भारत में गणतंत्र दिवस पर विदेशी अतिथियों को बुलाने की परंपरा 1950 से ही चली आ रही है। हर वर्ष जब राजपथ पर देश की आन-बान और शान को दिखाने वाली सैन्य परेड और झांकियां निकलती हैं तो पूरी दुनिया की निगाहें भारत की ओर होती हैं, लेकिन पिछले कई दशकों में ये सिर्फ परंपरा बनकर रह गई थी, ऐसे में Perform India ने पिछले कई दशकों के गणतंत्र दिवस समारोह का विश्लेषण किया। उनमें बुलाए जाने वाले अतिथियों को तत्कालीन परिवेश से जोड़कर समझने की कोशिश की, तो जो नतीजे आए, वो चौंकाने वाले रहे। चाहे नेताओं का कद हो, चाहे विश्व के बाकी देशों के राष्ट्राध्यक्षों की गिनती हो या फिर इन कार्यक्रमों को लेकर भारत को मिलने वाला लाभ हो – हर मोर्चे पर मोदी सरकार के चार साल, मनमोहन सरकार के 10 वर्षों के गणतंत्र दिवस समारोह पर भारी पड़ते दिखाई देते हैं।
मनमोहन ने बुलाए 9 राष्ट्राध्यक्ष, पीएम मोदी ने 13
गणतंत्र दिवस भारत की ताकत को विश्व के सामने रखने का एक बड़ा अवसर होता है। इस मौके पर भारत पूरी दुनिया के सामने अपना विजन पेश कर सकता है। मनमोहन सिंह ने दस वर्षों में गणतंत्र दिवस समारोहों को कतई गंभीरता से नहीं लिया। अपने कार्यकाल में उन्होंने सहूलियत के हिसाब से अतिथियों को बुलाया। ऐसे में अगर तुलना करें तो मनमोहन सिंह ने दस वर्षों में सिर्फ 9 अतिथियों को बुलाया, जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने सिर्फ 4 वर्षों में ही 13 राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया।
मनमोहन ने की रस्म आदायगी – मोदी ने दिखाई ताकत
मनमोहन सिंह के कार्यकाल के गणतंत्र दिवस समारोहों को देखें तो उसमें न तो कोई नजरिया था और न ही लक्ष्य। विदेशी राष्ट्राध्यक्षों को बुलाने के पीछे उनकी कोई रणनीति भी नजर नहीं आती है। मनमहोन सिंह ने भले ही 10 राष्ट्राध्यक्ष बुलाए हों, लेकिन उसमें भी दो बार भूटान के राजा शामिल रहे। वहीं प्रधानमंत्री मोदी के चारों साल के अतिथियों का एक विशेष महत्व है। चाहे दुनिया के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति ओबामा को बुलाना हो या फिर फ्रांस के राष्ट्रपति का आमंत्रण। इस पर हम विस्तार से चर्चा करेंगे, लेकिन सबसे पहले वर्ष के हिसाब से देखिए कि मनमोहन सिंह के दस साल के गेस्ट कौन-कौन थे।
प्रधानमंत्री मोदी के अतिथियों का विश्लेषण
आपने मनमोहन सिंह के दस वर्षों के विदेशी मेहमानों की सूची देखी, और अब देखिए प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल के चार वर्षों में गणतंत्र दिवस पर आने वाले विदेशी मेहमानों की सूची। 2015 में पीएम मोदी ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को आमंत्रित किया, वहीं 2016 में फ्रांस के राष्ट्रपति अोलांद को। 2017 में पीएम मोदी ने अबू धाबी के शहजादे को परेड का मुख्य अथिति बनाया, वहीं इस बार इतिहास रचते हुए आसियान के दस देशों के राष्ट्राध्यक्षों को गणतंत्र दिवस की परेड के लिए आमंत्रित किया गया है। इन आंकडों से साफ है, कि जो मनमोहन सिंह अपने दस वर्षों के कार्यकाल में नहीं कर पाए, वो प्रधानमंत्री मोदी ने 4 वर्षों में कर दिखाया।
2015 में पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति बना मुख्य अतिथि
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पहले गणतंत्र दिवस में ही इतिहास बना दिया। पीएम मोदी ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली राष्ट्र अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को 2015 के गणतंत्र दिवस की परेड के मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया। उस वक्त पूरी दुनिया ने देखा कि भारत और अमेरिका के संबंध कितने प्रगाढ़ हो रहे हैं। पीएम मोदी ने ओबामा को अपना मित्र बताया और पूरे विश्व को दिखा दिया कि वैश्विक जगत में भारत का क्या दबदबा है। तब पहली बार अमेरिका का मुखिया दो घंटे से ज्यादा वक्त तक खुले आसमान के नीचे बैठा। प्रधानमंत्री मोदी ने ओबामा के साथ साझा ‘मन की बात’ की और देश के लोगों से संवाद किया। इतना ही नहीं दोनों नेताओं ने बेहद अनौपचारिक माहौल में लॉन में बैठकर चाय पर चर्चा भी की।
2016 में फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद बने मुख्य अतिथि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 के गणतंत्र दिवस परेड के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद को आमंत्रित किया था। उस वक्त भारत की तरह फ्रांस भी आतंकी वारदातों से दहला हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस को आमंत्रित कर पूरी दुनिया को यह संदेश देने की कोशिश की कि आतंकवाद के मुद्दे पर दोनों देश एक साथ हैं, और आतंक का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। गणतंत्र दिवस परेड में फ्रांस के सैनिकों के एक दस्ते को भी शामिल किया गया। यह पहला अवसर था जब किसी विदेशी सैन्य टुकड़ी ने गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लिया।
A warm welcome to French President @fhollande. We are honoured & delighted to have him as the Chief Guest for Republic Day celebrations.
