Home समाचार टुकड़े-टुकड़े गैंग की रस्सी जल गई पर बल नहीं गया

टुकड़े-टुकड़े गैंग की रस्सी जल गई पर बल नहीं गया

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विदेश में देश को बदनाम करने वाला गैंग हो या देश को टुकड़े-टुकड़े करने का ख्वाब देखने वाला गैंग हो सभी एक साथ 2019 के लोकसभा चुनाव में धराशायी हो गए। इन गैंगों की रस्सी तो जल गई लेकिन अभी तक बल नहीं गया है। तभी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के माध्यम से देश को बदनाम का खेल जो पहले चल रहा था उसे और आगे बढ़ाया जा रहा है।

देश को बदनाम कर रहे हैं प्रशांत भूषण
सुप्रीम कोर्ट से दलाल (पावर ब्रोकर) का तमगा पाए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने देश को बदनाम कर मोदी को अपमानित करने का अभियान जारी रखा है। 16 मई 2019 को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट यूनियन डिबेट के दौरान न केवल देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपमान किया बल्कि देश को बदनाम किया। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने उन्हीं चीजों को उठाया जिस मसले को वे देश के सुप्रीम कोर्ट में उठा चुके हैं और वहां से उन्हें मुंह की खानी पड़ी है। उन्होंने राफेल डील का मामला उठाया। यह वही मामला है जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अपील को खारिज करते हुए मोदी सरकार को क्लीन चिट दी थी। दूसरा मामला उन्होंने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा का उठाया। इस मामले में भी सुप्रीम कोर्ट सरकार के फैसले को सही ठहरा चुका है। सब को पता है कि वह चाहे राफेल डील का मामला हो या फिर सीबीआई निदेशक को हटाने का मामला हर मामले में प्रशांत भूषण की साजिश सामने आ चुकी है। कांग्रेस के साथ साजिश कर उन्होंने हमेशा देश की अस्मिता पर सवाल उठाया है। खास बात है कि उन्होंने अपना संबोधन इस नोट पर बंद किया कि देश की संवैधानिक संस्थाओं को खत्म करने के लिए मोदी सरकार को इस बार के चुनाव में जरूर जाना चाहिए। जबकि देश की जनता ने पीएम मोदी को दोबारा प्रचंड बहुमत देकर प्रशांत भूषण जैसे देश विरोधियों को करारा जवाब दे दिया है।

इतनी बड़ी हार के लिए कांग्रेस जिम्मेदार नहीं योगेंद्र यादव
राष्ट्रीयता का मसला हो या फिर विकास का एजेंडा, इस चुनाव में देश की जनता ने पीएम मोदी को इन्हीं मुद्दों पर अपना अपार समर्थन दिया है। एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर भारतीय जनता पार्टी के साथ पूरे एनडीए को प्रचंड बहुमत मिला है, वहीं पूरे देश में कांग्रेस की दूसरी बार इतनी दुर्गति हुई है। 17 प्रदेशों में तो कांग्रेस का खाता ही नहीं खुला है। इसके बाद भी स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव कांग्रेस की असफलता नहीं मानते। उनका कहना है कि भाजपा को मिली इतनी बड़ी जीत का मतलब यह नहीं है कि उसकी पूजा शुरू हो जाए। उन्होंने तो यहां तक कहा है कि इस चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के लिए उसे अकेले जिम्मेदार मानना सबसे बड़ी बेवकूफी होगी।

देश की जनता को दोषी ठहराने में जुटे
पीएम मोदी की दूसरी बार ताजपोशी होने के बाद ये गैंग अब उन्हें अपार समर्थन देकर सत्ता के शिखर पहुंचाने वाली देश की जनता पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। देश की जनता को नासमझ बताना शुरू कर दिया है। ये लोग देश के उन युवा वर्ग को ज्यादा कसूरवार ठहराया है जो सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। उनका कहना है कि देश के उन 60 करोड़ लोगों ने मोदी को अपना समर्थन नहीं दिया है जो सोशल मीडिया से बाहर हैं। ये लोग तथ्य भी अपने हिसाब से रखते हैं। जबकि सच्चाई यह है कि इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हर वर्ग और हर क्षेत्र के लोगों को समर्थन मिला है। वह चाहे सोशल मीडिया से जुड़े हों या नहीं।

ओछी मानसिकता दिखाते रहे हैं प्रशांत भूषण
मशहूर वकील प्रशांत भूषण लगाता अपनी ओछी मानसिकता से देश को अवगत कराते रहे हैं। हिन्दू विरोध और देश विरोध से लबालब भरी उनकी मानसिकता हमेशा सामने आती रही है। इस बार उन्होंने भगवान कृष्ण को लेकर ओछी बात कह दी है। प्रशांत भूषण ने भगवान कृष्ण को छेड़खानी करने वाला बताया है। साथ ही इस बहाने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एंटी रोमियो स्कवॉयड की तरह एंटी कृष्ण स्क्वॉयड बनाने की चुनौती दी है।

देश को बदनाम करने की प्रशांत भूषण की है पुरानी बीमारी  
प्रशांत भूषण की देश को बदनाम करने की पुरानी बीमारी है। यह वही प्रशांत भूषण है जिसने आतंकवादी याकूब मेमन की फांसी रोकने के लिए आधी रात को सुप्रीम कोर्ट खुलवा दी।
– यह वही शख्स है जिसने वाराणसी के पराड़कर भवन में कश्मीर में जनमत संग्रह कराने की वकालत की थी। मालूम हो कि जनमत संग्रह की वकालत करने की बात कहने पर भड़के लोगों ने उनकी धुनाई कर दी थी।
– यह वही प्रशांत भूषण है जिन्होंने अलीगढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान भारत माता की जय और वंदेमातरम कहने पर आपत्ति जताई थी। उनकी आपत्ति के बाद उस कार्यक्रम में नौबत मारपीट तक पहुंच गई थी।
– प्रशांत भूषण ने उत्तर प्रदेश में एंटी रोमियो स्क्वॉड पर टिप्पणी करते हुए भगवान श्रीकृष्ण की तुलना रोमियो से कर दी थी। इसके साथ ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एंटी कृष्ण स्क्वॉड बनाने की चुनौती दी थी
– प्रशांत भूषण वही शख्स है जिस पर खुद हिमाचल प्रदेश में अवैध तरीके से जमीन खरीदने और शिक्षा संस्थान चलाने का आरोप है।

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