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सोनिया गांधी के ‘रेल भाड़ा’ देने की खुली पोल, कांग्रेस के राज में ट्रकों में ठूंसे जा रहे प्रवासी मजदूर

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कोरोना महामारी के संकट में भी कांग्रेस राजनीति करने से बाज नहीं आ रही है। एक तरफ जहां कांग्रेस के सांसद और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी संकट के समय में भी प्रवासी मजदूरों का दुख बांटने का सड़क पर ड्रामा कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस शासित सरकार प्रवासी मजदूरों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कुछ दिन पहले ऐलान किया था कि कांग्रेस अपने खर्चे पर प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजेगी लेकिन सोनिया गांधी का यह ऐलान महज ऱाजनीतिक स्टंट बन कर रहा गया है। 

कांग्रेस अध्यक्ष के ऐलान के बाद भी कांग्रेस शासित राज्यों से प्रवासी मजदूरों को ट्रकों में भेड़ बकरी की तरह ठूंसकर भेजा रहा है। महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगढ़ और राजस्थान से भारी संख्या में प्रवासी मजदूर पलायन कर रहे हैं और उनके लिए राज्य सरकार द्वारा ट्रेन की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है, हालांकि रेल मंत्री पीयूष गोयल पहले ही कह चुके हैं कि प्रवासी मजदूरों को उनके राज्य भेजने के  लिए रेलवे के पास रिजर्व ट्रेनें हैं और राज्य सरकारों द्वारा डिमांड करने पर मुहैया करा जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर सवाल उठाया कि आखिर कांग्रेस शासित सरकारें ट्रेनें क्यों नहीं चलवा रही हैं। 

अमित मालवीय ने एक और ट्वीट कर लिखा कि कांग्रेस शासित राज्यों में, ख़ासतौर से महाराष्ट्र में, ना तो मजदूरों को खाना पानी दिया जा रहा है ना ही कोई आर्थिक मदद, उल्टे पुलिस उन्हें गाडियों में भर-भर कर यूपी-बिहार भेज रही है। इनको ट्रेनों में क्यों नहीं भेजा जा रहा है? इस तरह लोगों को भेजने से क्या संक्रमण और नहीं फैलेगा?

प्रवासी मजदूरों की मदद नहीं कर रही है कांग्रेस सरकार

आपको बता दें कि अभी हाल ही में रेल मंत्री पीयूष गोयल कह चुके हैं कि प्रवासी मजदूरों को वापस उनके घर भेजने के लिए ट्रेनों की कोई दिक्कत नहीं है लेकिन कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों को अपने राज्य ले जाने में कोताही बरत रही हैं। राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल जैसे राज्य अपने नागरिकों को निकालने के लिए ट्रेनों की मांग नहीं कर रही है।  

रेल किराया वहन करने का ऐलान राजनीतिक स्टंट 

सोनिया गांधी के ऐलान के बाद गुजरात कांग्रेस द्वारा भरूच से एक ट्रेन चलाकर खर्चा उठाने का जोर शोर से प्रचार प्रसार किया गया लेकिन हकीकत में कांग्रेस से जिस ट्रेन के किराये का भुगतान किया उसमें प्रवासी मजदूरों के बजाय मुस्लिम स्टूडेंट्स को उनके राज्य भेजा गया, जो भरूच में रहकर तबलीगी जमात द्वारा संचालित तालिम हासिल कर रहे थे। यानि मजदूरों के नाम पर मुस्लिम स्टूडेंट्स को उनके बिहार और यूपी भेजने का काम किया गया है।  

 

 

 

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