तेलंगाना में देश में सबसे अधिक मुद्रास्फीति की दर बनी हुई है। 31 जनवरी को संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में कहा गया है कि तेलंगाना में अप्रैल और दिसंबर 2022 के बीच इसी अवधि के राष्ट्रीय औसत 6.8 प्रतिशत के मुकाबले 8.7 प्रतिशत की मुद्रास्फीति दर है। रिपोर्ट यह भी बताती है कि ग्रामीण तेलंगाना में मुद्रास्फीति 9.2 प्रतिशत थी जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 8.3 प्रतिशत थी। तेलंगाना के शहरी से लेकर गांवों के लोग महंगाई से त्रस्त हैं लेकिन मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) को जनता की परवाह ही नहीं है। विकास के पैमाने पर तेलंगाना अन्य राज्यों से पिछड़ती जा रही है। राज्य की जनता केसीआर की कार्यशैली और तुष्टिकरण की नीति और कामकाज से परेशान है। यही वजह है कि केसीआर की लोकप्रियता अब काफी निचले स्तर पर आ गई है।
जनता महंगाई से परेशान, केसीआर को उनकी परवाह नहीं
एक तरफ तेलंगाना की जनता महंगाई से परेशान है वहीं केसीआर प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनने की अपनी चाहत को पूरा करने पर पूरा जोर लगा रहे हैं। राज्य की परेशानी से ध्यान हटाने के लिए वह विपक्षी नेताओं को एकजुट करने का नाटक करते हैं। केसीआर के मन में भी पीएम उम्मीदवार बनने की आकांक्षा इस कदर हिलोरे मारी कि उन्होंने अपनी पार्टी का नाम तक बदल दिया। तेलंगाना राष्ट्र समिति(टीआरएस) अब भारतीय राष्ट्र समिति (बीआरएस) हो गई है। वह बीआरएस को राष्ट्रीय पार्टी बनाकर चाहते हैं, हालांकि इसे अभी राष्ट्रीय पार्टी बनने में लंबा रास्ता तय करना है। लोगों की नाराजगी इस बात से भी बढ़ रही है कि केसीआर पार्टी में परिवारवाद को बढ़ावा दे रहे हैं जो कि देश के मूड के हिसाब से उनके खिलाफ जा सकती है। उनकी सरकार में उनका बेटा केटी रामाराव, बेटी कविता सहित कई रिश्तेदार भरे-पड़े हैं।
Inflation in #Telangana is highest in country as per #EconomicSurvey
Fuel is major contributor to rise in inflation.
But BRS govt won’t reduce VAT on petrol/diesel prices even though Center & majority of states reduced it.
KCR continues to push burden on common man pic.twitter.com/VFi44tbjEr
— Bandi Sanjay Kumar (@bandisanjay_bjp) January 31, 2023
महंगाई के लिए बीआरएस सरकार जिम्मेदारः बंदी संजय
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पर तेलंगाना भाजपा के अध्यक्ष बंदी संजय कुमार ने उच्च मुद्रास्फीति के लिए भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार को दोषी ठहराया। बंदी संजय ने कहा कि महंगाई बढ़ने में ईंधन का बड़ा हाथ है। उन्होंने कहा, “बीआरएस सरकार पेट्रोल/डीजल की कीमतों पर वैट कम नहीं करेगी, भले ही केंद्र और अधिकांश राज्यों ने इसे कम कर दिया हो। केसीआर ने आम आदमी पर बोझ डालना जारी रखा।” भाजपा नेता ने संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण का बहिष्कार करने के लिए भी बीआरएस की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि बीआरएस और मुख्यमंत्री केसीआर का एकमात्र फोकस उनका अपना परिवार है। उन्होंने कहा कि उनके मन में संविधान, परंपराओं और सामान्य शिष्टाचार के लिए कोई सम्मान नहीं है।
पीएम मोदी ने दिया विकास की सौगात, केसीआर को तेलंगाना के विकास की परवाह नहीं
