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कांग्रेस में हिन्दुत्व को बदनाम करने की लगी है होड़, अब राहुल गांधी ने कर दिया हिन्दू और हिन्दुत्व में बंटवारा

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इस समय कांग्रेस पार्टी के नेताओं में हिन्दू और हिन्दुत्व को बदनाम करने की प्रतियोगिता चल रही है। इसमें हर नेता एक दूसरे से आगे निकलने की कोशिश में हिन्दू और हिन्दुत्व के खिलाफ अधिक से अधिक जहर उगलने में लगा है। सलमान खुर्शीद और राशिद अल्वी के विवादित बयान से उठा तूफान अभी शांत भी नहीं हुआ था कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने हिन्दुत्व के खिलाफ जहरीला बयान देकर इस तूफान को और प्रचंड बना दिया है। राहुल गांधी ने कांग्रेस की पुरानी ‘बांटो और राज करो’ की नीति का पालन करते हुए हिन्दू और हिन्दुत्व को ही विभाजित कर दिया है।

कांग्रेस संगठन की ट्रेनिंग के राष्‍ट्रीय कार्यक्रम में राहुल ने पार्टी कार्यकर्ताओं को हिंदू धर्म और हिंदुत्‍व का फर्क समझाया। राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान में 2 विचारधाराएं हैं, एक कांग्रेस पार्टी की विचारधारा और एक आरएसएस की विचारधारा। हमें यह बात माननी पड़ेगी कि आज के हिंदुस्तान में बीजेपी-आरएसएस ने नफरत फैला दिया है, और कांग्रेस की विचारधारा जो जोड़ने की, भाईचारे की और प्यार की विचारधारा है, उसको बीजेपी की नफरतभरी विचारधारा ने ओवरशैडो कर दिया है। मिटाया नहीं है हटाया नहीं लेकिन उनका प्रोपेगेशन हमारे प्रोपेगेशन से ज्यादा है। उनके हाथ में लाउडस्पीकर है। मशीनरी है।

राहुल गांधी ने आगे कहा कि विचारधारा की जो लड़ाई थी वो फोकस्ड नहीं थी, लेकिन आज के हिंदुस्तान में विचारधारा की लड़ाई सबसे जरुरी लड़ाई हो गई है। ये जो विचारधारा है इसको हम कांग्रेस की विचारधारा कहते हैं और यह हमसे बहुत पुरानी है। बीजेपी हिंदुत्व की बात करती है। हम कहते हैं कि हिंदू धर्म और हिंदुत्व में फर्क है। 

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि बीजेपी हिंदुत्व की बात करती है। हिंदू और हिंदुत्व में क्या फर्क है, क्या ये एक हो सकते हैं? अगर हैं तो इनका नाम क्यों एक जैसा नहीं है। ये सच में अलग हैं। क्या हिंदू धर्म में ये है कि सिख और मुस्लिम को पीटा जाए? हिंदुत्व में ये है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस शक्ति को हम शिव कहते हैं वो इसका प्रतीक थे। कबीर, गुरुनानक, महात्मा गांधी बहुत सारे लोगों ने इस विचारधारा को अपनाया, और फैलाया। उनके भी अपने आदर्श हैं और हमारे भी। 

इससे पहले कांग्रेस के ही एक और मुस्लिम नेता राशिद अल्व ने उत्तर प्रदेश के संभल में रामायण का एक प्रसंग सुनाते हुए जय श्रीराम कहने वालों की तुलना राक्षस से कर डाली। राशिद अल्वी ने कहा, “आजकल कुछ लोग जय श्री राम का नारा लगाकर देश के लोगों को गुमराह करते हैं, ऐसे लोगों से होशियार रहना चाहिए। आज जो जय श्री राम बोलते हैं, वे बिना नहाएं बोलते हैं। आज भी बहुत लोग जय श्री राम का नारा लगाते हैं, वे सब मुनि नहीं वे निसिचर घोरा है।”

इससे पहले सलमान खुर्शीद ने भी राहुल गांधी और राशिद अल्वी की तरह हिन्दू और हिन्दुत्व के प्रति अपनी नफरत को जाहिर किया था। खुर्शीद ने हाल ही में प्रकाशित अपनी एक नई किताब ‘सनराइज ओवर अयोध्या’ में हिंदुत्व की तुलना आतंकी संगठनों आईएसआईएस और बोको हराम जैसे कट्टरपंथी समूहों से की। सलमान खुर्शीद ने हिन्दू धर्म की सबसे बड़ी प्रेरणा गांधी द्वारा बताए गए सिद्धांतों को माना है। हिंदुत्व की राजनीति पर सलमान खुर्शीद का कहना है कि उनकी पार्टी में कुछ नेताओं को अल्पसंख्यक समर्थक छवि होने का पछतावा है। उनके अनुसार पार्टी का एक धड़ा पार्टी की पहचान जनेऊधारी के रूप में स्थापित करना चाहता है।

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