Home समाचार संवेदनहीन तबलीगी जमातियों का उपद्रव, डॉक्टरों से बदसलूकी और पुलिसकर्मियों पर हमला

संवेदनहीन तबलीगी जमातियों का उपद्रव, डॉक्टरों से बदसलूकी और पुलिसकर्मियों पर हमला

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‘एक तो चोरी, ऊपर से सीनाजोरी’ यह कहावत इस समय तबलीगी जमातियों पर सटीक बैठ रहा है। पहले तो सरकारी निर्देशों का उल्लंघन कर दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में जुटे रहें। इसके बाद मरकज को खाली कराने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को भी हस्तक्षेप करना पड़ा। काफी कोशिशों के बाद जब वे मरकज से बाहर निकले तो उन्होंने डॉक्टर और पुलिसकर्मियों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया वह काफी शर्मनाक है। यहां तक कि देश के कई अन्य जगहों से भी इस जमात के लोगों द्वारा पुलिसकर्मियों पर हमले की खबरें आई हैं।

दिल्ली में जमातियों ने मचाया आतंक
निजामुद्दीन स्थित मरकज से निकाले गए तबलीगी जमात के 167 लोगों को रेलवे ने तुकलकाबाद में बने आइसोलेशन सेंटर्स में रखा है। मंगलवार देर रात करीब साढ़े 11 बजे जब जमातियों को बसों में भरकर यहां लाया गया तो उन्होंने यहां भी आतंक मचाया। सेंटर में दाखिल करने से पूर्व इन जमातियों को बसों में बैठे रहने को कहा गया तो इन्होंने बस की खिड़कियों से ही सड़कों और घरों की खिड़कियों पर थूकना, तेज-तेज खांसना और छीकना शुरू कर दिया।

आइसोलेशन सेंटर्स में मेडिकल स्टाफ से बदसलूकी
उत्तर रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार के मुताबिक 97 को डीजल शेड ट्रेनिंग सेंटर में और 70 को आरपीएफ बैरक में रखा गया है। बार-बार रोकने के बावजूद तबलीगी जमात के सदस्य हॉस्टल के बाहर देर रात तक घूमते रहे। जिन लोगों ने इनको मना करने की कोशिश की उनके साथ गाली-गलौज की घटना को भी इन लोगों ने अंजाम दिया। ये लोग अपनी जांच और इलाज में डॉक्टरों का बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रहे हैं। यहां तक कि मेडिकल स्टाफ से बदसलूकी की और मेडिकल स्टाफ पर थूका भी। ऐसे में जब कोरोना वायरस को फैलने में थूक बड़ी भूमिका अदा करता है।

इंदौर में स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला
इसी बीच इंदौर से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। जिले के टाटपट्टी बाखल इलाके की एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में क्षेत्र के लोग जांच करने की गयी टीम पर पत्थरों से हमला बोल रहे हैं। यह घटना उस समय घटी, जब स्वास्थ्य विभाग की टीम एक बीमार महिला को लेने पहुंची थी। तभी वहां मौजूद लोगों ने स्वास्थ्य विभाग की टीम पर पथराव कर दिया। पथराव के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम को वहां से भागना पड़ा। इंदौर पुलिस ने बताया कि महिला के बारे में हमें पता चला कि वे कोरोना संदिग्ध हैं, जिसके बाद एक टीम चेकअप करने गई। इसी दौरान कुछ असमाजिक तत्वों ने हमला कर दिया।

महिला डॉक्टर ने बतायी आपबीती
इंदौर में भीड़ से जान बचाकर भागी महिला डॉक्टर ने जो आपबीती बताई, वो काफी हैरान करने वाली है। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस साथ न होती, तो उनका बचना भी नामुमिकन था। भीड़ के हमले में बाल-बाल बचीं डॉक्टर अभी तक खौफ में हैं। बंद शहर में घर से निकल सफाई में जुटे इंदौर का एक सफाई कर्मी भी भीड़ के इस रुख से हैरान है। उसका सवाल था- आखिर हमारा कसूर क्या है?

