प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हर स्तर पर महिलाओं के सम्पूर्ण विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। मोदी सरकार महिलाओं के हाथों में एक के बाद एक क्षेत्र में कमान सौंप रही है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा महिलाओं को उचित मौका देने और उन पर भरोसा जताने से न केवल महिलाओं में आत्मविश्वास जगा है, बल्कि वे आत्मनिर्भर भी हो रही हैं। अब भारतीय सेना की 117 इंजीनियर रेजिमेंट की कैप्टन सुरभि जाखमोला विदेश में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ)का काम संभालने वाली पहली महिला अधिकारी होंगी। कैप्टन सुरभि जाखमोला अब विदेश में एक बड़ी जिम्मेदारी संभालेगी। उन्हें बीआरओ के दंतक प्रोजेक्ट के तहत भूटान भेजा जाएगा। भारत और भूटान के बीच इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 24 अप्रैल, 1961 को हुई थी। सीमा सड़क संगठन देश की सीमाओं के साथ पड़ोसी मित्र देशों में सड़क नेटवर्क का निर्माण और रखरखाव करता है। इसमें सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियर्स, आर्मी सर्विस कॉर्प्स, मिलिट्री पुलिस के जवान और अधिकारी इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करते हैं। बीआरओ ने इस बारे में ट्वीट किया कि 117 इंजीनियर रेजिमेंट की भारतीय सेना अधिकारी कैप्टन सुरभि जाखमोला भूटान में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के प्रोजेक्ट दंतक में तैनात हैं। वह बीआरओ में विदेशी असाइनमेंट पर तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी हैं। बीआरओ उन्हें आगे के सफर के लिए शुभकामनाएं देता है। जय हिंद, जय बीआरओ।
@BROindia wishes her luck in all her Endeavours.
Jai Hind ! Jai BRO !!(2/2)@PMOIndia @DefenceMinIndia @RajnathSingh_in @rajnathsingh @AjaybhattBJP4UK @SpokespersonMoD @PBNS_India @PBNS_Hindi @PIB_India @PIBHindi @DDNational @DDNewslive
— ?????? ????? ???????????? (@BROindia) January 11, 2023
अब आपको बताते हैं कि मोदी सरकार की नीतियों की वजह से महिलाएं किस तरह प्रतिदिन नया मुकाम हासिल कर रही है।
सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं कैप्टन शिवा चौहान
फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स अधिकारी कैप्टन शिवा चौहान ने सियाचिन ग्लेशियर के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बनकर इतिहास रच दिया है। कुमार पोस्ट में पोस्टिंग से पहले शिवा को कठिन प्रशिक्षण से गुजरना पड़ा है। सियाचिन ग्लेशियर को दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र माना जाता है और सियाचिन ग्लेशियर में स्थित कुमार पोस्ट 15632 फीट की ऊंचाई पर है। भारतीय सेना के फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने ट्वीट कर लिखा है कि फायर एंड फ्यूरी सैपर्स की कैप्टन शिवा चौहान दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र कुमार पोस्ट में ऑपरेशनल रूप से तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बन गई हैं।
‘Breaking the Glass Ceiling’
Capt Shiva Chauhan of Fire and Fury Sappers became the first woman officer to be operationally deployed in Kumar Post, post completion of arduous training, at the highest battlefield of the world #Siachen.#SuraSoi@PMOIndia @DefenceMinIndia @adgpi pic.twitter.com/nQbmJxvLQ4
— @firefurycorps_IA (@firefurycorps) January 3, 2023
ऑल-वुमन नेवी क्रू ने समुद्री निगरानी मिशन पूरा कर रचा इतिहास
नौसेना के एक पूर्ण-महिला दल ने अरब सागर निगरानी मिशन को पूरा करके इतिहास रचा। 3 अगस्त, 2022 को नेवल एयर एन्क्लेव, पोरबंदर में स्थित भारतीय नौसेना के आईएनएएस 314 के पांच अधिकारियों ने डोर्नियर 228 विमान पर सवार होकर उत्तरी अरब सागर में पहला सर्व-महिला स्वतंत्र समुद्री टोही और निगरानी मिशन पूरा किया। विमान की कप्तानी मिशन कमांडर, लेफ्टिनेंट कमांडर आंचल शर्मा ने की थी, जिनकी टीम में पायलट, लेफ्टिनेंट शिवांगी और लेफ्टिनेंट अपूर्वा गीते, और सामरिक और सेंसर अधिकारी, लेफ्टिनेंट पूजा पांडा और एसएलटी पूजा शेखावत थे।
मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी अग्निवीर योजना के तहत भारतीय नौसेना में महिला नाविकों को जगह मिली है। चीफ एडमिरल आर हरि कुमार के मुताबिक लगभग 3 हजार अग्निवीरों को नौसेना में शामिल किया गया है, इनमें से 341 महिला नाविक यानी ‘वुमन-सेलर’ हैं। नौसेना में महिला अग्निवीरों को इसी नाम से जाना जाएगा। सेना में इन्हें ‘महिला जवान’ और एयरफोर्स में ‘एयर-वुमन’ के नाम से नियुक्ति होगी। नौसेना प्रमुख ने कहा है कि आने वाले सालों में इंडियन नेवी की बाकी ब्रांच में भी महिलाओं को शामिल होने की अनुमति दी जाएगी। बता दें कि भारतीय सेना के तीनों अंगों में से सबसे ज्यादा नौसेना में ही महिलाओं को जगह मिली है। तीनों सेनाओं ने भरोसा दिलाया है कि इनमें अग्निवीरों के जरिए महिलाओं को भी मौका दिया जाएगा।
अमेरिका से ज्यादा महिला पायलट भारत में
बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार दुनिया में सबसे ज्यादा महिला पायलट भारतीय हैं और खास बात यह है कि भारत में जितनी महिला पायलट हैं, इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ विमिन एयरलाइन पायलट्स की रिपोर्ट के मुताबिक यह संख्या वैश्विक औसत से ढाई गुना ज्यादा है। रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में कुल पायलटों में से 5 प्रतिशत महिलाएं हैं, जबकि भारत में महिला पायलटों का अनुपात 12.4 प्रतिशत है, जो विश्व में सबसे अधिक है। दुनिया में सबसे बड़े विमानन बाजार अमेरिका में महिला पायलटों की संख्या 5.5 प्रतिशत और ब्रिटेन में 4.7 प्रतिशत है। महिला पायलट अब भारत में दुर्लभ नहीं हैं, जब एयरलाइन उद्योग में विविधता की बात आती है तो देश एक सफलता की कहानी बन जाता है। देश में रीनजल एयरलाइंस में सबसे अधिक महिलाएं हैं। भारत में महिला पायलट का प्रतिशत अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया समेत पश्चिमी देशों की तुलना में दोगुना है।
एअर इंडिया की महिला पायलटों की एक टीम ने हाल ही में दुनिया के सबसे लंबे हवाई मार्ग नॉर्थ पोल पर उड़ान भरने का कीर्तिमान रच दिया। अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को शहर से उड़ान भरने के बाद यह टीम नॉर्थ पोल से होते हुए बेंगलुरु पहुंची। इस दौरान चार महिला पायलटों ने करीब 16,000 किलोमीटर की दूरी तय की। कैप्टन जोया अग्रवाल ने इस ऐतिहासिक उड़ान का नेतृत्व किया। उनके साथ को-पायलट के रूप में कैप्टन पापागरी तनमई, कैप्टन शिवानी और कैप्टन आकांक्षा सोनवरे भी शामिल रहीं। बेंगलूरु पहुंचने पर केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इन महिला पायलटों को जोरदार स्वागत किया गया।
#FlyAI : Welcome Home
Capt Zoya Agarwal, Capt Papagiri Thanmei, Capt Akanksha & Capt Shivani after completing a landmark journey with touchdown @BLRAirport.Kudos for making Air India proud.
We also congratulate passengers of AI176 for being part of this historic moment. pic.twitter.com/UFUjvvG01h
— Air India (@airindiain) January 10, 2021
काशी की शिवांगी सिंह बनीं राफेल की पहली महिला पायलट
उत्तर प्रदेश के वाराणसी की रहने वाली फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह दुनिया की सबसे बेहतरीन युद्धक विमानों में से एक राफेल की पहली महिला पायलट बन गई हैं। साल 2015 में शिवांगी का सेलेक्शन वायुसेना में फ्लाइंग अफसर के रूप में हुआ था। शिवांगी सिंह महिला पायलटों के दूसरे बैच की हिस्सा हैं जिनकी कमिशनिंग 2017 में हुई। साल 2017 में वायु सेना में फाइटर विमान उड़ाने वाली पांच महिला पायलटों में एक शिवांगी सिंह भी थीं। अब तीसरे साल ही एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए राफेल के गोल्डन एरो स्क्वाड्रन में शामिल हो गई हैं। एक महीने के तकनीकी प्रशिक्षण में क्वालीफाई करने के बाद अब वह राफेल की टीम का हिस्सा बन गई हैं।
पहली बार नौसेना के युद्धपोत पर तैनात होंगी महिला अधिकारी
देश में पहली बार दो नौसेना महिला अधिकारी को युद्धपोत में काम करने के लिए चुना गया है। भारतीय नौसेना ने सब-लेफ्टिनेंट रिति सिंह और सब-लेफ्टिनेंट कुमुदिनी त्यागी को नौसेना के युद्धपोत पर तैनात किया है।
दोनों महिला अधिकारी प्रशिक्षण पूरा होने के बाद नौसेना के नए एमएच-60 आर हेलीकॉप्टरों में उड़ान भर रही हैं। यह एमएच-60 आर हेलीकॉप्टर अपनी श्रेणी में दुनिया में सबसे अत्याधुनिक मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर है। इसे दुश्मन के पोतों और पनडुब्बियों को डिटेक्ट करने और उन्हें उलझाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
