देश में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में करीब 1.5 लाख भारतीयों की मौत होती है। छोटी-छोटी लापरवाहियों और जल्दबाजी से होने वाली इन मौतों को रोका जा सकता है, इसके लिए ऐसे सख्त नियमों की जरूरत है जिसे तोड़ने के विचार से हर भारतीय के मन में भय उत्पन्न हो। ऐसे ही सख्त नियमों को लागू करने की तैयारी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के महज पचास दिनों के अंदर कर ली है।
क्यों बनाना पड़ा नया कानून-
केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में मोटर व्हीकल अमेंडमेंट बिल पेश किया है, यह विधेयक संसद से जल्द ही पारित हो जाएगा। संशोधित होकर बनने वाले नये कानून से सड़कों पर तेज वाहन चलाने, रेड लाइट तोड़ने, शराब पीकर गाड़ी चलाने, बिना सीट बेल्ट पहने गाड़ी चलाने आदि के लिए जुर्माने की रकम इतनी अधिक कर दी गई है कि अपराधी प्रवृति के व्यक्ति भी ऐसा सपने में करने से बचेंगे। अब उन मां-बाप को भी जेल जाना पड़ेगा जो अपने नाबालिग बच्चे को गाड़ी चलाने के लिए दे देते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने उन भ्रष्ट ठेकेदारों को भी नहीं बख्शा है जिनके खराब कामों की वजह से सड़कों पर गड्डे बनते हैं और उसकी वजह से दुर्घटना होती है और लोगों की मौत हो जाती है। अब ऐसे ठेकेदारों को जेल की सजा मिलेगी। इस कानून के जरिए देश में फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस पर भी लगाम लगेगी, ऐसा माना जाता है कि देश में इस वक्त लगभग 30 प्रतिशत ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी हैं।
कानून से दुर्घटनाओं में कमी होगी
हम आपको बताते हैं कि इस नये कानून से लोग क्यों डरेंगें-
(1) सीटबेल्ट या हेलमेट नहीं पहनने पर वर्तमान में लिया जाने वाला जुर्माना 100 रुपये से बढ़कर 1,000 रुपये हो जाएगा।
(2) तेज गति से गाड़ी चलाने पर लगने वाला मौजूदा जुर्माना 500 रुपये से बढ़कर 5,000 रुपये हो जाएगा।
(3) शराब पीकर गाड़ी चलाने पर जुर्माना 2,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया जाएगा।
(4) आपातकालीन सेवाओं के लिए रास्ता नहीं देने पर 10,000 रुपये लिया जाएगा।
(5) देश में कुल ड्राइविंग लाइसेंस में से 30 फीसदी को फर्जी बताया है।
(6) ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण के लिए आवेदन करने के लिए आधार संख्या का उपयोग अनिवार्य होगा।
(7) वर्तमान में, ड्राइविंग लाइसेंस 20 साल के लिए वैध है लेकिन नए कानून के तहत यह 10 साल के लिए ही वैध होगा।
(8) 55 साल की उम्र के बाद अपने लाइसेंस का नवीनीकरण कराने वाले लोगों की वैधता केवल पांच साल होगी।
(9) लाइसेंस की समय सीमा समाप्त होने के बाद एक साल तक रिन्यू किया जा सकता है।
(10) भारत की राज्य सरकारें केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के आधार पर एग्रीगेटर्स को लाइसेंस प्रदान करेंगी।
(11) एग्रीगेटर्स को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 का अनुपालन करना भी आवश्यक होगा।
(12) सड़क हादसे में मारे गए लोगों की मुआवजा राशि 5 लाख और गंभीर रूप से घायलों की 2.5 लाख की गई है।
(13) सड़क के गड्ढों और उनके रखरखाव की चूक से होने वाली दुर्घटना के लिए ठेकेदार पर कार्रवाई की जाएगी।
(14) अगर कोई नाबालिग गाड़ी चलाते हुए पकड़ा जाता है तो गाड़ी मालिक या उसके परेंट को दोषी माना जाएगा। इसके लिए 25,000 का जुर्माना या 3 साल की सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही गाड़ी का रजिस्ट्रेशन भी रद्द किया जा सकता है।