Home तीन साल बेमिसाल 2013-14 की तुलना में 2016-17 में 5 गुना गांवों का हुआ बिजलीकरण

2013-14 की तुलना में 2016-17 में 5 गुना गांवों का हुआ बिजलीकरण

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नरेंद्र मोदी सरकार देश के हर गांव के हर घर तक बिजली पहुंचाने में तेजी से लगी हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2015 को स्वतंतत्रा दिवस के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए 1000 दिनों के अंदर बिजली से वंचित सभी गांव को बिजली प्रदान करने का संकल्प व्यक्त किया था। इसलिए केंद्र सरकार मई 2018 तक हर गांव में बिजली पहुंचा देना चाहती है। पंडित दीन दयाल उपाध्याय के अंत्योदय दर्शन के अनुरूप 20 नवबंर 2014 को भारत सरकार ने दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) को स्वीकृति दी। यह एकीकृत योजना है जिसमें ग्रामीण बिजली वितरण के सभी पक्ष यानी फीडर का अलगाव, प्रणाली सुदृढीकरण तथा मीटरिंग शामिल हैं।

सरकार की तत्परता के कारण 15 मई 2017 तक बिजली सुविधा से वंचित 18,452 गांव में से 13,469 गांव में बिजली पहुंचा दी गयी है। 

2013-2014 तथा 2016-2017 में ग्रामीण बिजलीकरण की उपलब्धियों तथा वित्तीय प्रगति की तुलना

  2013-24 2016-17 2017-18 लक्ष्य
बिजली सुविधा से वंचित गांवों का बिजलीकरण 1197 6015 बाकी सभी गांव
गांवों का सघन बिजलीकरण 14956 63330 85000
बीपीएल परिवारों को निशुल्क बिजली कनेक्शन 9.62 लाख 22.42 लाख 40 लाख
राज्यों को भारत सरकार का जारी अनुदान 2938.52 करोड़ रुपये 7965.87 करोड़ रुपये 4814 करोड़ रुपये

 

नई डीडीयूजीजेवाई योजना के अंतर्गत परियोजना लागत की 60 प्रतिशत (विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए 85 प्रतिशत) की दर से भारत सरकार अनुदान देती है। निर्धारित मानदंडों को पूरा करने पर 15 प्रतिशत की दर से अतिरिक्त अनुदान (विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए 5 प्रतिशत) दिया जाता है। इस योजना के अंतर्गत 32 राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों के लिए 42,553.17 करोड़ रुपये की परियोजनाएं मंजूर की गयी हैं। इनमें फीडर अलगाव के लिए (15572.99 करोड़ रुपये), प्रणाली सुदृढीकरण तथा ग्रामीण घरों से जोड़ने के लिए (19706.59 करोड़ रुपये), मीटरिंग (3874.48 करोड़ रुपये), ग्रामीण बिजलीकरण (2792.57 करोड़ रुपये) तथा सासंद आदर्श ग्राम योजना (398.54करोड़ रुपये) शामिल है।

डीडीयूजीजेवाई के अंतर्गत 2013-2014 की 1197 गांवों की तुलना में 2016-2017 में 5 गुना ज्यादा 6015 गांवों का बिजलीकरण किया गया उसके साथ ही ग्रामीण घरों के सघन बिजलीकरण में चौगुना उछाल आया। 30 अप्रैल 2017 तक 256.81 लाख बीपीएल परिवारों को नि:शुल्क बिजली कनेक्शन दिये गये।

ग्रामीण बिजलीकरण कार्य की प्रगति की निगरानी के लिए फील्ड में 350 से अधिक ग्राम विद्युत अभियंता (जीवीए) तैनात किये गये हैं। बिजली सुविधा से वंचित 18,452 गांवों में बिजलीकरण की प्रगति की निगरानी केलिए जीएआरवी मोबाइल एप (garv.gov.in) विकसित किया गया। जीएआरवी एप में जीवीए फील्ड फोटोग्राफ, डाटा तथा अन्य सूचना अपडेट करते हैं। सभी 5.97 लाख गांवों में घरों के बिजलीकरण की निगरानी के लिए 20 दिसंबर 2016 को अपडेटेड जीएआरवी एप को लांच किया गया।

योजना से ग्रामीणों की जीवनशैली बदलने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र सामाजिक आर्थिक विकास होने की आशा है। योजना के निम्नलिखित महत्वपूर्ण परिणाम हैं:

कृषि में उत्पादकता वृद्धि।
महिलाओं के लिए निरसता कम करना।
बच्चों की शिक्षा में सुधार।
सभी गांवों तथा घरों से संपर्क
ग्रामीण क्षेत्रों में विश्वसनीय बिजली सेवा।
स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाएं देने में सुधार।
संचार साधनों (रेडियो, टेलीफोन, टेलीविजन, मोबाइल) तक पहुंच में सुधार।
बिजली व्यवस्था से जनसुरक्षा में सुधार।

योजना में राज्यों की स्थानीय आवश्यकता/प्राथमिकता के अनुसार कार्य चुनने में लचीलापन है। जनसंख्या मानक को समाप्त कर दिया गया है और जनसंख्या प्रतिबंध के बिना सभी गांवों/मोहल्लों को योजना के अंतर्गत पात्र माना गया है।

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