लालू प्रसाद और शहाबुद्दीन के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत का खुलासा हुआ है। शहाबुद्दीन सीधे तौर पर अपने नेता लालू प्रसाद को निर्देश देते दिख रहे हैं। इससे पता चलता है कि प्रशासनिक फैसले भी शहाबुद्दीन ही तय किया करता रहा है। शनिवार छह मई को शुरू हुए अर्नब गोस्वामी के रिपब्लिक नाम के चैनल ने इसी खबर के साथ अपना आगाज किया।
बीजेपी के साथ पूरे विपक्ष ने इस मामले को लेकर सत्ताधारी गठबंधन पर जोर-शोर से हमला बोला है। विपक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की भी मांग की है।
बीजेपी नेता सुशील मोदी ने ट्वीट किया कि टीवी चैनल ने लालू का पर्दाफाश कर दिया है। इसमें लालू और शहाबुद्दीन के बीच के संबंधों को भी लेकर खुलासा किया गया है। मोदी ने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए।
Republic of Arnab has exposed how Lalu is taking instructions from Dreaded criminal Shahbuddin.Will Nitish act ?
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) May 6, 2017
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी कहा कि इससे साबित हो गया कि राज्य में अपराधियों के संरक्षण में सरकार चल रही है।
नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने इस मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया है।
मृतक पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन ने कहा है कि लालू यादव और शहाबुद्दीन का रिश्ता जगजाहिर है। जब जेल से शहाबुद्दीन फोटो वायरल कर सकता है तो फोन पर बातचीत क्यों नहीं कर सकता?
बातचीत के इस कथित टेप के जारी होने के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या लालू प्रसाद जेल में बंद शहाबुद्दीन से निर्देश लेते हैं। बातचीत में शहाबुद्दीन सीवान की घटना को लेकर लालू से शिकायत करते सुनाई दे रहे हैं। ऑडियो टेप में दावा किया गया है कि शहाबुद्दीन के हिसाब से लालू प्रसाद पुलिस अफसरों की तैनाती करवाते हैं।
शहाबुद्दीन सीवान से विधायक और उसके बाद सांसद रहा है। शहाबुद्दीन पर हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण और जबरन उगाही सहित कई मामलों में सुनवाई चल रही है। फिलहाल शहाबुद्दीन तिहाड़ जेल में बंद है।