सब-लेफ्टिनेंट शिवांगी स्वरूप ने नौसेना की पहली महिला पायलट बनने का गौरव हासिल किया है। बिहार के मुजफ्फरपुर की शिवांगी स्वरूप अपना ऑपरेशन प्रशिक्षण पूरा कर कोच्चि बेस पर ऑपरेशन ड्यूटी में शामिल हो गईं। 24 वर्षीय शिवांगी को भारतीय नौसेना अकादमी में 27 एनओसी कोर्स के तहत एसएसी (पायलट) के तौर पर शामिल किया गया था।
किरण उनियाल ने बनाए दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
भारतीय सेना में कार्यरत कर्नल की पत्नी किरण उनियाल ने महिला वर्ग में “तीन मिनट में एक पैर के घुटने से 263 वार” और “एक मिनट में बारी-बारी से दोनों घुटनों से 120 वार” करने के दो व्यक्तिगत गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए हैं। इसके पहले इसी वर्ग में 177 वार और 102 वार करने का रिकॉर्ड था। उनके दोनों रिकॉर्डों का लक्ष्य लड़कियों और महिलाओं को आत्म रक्षा के लिए मार्शल आर्ट को प्रोत्साहन देना है। “तीन मिनट में एक पैर के घुटने से 263 वार” का रिकॉर्ड बनाने के क्रम में उन्होंने पुरुष वर्ग के 226 वार के मौजूदा रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है। किरण उनियाल ने इसके पहले जनवरी, 2019 में “तीन मिनट में एक हाथ की कोहनी से 466 वार” करने का पहला व्यक्तिगत गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया था। श्रीमती उनियाल ने अब तक 15 विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं, जिनमें मार्शल आर्ट, फिटनेस और सामाजिक कार्य में 10 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड शामिल हैं।
भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर शालिजा धामी फ्लाइंग यूनिट की फ्लाइट कमांडर बनने वाली देश की पहली महिला अधिकारी बन गई हैं। हाल ही में उन्होंने हिंडन वायुसैनिक अड्डे में चेतक हेलीकॉप्टर के फ्लाइट कमांडर का प्रभार ग्रहण किया है। 15 साल से वायुसेना में रहते हुए देश के सेवा करने वाली शालिजा धामी चेतक और चीता हेलीकॉप्टरों के लिए भारतीय वायुसेना की पहली महिला योग्य फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर भी हैं। शालिजा धामी वायुसेना में फ्लाइंग ब्रांच की स्थायी कमीशन अधिकारी हैं।
हॉक विमान उड़ाने वाली पहली महिला पायलट बनीं मोहना सिंह
एयरफोर्स की फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहना सिंह ने 30 मई, 2019 को एक नया इतिहास रच दिया। वह दिन में हॉक एडवांस्ड जेट में मिशन को अंजाम देने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बन गईं। वायुसेना के अनुसार फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहना सिंह पश्चिम बंगाल के कलाईकुंडा स्थित वायसेना अड्डे पर लड़ाकू विमान 4 एयरक्राफ्ट की सैन्य उड़ान पूरी कर विमान से उतारने के बाद दिन में पूरी तरह हॉफ एडवांस्ड जेट विमान संचालित करने वाली पहली महिला लड़ाकू पायलट बन गईं। मोहना सिंह को दो महिलाओं भावना कंठ और अवनी चतुर्वेदी के साथ जून 2016 में लड़ाकू पायलट प्रशिक्षण के लिए लड़ाकू शाखा में चुना गया था।
तीन महिला वायुसैनिकों ने MI-17 उड़ाकर रचा इतिहास
हाल ही में वायुसेना की तीन महिला अधिकारियों ने एमआई-17 हेलीकॉप्टर उड़ाकर इतिहास रच दिया। फ्लाइट लेफ्टिनेंट पारुल भारद्वाज, फ्लाइंग ऑफिसर अमन निधि और फ्लाइट लेफ्टिनेंट हिना जायसवाल मिडियम लिफ्ट हेलीकॉप्टर उड़ाने वाली पहली ऑल-वीमेन टीम की सदस्य बन गईं। फ्लाइट लेफ्टिनेंट पारुल भारद्वाज एमआई 17 हेलीकॉप्टर उड़ाने वाली पहिला महिला पायलट भी हैं, जबकि हिना जायसवाल देश की पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर हैं।
वायु सेना की पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर बनीं हिना जायसवाल
वायु सेना में फ्लाइट लेेफ्टिनेंट हिना जायसवाल ने येलाहांका वायु सेना स्टेशन में कोर्स पूरा करने के बाद पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर बनकर इतिहास रच दिया। चंडीगढ़ की रहने वाली हिना वायु सेना की इंजीनियरिंग शाखा में 5 जनवरी 2015 को सैनिक के रूप में भर्ती हुईं। हिना का फ्लाइट इंजीनियरिंग का कोर्स 15 फरवरी को पूरा हुआ।
