चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल सहित चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। शुक्रवार यानि 26 फरवरी, 2021 को मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव की तारीखों की घोषणा की। लेकिन कांग्रेस नेताओं और उसके समर्थकों ने चुनाव की तारीखों को लेकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश की थी। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी और वकील साकेत गोखले ने चुनाव की तारीखों के ऐलान को लेकर टाइम्स ऑप इंडिया की एक खबर का हवाला देते हुए उन्होंने ट्वीट कर चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठा दिया था।
Normally such announcements are made by the Election Commission.
That’s, of course, when there’s an independent Election Commission.
Did you authorize this statement @SpokespersonECI? Is the Prime Minister privy to information that the other political parties aren’t? https://t.co/iZCWflVbGA
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) February 22, 2021
साकेत गोखले और कांग्रेस के अन्य नेताओं द्वारा किए गए ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं। लोगों ने कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम को देश की जनता को गुमराह करने के लिए आड़े-हाथों लिया है। लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी के एक अनुमान को कांग्रेस और उसके समर्थकों ने साजिश के तहत तोड़-मरोड़कर पेश किया।
Lol the PM was probably guessing poll date announcements to be around March 1st week & look at the co-ordinated Tweet attack!
Just a prediction & look how they build some grand conspiracy
FYI it is today (i.e. on 26th Feb) that @ECISVEEP announces the poll dates. Feb, not March https://t.co/3KprAjhIiF pic.twitter.com/UhmvDKbQX1
— Vasudha (@WordsSlay) February 26, 2021
दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने असम में 22 फरवरी को एक रैली में कहा था कि पिछली बार (2016 में) असम विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा चार मार्च को हुई थी, इस बार भी मार्च के पहले हफ्ते में तारीखों का ऐलान किए जाने का अनुमान है। हालांकि यह चुनाव आयोग का काम है। लेकिन कांग्रेस के नेता और उसके समर्थक प्रधानमंत्री मोदी के अनुमान को तोड़-मरोड़कर पेश किया औऱ प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश की।
यह पहला मौका नहीं है, जब साकेत गोखले ने प्रोपेगेंडा के लिए चुनाव आयोग जैसी एक संवैधानिक संस्था की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया हो। इससे पहले राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन में अडंगा लगाने और लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की थी। अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन पर रोक लगाने के लिए साकेत गोखले ने पीआईएल याचिका दायर की थी। साकेत ने कोरोना संकट काल में जारी अनलॉक 2.0 के दिशानिर्देशों के तहत भूमिपूजन पर रोक लगाने की मांग की थी।
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि साकेत गोखले पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी हैं। साकेत सोशल मीडिया पर मोदी सरकार के खिलाफ फेक न्यूज फैलाते रहते हैं। फ्री प्रेस जर्नल के अनुसार साकेत बीजेपी के खिलाफ और कांग्रेस के पक्ष में अभियान चलाकर 22 लाख रुपये जुटाए थे।