलते भारत की अर्थ व्यवस्था में और तेजी आ रही है। इसी का सुफल है कि 2022 में भारत ने ब्रिटेन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का गौरव हासिल कर लिया। इसी साल मार्च की तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 854.7 बिलियन डॉलर के साथ दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई। वहीं ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 816 अरब डॉलर के साथ छठे नंबर पर पहुंच गई। भारत की इस सफलता के पीछे मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों का बड़ा योगदान रहा। अर्थशास्त्रियों का पीएम मोदी की आर्थिक नीतियों के चलते 2026-27 तक जर्मनी को पीछे छोड़कर भारत दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। अर्थव्यवस्था के लिहाज से फिलहाल अमेरिका, चीन, जापान, जर्मनी और भारत दुनिया के टॉप-5 देशों में शामिल हैं।3. यूनएससी के अस्थायी सदस्य भारत को UNSC की अध्यक्षता मिली
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद दुनिया में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए यूनाइटेड नेशंस (UN) की स्थापना हुई। यूनाइटेड नेशंस के 6 प्रमुख अंग हैं, जिनमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) भी एक है। साल 2022 में भारत को UNSC की भी अध्यक्षता मिली। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत अपने दो साल के कार्यकाल में दिसंबर, 2022 में दूसरी बार अध्यक्ष बना। भारत ने 1 दिसंबर 2022 से यूएनएससी (UNSC) का अध्यक्ष रहेगा। गौरतलब है कि फिलहाल भारत यूनएससी का अस्थायी सदस्य है। भारत ने जनवरी, 2021 में UNSC के एक अस्थायी सदस्य के रूप में अपना दो साल का कार्यकाल शुरू किया है। UNSC में यह भारत का आठवां कार्यकाल था। UNSC की अध्यक्षता हर महीने बदलती रहती है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 5 स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य होते हैं। अस्थायी सदस्यों का चुनाव हर 2 साल के बाद होता है।4. अंतरिक्ष में भारत की नई उड़ान: इसरो ने देश का पहला प्राइवेट रॉकेट ‘विक्रम-एस’ लॉन्च किया
अंतरिक्ष के क्षेत्र के लिए यह साल भारत के लिए स्वर्णिम रहा। भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक लंबी छलांग लगाते हुए दुनियाभर में एक अलग मुकाम बनाया। इस साल नवंबर में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने देश का पहला प्राइवेट रॉकेट ‘विक्रम-एस’ लॉन्च किया। विक्रम-एस रॉकेट का नाम भारत के मशहूर वैज्ञानिक और इसरो के संस्थापक डॉ. विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है। हैदराबाद के स्पेस स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस द्वारा बनाए गए इस प्राइवेट रॉकेट को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के आंध्र प्रदेश स्थित श्रीहरिकोटा लॉन्च पैड से छोड़ा गया। इस लॉन्चिंग के बाद भारत अमेरिका, रूस, जापान, चीन और फ्रांस जैसे देशों के क्लब में शामिल हो गया। अभी तक यह देश ही प्राइवेट कंपनियों के रॉकेट को स्पेस में भेजते हैं। इस रॉकेट ने 3 सैटलाइट्स को उनकी कक्षा में स्थापित किया गया।5. आतंकवाद का हल और विकास को बढ़ाने के लिए शंघाई सहयोग संगठन की अध्यक्षता
भारत को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की अध्यक्षता 16 सितंबर, 2022 को मिली है। सितंबर-22 में उज्‍बेकिस्‍तान ने समरकंद में SCO की कमान भारत के हाथ में सौंपी। भारत 2023 तक इसका अध्यक्ष बना रहेगा। गौरतलब है कि 2001 में बने SCO के 8 पूर्णकालिक मेंबर हैं। इस संगठन के सदस्यों में भारत के अलावा चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और पाकिस्तान जैसे 8 देश शामिल हैं। इसके अलावा ईरान, अफगानिस्तान, बेलारूस और मंगोलिया 4 पर्यवेक्षक देश हैं। शंघाई सहयोग संगठना का शिखर सम्मेलन हर साल आयोजित किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही सीमा मुद्दों को हल करना, आतंकवाद का हल और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना है।6. ऑस्ट्रेलिया-भारत में मुक्त व्यापार समझौता: देश के 6,000 प्रोडक्ट्स को फायदा
ऑस्ट्रेलियाई संसद ने भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) यानी मुक्त व्यापार समझौते को इस साल 22 नवंबर को मंजूरी दी। इससे भारत-ऑस्ट्रेलिया के संबंध और ज्यादा मजबूत होंगे। भारत व ऑस्ट्रेलिया के बीच एफटीए के पूरी तरह से लागू होने के बाद ऑस्ट्रेलिया को भारत का 96% निर्यात और भारत को ऑस्ट्रेलिया का 85% निर्यात ड्यूटी फ्री हो जाएगा। FTA लागू होने के बाद जिन दो देशों के बीच में यह समझौता किया जाता है, उनकी उत्पादन लागत बाकी देशों की तुलना में काफी सस्ती हो जाती है। यही वजह है कि दुनिया भर के कई देश आपस में मुक्त व्यापार समझौते की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं। एफटीए लागू होने के बाद कपड़ा, चमड़ा, फर्नीचर, आभूषण और मशीनरी सहित भारत के 6,000 से ज्यादा प्रोडक्ट्स को ऑस्ट्रेलियाई बाजार में शुल्क मुक्त पहुंच मिलेगी।7. भारत में UNSC-CTC की बैठक : आतंकवाद की खुलकर खिलाफत पर जोर