इंडियन एयर फोर्स की फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला हैं। अवनी ने अकेले मिग-21 उड़ाकर एक नया इतिहास रच दिया। 19 फरवरी, 2018 को अवनी चतुर्वेदी ने गुजरात के जामनगर एयरबेस से अकेले ही फाइटर एयरक्राफ्ट मिग-21 से उड़ान भरी। अवनि चतुर्वेदी भारत की पहली महिला लड़ाकू पायलटों में से एक है। अवनी के साथ मोहना सिंह और भावना कंठ के साथ पहली बार लड़ाकू पायलट घोषित किया गया था।
एयरफोर्स में पहली बार महिला फाइटर पायलट शामिल
इससे पहले देश की वायु सेना में फाइटर पायलट के रूप में तीन महिलाओं की नियुक्ति ने पूरे देश को गर्व से भर दिया था। अवनी चतुर्वेदी, भावना कंठ और मोहना सिंह भारतीय वायु सेना के उस लड़ाकू बेड़े में शामिल की गई थीं। यह अपने-आप में बहुत बड़ी उपलब्धि भी है और बहुत बड़ी मिसाल भी।
राजपथ पर महिला कमांडो का हैरतअंगेज करतब
गणतंत्र दिवस परेड, 2018 में पहली बार बाइक पर हैरतअंगेज करतब दिखाने के लिए महिला कमांडो के दस्ते को शामिल किया गया। अब तक ऐसा सेना के जवान करते रहे हैं। ऐसा पहली बार हुआ कि बुलेट पर महिला कमांडो पिरामिड, उल्टे-सीधे खड़े होकर अखबार पढ़ते और चाय पीते नजर आईं। महिला दस्ता में शामिल 106 महिला कमांडो ने 26 बाइक पर विजय चौक से इंडिया गेट तक (तीन किलोमीटर) अलग-अलग हैरतअंगेज करतब का प्रदर्शन किया। दस्ते में शामिल महिला कमांडो नेपाल, म्यांमार, भूटान, बांग्लादेश सीमा पर तैनात हैं। साहस और जोखिम उठाने के मामले में ये किसी से कम नहीं हैं। इस दस्ते का नाम सीमा भवानी रखा गया है। बीएसएफ की देशभर की यूनिट में से चयनित 106 महिला कमांडो को 15 महीने का विशेष प्रशिक्षण सीमा सुरक्षा बल अकादमी, टेकनपुर स्थित केंद्रीय मोटर गाड़ी प्रशिक्षण में दिया गया।
राजपथ पर पहली बार महिला सशक्तीकरण का प्रदर्शन
इसके पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महिला सामर्थ्य पर अटल विश्वास की झलक उसी समय दिख गई थी, जब राजपथ पर देश के 66वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर पहली बार तीनों सेनाओं के एक विशेष महिला दस्ते ने मार्च करके अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का गौरव बढ़ाया। इस अवसर पर अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा भी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
नाविक सागर परिक्रमा पर निकली महिला अधिकारी
नौसेना की 6 साहस से भरी महिला अधिकारियों ने नाविक सागर परिक्रमा नामक मिशन आईएलएसवी नौका तारिणी के जरिए पूरा किया। सभी महिला सदस्यों के इस दल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी ने किया।
राजस्थान का गांधी नगर बना ‘ऑल वुमेन रेलवे स्टेशन’
जयपुर का गांधीनगर रेलवे स्टेशन देश का पहला ऐसा रेलवे स्टेशन है, जिसे केवल महिलाएं ही संभाल रही हैं। इससे पहले मुम्बई के माटुंगा को ‘ऑल वुमेन स्टेशन’ बनाया गया था, लेकिन वह सब-अर्बन रेलवे स्टेशन है। गांधी नगर रेलवे स्टेशन को स्टेशन मास्टर से लेकर गेटमैन तक कुल 40 महिलाओं की टीम संभाल रही हैं।
इस स्टेशन पर… स्टेशन मास्टर, इंजीनियर, टिकट क्लर्क, मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक, फ्लैग इंडिकेटर, प्वांइट्स मैन और गेटमैन तक के सभी पदों पर महिलाओं को ही नियुक्ति किया गया है। रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा में तैनात जीआरपी की टीम में भी महिलाएं ही शामिल हैं।
माटुंगा रेलवे स्टेशन का संचालन कर बनाया रिकॉर्ड
मुंबई के माटुंगा रेलवे स्टेशन का संपूर्ण प्रभार महिला कर्मचारियों पर है। यहां स्टेशन मास्टर से लेकर टिकट कलेक्टर तक महिलाएं हैं। माटुंगा देश का पहला ऐसा सब-अर्बन रेलवे स्टेशन है, जिसकी कमान पूरी तरह से महिलाओं के हाथ में है। इसी खासियत ने इस स्टेशन को 2018 के लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल करा दिया है।
महिलाओं की क्षमता पर हमेशा भरोसा जताने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार मध्य रेलवे के शीर्ष अधिकारियों ने माटुंगा रेलवे स्टेशन पर सिर्फ महिला कर्मचारियों को नियुक्त करने का फैसला किया था। इसके बाद वहां स्टेशन मैनेजर, बुकिंग स्टॉफ, टिकट चेकर, आरपीएफ जवान, सफाई कर्मचारी समेत सभी पदों पर महिला कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी और 12 जुलाई, 2017 को स्टेशन का संचालन उन्हें सौंप दिया गया था।
