कानपुर के बिकरू गांव में डीएसपी देवेंद्र मिश्र समेत आठ पुलिसकर्मियों को शहीद करनेवाला दुर्दांत अपराधी शुक्रवार की सुबह एनकाउंटर में मारा गया। यूपी एसटीएफ उसे लेकर उज्जैन से कानपुर आ रही थी, इस दौरान गाड़ी पलट गई और विकास दुबे ने भागने की कोशिश की। एनकाउंटर में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए। विकास दुबे का एनकाउंटर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की क्राइम के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति करार दिया जा रहा है और इसकी खूब तारीफ हो रही है। लेकिन इस एनकाउंटर से सबसे अधिक परेशान समाजवादी पार्टी है। आइए आपको बताते हैं समाजवादी पार्टी की इस परेशानी की वजह क्या है।
दरअसल विकास दुबे समाजवादी पार्टी से जुड़ा हुआ था। जैसे ही विकास दुबे के एनकाउंटर की खबर फैली समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस एनकाउंटर पर सवाल उठाने के लिए ट्विट करने में देरी नहीं की। अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गई।’
दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज़ खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 10, 2020
विकास दुबे के एनकाउंटर पर समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह ने भी सवाल उठाए। सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि एनकाउंटर करवा कर आपने अपने विधायकों और अधिकारियों को बचा लिया।
वाह @myogiadityanath जी वाह, बचा लिए अपने दो विधायकों, दो करीबी अधिकारियों समेत अन्य आस्तीन के साँपो को। पर इतना याद रहे, जनता अंधी नहीं है। https://t.co/KZ1VtcMvHY
— I.P. Singh (@IPSinghSp) July 10, 2020
कानपुर शूटआउट के बाद से ही विकास दुबे के सपा नेताओं के साथ संबंध को लेकर तथ्य सामने लगे थे। उज्जैन में यूपी रजिस्ट्रेशन वाली एक कार मिलने के बाद से सपा से उसके संबंधों को लेकर सोशल मीडिया में दावे किए गए। सोशल मीडिया में कहा गया कि विकास दुबे महाकाल मंदिर में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता मनोज यादव के नाम पर रजिस्टर्ड गाड़ी में पहुंचा था।
समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता मनोज यादव के नाम पर रजिस्टर्ड गाड़ी में पहुंचा था विकास दुबे महाकाल मंदिर में। pic.twitter.com/kQtdar2JVp pic.twitter.com/WbLrxD9Xu9
— Sanjeev kumar (@Sanjeev0968) July 9, 2020
विकास दुबे के अखिलेश यादव के विधायक सतीश निगम से भी संबंध थे। एक तस्वीर में विकास दुबे और विधायक सतीश निगम एकसाथ गहन चर्चा में दिखाई दे रहे हैं। अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे शिव कुमार बेरिया समाजवादी पार्टी के कई मंत्री विकास दुबे के घर पर आते-जाते थे।
अखिलेश यादव के विधायक सतीश निगम के साथ गहन चर्चा में विकास दुबे और अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे शिव कुमार बेरिया विकास दुबे के घर पर, समाजवादी पार्टी के कई मंत्री #VikasDubey के घर आते-जाते थे।#विकास_दुबे pic.twitter.com/umpScbtUBC
— Vikas Bhadauria (ABP News) (@vikasbha) July 8, 2020
विकास दुबे किस तरह समाजवादी पार्टी से जुड़ा हुआ था, इसका सबूत आप भी देख सकते हैं। विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे ने साल 2015 में गांव में समाजवादी पार्टी की आजीवन सदस्यता ली थी। ऋचा दुबे ने अधिकृत प्रत्याशी के लिए फॉर्म भरा था। उसने फॉर्म में सपा की सदस्यता का नंबर भी भरा।
जरा देखिए #भाजपा_आईटी_विभाग वालों ने खोज निकाला #समाजवादी_पार्टी का छुपा हुआ खजाना…?
विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे सपा की आजीवन सदस्य थी। pic.twitter.com/wo2r3v6YXh— सन्नी गुप्ता (@Sunnygupta999) July 9, 2020
ऋचा दुबे ने सपा के स्वघोषित समर्थन से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा था। विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे का एक पोस्टर इसका स्पष्ट प्रमाण है। ये पोस्टर उस वक्त का है, जब रिचा दुबे घिमऊ से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रही थीं। जिला पंचायत सदस्य पद की दावेदार रिचा दुबे को उस वक्त समाजवादी पार्टी का समर्थन प्राप्त था। उसके पोस्टर में मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की तस्वीरें भी साफ दिखाई दे रही हैं।
समाजवादी पार्टी की नेता रिचा दुबे के गैंगस्टर पति #VikashDubey उज्जैन से गिरफ्तार।
??? pic.twitter.com/Q5F6WFrL4o
— IamGroot (@IamGroo01485550) July 9, 2020
समाजवादी पार्टी के संरक्षण और विकास दुबे की दहशत का ही नतीजा था कि उसने 15 वर्षों से जिला पंचायत सदस्य का पद कब्जा रखा था। वह खुद तो जिला पंचायत था ही, साथ ही उसने अपनी पत्नी ऋचा को घिमऊ से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़वाया था। जिसमें वह जीत गई थीं। यही नहीं उसने अपने चचेरे भाई अनुराग दुबे को पंचायत सदस्य बनवाया था।