कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने एक बार फिर देश के लोगों का अपमान किया है। तिरुवनंतपुरम में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शशि थरूर ने पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों की वेशभूषा का मजाक उड़ाया। दरअसल शशि थरूर कह रहे थे कि प्रधानमंत्री मोदी तरह-तरह के कपड़े और पगड़ियां पहनते हैं, लेकिन मुस्लिम टोपी पहनन से बचते हैं। इसी बात के दौरान उन्होंने पूर्वोत्तर राज्य के लोगों की सांस्कृतिक और क्षेत्रीय पहचान की पोशाकों और पारंपरिक टोपियों का मजाक उड़ाया। जाहिर है कि खुद को संभ्रांत तबके का समझने वाली कांग्रेसी मानसिकता से ग्रसित शशि थरूर पहले भी देश के आम नागरिकों का इसी तरह मजाक उड़ा चुके हैं।
इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर शशि थरूर की जमकर खिंचाई हो रही है। देशभर के लोगों ने पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों का मजाक उड़ाने वाले उनके बयान की निंदा की है।
Dear @ShashiTharoor,this smacks of outlandish mindset,particularly a mocking affront to rich traditional culture of people of Northeast,including those of Nagaland whom you specifically choose to mention. It’s this Congress mindset,which treated Northeast with disdain for 70 yrs. pic.twitter.com/oFAHFh5u5I
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) August 6, 2018
Nagas have rich heritage&vibrant culture.We are proud of our history&traditions. The Naga headgear is renowned&gifted with honour,definitely not outlandish. Mutual respect makes India a great nation. One must apologise & withdraw statements that hurt others sentiments.
— Neiphiu Rio (@Neiphiu_Rio) August 6, 2018
An abhorring act!
Mocking people of #NorthEast and our dressing choices is what Rahul Gandhi’s family & .@INCIndia has done for 70 years.
Will .@RahulGandhi apologise for such statements of his party members? pic.twitter.com/64ecDIUOyg
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) August 6, 2018
He mocked his own masters too @ShashiTharoor pic.twitter.com/Mdp3w5UUyj
— Narendra Modi Army (@TigerNaMo) 6 August 2018
@narendramodi @AmitShah#MockingBird @ShashiTharoor has Superiority Complex which makes him look down upon others. An educated fool who fails to understand how dress, headgear, habits are related to needs & got integrated into culture.
But, soon he will be mocked at ridiculed !.— Dr. V. Prasad, Ph.D (@VidudalaPrasad) 6 August 2018
He is Oxford version of #ManiShankerAiyar
— Wink-o-Pidi(a) (@ravi_poruri) 6 August 2018
Sir you are missing the point! A dynast can never be blamed or made to apologize! If his minions say something insulting they are always acting alone!
— પ્રયાગ ગાંધી (@prayag) 6 August 2018
You still consider congressbis a political party and Rahul it their leaders ? Both are big jokes on people
— eswar dutt (@peepal59) 6 August 2018
यह कोई पहली बार नहीं है, इससे पहले भी थरूर कई मौकों पर इसी तरह की बयानबाजी कर चुके हैं, डालते हैं एक नजर-
शशि थरूर ने मानुषी छिल्लर का उड़ाया मजाक
पिछले वर्ष नवंबर में कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मिस वर्ल्ड 2017 बनीं मानुषी छिल्लर के नाम का सोशल मीडिया पर मजाक बनाया था। शशि थरूर ने मानुषी के सरनेम ‘छिल्लर’ का मजाक उड़ाते हुए उसे ‘चिल्लर’ कहकर संबोधित किया और उसे नोटबंदी से भी जोड़ दिया है। एक ट्वीट में उन्होंने कहा है, “हमारा चिल्लर भी मिस वर्ल्ड बन गया। उन्होंने मानुषी के नाम के सहारे मोदी सरकार द्वारा लागू की गई नोटबंदी को फेल करार दिया।
What a mistake to demonetise our currency! BJP should have realised that Indian cash dominates the globe: look, even our Chhillar has become Miss World!