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद निरोधी समिति (UNSC-CTC) की दो दिवसीय विशेष बैठक भारत में हुई। यह बैठक 28 अक्टूबर को मुंबई और 29 अक्टूबर को नई दिल्ली में हुई। 2015 के बाद से ये पहला मौका था, जब संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक समिति (सीटीसी) की बैठक न्यूयॉर्क स्थित मुख्यालय के बाहर भारत में आयोजित की गई। आतंकवाद के खिलाफ भविष्य की रणनीति तैयार करने के लिए भारत को मेजबानी मिलना अपने आप में एक बड़ी कामयाबी है। बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि समाज को अस्थिर करने के उद्देश्य से प्रचार, कट्टरता और षड्यंत्र के सिद्धांतों को फैलाने के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आतंकवादियों और आतंकवादी समूहों के टूलकिट में शक्तिशाली उपकरण बन रहे हैं।8. पीएम के प्रयासों से नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क आए आठ चीते
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से देश में करीब 70 साल बाद विदेशी सरजमीं नामीबिया से 8 चीतों को इसी साल भारत लाया गया। जब से ये 8 चीते नामीबिया से मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क लाए गए हैं, लोगों में इन्हें देखने की उत्सुकता बढ़ गई है। हर कोई इन चीतों को एक बार दीदार करना चाहता है। यही नहीं देश में चीतों की आबादी बढ़े इसके लिए भी कोशिशें जारी हैं। इसी बीच कूनो से ऐसी खबरें भी आईं कि ‘आशा’ नाम की मादा चीता के गर्भवती है। नामीबिया से आए 8 चीतों में 3 मादा चीता हैं। इनमें से एक ‘आशा’ भी शामिल है। यदि ‘आशा’ से गुड न्यूज मिलती है तो सात दशक के बाद भारत की सरजमीं पर किसी चीते का जन्म होगा। वन अधिकारियों में उम्मीद जगी है कि इससे जल्द चीतों की आबादी देश में बढ़ेगी। नामीबिया से चीतों को भारत लाने में भूमिका निभाने वाले चीता संरक्षण कोष के प्रमुख लॉरी मार्कर ने भी ऐसे संकेत दिए हैं कि यह भारत के लिए दोहरे उपहार की तरह है।9. तमाम चुनौतियों के बावजूद स्टार्टअप यूनिकॉर्न में भारत ने चीन को पीछे छोड़ा
कोरोना लहर, मंदी की आशंका और तमाम चुनौतियों को पीछे छोड़कर भारत ने इस साल जनवरी-जुलाई के बीच स्टार्टअप यूनिकॉर्न के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया। जनवरी से जुलाई के बीच भारत में 14 स्टार्टअप यूनिकॉर्न बने, जबकि वहीं चीन में केवल 11 स्टार्टअप यूनिकॉर्न बने। स्टार्टअप यूनिकॉर्न एक अरब डॉलर से ज्यादा मूल्यांकन वाले स्टार्टअप को कहा जाता है। भारत में 108 यूनिकॉर्न हैं और इसमें भारत ने दुनियाभर में तीसरा स्थान हासिल किया है। ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (जीआईआई) 2022 में भारत की रैंकिंग 40वें स्थान पर पहुंच गई है। यही रैंकिंग साल 2015 में 81वें स्थान पर थी। इंडेक्स के अनुसार भारत में स्टार्टअप के लिए बेहतर माहौल तैयार करने को लेकर काफी सुधार हुए हैं। जीआईआई की पिछली रिपोर्ट से भारत ने दो पायदान की छलांग लगाई है।10. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से भी बड़े महाकाल लोक को पीएम ने किया लोकार्पित
पीएम मोदी का सनातन आस्था और हिंदू धर्म-संस्कृति से गहरा जुड़ाव है। पिछले साल उन्होंने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण किया था और इस साल उससे भी बड़े महाकाल लोक को उज्जैन में लोकार्पित किया। इस विस्तार से पहले मंदिर परिसर का क्षेत्रफल 2.82 हेक्टेयर था, जो अब बढ़कर 20.23 हेक्टेयर हो गया है। महाकाल लोक में 900 मीटर लंबी और 25 फीट ऊंची लाल पत्थर की दीवारों पर शिव महापुराण में उल्लेखित घटनाओं को भित्ति चित्र के रूप में चित्रित किया है। कमल कुंड, पंचमुखी शिव स्तंभ, सप्त ऋषि, त्रिवेणी मंडपम में बनकर तैयार हुआ है। महाकाल लोक’ प्रोजेक्ट के तहत महाकाल कॉरिडोर का विकास किया जा रहा है। 856 करोड़ रुपए की लागत से दो चरणों में यह प्रोजेक्ट पूरा होगा। इसके बाद महाकाल परिसर 47 हेक्टेयर का हो जाएगा। इसमें 946 मीटर लंबा कॉरिडोर है, जहां से श्रद्धालु गर्भगृह पहुंचेंगे। पहले चरण का लोकार्पण इस साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री मोदी ने किया।

 

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