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ग्राम स्वराज अभियान: दूसरे चरण में 45,000 गांवों का चयन, लागू की जाएंगी 7 प्रमुख योजनाएं

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार गांव, गरीब, किसान के उत्थान के लिए पुरजोर तरीके से कार्य कर रही है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्रामीण विकास की प्रमुख 7 योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए ग्राम स्वराज अभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान के तहत चयनित गांवों में ग्रामीण विकास की इन योजनाओं के शत प्रतिशत क्रियान्वयन का लक्ष्य रखा गया था। ग्राम स्वराज अभियान के पहले चरण की सफलता के बाद मोदी सरकार ने इस अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत की है।

15 अगस्त तक पूरा करना है दूसरा चरण
ग्राम स्वराज अभियान के दूसरे चरण के तहत करीब 45,000 गांवों का चयन किया गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह सभी गांव 115 महात्वाकांक्षी जिलों में हैं। मोदी सरकार ने इन गांवों में योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए 750 केंद्रीय अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है। हर अधिकारी को 75 गांव दिए गए हैं। ये अधिकारी 15 अगस्त तक इन गांवों में लगातार दौरा करेंगे और केंद्र सरकार की 7 प्रमुख योजनाओं को लागू करवाएंगे। अहम बात यह है कि एक पूरी कवायद की निगरानी खुद पीएमओ यानी प्रधानमंत्री कार्यालय करेगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसके तहत प्रत्येक जिले के लिए एक प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। केंद्र की सात योजनाओं में से 5 योजनाओं को ग्रामीणों तक पहुंचाने में खास ध्यान दिया जाएगा। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, आहार, कौशल और कृषि शामिल है।

बिहार के सबसे अधिक 8,569 गांव शामिल
ग्राम स्वराज अभियान के दूसरे चरण में सबसे अधिक बिहार के 8,569 गांवों को शामिल किया गया है। इसके बाद पश्चिम बंगाल के 7,981 गांव, झारखंड के 6,512 गांव, उत्तर प्रदेश के 5,130 गांव और मध्य प्रदेश के 3,048 गांव हैं। पूरे कार्यक्रम की निगरानी दिल्ली में कृषि भवन में बैठे अधिकारी द्वारा की जाएगी। बताया जा रहा है कि मोदी सरकार के इस कार्यक्रम का लक्ष्य ग्रामीण परिवारों की गरीबी और भौगोलिक क्षेत्रों की गरीबी को लक्षित करना है।

56 लाख से अधिक घरों में बिजली कनेक्शन का लक्ष्य
चयनित गांवों में इस ग्राम स्वराज अभियान के तहत मिशन इंद्रधनुष, प्रधानमंत्री जन धन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, उज्ज्वला योजना, सौभाग्य योजना और एलईडी बल्बों के वितरण की योजना को मूर्तरूप देना है। बताया जा रहा है कि इसमें सबसे बड़ा काम ऊर्जा मंत्रालय को करना है। सौभाग्य योजना के तहत इन 45,136 गांवों के अंधेरे में डूबे 56.83 लाख घरों में बिजली का कनेक्शन देना है। इसके लिए ऊर्जा मंत्रालय एक मोबाइल एप के इस्तेमाल पर विचार कर रहा है। ऊर्जा मंत्रालय के अलावा पेट्रोलियम मिनिस्ट्री को भी बड़ा काम करना है। ग्राम स्वराज अभियान के पहले चरण में 16,000 गांवों में 10.29 लाख गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य था। पेट्रोलियम मंत्रालय ने उज्ज्वला योजना के तहत इन गांवों में 14 अप्रैल से 5 मई के बीच 7.77 लाख मुफ्त गैस कनेक्शन दिए थे। सरकार दूसरे चरण में भी इसी तरह अधिक से अधिक परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन देना चाहती है।

मोदी सरकार ने चार वर्षों में गांवों के विकास के लिए कई कदम उठाए हैं, कई योजनाएं चलाई हैं। ग्राम स्वराज अभियान के तहत इन्हीं में प्रमुख सात योजनाओं पर फोकस किया जा रहा है। एक नजर डालते हैं इन सात योजनाओं पर-

मिशन इंद्रधनुष अभियान
गर्भवती महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर मोदी सरकार ने मिशन इंद्रधनुष अभियान की शुरुआत की थी। इसके तहत देशभर में गर्भवती महिलाओं और बच्चों का मुफ्त टीकाकरण किया जाता है। अब तक चार चरणों में देश के 528 जिलों में 3.15 करोड़ बच्चों और 80 लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा चुका है।

प्रधानमंत्री जन धन योजना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के करोड़ों लोगों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने के मकसद से प्रधानमंत्री जन धन योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत जीरो बैलेंस पर बैंक में खाता खोला जाता है। अब तक देश में इस योजना के तहत 31.76 करोड़ बैंक खाते खोले गए हैं और इन खातों में करीब 81 हजार करोड़ रुपये जमा हैं।

प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना
आम आदमी को जीवन बीमा की सुविधा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 9 मई, 2015 को इस योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत सिर्फ 330 रुपये के प्रति वर्ष के प्रीमियम पर 2 लाख रुपये का जीवन बीमा की सुविधा मिलती है।

प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना
इसी प्रकास आम लोगों के लिए दो लाख रुपये के लिए दुर्घटना बीमा के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने 9 मई, 2015 को पीएम सुरक्षा बीमा योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत महज 12 रुपये के प्रीमियम पर 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा मिलता है।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
ग्रामीण महिलाओं को धुएं से आजादी दिलाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत 4,10,30,000 मुफ्त एलपीजी कनेक्शन और गैस चूल्हे दिए जा चुके हैं। पहले इस योजना का लक्ष्य 5 करोड़ कनेक्शन बांटने का था, लेकिन अब इसका लक्ष्य 2020 तक 8 करोड़ गैस कनेक्शन देने का निर्धारित किया गया है। उज्ज्वला योजना ग्रामीण क्षेत्र में क्रांतिकारी साबित हुई है।

सौभाग्या योजना
प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर सौभाग्य योजना के तहत देश के उन 4 करोड़ परिवारों तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने का काम किया जा रहा है, जहां आजादी के इतने वर्षों बाद भी बिजली नहीं पहुंच पाई है। इस योजना के तहत करीब 71 लाख घरों में बिजली पहुंचा दी गई है। सरकार का लक्ष्य मार्च 2019 तक सभी घरों में बिजली कनेक्शन पहुंचाने का है।

एलईडी बल्बों का वितरण
बिजली की खपत में कमी लाने के लिए मोदी सरकार ने उजाला योजना (Unnat Jyoti Affordable LEDs for ALL) की शुरुआत की थी। इसके तहत पारंपरिक स्ट्रीट और घरेलू लाइट के स्थान पर LED लाइट लगाए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत अब तक 30.01 करोड़ से अधिक एलईडी बल्ब लगाए जा चुके हैं, जिससे प्रति वर्ष 15,500 करोड़ रुपये की बचत हुई। इसके साथ ही 99 करोड़ और एलईडी बल्‍बों का वितरण उद्योग जगत द्वारा किया गया है।

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