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ये पीएम मोदी का बदला हुआ भारत है, ‘जैसे को तैसा’ जवाब देता है, घंटों में ब्रिटेन को रास्ते पर ले आया, जवाबी ऐक्‍शन की हो रही तारीफ

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत पूरी तरह बदल चुका है। विदेशों में भारत विरोधी हर गतिविधि पर तीव्र और सख्त एक्शन लेता है। इस एक्शन का त्वरित असर भी दिखाई देता है। ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हो रहे हमले का मुद्दा खुद प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री के सामने उठाया और ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानियों के खिलाफ एक्शन शुरू हो गया है। इसी तरह ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग पर हमले और तिरंगा के अपमान के बाद भारत ने जैसे को तैसा जवाब देकर सख्ती दिखाई और ब्रिटेन रास्ते पर आ गया। अब ब्रिटिश सरकार ने भारतीय उच्चायोग के सामने सुरक्षा बढ़ा दी है। उच्चायोग के सामने पुलिसकर्मी तैनात किए गए है और बैरिकेड्स लगाए गए है।

भारत की सख्ती का असर भारतीय उच्चायोग की बढ़ी सुरक्षा

भारत की जवाबी कार्रवाई का असर बुधवार को ब्रिटेन में देखने को मिला। भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा बढ़ा दी गई। उच्चायोग के बाहर अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए और बैरिकेड्स लगाए गए। घुड़सवार पुलिस को भी तैनात किया गया। खालिस्तानियों के प्रदर्शन को देखते हुए काफी तादाद में पुलिस की गाड़ी उच्चायोग के सामने नजर आईं। इस सुरक्षा व्यवस्था ने बता दिया कि भारत अब बदल चुका है। उसकी आवाज की अनदेखी करना किसी भी देश के लिए आसान नहीं है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ब्रिटिश सरकार से रविवार की घटना में शामिल प्रत्येक व्यक्ति की पहचान, गिरफ्तारी और मुकदमा चलाने के लिए तत्काल कार्रवाई करने और ऐसी घटना को दोबारा घटने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाने को कहा है।

इंडिया हाउस की बिल्डिंग तक नहीं पहुंच सके खालिस्तानी

मध्य लंदन में स्थित भारतीय उच्चायोग की बिल्डिंग को इंडिया हाउस के नाम से जाना जाता है। बुधवार को भी खालिस्तानी प्रदर्शनकारी इंडिया हाउस के सामने पहुंचे, लेकिन लंदन पुलिस की घेराबंदी ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। पुलिस ने खालिस्तानियों को इंडिया हाउस की बिल्डिंग तक पहुंचने से रोक दिया। सख्त पहरे से नाराज खालिस्तानियों ने लंदन मेट्रोपॉलिटन पुलिस पर पानी की बोतलें और स्याही फेंकी। बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की। लंदन पुलिस के मुताबिक देर शाम तक लगभग 2000 प्रदर्शनकारी घटनास्थल पर पहुंच गए थे। वहीं ब्रितानी विदेश सचिव जेम्‍स क्‍लेवर्ली ने बुधवार को कहा कि भारतीय उच्‍चायोग में काम कर रहे कर्मचारियों के खिलाफ हिंसा को बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा। 

‘जैसे को तैसा’ जवाब, ब्रिटिश उच्चायोग से हटाई गई सुरक्षा

दरअसल भारत में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई के बाद ब्रिटेन और अमेरिका में मौजूद खालिस्तानी परेशान हो चुके हैं। रविवार को लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने प्रदर्शन कर खालिस्तानियों ने जो तांडव किया, उसे पूरी दुनिया ने देखा। जिस तरह तिरंगे को नीचे उतारने की कोशिश की गई, उससे पूरा देश आहत हुआ। जिस समय खालिस्तानी भारतीय उच्चायोग पर हमले कर रहे थे, उस समय उनको रोकने के लिए कोई सुरक्षाकर्मी नहीं था। प्रदर्शन की पूर्व सूचना के बावजूद उच्चायोग को सुरक्षा नहीं देना ब्रिटिश सरकार की बड़ी भूल थी। भारत सरकार ने इसे गंभीरता से लिया। भारत स्थित ब्रिटिश उप उच्चायुक्त को तलब कर इस घटना पर विरोध जताया। इसके बाद सख्त संदेश देने के लिए ब्रिटिश दूतावास की सुरक्षा हटा दी।

भारत की जवाबी कार्रवाई के मुरीद हुए विदेशी विशेषज्ञ

भारत की जवाबी कार्रवाई विदेशी विशेषज्ञ भी तारीफ कर रहे है। अमेरिका के थिंक टैंक विल्‍सन सेंटर के दक्षिण एशिया संस्‍थान के डायरेक्‍टर माइकल कुगलमैन ने ट्वीट करके कहा कि भारत ने लंदन में भारतीय उच्‍चायोग पर हमले के बाद नई दिल्‍ली में ब्रिटेन के हाई कमीशन के सुरक्षा बैरियर को हटा दिया। यह दर्शाता है कि भारत की सरकार विदेशों में भारत के राजनयिकों पर खतरे को हल्‍के में नहीं लेती है। भारत सरकार के इस खतरे के मुताबिक जवाबी कार्रवाई भी करती है, फिर चाहे वह नई दिल्‍ली का कोई बहुत करीबी भागीदार देश ही क्‍यों नहीं हो।

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