Home समाचार सेवा परमो धर्म सिविल सेवा का मंत्र होना चाहिए: प्रधानमंत्री मोदी

सेवा परमो धर्म सिविल सेवा का मंत्र होना चाहिए: प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 31 अक्तूबर को राष्‍ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर केवड़िया स्थित स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी के परिसर में सिविल सेवा के 430 से भी अधिक प्रोबेशनरों, अधिकारियों एवं अन्‍य गणमान्‍य व्‍यक्तियों की एक सभा को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रोबेशनर्स को स्‍वयं को राष्‍ट्र की सेवा के प्रति समर्पित करना चाहिए। उन्‍होंने कहा, ‘आप केवल करियर या महज नौकरी के लिए इस पथ पर नहीं आए हैं। आप सेवा परमो धर्म के मंत्र के साथ यहां सेवा के लिए आए हैं। आपका एक कदम, एक हस्‍ताक्षर लाखों लोगों की जिन्‍दगी को प्रभावित करेगा। आपके निर्णय स्‍थानीय और क्षेत्रीय होंगे, लेकिन उनका परिप्रेक्ष्य राष्‍ट्रीय होगा। आपको हमेशा यह सोचना चाहिए कि आपका निर्णय राष्‍ट्र को किस तरह प्रभावित करेगा।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आपका निर्णय हमेशा दो बुनियादी सिद्धांतों पर आधारित होना चाहिए। पहला महात्मा गांधी का है, जहां उन्होंने कहा था कि क्या आपके फैसले का समाज के सबसे निचले पायदान के अंतिम व्यक्ति के लिए कोई महत्व है और दूसरा यह कि क्या हमारा फैसला देश की एकता, स्थिरता और उसकी ताकत में योगदान देगा। ‘

प्रधानमंत्री ने 100 से अधिक महत्वाकांक्षी जिलों की स्थिति का वर्णन किया, जो सभी मोर्चों पर उपेक्षित रहे और किस प्रकार वे निराशा की स्थिति में रहे। उन्होंने कहा, ‘100 से अधिक जिले, जो विकास की में पिछड़ गए और अब महत्वाकांक्षी जिले हैं। सभी चरणों में उनकी अनदेखी की गई और इसके कारण देश में निराशा फैली। अब उनका विकास और कठिन हो गया। अब हम एचडीआई के हर पहलू पर काम करने की कोशिश कर रहे हैं। हम तकनीक की मदद से सभी नीतियों को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं। अब आपको इस पर कड़ी मेहनत करनी होगी। हमें इन महत्वाकांक्षी जिलों का विकास करना चाहिए।’

उन्होंने प्रोबेशनरों से एक समय में एक समस्या पर काम करने और उसका संपूर्ण समाधान खोजने के लिए कहा जिससे लोगों का विश्वास और उनकी भागीदारी बढ़ेगी। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘उत्साह और चिंता में हम कई मोर्चों पर काम करने की कोशिश करते हैं और इसलिए हमारे संसाधन कम हो जाते हैं। इसके बजाय आप एक मुद्दे पर काम करते हैं। इसका हल खोजें। एक जिला एक समस्या और संपूर्ण समाधान। एक समस्या को कम करें। आपके आत्मविश्वास में सुधार होगा और लोगों का विश्वास भी बढ़ेगा। यह कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी बढ़ाएगा।’

प्रधानमंत्री मोदी ने युवा प्रोबेशनरों से आग्रह किया कि वे स्वच्छ इरादे के साथ काम करें और जनता के लिए सुलभ हों। उन्होंने कहा, ‘आपको कठोर शक्ति के बजाय नरम शक्ति का प्रदर्शन करना चाहिए। आपको जनता के लिए आसानी से सुलभ होना चाहिए। आपको स्वच्छ इरादे के साथ काम करना चाहिए। आपके पास सभी समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता है, लेकिन आपको कम से कम सुनने के लिए तैयार होना चाहिए। इस देश में यदि आम आदमी की समस्या को ठीक से सुना जाए तो वह कई बार संतुष्ट होता है। वह अपने मुद्दों को पहुंचाने के लिए सम्मान और एक उचित मंच चाहता है।’

उन्होंने प्रोबेशनरों से उचित प्रतिक्रिया तंत्र विकसित करने के लिए कहा ताकि वे सही निर्णय ले सकें। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘किसी भी व्यवस्था में, किसी भी ब्यूरोक्रेसी में प्रभावी होने के लिए आपके पास एक उचित प्रतिक्रिया तंत्र होना चाहिए। आपको अपने विरोधियों से भी प्रतिक्रिया प्राप्त करने में सक्षम होना चाहिए और इससे आपकी दूरदर्शिता की गहराई बढ़ेगी और आपको सुधार करने में मदद मिलेगी।’

प्रधानमंत्री ने सिविल सर्विस प्रोबेशनरों को तकनीकी समाधान के साथ काम करने और देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करने के लिए प्रेरित किया। इन प्रोबेशनरों ने इससे पहले प्रधानमंत्री के साथ अलग से हुए पारस्‍परिक संवादात्‍मक सत्र के दौरान विभिन्‍न विषयगत क्षेत्रों जैसे कि कृषि एवं ग्रामीण सशक्तीकरण, स्‍वास्‍थ्‍य सेवा संबंधी सुधारों एवं नीति निर्माण, टिकाऊ ग्रामीण प्रबंधन तकनीकों, समावेशी शहरीकरण और शिक्षा के भविष्‍य पर प्रस्‍तुतियां दीं।

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