हैरानी की बात यह है कि पिछले साल एक तरफ तो प्रधानमंत्री तेलंगाना राज्य को हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात देने गए थे लेकिन तब भी केसीआर को राजनीति ही सूझ रही थी। इन परियोजनाओं से जहां राज्य की तरक्की सुनिश्चित होगी वहीं युवाओं के अनेक रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। लेकिन ऐसा लगता है कि केसीआर को तेलंगाना की जनता की परवाह नहीं है। यही वजह है कि जनता भी अब केसीआर से मुंह मोड़ने लगी है। हाल के चुनाव परिणाम में बीजेपी को मिल रही सफलता इसी ओर संकेत करते हैं। तेलंगाना को हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाओं का सौगात देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी राज्य में थे, लेकिन प्रोटोकाल का उल्लंघन करते हुए वे खुद अगवानी के लिए नहीं आए। इतना ही नहीं केसीआर नीति आयोग जैसी संस्था की बैठक में भी भाग लेने से कतराते हैं। इसका सीधा असर राज्य के विकास पर पड़ रहा है। यही वजह है कि वहां की जनता अब उन्हें सत्ता से बेदखल करने का मन बना चुकी है।
PM @narendramodi today took a dig at KCR who is famous for his superstitions
Be it ignorance, fear of the unknown or fear of losing power to @BJP4India soon, he indulges in practices which involves wastage of taxpayers money, time and energy.#PMInTelangana #DoubleEngineSeVikas pic.twitter.com/AlAS8kOWso
— Modi Bharosa (@ModiBharosa) November 12, 2022
अंधविश्वासी हैं केसीआर, पीएम मोदी ने कही बड़ी बात
पीएम मोदी ने अंधविश्वास को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा, “इस आधुनिक शहर में अंधविश्वास को बढ़ावा दिया जा रहा है। ऐसा लग रहा है कि तेलंगाना की सरकार ने अंधविश्वास को राज्याश्रय दिया हुआ है। यहां अंधविश्वास के नाम पर क्या हो रहा है ये पूरे देश के लोगों को जानना चाहिए। किसे कहां जाना है’ किस दफ्तर में जाना है’ किसे मंत्री बनाना है’ ये सब अंधविश्वास तय करता है। यहां के विकास के लिए और इसे पिछड़ेपन से निकालने के लिए हर तरह के अंधविश्वास को दूर करना होगा। यहां सुशासन और तेज विकास की अकांक्षा प्रबल है। भ्रष्टाचार और परिवारवाद लोकतंत्र का सहसे बड़ा दुश्मन है। आज आपने देखा होगा कि कुछ लोग कार्रवाई से बचने के लिए एकजुट होने का प्रयास कर रहे हैं। भ्रष्टाचारियों का गठजोर बनाने का प्रयास कर रहे हैं। भ्रष्टाचार और परिवारवाद गरीबों का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। भाजपा सरकार इसे जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार और जनता के बीच बिचौलियों की क्या जरूरत है’”
केसीआरः सचिवालय का ‘भूत’, वास्तु यज्ञ, न्यूमरोलॉजी का चक्कर
सीएम बनने के बाद केसीआर कभी सचिवालय नहीं गये। उन्हें किसी ने बताया कि सचिवालय का वास्तु ठीक नहीं है। इसके लिए उन्होंने 2016 में 50 करोड़ की लागत से घर पर ही एक कार्यालय बनवाया। वे कभी सचिवालय नहीं गए जबकि उनकी सरकार के अधिकारी वहीं से काम करते हैं। उन्होंने बेगमपेट में अपने कैंप ऑफिस की मरम्मत कराई और इसे 5 मंजिल ऊंचा और 6 ब्लॉक्स तक बढ़ा दिया। इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया कि शासक को ऐसी जगह से काम करना चाहिए जो दूसरों की तुलना में ज्यादा ऊंचाई पर हो। पिछले 5 साल से केसीआर सचिवालय की बजाय अपने सरकारी आवास से काम कर रहे हैं।
कोई भी काम बिना मुहूर्त देखे नहीं करते केसीआर
केसीआर 6 नंबर को अपने लिए बहुत लकी मानते हैं। वे जब भी कुछ नया या बड़ा करते हैं तो उसमें 6 अंक जरूर होता है। उनके काफिले की गाड़ियों के नंबर में 6 जरूर होता है। कोई भी काम बिना मुहूर्त देखे नहीं करते। मुहूर्त में भी इसका ध्यान रखा जाता है कि उसके जोड़ के अंक 6 जरूर हो। वे जब पहली बार सीएम बने तो उन्होंने दोपहर 12:57 मिनट पर शपथ ली, जिसके अंकों का जोड़ 6 होता है। एक बार वह महबूब नगर जिला गए तो वहां 51 बकरों की बलि चढ़ाई गई। लोगों का दावा है कि 51 बकरों की बलि इसीलिए चढ़ाई गई क्योंकि इसका जोड़ भी 6 होता है। चंद्रशेखर राव जो कमेटियां बनाते हैं, उनके सदस्यों की संख्या भी इस तरह रखते हैं जिसके अंकों का जोड़ 6 हो। शायद यही वजह है कि उन्होंने किसानों के लिए जो को-ऑर्डिनेशन कमेटी बनाई उसमें 15 सदस्य रखे। उनकी पार्टी की जिला समिति में 24 सदस्य हैं, राज्य स्तरीय समिति में 42 सदस्य हैं और इन सबका जोड़ 6 है।