सरकार महिलाओं पर विश्वास जताए तो महिलाएं कोई भी मुश्किल कार्य का सफलता से संचालन कर सकती है। यही वजह है कि इस स्टेशन को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में जगह मिली है।
इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश का महत्वपूर्ण संसाधन मानते हैं। ज्ञान-विज्ञान, खेलकूद, सूचना-प्रौद्योगिकी, कला-संगीत से महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली महिलाओं को प्रधानमंत्री अपनी कई महत्वपूर्ण योजना से जोड़ चुके हैं। कामकाजी से लेकर ग्रामीण और आदिवासी महिलाओं के कल्याण और उनके हितों की रक्षा के लिए सरकार ने सतत प्रयास किये हैं। प्रधानमंत्री स्वयं किसी भी क्षेत्र में कुशल नेतृत्व या उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली महिलाओं की सराहना करके महिलाओं को प्रोत्साहित करने का कार्य करते हैं।
आइए एक नजर डालते हैं महिलाओं के उत्थान के लिए उठाए गए मोदी सरकार की कदमों पर-
महिलाओं के संपूर्ण विकास पर जोर
“महिला, वो शक्ति है, सशक्त है, वो भारत की नारी है, न ज़्यादा में, न कम में, वो सब में बराबर की अधिकारी है।” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ये बातें 2017 के महिला दिवस के अवसर पर कही थी। उनका मानना है कि स्त्री शक्ति को सशक्त किए बिना किसी भी राष्ट्र-समाज का सम्पूर्ण विकास नहीं हो सकता है। मोदी सरकार ने पिछले चार सालों में हर स्तर पर महिलाओं के सम्पूर्ण विकास की ओर ध्यान दिया है। समाज में बराबरी दिलाने के साथ ही उन्हें सशक्त और सामर्थ्यवान करने के उपायों पर जोर दिया गया है। महिलाओं को समान अधिकार, आर्थिक अवसर, सामाजिक सहयोग, कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने विभिन्न योजनाएं और कार्यक्रम लागू किए हैं।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लाभार्थियों की संख्या एक करोड़ पार
मोदी सरकार की गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए योजना-प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना ( PMMVY) एक करोड़ से अधिक लाभार्थियों तक पहुंच गई है। पीएमवीवाई डायरेक्ट बेनिफिट योजना है। इसके तहत गर्भवती महिलाओं को नकद लाभ सीधे उनके बैंक खाते में भेजा जाता है ताकि वे पौष्टिकता आवश्यकताओं को बढ़ा सकें। यह योजना 01 जनवरी 2017 से लागू है। योजना के अंतर्गत उन गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को तीन किस्तों में पांच हजार रुपए का नकद लाभ प्राप्त होता है, जिन्होंने प्रसव का प्रारंभिक पंजीकरण कराया है, प्रसुति जांच कराई है, बच्चे के जन्म का पंजीकरण कराया है और परिवार के पहले बच्चे के लिए टीकाकरण का पहला चक्र पूरा किया है। इसके साथ ही जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) के अन्तर्गत भी नकद प्रोत्साहन दिया जाता है। इस तरह औसत रूप में एक महिला को 6,000 रुपए मिलते हैं।
तीन तलाक की कुप्रथा से मुक्ति
प्रधानमंत्री मोदी आधी आबादी के हक की लड़ाई में हमेशा सबसे आगे रहे हैं। 2014 में जब पीएम मोदी ने पहली बार देश की बागडोर संभाली थी, तभी से महिला सशक्तिकरण, महिलाओं को समाज में सम्मान दिलाना, महिलाओं की आर्थिक उन्नति, महिलाओं की शिक्षा उनके एजेंडे की प्राथमिकता में रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के कारण देश के करोड़ों मुस्लिम महिलाओं को 1400 साल पुरानी तीन तलाक की कुप्रथा से मुक्ति मिली है। मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के दलदल से निकालने वाले बिल को लेकर हर बार राज्यसभा में हार का सामना करना पड़ता था, लेकिन पीएम मोदी ने कभी हार नहीं मानी। मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए पीएम मोदी हमेशा आगे रहे और इस बार आखिर उन्हें कामयाबी मिल ही गई। आज देशभर की करोड़ों मुस्लिम महिलाएं खुशी में झूम रही हैं, उन्हें तीन तलाक की बेड़ियों से आजादी मिल चुकी है।
हज के लिए ‘महरम’ की अनिवार्यता खत्म
पीएम मोदी के प्रयास से भारतीय मुस्लिम महिलाएं बिना ‘महरम’ के हज यात्रा पर जा सकती हैं। गौरतलब है कि आजादी के 70 वर्षों बाद प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर भारत की मुस्लिम महिलाओं को अकेले भी हज यात्रा पर जाने का हक मिला है।
51 हजार रुपये का ‘शादी शगुन’
