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सपा नेता अखिलेश यादव की पुरानी सरकार के दौरान महिलाओं के खिलाफ कारनामे देखकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे…!!

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बेहद गौर से देखिए इस वीडियो को….अखिलेश राज के इस वीडियो को आज भी लोग नहीं भुला पाए हैं। सपा के गढ़ रहे मैनपुरी में ही गुंडों ने महिला के साथ जो किया, उसे देखकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। दिल दहल जाएगा। आप ऐसे राज में अपनी बहन-बेटियों को घर से बाहर भेजने में सौ बार सोचेंगे। इससे भयानक मंजर और क्या हो सकता है कि एक नन्हीं मासूम के सामने ही उसकी मां की इज्जत को तार-तार किया जा रहा था। लेकिन यह वीडियो सपाइयों, गुंडे-बदमाशों की नापाक, ना-काबिले बर्दाश्त करतूतों की बानगी भर है। सपा सरकार के आंकड़े महिलाओं के साथ लगातार उत्पीड़न, शोषण और अत्याचार की खूब कहानियां सुनाते हैं।

 

 

 

 

मैनपुरी में बेकसूर महिला और उसके पति को सरेआम डंडे से पीटा
उत्तर प्रदेश में चुनाव की बिसात फिर बिछ चुकी है। उत्तर प्रदेश में बह रही विकास की गंगा ने साबित किया है कि यूपी के लिए योगी ही उपयोगी हैं। उत्तर प्रदेश में उपरोक्ता वीडियो जैसे सीन फिर सामने न आएं इसलिए जनता को अपना चुनाव सोच-समझकर करना होगा। क्योंकि यह सिर्फ एक वीडियो भर की बात नहीं है। बेकसूर महिला और उसके पति को सरेआम डंडे से पीटा जा रहा है। यह तो सपा के गढ़ रहे मैनपुरी की बानगी भर है। अखिलेश राज में महिलाओं की पूरी स्थिति जानने के लिए आपको थोड़ा पीछे लौटना होगा।

महिलाओं का उत्पीड़न मायावती के कार्यकाल से सपा सरकार में दोगुना
आरटीआई कार्यकर्ता उर्वशी शर्मा ने जब यूपी में अखिलेश सरकार चल रही थी, तब महिलाओं कि स्थिति के बारे में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। महिला आयोग से मिली जानकारी के अनुसार मायावती शासनकाल में महिला उत्पीड़न के 55301 मामले दर्ज हुए थे। अखिलेश सरकार के शुरूआती ढाई साल में यह मामले बढ़कर 78483 हो गए। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक 21 महीनों की सपा सरकार में मायावती सरकार की सरकार की तुलना में महिला हिंसा के 9205 मामले बढ़े हैं, जोकि कुल 23 प्रतिशत है। अखिलेश सरकार में महिला हिंसा के कुल 49हजार 265 केस दर्ज किए गए, जिनमें से सिर्फ 13हजार 429 केस ही निपटाए जा सके, जो कुल मामलों का सिर्फ 27 प्रतिशत ही हैं।

सपा सरकार में अपराध और अपराधियों, माफियाओं का ही बोलबाला
यह अखिलेश सरकार के दौरान महिलाओं पर अत्याचार का आईना भर है। इसके अलावा अपराध और अपराधियों, माफियाओं का अखिलेश सरकार में खूब बोलबाला था। वे ताल ठोंककर कहते थे कि अब उनकी सरकार चल रही है। उस समय के अखबार सपाइयों, उनके समर्थक अपराधियों की करतूतों से भरे रहते थे। यहां तक कि सरकारी योजनाओं का लाभ, लोगों को इंसाफ उनके धर्म और जाति को देखकर मिलता था। सपा सरकार में यूपी के कई शहरों में दंगों के दौरान पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगते थे। हैरानी की बात यही है कि इन नारेबाजों को हैरानी से नहीं देखा जाता था।

सपा सरकार में ऐसे चलते थे विधायक के कागजी रुक्के….मेरे भतीजे को परेशान न किया जाए
उत्तर प्रदेश में सपा सरकार के दौरान गुंडों से साथ-साथ विधायकों की भी पौ-बारह थी। समाजवादी पार्टी के विधायकों पर भाई-भतीजावाद जमकर हावी था। विधायकों के रूक्के खुलेआम चला करते थे कि फलाना मेरा भाई-बेटा-भतीजा है, इसे गलतियों के बावजूद भी परेशान न किया जाए। भले ही ये नियम-कानूनों की धज्जियां उड़ा दें, लेकिन इन्हें माफ कर दिया जाए। सपा सरकार में ऐसे कई विधायकों के कई प्रकार के ‘आदेश’ चला करते थे। ये आदेश भले ही ‘कागजी’ हों, मगर क्या मजाल किसी अफसर की जो इनकी नाफरमानी कर जाए। सरकारी आंकड़े गवाह हैं किसी जाति विशेष के लोगों को ही तब सारे नियम-कायदों को ताक पर रखकर नौकरियां दी गईं थी।

कभी सरयू को खून से लाल कराया, अब कहते हैं भगवान सपने में आते हैं
एक बार फिर अखिलेश यादव नए चोले में नई चालों के साथ हाजिर हैं। जिस पार्टी ने राम भक्तों का सीना छलनी करके कभी सरयू को राम भक्तों के खून से लाल कर दिया था, उसी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश अब राम मंदिर जाने का ढोंग करते हैं। अखिलेश कभी कहते थे कि वे कभी पूजा नहीं करते तो अब कहते हैं कि श्रीकृष्ण भगवान उनके सपने में आते हैं। जिस अखिलेश यादव ने कभी अपने घर के मंदिर में पूजा नहीं की, वे विधानसभा चुनाव आते ही मठ-मंदिरों के चक्कर लगा रहे हैं। श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के भव्य लोकार्पण पर अनर्गल प्रलाप करते हैं। अब उत्तर प्रदेश की जनता ने भी ये तय कर लिया है कि  जो राम का नहीं, वो हमारे किसी काम का नहीं !!

 

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