न्यूमरोलॉजी के चक्कर में केसीआर ने विधानसभा भंग कर दिया
मुख्यमंत्री केसीआर ने सितंबर 2018 में विधानसभा भंग कर दी थी। 6 अंक को शुभ मानने वाले केसीआर ने इस अहम फैसले के लिए 6 सितंबर के दिन को चुना। बैठक भी ज्योतिष के आधार पर बुलाई थी। जिसके बाद उन्होंने विधानसभा भंग करने की सिफारिश की। केसीआर हैदराबाद की मशहूर हुसैन सागर झील कभी नहीं जाते, क्योंकि कहा जाता है कि हुसैन सागर झील जाने के बाद ही एनटी रामाराव से आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री की गद्दी छिन गई थी।
केसीआर की ओछी राजनीति से जनता में गुस्सा, बीजेपी का परचम
ऐसे में तेलंगाना के मुख्यमंत्री को फिर से चुनाव जीतना मुश्किल लग रहा है। हाल ही में राज्य में उपचुनाव में पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। बीजेपी ने यहां अपना परचम लहरा दिया है। हार के डर से केसीआर बौखला गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी के दौरे पर केसीआर की पार्टी के नेताओं ने मोदी गो बैक के नारे लगाए। जगह-जगह मोदी विरोधी पोस्टर भी लगाए। इससे राज्य की जनता में भी मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के प्रति गुस्सा है। लोगों का साफ मानना है कि विकास परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास करने आ रहे प्रधानमंत्री मोदी का विरोध कर केसीआर गलत कर रहे हैं।
दक्षिणी राज्य में भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता से ईर्ष्या कर रहे केसीआर
सिकंदराबाद से सांसद और केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी कहा था कि यह तेलंगाना के लिए गर्व और प्रतिष्ठा की बात है कि प्रधानमंत्री राज्य को लाभान्वित करने वाली कई परियोजनाओं का शुभारंभ कर रहे हैं और राष्ट्र को समर्पित कर रहे हैं। भाजपा नेताओं ने पीएम मोदी से तेलंगाना नहीं आने के लिए कहने वाले पोस्टर लगाने की निंदा की। भाजपा नेता रामचंदर राव ने कहा, “क्या नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री नहीं हैं? या तेलंगाना भारत का हिस्सा नहीं है? केसीआर एक बच्चे की तरह व्यवहार कर रहे हैं। वह और उनकी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति दक्षिणी राज्य में भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता से ईर्ष्या कर रहे हैं। रामचंदर राव ने कहा,” एमके स्टालिन और वाईएस जगन मोहन रेड्डी दोनों भाजपा के राजनीतिक विरोधी हैं। अगर वे प्रधानमंत्री का स्वागत कर सकते हैं तो केसीआर क्यों नहीं?”
केसीआर के अंदर राष्ट्रीय राजनीति की महत्वाकांक्षा हिलोरे मार रही
तेलंगाना राष्ट्र समिति के नेता और तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव काफी वक्त से राज्यों का दौरा करके मोदी सरकार के खिलाफ एक फ्रंट को एकजुट करने में जुटे हैं। वे कई मौकों पर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोल चुके हैं। केसीआर ही नहीं उनकी बेटी और एमएलसी कविता और बेटे केटी रामाराव भी मोदी सरकार पर तीखे बयान छोड़ते रहे हैं। पीएम उम्मीदवार बनने की अपनी महत्वाकांक्षा पाले केसीआर इन दिनों भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध का झंडा थाम रखा है। वे देश में मोदी विरोधियों का सबसे बड़ा चेहरा बनना चाहते हैं। उनकी राष्ट्रीय राजनीति की महत्वाकांक्षा हिलोरे मार रही हैं। वह लगातार मोदी विरोधी गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिल रहे हैं और गैर भाजपा-गैर कांग्रेस एक मोर्चा का हवाई किला बना रहे हैं।
The people of Telangana want good governance and rapid development.