केंद्र सरकार उन अल्पसंख्यक लड़कियों को 51,000 रूपये की राशि बतौर ‘शादी शगुन’ दे रही है जो स्नातक की पढ़ाई पूरी करेंगी। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की अधीनस्थ संस्था ‘मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन’ (एमएईएफ) ने मुस्लिम लड़कियों की मदद के लिए यह कदम उठाने का फैसला किया।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ
प्रधानमंत्री ने बेटे और बेटियों के बीच के भेद को खत्म करने और बेटियों के प्रति समाज की सोच को बदलने के उद्देश्य से 22 जनवरी 2015 को इस अभियान की शुरुआत की थी। पहले इसे देश के 100 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया था, दूसरे साल में इसे 161 जिलों में विस्तार दिया गया। योजना को पहले ही साल के अंत तक ही 58 जिलों में जन्म के समय लिंग अनुपात में वृद्धि दर्ज की गई। दूसरे वर्ष में 104 जिलों में जन्म के समय लिंगानुपात में बढ़ोत्तरी हुई। इस अभियान को बड़ी सफलता मिल रही है और अब इसे देश के सभी जिलों में लागू किया गया है।
सुकन्या समृद्धि योजना
यह योजना बेटी, बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का ही विस्तार है जिसे 2 दिसंबर 2014 को लांच गया था। योजना के अंतर्गत 0-10 साल की कन्याओं के खाते डाकघर में खोले जाएंगे। वर्तमान में इन खातों में जमा राशि पर 7.6 प्रतिशत की दर से वार्षिक ब्याज दिया जा रहा है। बालिकाओं के सुनहरे और सुरक्षित भविष्य के लिए बनाई गई इस योजना के तहत उन्हें पूरी शिक्षा और 18 साल की होने पर शादी के खर्च की व्यवस्था सुनिश्चित होती है। ये योजना बालिकाओं और उनके माता-पिता को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए लागू की गई है, जिसमें छोटे निवेश पर ज्यादा ब्याज दर की व्यवस्था है। सुकन्या समृद्धि योजना अभिभावकों के लिए वरदान सिद्ध हो रही है।
10वीं, 12वीं की लड़कियों को स्कॉलरशिप
नौंवी और 10वीं कक्षा में पढ़ाई करने वाली मुस्लिम बच्चियों को 10 हजार रुपये की राशि प्रदान की जा रही है। पहले 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ाई करने वाली मुस्लिम लड़कियों को 12 हजार रुपये की छात्रवृत्ति मिल रही थी। यह योजना केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की अधीनस्थ संस्था मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन के तहत शुरू की गई।
बालिका शिक्षा की योजनाएं
उड़ान (UDAAN) योजना बालिका शिक्षा के प्रति समर्पित है, ताकि छात्राओं के प्रवेश को बढ़ावा दिया जा सके। इसका मकसद पूर्वोत्तर राज्यों के चुनिंदा स्कूली विद्यार्थियों और इंजीनियरिंग छात्रों को उनकी छुट्टियों के दौरान आईआईटी,एनआईटी और आईआईएसईआर से जोड़ना है। यूएसटीटीएडी ने परंपरागत कला और शिल्पकारी में कौशल और प्रशिक्षण को बेहतर बनाने की मंजूरी दी है। इस योजना का उद्देश्य परंपरागत कारीगरों की क्षमता को बढ़ाना, परंपरागत कला और शिल्प का मानकीकरण, उनका दस्तावेजीकरण और उन्हें बाजार से जोड़ना है। प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी पोर्टल से सरकारी छात्रवृत्ति व बैंकों द्वारा दिए जाने वाले शिक्षा ऋण के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त होती है। इससे छात्राओं को विशेष लाभ मिला है।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना
इस योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे के परिवार की महिलाओं को एलपीजी का मुफ्त कनेक्शन दिया जा रहा है। जिन महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन मिले हैं उन्हें धुएं से मुक्ति मिल गई है और उनकी जिंदगी बदल गई है। इसमें 8 करोड़ से अधिक कनेक्शन दिए जा चुके हैं। ये एक समाज कल्याण योजना है, जिसे ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर लागू किया गया है।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान
यह योजना तीन से छह महीने की गर्भवती महिलाओं के लिए है। इस के तहत हर महीने की 9 तारीख को गर्भवती महिलाओं की मुफ्त स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था की गई है। इस जांच में गर्भ में पल रहे शिशु की जांच भी शामिल है। इसे देश के सभी 650 जिलों में लागू कर दिया गया है जिसमें नकद राशि 4000 से बढ़ाकर 6000 रुपयों तक कर दी गई है।
मातृत्व अवकाश, मातृत्व लाभ