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) 19 November 2017
गांवों और परिवारों के बीच अंतर नहीं जानते हैं शशि थरूर !
13 फरवरी, 2018 को कांग्रेस के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने एक ट्वीट पोस्ट कर दावा किया कि केंद्र सरकार अपने ही लक्ष्यों को बार-बार बदल रही है। देखिये ये ट्वीट-
दरअसल शशि थरूर कुछ-कुछ ऐसी बातें कर रहे हैं जैसी बातें उनकी पार्टी के लोग अक्सर किया किया करते हैं। कुछ-कुछ ऐसी भी जो आज कई मीडिया घराने भी करते हैं। वे इस बात में फर्क नहीं कर पाते हैं कि ग्रामीण विद्युतिकरण क्या है और घर-घर विद्युतिकरण क्या है?
शशि थरूर के लिए कुछ तथ्य नीचे दिये गए हैं-
ग्रामीण विद्युतिकरण का अर्थ यह है कि पावर ग्रिड से बिजली गांवों तक पहुंचा देना, न कि घर-घर बिजली पहुंचाना।
उनकी जानकारी के लिए यह भी तथ्य है कि ग्रामीण विद्युतिकरण की परिभाषा भी नरेंद्र मोदी की सरकार ने नहीं बनाई है। यह 1997 से अपरिवर्तित है जिसमें कहा गया है कि अगर ग्रिड से बिजली गांवों तक पहुंचा दी जाती है तो उसे विद्युतिकृत माना जाता है।
15 अगस्त, 2015 को प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किला से कहा था कि 1000 दिनों के भीतर सभी गांवों में बिजली पहुंचा दी जाएगी। इसका लक्ष्य एक मई, 2018 तक निर्धारित किया गया है। अगर दिनों के हिसाब से देखें तो एक मई, 2018 तक यह 990 दिन ही होते हैं।
ग्रामीण विद्युतिकरण की बात की जाए तो अप्रैल, 2015 से अब तक दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (DDUGJY) के तहत 18,452 गांवों में से 16, 341 गांवों का विद्युतिकरण किया जा चुका है।
घर-घर बिजली की बात करें तो यह ग्रामीण विद्युतिकरण से बिल्कुल अलग बात है। 22 दिसंबर, 2017 को सरकार की घोषणा के अनुसार इसका सौभाग्य योजना और हर घर विद्युतिकरण (universal household electrification) का लक्ष्य 31 मार्च, 2019 निर्धारित किया गया है, जिसपर कार्य जारी है।
दरअसल शशि थरूर इस बात में अंतर कर पाने में अक्षम साबित हुए हैं कि ग्रामीण विद्युतिकरण क्या है और हर घर बिजली योजना क्या है? अपनी अधूरी और गलत जानकारी की बदौलत वे लोगों को गुमराह भी कर रहे हैं। उन्हें एक बार फिर याद दिला दें कि ग्रामीण विद्युतिकरण का लक्ष्य एक मई, 2018 है जबकि हर घर बिजली पहुंचाने का लक्ष्य 31 मार्च, 2019 है। फिर शशि थरूर बताएं कि सरकार ने अपने लक्ष्यों को कब परिवर्तित किया है?
जब दिखावे की धार्मिक आस्था थरूर पर फिर पड़ी भारी
धार्मिक आस्था जब सिर्फ दिखावे के लिए हो तो आप बुरी तरह से घेर लिए जाते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ कांग्रेस नेता शशि थरूर के साथ। 29 मार्च, 2018 को शशि थरूर को जैन धर्म के 24वें तीर्थकर भगवान महावीर की जन्म जयंती पर शुभकामना संदेश देने का ख्याल आया। ट्विटर के जरिए उन्होंने अपना संदेश दिया लेकिन संदेश के साथ तस्वीर सही लगे इसका या तो उन्हें ध्यान नहीं रहा, या भगवान महावीर के बारे में उन्हें कुछ पता नहीं है। शशि थरूर ने भगवान महावीर की जगह गौतम बुद्ध की तस्वीर लगा दी। इसके बाद भी शशि थरूर को ट्विटर पर लताड़ लगी थी।