They want a BJP govt which works for every family and not just for one family.
– PM @narendramodi pic.twitter.com/8X3WeigfKI
— BJP (@BJP4India) November 12, 2022
रामागुंडम यूरिया प्लांट से तेलंगाना के लोगों के लिए रोजगार अवसर पैदा होंगेः पीएम मोदी
रामागुंडम यूरिया प्लांट के उद्घघाटन के मौके पर पीएम मोदी ने तेलंगाना में कहा, “तेलंगाना की जनता ने जिस पार्टी पर सबसे ज्यादा भरोसा दिखाया, उसी पार्टी ने उन्हें धोखा दिया। यहां के लोग सुशासन और तेजी से विकास चाहते हैं। वे ऐसी बीजेपी सरकार चाहते हैं जो हर परिवार के लिए काम करें न कि सिर्फ एक परिवार के लिए।” पीएम मोदी ने पेद्दापल्ली जिले में रामागुंडम फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (RFCL) का यूरिया प्लांट और रोड और सत्तुपल्ली के बीच नई रेलवे लाइन राष्ट्र को राष्ट्र को समर्पित किया। इस दौरान उन्होंने दावा किया, ”आज 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण तेलंगाना के लिए हुआ है। ये परियोजनाएं यहां खेती और उद्योग दोनों को बल देने वाली हैं, जो कि लोगों के लिए रोजगार पैदा करेगी।”
तुष्टिकरण का स्पष्ट उदाहरण ग्रुप -1 एग्जामिनेशन सेंटर तेलंगाना में जहां पर ईयरिंग, बैंगल,पायल तो निकाल दिए जा रहे है लेकिन बुर्का पहनने पे कोई रोक नहीं
बहुत ही शर्मनाक है ये कृत्य तेलंगाना सरकार का ।
केसीआर जी इतनी नीचे गिरकर कबतक वर्ग विशेष का तुष्टिकरण करेंगे pic.twitter.com/Uu9gyeDd01— पवन गौतम (@babaganjpawan) October 18, 2022
केसीआर की सरकार में मुस्लिम तुष्टिकरण की पराकाष्ठा
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव खुद को मुस्लिम तुष्टिकरण का चैंपियन साबित करने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। ताकि राष्ट्रीय स्तर पर उनकी पार्टी के विस्तार को पंख लग सके। केसीआर की सरकार में मुस्लिमों को खुश करने के लिए जहां उन्हें पूरी छूट दी जा रही है और उनके निर्देशों को लागू किया जा रहा है, वहीं हिन्दुओं और महिलाओं को दमन का शिकार होना पड़ा रहा है। तेलंगाना में अक्टूबर 2022 में आयोजित Group-1 की परीक्षा के दौरान हिन्दू महिलाओं से भेदभाव करते देखा जा सकता है। परीक्षा केंद्र पर बुर्का और हिज़ाब की खुली छूट थी। सुरक्षाकर्मी बुर्का पहनी मुस्लिम महिलाओं की तलाशी भी नहीं ले रही थी। उन्हें सीधे परीक्षा हॉल में जाने की अनुमति दी जा रही थी। वहीं हिन्दू महिलाओं के साथ भेदभाव किया गया। हिन्दू लड़कियों और महिलाओं की चूड़ियां,पायल और कुंडल तक उतरवाया गया।
केसीआर ने हिंदी की जगह उर्दू को दिया दूसरी आधिकारिक भाषा का दर्जा
तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए राज्य में उर्दू को दूसरी आधिकारिक भाषा बनाने का एलान किया। यानी सरकारी कामकाज में तेलुगू के बाद उर्दू में भी कामकाज होगा। मुख्यमंत्री केसीआर का लंबे समय से मुस्लिमों के प्रति रुझान रहा है। लिहाजा, माना जा रहा है कि उन्होंने तुष्टिकरण की नीति पर चलते हुए उर्दू को दूसरी आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया है। इससे पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि हिन्दी को दूसरी आधिकारिक भाषा होने का गौरव प्राप्त होगा मगर मुख्यमंत्री ने ऐसा नहीं किया।