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राजस्थान के ‘भट्टी कांड’ ने दिल्ली के ‘तंदूर कांड’ की याद दिलाई, Geglot Government में फिर बेटी से दरिंदगी की हदें पार, गैंगरेप के बाद नाबालिग को सुलगती भट्टी में जिंदा जलाया

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आपको दिल्ली का बहुचर्चित तंदूर कांड याद ही होगा। नब्बे के दशक के युवा कांग्रेस नेता सुशील शर्मा ने अपनी पत्नी नैना साहनी को मारकर तंदूर में भून दिया था। तब कांग्रेस नेता नरपिशाच बना था और अब कांग्रेस सरकार में भीलवाड़ा में 14 साल की नाबालिग को गैंगरेप के बाद कोयला भट्टी में जिंदा ही जला दिया गया। दिल्ली के तंदूर कांड को याद दिलाने वाले इस दिल दहला देने वाले कांड की मुजरिम कांग्रेस सरकार भी है, जिसने प्रदेश को रेपिस्तान बना दिया है। हवस के भूखे दरिंदे बेखौफ बहन-बेटियों की इज्जत तार-तार कर रहे हैं और सुबूत मिटाने के लिए उन्हें मार भी रहे हैं। सुबूत मिटाने के लिए कांग्रेस सरकार के तत्कालीन मंत्री पर भी आरोप लगा था कि पुलिस ने शव को जब पोस्टमार्टम के लिये भेजा तो वहां उपस्थित मंत्री रामलाल जाट ने महिला के परिजनों पर बिना पोस्टमार्टम शव ले जाने के लिए दबाव बनाया था। बात बढ़ी तो जाट को इस्तीफा तक देना पड़ा था। इधर  राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सीपी जोशी ने भीलवाड़ा की घटना पर ट्वीट कर कहा है कि पिछले तीस दिन में ही देश में सबसे भयावह दुष्कर्म के मामले गहलोत सरकार के राज में ही आए हैं।

कांग्रेसी मंत्री रहे रामलाल जाट ने भी नहीं होने दिया था महिला का पोस्टमार्टम
कांग्रेस की राजनीति में आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों का दखल बढ़ता जा रहा है तो उसके ऐसे ही परिणाम सामने आते हैं। फिलहाल तो राजस्थान की जनता ने उस सदन से अपराध पर रोकथाम की आस लगा रखी है, जहां 23 फीसदी विधायक आपराधिक पृष्ठभूमि के मौजूद हैं। इनमें से 14 फीसदी तो ऐसे हैं, जिन पर गंभीर प्रकृति के आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। मासूम को भट्टी में झोंकने का मामला उसी भीलवाड़ा से जुड़ा है, जहां कुछ बरस पहले कांग्रेस सरकार के मंत्री रामलाल जाट ने एक महिला की मौत के बाद बिना पोस्टमार्टम कराए उसका शव लेकर जाने के लिए रातभर अस्पताल के चक्कर काटे थे। ताकि महिला की मौत का राज उजागर न हो सके। वाड़ा डेयरी अध्यक्ष रतन लाल चौधरी की 34 वर्षीय पत्नी पारस देवी की मौत 27 सितंबर 2011 को रहस्यमय परिस्थितियों में हुई थी। तब रामलाल जाट ने महिला का पोस्टमार्टम नहीं होने दिया था। अब इसी जिले में एक बच्ची के साथ फिर क्रूरता हुई। उसका शव छिपाने के मकसद से उसे भट्टी में झोंककर राख कर दिया।

भीलवाड़ा में 14 साल की नाबालिग को कोयला भट्‌ठी में जिंदा ही भून दिया
राजस्थान में दलित बेटियों के साथ ज्यादती की घटनाओं तो लगातार सामने आ ही रही हैं, लेकिन अब भीलवाड़ा की हृदयविदारक घटना ने दिल्ली के तंदूर कांड की याद ताजा कर दी। भीलवाड़ा में 14 साल की नाबालिग को कोयला भट्‌ठी में जिंदा ही भून दिया गया। इतना ही नहीं, किशोरी के साथ इससे पहले गैंगरेप की घिनौनी वारदात को भी अंजाम दिया गया। फिर हवस के दरिंदों ने सुबूत मिटाने के लिए उसका शव भट़्टी में झोंक दिया. मामला जिले के कोटड़ी थाना क्षेत्र के एक गांव का है। पुलिस पहले तो सोती रही, बाद में पुलिस ने 6 थानों का जाब्ता लगाकर गांव को छावनी बना दिया। ग्रामीणों ने रोष में कहा कि जब बच्ची की ही दर्दनाक मौत हो गई तो अब यह जाब्ता किस काम का ?