बेंगलुरु : हमले में बाल-बाल बचीं आशा वर्कर
कुछ इसी तरह की रूह कंपा देने वाली घटना बेंगलुरु की आशा वर्कर कृष्णावेनी ने भी बताई जो, भीड़ के हमले में बाल-बाल बचीं। कृष्णावेनी के मुताबिक वे लोग डाटा एकत्र करने गई थीं। तभी एक मस्जिद से अपील की गई कि डाटा एकत्र करने में सहयोग न करें। मस्जिद से अपील के बाद कई मुस्लिम परिवार के लोग बाहर आ गए और उनके साथ बदसलूकी करने लगे। उनके ऊपर हमला किया।

बिहार के मधुबनी में पुलिस पर पथराव और फायरिंग
बिहार के मधुबनी जिले के अंधराठाढ़ी ब्लॉक के गीदड़गंज गांव की मस्जिद में सोशल डिस्टेंसिंग का पाठ पढ़ाने गई पुलिस टीम पर स्थानीय मुसलमानों ने ना सिर्फ पथराव किया बल्कि फायरिंग भी कर दी। पुलिस के साथ हुए पथराव के बीच मस्जिद में ठहरे सभी जमाती फरार हो गए।

भास्कर की खबर के अनुसार लॉकडाउन के दौरान गीदड़गंज गांव की बड़ी मस्जिद में 100 से अधिक जमाती के रुकने की खबर मिलने पर मंगलवार की शाम जांच करने पहुंची पुलिस पर स्थानीय लोगों ने जमकर पत्थरबाजी और फायरिंग की। स्थानीय लोगों ने पुलिस को करीब एक किलोमीटर दूर मदरसा हनफीया तक खदेड़ दिया। लोगों ने पुलिस गाड़ी में तोड़फोड़ कर तालाब में गिरा दिया। गौरतलब है कि गीदड़गंज गांव के सभी लोग मुसलमान समुदाय के हैं। 

मुंगेर में सैंपल लेने पहुंची टीम पर हमला
बिहार के मुंगेर में कोरोना के संदिग्ध लोगों का ब्लड सैंपल लेने शहर के हजरतगंज बाड़ा पहुंची क्विक रेस्पांस टीम को असामाजिक तत्वों ने रोक दिया। सूचना मिलते ही कासिम बाजार पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो ऐसे तत्वों ने पुलिस और एंबुलेंस पर पथराव शुरू कर दिया। इसमें कासिम बाजार थाना पुलिस का गश्ती वाहन क्षतिग्रस्त हो गया। एसपी लिपि सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार की घटना को लेकर 100 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस, मेडिकल टीम और पुलिसकर्मियों पर हमला करने वालों की पहचान कर रही है।
कटिहार में पुलिस टीम पर हमला
बाहार के कटिहार जिले के समेली गांव में पुलिस गश्ती वाहन पर ग्रामीणों ने हमला बोल दिया। पुलिस गाड़ी गांव से गुजर रही थी, इसी दौरान लोगों को जमा देख गश्ती वाहन रुका और लोगों को थाना आने कहा गया। इस पर ग्रामीणों ने पुलिस बल पर हमला कर दिया। एसआई अनिल कुमार ने बताया कि ग्रामीणों के लॉकडाउन नहीं करने पर समझाने के बाद ईंट ,पत्थर व लाठी डंडा द्वारा हमला किया गया।

सहारनपुर : मस्जिद में जुटी भीड़ ने पुलिस पर बोला हमला
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने पहुंची पुलिस पर बेहटा क्षेत्र के जमालपुर गांव में भीड़ ने हमला बोल दिया। पुलिस के मुताबिक उसे सूचना मिली कि जमालपुर गांव की मस्जिद में भीड़ इकट्ठा हो गई है। जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो पुलिस को देखकर कुछ नमाजी भाग खड़े हुए, लेकिन पुलिस ने छह लोगों को हिरासत में लेकर जीप में बैठा लिया। इन्हें लेकर पुलिस जैसे ही चलने लगी तो ग्रामीणों ने पुलिस की गाड़ी को रोक लिया और लाठी-डंडों से हमला कर दिया और हिरासत में लिए गए लोगों को छुड़ा लिया। इस हमले में दो पुलिसकर्मियों को चोटें आईं। इस मामले में पुलिस ने 5 महिलाओं सहित 26 के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

रामपुर में लॉकडाउन का पालन करा रहे अफसरों पर पथराव
यूपी के रामपुर के टांडा में बुधवार की शाम उप जिलाधिकारी गौरव कुमार, तहसीलदार महेंद्र बहादुर सिंह, कोतवाली निरीक्षण दुर्गा सिंह नगर के मोहल्ला मियां वाली मस्जिद के पीछे लॉक डाउन का पालन कराने के लिए माइक से एनाउंस कर रहे थे। इतने में उन्होंने गली में कुछ युवाओं को बेवजह खड़े हुए देखा। उन्हें टोकते हुए घर के अंदर जाने को कहा। इतने में एक छत से लोगों ने अधिकारियों पर पथराव कर दिया। गनीमत रही कि छत से फेंके गए पत्थर किसी को लगे नहीं। पुलिस ने मौके से पथराव करने के आरोप में तीन युवकों को पकड़ लिया। 

 

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