वर्तमान सरकार ने नया मातृत्व लाभ संशोधित कानून एक अप्रैल 2017 से लागू कर दिया है। संशोधित कानून के तहत सरकार ने कामकाजी महिलाओं के लिए वैतनिक मातृत्व अवकाश की अवधि 12 सप्ताह से बढ़ा कर 26 सप्ताह कर दी है। इसके तहत 50 या उससे ज्यादा कर्मचारियों वाले संस्थान में एक तय दूरी पर क्रेच सुविधा मुहैया कराना अनिवार्य है। महिलाओं को मातृत्व अवकाश के समय घर से भी काम करने की छूट है। मातृत्व लाभ कार्यक्रम के 1 जनवरी 2017 से लागू है। योजना के अंतर्गत गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को पहले दो जीवित शिशुओं के जन्म के लिए तीन किस्तों में 6000 रुपये का नकद प्रोत्साहन दिया जाता है।
महिला हेल्पलाइन
यह योजना हिंसा की शिकार महिलाओं के लिए 24 घंटे तत्काल और आपातकालीन सहायता प्रदान करने के लिए है। ये योजना विशेष रूप से परिवार, समुदाय, कार्यस्थल निजी और सार्वजनिक दोनों स्थानों पर हिंसा की शिकार सभी महिलाओं के लिए है।
मोबाइल फोन में पैनिक बटन और जीपीएस
केंद्र सरकार की ओर से सभी फीचर और स्मार्ट मोबाइल फोन में पैनिक बटन की सुविधा सुनिश्चित की गई है। मोबाइल फोन में 5 और 9 नंबर का बटन इसके लिए निर्धारित है, स्मार्ट फोन में ऑन-ऑफ बटन को तीन बार हल्के से प्रेस करना होता है। सरकार ने यह तय कर दिया है कि 1 जनवरी 2018 से सभी मोबाइल फोन में जीपीएस की सुविधा देना अनिवार्य होगा। पैनिक बटन सीधे 112 नंबर से जुड़कर सहायता उपलब्ध कराएगा।
महिला शक्ति केंद्र
महिला शक्ति केंद्र अलग-अलग स्तर पर काम कर रही है। इसके तहत केंद्रीय स्तर पर नॉलेज सपोर्ट और राज्य स्तर पर महिलाओं को संसाधन सहयोग मुहैया किया जा रहा है। इसके तहत राज्य सरकार, जिले और ब्लॉक स्तर पर भी महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर महिला शक्ति केंद्र को सहयोग दिए जाने का प्रावधान है। महिला शक्ति केंद्र को दूरदूराज के इलाकों में बढ़ावा देने के लिए छात्रों को भी इससे जोड़ा जा रहा है। महिला शक्ति केंद्र और महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर जागरूकता फैलाने वाले छात्रों को समाज सेवा के लिए प्रमाणपत्र भी दिए जाने की व्यवस्था की गई है।
कामकाजी महिला छात्रावास
कामकाजी महिलाओं को जरूरी सहयोग मुहैया करने के लिए कामकाजी महिलाओं के होस्टेल खोले जा रहे हैं। इन होस्टल में 19 हजार से ज्यादा महिलाएं रह सकेंगी। इसके अलावा कई और सुधार गृह भी बनाए जा रहे हैं। इन सुधार गृहों में 26000 लाभार्थिंयों को फायदा मिलेगा।
वन स्टॉप सेंटर
हिंसा की शिकार हुई महिलाओं के लिए ‘वन स्टॉप सेंटर्स’ भी खोले जा रहे हैं। 150 से भी ज्यादा जिलों में इनकी स्थापना किया जाना है। इन केंद्रों को महिला हेल्पलाइन के साथ जोड़ा जाएगा और ये 24 घंटे आपातकालीन सेवा मुहैया कराएंगे। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की तरफ से महिला पुलिस स्वयंसेवियों की भागीदारी बढ़ाई जाएगी।
महिलाओं के लिए पुलिस फ़ोर्स में 33% आरक्षण
महिला सशक्तिकरण की दिशा में पुलिस भर्ती में महिलाओं को 33% आरक्षण देने का एक बड़ा निर्णय किया गया है। यह राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में अभी से ही अलग-अलग स्तर पर पुलिस बालों में महला आरक्षण लागू कर दिया गया है।
नारी शक्ति पुरस्कार
विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए महिलाओं और संस्थाओं को सम्मानित किया जाता है। सम्मानित की जाने वाली महिलाएं समाज सुधार, विज्ञान, बिजनेस, खेल, मनोरंजन और कला जगत जैसे अलग-अलग क्षेत्रों से संबंध रखती हैं।
ऑनलाइन शिकायत की सुविधा- She Box
कार्यस्थल पर महिला कर्मचारियों के यौन उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने और ऐसी महिलाओं की मदद के लिए ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने की सुविधा प्रदान की गई है। अब चाहे सरकारी क्षेत्र की महिला कर्मचारी हों या निजी क्षेत्र की, वह बिना की डर के ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकती हैं।
एसिड अटैक की पीड़िताओं को दिव्यांगों जैसी मदद
देश में एसिड अटैक से पीड़ित महिलाओं के लिए कोई योजना नहीं थी, पहले की किसी भी सरकार ने इसके बारे में नहीं सोचा। मोदी सरकार ने एसिट अटैक से पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए The Rights of Persons with Disabilities Act, 2016 में परिवर्तन कर एसिड अटैक को दिव्यांगता की श्रेणी में शामिल किया है। अब एसिड अटैक से पीड़ित महिलाएं को दिव्यांगों को मिलने वाली आर्थिक और दूसरी मदद जी जा सकती है।