— Narendra Modi (@narendramodi) 24 January 2016
2017 में अबूधाबी के शहजादे बने मुख्य अतिथि
वर्ष 2017 की गणतंत्र दिवस परेड में प्रधानमंत्री मोदी ने अबु धाबी के शहजादे मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया था। परेड के बाद शहजादे शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने कहा कि भारतीय लोगों के साथ समारोह में शरीक होकर वह सम्मानित महसूस कर रहे हैं, जिन्होंने विविधता में एकता का जश्न मनाकर दुनिया को मानवता का संदेश दिया है। उन्होंने भारतीय मूल्यों और विविधता की सरहाना की और गणतंत्र दिवस समरोह में शरीक होने पर खुशी जताई। उन्होंने ये भी कहा कि यूएई की भागीदारी हमारे रिश्तों की गहराई को दर्शाती है जो आपसी सम्मान और सामान हितों पर आधारित हैं। 68वें गणतंत्र दिवस परेड के मौके पर यूएई सेना की टुकड़ी ने भी राजपथ पर मार्च किया। प्रधानमंत्री मोदी और शहजादे मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के बीच द्विपक्षीय वार्ता में यूएई ने भारत में बुनियादी ढांचे के विकास में निवेश करने में विशेष रूप से ऊर्जा, बिजली उत्पादन और पारेषण, रक्षा उत्पादन, औद्योगिक गलियारों और पार्कों, रेलवे, सड़क, बंदरगाह, शिपिंग और रसद जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में रुचि दिखाई और समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए। यह दर्शाता है कि प्रधानमंत्री मोदी अगर किसी राष्ट्राध्यक्ष को आमंत्रित करते हैं, तो उसके पीछे कुछ रणनीति जरूर होती है।
Thank you for very kindly agreeing to grace the 2017 Republic Day celebrations as the Chief Guest. https://t.co/UqnX6BJJdW
— Narendra Modi (@narendramodi) 2 October 2016
India sends a civilized message to the rest of the world as its people – from diverse ethnicities, religions and sects – celebrate in unity.
— محمد بن زايد (@MohamedBinZayed) 26 January 2017
इस बार आसियान के 10 देशों के राष्ट्राध्यक्ष बनेंगे परेड के गवाह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार गणतंत्र दिवस की परेड के लिए आसियान के 10 सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया है। ऐसा भारत के इतिहास में पहली बार हो रहा है कि दस देशों को प्रमुख परेड में मुख्य अथिति के तौर पर शामिल हों। 31 दिसंबर, 2017 को मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी ने इसे भारत के लिए अत्यंत गर्व की बात बताई थी।
India looks forward to welcoming ASEAN leaders for Republic Day 2018 celebrations. This is the first time so many leaders will grace the celebrations as the Chief Guests. #MannKiBaat pic.twitter.com/EF91d1oGMl
— PMO India (@PMOIndia) 31 December 2017
गणतंत्र दिवस की परेड में पहली बार
- 2015 की गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार राजपथ पर सेना, नौसेना और वायुसेना की पूरी महिलाओं की टुकड़ी ने मार्च किया।
- 2015 की परेड में सीआरपीएफ के नक्सल रोधी विशेष बल ‘कोबरा’ के कमांडो ने पहली बार राजपथ पर मार्च किया
- 2017 की गणतंत्र दिवस की परेड में प्रधानमंत्री मोदी प्रोटोकॉल तोड़ कर राजपथ पर पैदल चल दिए, और वहां मौजूद दर्शकों का अभिनंदन स्वीकार किया।
- 2017 में गणतंत्र दिवस परेड में एनएसजी कमांडो का दस्ता पहली बार शामिल हुआ
- गणतंत्र दिवस परेड में विदेशी सैन्य दस्तों को शामिल किया गया। 2016 में फ्रांस के सैन्य दस्ते को और 2017 की परेड में यूएई का सैन्य दस्ता पहली बार शामिल हुआ।
- 2017 की गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार देश में निर्मित हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए), तेजस ने उड़ान भरी