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नए कृषि सुधार कानूनों के प्रावधानों को कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में किया था शामिल, अब किसानों के साथ कर रही है वादाखिलाफी

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जनता के साथ वादाखिलाफी करना कांग्रेस की परंपरा रही है। कांग्रेस ने हमेशा वादा कर जनता के साथ धोखा किया है। आज फिर कांग्रेस किसानों से किए अपने वादे से भाग रही है। कांग्रेस ने 2019 के आम चुनाव के लिए जारी घोषणा पत्र में कृषि कानूनों में सुधार का वादा किया था। जब मोदी सरकार ने कांग्रेस के वादे की तरह नए कृषि कानूनों में प्रावधान किया है, तो कांग्रेस आज सियासी फायदे के लिए अपने ही वादे से पल्ला झाड़ते हुए किसानों को गुमराह कर रही है।

कांग्रेस ने 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले अपने घोषणा पत्र में एपीएमसी एक्ट में संशोधन का वादा किया। घोषणा पत्र के पेज नंबर 17 के प्वॉइंट नंबर 11 में एपीएमसी एक्ट का जिक्र किया गया है। इसमें साफ-साफ लिखा था, “ कांग्रेस  एपीएमसी (एग्री प्रोड्यूस मार्केटिंग कमेटी) को निरस्त कर देगी और कृषि उत्पादों के व्यापार की व्यवस्था करेगी… जिसमें निर्यात और अंतर-राज्य व्यापार भी शामिल होगा, जो सभी प्रतिबंधों से मुक्त होगा।” उनका यह घोषणा पत्र अब भी उनकी वेबसाइट पर देख सकते हैं।

घोषणा पत्र के पेज नंबर 18 के प्वॉइंट नंबर 21 में कांग्रेस ने वादा किया था कि वह आवश्यक वस्तु अधिनियम को खत्म कर उसकी जगह ईसीए 1955 के नाम से नया कानून लेकर आएगी। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए मोदी सरकार ने जून 2020 में आवश्‍यक वस्‍तु अधिनियम (Essential Commodities Act amended) में ऐतिहासिक संशोधन को मंजूरी दे दी। इसके बाद इसे संसद से पारित करवाया। यह कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाने और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक दूरदर्शी कदम है। 

कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को एपीएमसी एक्ट को लेकर दिए अपना बयान याद हो या नहीं। लेकिन आम लोगों को पता है कि 27 दिसंबर, 2013 को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि कांग्रेस शासित राज्य एपीएमसी एक्ट के तहत फलों और सब्जियों को सूची से हटा देंगे, ताकि उनके दाम कम किए जा सकें। उनके भाषण को आप आज भी देख सकते हैं। उनका यह बयान मीडिया में भी सूर्खियां बनी थीं। 

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