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यूपी में महिलाओं को लुभाने की प्रियंका की मुहिम को झटका, सोनिया के गढ़ रायबरेली की विधायक अदिति सिंह ने थामा बीजेपी का दामन

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कांग्रेस की महासचिव प्रियंका वाड्रा उत्तर प्रदेश में महिला वोटरों के माध्यम से पार्टी में जान फूंकने की कोशिश कर रही है। उन्होंने महिलाओं को लुभाने के लिए चालीस प्रतिशत टिकट देने का दांव भी चला है। लड़कियों का दिल जीतने वाला नारा ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ भी दे रही है। लेकिन प्रियंका अपनी करीबी महिला विधायक का दिल जीतने में नाकाम रही। विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की बागी विधायक अदिति सिंह ने प्रियंका के मुहिम को जोरदार झटका दिया है। रायबरेली की सदर सीट से विधायक अदिति सिंह ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में अदिति सिंह के अलावा बसपा विधायक वंदना सिंह को भी बीजेपी की सदस्यता दिलाई। 

हाल ही में गांधी परिवार की करीबी अदिति सिंह ने प्रियंका वाड्रा के 40 प्रतिशत महिलाओं को टिकट देने पर सवाल उठाया था कि जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकारें हैं, पहले वहां इसका ऐलान क्यों नहीं किया ? अब यूपी में वोट बंटोरने के लिए लुभावने वादे कर रही हैं। अदिति ने कहा था कि यूपी में कांग्रेस का जनाधार कई छोटे दलों से भी कम है। वहीं बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने अपने ट्विटर हैंडल से वीडियो शेयर करते हुए प्रियंका गांधी पर तंज कसा, ‘प्रियंका गांधी ने नारा दिया था लड़की हूं लड़ सकती हूं लेकिन रायबरेली से उनकी अपनी विधायिका अदिति सिंह ही कांग्रेस से लड़ने को तैयार नहीं है। 40 प्रतिशत महिला आरक्षण का दावा करने वाली कांग्रेस से महिला विधायक पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गई।’

बीजेपी ने अदिति सिंह को पार्टी में शामिल कर रायबरेली के साथ ही पंजाब में भी झटका देने की तैयारी की है। अदिति सिंह के पति अंगद सिंह सैनी पंजाब की नवांशहर सीट से कांग्रेस से विधायक हैं। सूत्रों के मुताबिक अगर पंजाब में बीजेपी कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ती है तो अंगद सिंह भी कांग्रेस का हाथ छोड़ सकते हैं। ऐसे में अदिति सिंह का कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी में जाना अंगद सिंह को भी बीजेपी में लाने का रास्ता खोल सकता है। अदिति ने 21 नवंबर, 2019 को पंजाब के कांग्रेस विधायक अंगद सिंह सैनी से शादी की थी।

रायबरेली सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है और फिलहाल यहां से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सांसद हैं। अदिति सिंह के पिता और रायबरेली सदर से पांच बार विधायक रह चुके अखिलेश सिंह का इलाके में अच्छा प्रभाव रहा है। ऐसे में अदिति सिंह के बीजेपी जॉइन करने से कांग्रेस के लिए यहां बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है। कभी कांग्रेस का गढ़ कहा जाने वाला अमेठी पहले ही बीजेपी का किला बन चुका है, जहां से बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के राहुल गांधी को 2019 के लोकसभा चुनाव में शिकस्त दी थी। ऐसे में यूपी की रायबरेली सीट को कांग्रेस का आखिरी किला कहा जा सकता है।

गौरतलब है कि अदिति सिंह को कांग्रेस की अंदरुनी हकीकत पता है। पिछले दिनों कांग्रेस की जो मीटिंग हुई, उसमें कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से बहुत से वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष बनाने की मांग की थी। लेकिन उन्होंने प्रियंका को अध्यक्ष बनाने की मांग नहीं की। वह भी तब, जब मां सोनिया गांधी यानि कि एक महिला ही से यह मांग की जानी थी। अब सवाल उठ रहे हैं कि अगर प्रियंका लड़कियों का सशक्तीकरण करना चाहती हैं, तो पहले यह बदलाव घर से ही शुरू क्यों नहीं करती है?  कांग्रेस के लिए बोझ बन चुके राहुल गांधी की जगह खुद को अध्यक्ष बनाये जाने की मांग क्यों नहीं करती है? दरअसल लड़कियों और महिलाओं के सशक्तीकरण का कांग्रेस का नारा सिर्फ चुनावी स्टंट भर है। 

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