मृत्यु प्रमाणपत्र में विधवा का नाम दर्ज करना जरूरी
पति की मृत्यु होने पर पत्नी का नाम विधवा के रूप में मृत्यु प्रमाण पत्र पर लिखना अनिवार्य कर दिया गया है। देखने में यह बहुत छोटी सी बात लगती है, लेकिन महिलाओं को अपने अधिकार पाने के लिए इससे बहुत मदद मिलेगी। अक्सर देखा जाता है कि पति की मृत्यु होने के बाद महिलाओं को अपने अधिकार पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता था, इस बदलाव के बाद महिलाओं को मदद मिलेगी।
स्वाधार गृह
समाजिक और आर्थिक सहयोग नहीं मिलने से परेशानी में रहने वाली महिलाओं को आश्रय, भोजन, कपड़ा, चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए देश भर में स्वाधार गृह स्थापित किए गए हैं। उत्तर प्रदेश के वृंदावन में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की तरफ से एक Widow Home का निर्माण कराया गया है, जिसकी क्षमता एक हजार महिलाओं को आश्रय देने की है।
महिलाओं के लिए पासपोर्ट नियमों में बदलाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोकस हमेशा महिलाओं को दैनिक जीवन में आने वाली दिक्कतों को दूर करने और उन्हें आत्मसम्मान के साथ जीने का अवसर प्रदान करने पर रहा है। पिछले वर्ष मोदी सरकार ने महिलाओं पासपोर्ट में शादी के पूर्व का उपनाम रखने की छूट प्रदान की। यानी अब महिलाओं को शादी के बाद पासपोर्ट में अपना सरनेम नहीं बदलना पड़ता है। इसके साथ ही एकल महिलाओं के लिए भी पासपोर्ट के नियम में बदलाव किया गया है। अब पासपोर्ट फार्म में या तो मां या फिर पिता का नाम लिखना जरूरी है। इसके साथ ही पासपोर्ट आवेदन के समय मैरिज सर्टिफिकेट या फिर तलाक का प्रमाण देने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। इससे महिलाओं को सम्मानजनक पहचान मिली है।
महिला जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण
इस कार्यक्रम का उद्देश्य पंचायतों की निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की क्षमता, शासन संचालन और उनका कौशल बढ़ाना है, ताकि वो गांवों का प्रशासन बेहतर तरीके से चला सकें। पंचायती संस्थाओं में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों को कई बार काम में मुश्किलें पेश आती हैं। इसलिए महिला सरपंचों तथा निचले स्तर पर महिला प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित करने के लिए देशव्यापी कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इसका सीधा लाभ शासन-प्रशासन में महिलाओं की भागीदारी के रूप में मिल रहा है।
‘नारी’ से मिलेगी महिलाओं को शक्ति
महिलाओं को सशक्त बनाने की ऐतिहासिक पहल के तहत एक ऑनलाइन पोर्टल ‘नारी’ का शुभारंभ किया गया। इस पोर्टल को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने विकसित किया है। इस पोर्टल के माध्यम से महिलाएं सरकारी योजनाओं और पहलों की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगी।
केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाएं अब एक पोर्टल पर
महिलाओं को समान अधिकार, आर्थिक अवसर, सामाजिक सहयोग, कानूनी सहायता, आवास आदि उपलब्ध कराने के लिए केंद्र तथा राज्य सरकारों ने विभिन्न योजनाएं लागू की हैं, परंतु इनके प्रति जागरूकता का अभाव है। महिला केंद्रित योजनाओं की जानकारी विभिन्न वेबसाइट पर बिखरी हुई हैं। इन सारी सूचनाओं को एक स्थान पर सुलभ कराने के उद्देश्य से ‘नारी’ पोर्टल में महिलाओं के कल्याण के लिए 350 सरकारी योजनाओं से संबंधित व अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराई गई हैं। पोर्टल में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के लिए महत्वपूर्ण लिंक दिए गए हैं। ‘नारी’ पोर्टल में महिलाओं के जीवन से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर जानकारी उपलब्ध कराई गई है। पोषण, स्वास्थ्य जांच, बीमारी, नौकरी, साक्षात्कार, निवेश और बचत सलाह, महिलाओं के खिलाफ अपराध, कानूनी सहायता उपलब्ध कराने वालों के नम्बर, गोद लेने की सरल प्रक्रिया आदि विषयों पर टिप्स दिए गए हैं। यह पोर्टल महिलाओं को जानकारियों की शक्ति प्रदान करेगा। मंत्रालय से एनजीओ और सिविल सोसायटी के संवाद के लिए एक ई-संवाद पोर्टल भी विकसित किया गया है।