सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 3 जून को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी सरकार को जमकर फटकार लगाई। दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) को लेकर सुनवाई के दौरान फटकार लगाने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से तीन साल में विज्ञापनों पर हुए खर्च का हिसाब भी मांग लिया। दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आरआरटीएस निर्माण के लिए फंड्स मुहैया कराने में असमर्थता जता दी थी। इस पर जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की खंडपीठ ने केजरीवाल सरकार से साफ कहा कि आपके पास विज्ञापन पर खर्च के लिए पैसे हैं, लेकिन रेल प्रोजेक्ट के लिए नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा, “अगर आपके पास विज्ञापनों के लिए पैसे हैं तो ऐसे प्रोजेक्ट के लिए धन क्यों नहीं हैं जिससे सुचारू परिवहन सुनिश्चित होगी।”
‘You Have Funds For Advertisements, But Not For RRTS Project?’ : Supreme Court Seeks Delhi Government’s Ad Expenditure Details From 2020 #SupremeCourt https://t.co/4Bg3HxlC90
— Live Law (@LiveLawIndia) July 3, 2023
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पिछले तीन साल में विज्ञापनों पर कितना खर्च किया गया है इसका हिसाब देने को कहा। कोर्ट ने आप सरकार को निर्देश दिया कि वह दो हफ्ते के अंदर फंड्स की गणना की जानकारी के साथ एफिडेविट मुहैया कराएं। दिल्ली से मेरठ के बीच एक सेमी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर रिजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का निर्माण चल रहा है। यह रैपिडएक्स परियोजना के तीन रैपिड रेल गलियारों में से एक है। इस प्रोजेक्ट के पूरा हो जाने के बाद दिल्ली से गाजियाबाद होते हुए मेरठ जाना काफी आसान हो जाएगा और लोगों को सड़क पर जाम से राहत मिल सकेगी।
रैपिडएक्स परियोजना में आरआरटीएस का दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर करीब 81 किलोमीटर लंबा है। इसके बन जाने से दिल्ली के सराय काले खां से गाजियाबाद, साहिबाबाद, दुहाई, मोदीपुरम होते हुए मेरठ के बीच की दूरी सिर्फ 60 मिनट में तय की जा सकेगी। परियोजना के लिए केंद्र सरकार के साथ उत्तर प्रदेश सरकार और दिल्ली सरकार को भी फंड देने हैं। 31,632 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना में केंद्र सरकार ने फिलहाल 5,687 करोड़ रुपये और उत्तर प्रदेश सरकार ने 5,828 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। दिल्ली को इस परियोजना के लिए 1,138 करोड़ रुपये देना है, लेकिन केजरीवाल सरकार इसके लिए धन देना नहीं चाहती है। ऐसे में राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई है।
रैपिड रेल प्रोजेक्ट के लिए फंड देने से केजरीवाल ने किया था इंकार, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई तगड़ी फटकार, कोर्ट ने कहा- विज्ञापन के लिए फंड है काम के लिए नहीं? पिछले तीन साल के खर्च का हिसाब भी माँगा !
शर्म करो केजरीवाल pic.twitter.com/dceu3gJyoP
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) July 3, 2023
#SupremeCourt slams Delhi government for expressing inability to contribute funds for construction of the Regional Rapid Transit System #RRTS project.
SC directs the AAP govt to furnish details of funds spent on advertisements in the last 3 financial years. pic.twitter.com/S3MNrlXQdw— Pawan Singh (@MMMPAWAN) July 3, 2023