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मोदी सरकार की धान के बाद गेहूं की रिकॉर्ड खरीदारी किसान आंदोलनकारियों के मुंह पर तमाचा

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भारतीय खाद्य निगम द्वारा उपलब्ध कराए गए अद्यतन आकड़ों के मुताबिक रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान 29 मई तक गेहूं की खरीब 405 लाख मीट्रिक टन पार कर चुकी है। यह खरीद अभी तक की सबसे अधिक खरीद है। सरकार ने रिकॉर्ड स्तर पर किसानों से गेहूं खरीदी है। यह खरीद पिछले साल की तुलना में 4 प्रतिशत अधिक है। केंद्र सरकार की यह खरीद जहां देश में चल रहे तथाकथित किसान आंदोलन के मुंह पर करारा तमाचा है वहीं देश के किसान और जनता के प्रति एक संदेश भी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चलने वाली केंद्र सरकार किसान के अनहित के बारे में कभी सोच तक नहीं सकती। रिकॉर्ड स्तर पर धान की खरीद के बाद गेहूं की अभी तक की हुई सबसे अधिक खरीद यह आश्वस्त करता है मोदी सरकार द्वारा लाया गया तीनों नया कृषि कानून किसानों के हित में और उनके लाभ के लिए हैं। गेहूं की यह रिकॉर्ड खरीद यह भी बताती है कि देश में चल रहा किसान आंदोलन सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस समेत विपक्ष का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को खऱाब करने की महज साजिश थी।

पहली बार 400 लाख मीट्रिक टन के पार गेहूं की खरीद

यह मोदी सरकार में ही संभव हो सका है कि देश में पहली बार गेहूं की खरीद 400 लाख मीट्रिक टन के पार पहुंची है। सबसे खास बात है कि इनमें से 132 लाख मीट्रिक टन गेहूं सिर्फ पंजाब से खरीदा गया है। ध्यान रहे पंजाब वही प्रदेश है जहां के लोग कांग्रेस के बहकाबे में ज्यादा आए। कांग्रेस ने सबसे अधिक हाय-तौबा पांब के किसानों के नाम पर मचाया था। लेकिन मोदी सरकार के नेतृत्व में सबसे अधिक गेहूं खऱीद का सबसे अधिक लाभ पंजाब के किसानों को ही पहुंचा है।

सबसे अधिक पंजाब और हरियाणा में हुई गेहूं की खरीद

वर्तमान रबी सीजन के दौरान सबसे अधिक पंजाब और हरियाणा में ही गेहूं की खरीद हुई जबकि पिछले साल सबसे अधिक खरीद मध्य प्रदेश में हुई थी। पंजाब में इस बार 132 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई। ध्यान रहे कि नए कृषि कानून के विरोध को लेकर किसान आंदोलन का ज्वार सबसे अधिक पंजाब और हरियाणा में ही फूटा था। यही दोनों राज्य किसान आंदोलन का मुख्य केंद्र बना था। जबकि पिछले साल पंजाब में 127 लाख मीट्रिक टन और हरियाणा में 74 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी।

यूपीए सरकार की तुलना में दोगुनी हुई खरीद

कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान धान और गेहूं की जितनी सरकारी खऱीद हो रही थी मोदी सरकार के कार्यकाल में आज उससे करीब दोगुनी खरीद हो रही है। साल 2013-14 के दौरान यूपीए सरकार के कार्यकाल में जहां 355 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी वहीं 251 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खऱीद हुई थी जबकि मोदी सरकार ने 2020-21 में जहां 789 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की वहीं 390 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की। साल 2021-22 में मोदी सरकार ने 29 मई तक 405 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है।

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