पुलिस तीन घंटे तक टालमटोल करती रही, हड्डियां मिलीं तब जाकर नींद से जागी
नाबालिग के भाई के मुताबिक बच्ची सुबह 8 बजे उसकी छोटी बहन बकरियां लेकर घर से निकली थी। शाम को करीब 3 बजे बकरियां घर लौट आईं, लेकिन बहन घर नहीं आई। उसके बाद परिवार के लोगों ने उसे ढूंढना शुरू कर दिया। गांव में सभी रिश्तेदारों के घर व खेत पर ढूंढा, पर वह नहीं मिली। पुलिस को सूचना दी, लेकिन उसने टालमटोल की। रात में परिवार के लोगों व ग्रामीणों ने नाबालिग को फिर से ढूंढना शुरू किया। इसी दौरान करीब 10 बजे गांव के बाहर कालबेलियों के डेरे में कोयला बनाने की एक भट्‌ठी जल रही थी। बारिश के समय यह भट्‌ठी नहीं जलाई जाती है। शक होने के बाद भट्‌ठी के पास जाकर देखा गया। वहां लापता बहन के जूते मिले। साथ ही आग में बहन का पहना हुआ चांदी का कड़ा और हड्‌डी के टुकड़े भी मिले। ग्रामीणों ने रात में ही कुछ कालबेलिया लोगों को पकड़ लिया। . भीलवाड़ा एसपी आदर्श सिद्धू का कहना है कि गैंगरेप, मर्डर का केस दर्ज किया है।प्रशासन ने अवैध भट्टियां नहीं हटाईं, पुलिस आधार कार्ड, मार्कशीट मांगती रही
नाबालिग के परिजनों के मुताबिक राजस्थान पुलिस ही नहीं प्रशासन के अधिकारी भी लापरवाही का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। परिजनों ने शाम 7 बजे ही कोटड़ी थाने में पहुंचकर बच्ची के अपहरण की आशंका जताई थी। लेकिन असंवेदनशीलता की हदें पार करते हुए पुलिस ने यह कहकर घर भेज दिया कि पहले आधार कार्ड, मार्कशीट लाओ। उसके बाद ही कुछ करेंगे। रात 10 बजे के बाद जब हड्डियां मिलने की सूचना दी गई, तब जाकर पुलिस हरकत में आई। दूसरी ओर प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आई है। ग्रामीणों के मुताबिक कुछ कालबेलिया लोगों ने लंबे समय से अवैध भट्टियां बना रखी हैं। प्रशासन को कई बार इनको हटाने की गुहार लगाई गई थी, लेकिन भट्टियां नहीं हटाईं। अगर इनको हटा देते तो बच्ची आज जिंदा होती।

भाजपा ने बनाई जांच कमेटी, मृतका के परिजनों को पीएम आवास योजना से मिलेगा घर
भीलवाड़ा के दर्दनाक भट्टी कांड को लेकर बीजेपी में राज्य सरकार के प्रति आक्रोश है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि प्रदेश में बेटियों के साथ ज्यादतियों की घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं। भीलवाड़ा के भट्टी कांड की जांच के लिए प्रदेश भाजपा ने जांच कमेटी बनाई है। इसमें विधायक अनिता भदेल, महिला मोर्चा अध्यक्ष रक्षा भंडारी, पूर्व विधायक अतर सिंह भडाना शामिल हैं, जो कोटड़ी पहुंचकर जांच करेंगे। दूसरी ओर गुर्जर महासभा के प्रदेशाध्यक्ष कालू लाल गुर्जर, जिलाध्यक्ष शंकर लाल गुर्जर भी मौके पर पहुंचे और ग्रामीण एसपी के आने तक अवशेष नहीं उठाने देने पर अड़ गए। मौके पर पहुंचे बीज निगम अध्यक्ष धीरज गुर्जर ने राज्य सरकार की ओर से परिवार को 10 लाख रु., पीएम आवास योजना में आवास, अपनी तरफ से 2.5 लाख रुपए देने की घोषणा की।

प्रदेश में दलित महिलाओं से दुष्कर्म और दलितों के खिलाफ अपराधों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। पुलिस-प्रशासन इन्हें रोकने में नाकाम साबित हो रहा है। पिछले कुछ माह की वारदातों पर एक नजर…

करौली: दलित युवती के साथ हैवानियत की हदें पार
करौली में हाल ही में एक दलित युवती के साथ दरिंदों की कारगुजारी की ऐसी वारदात सामने आई, जिसे सुनकर किसी का भी दिल कांप जाएगा। जिले के नादौती उपखंड की दलित युवती के साथ न सिर्फ गैंगरेप किया गया, बल्कि इसके बाद उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। गैंगरेप करने वाले आरोपियों ने इसके बाद दलित युवती की पहचान छिपाने के लिए चेहरे को एसिड डालकर जला दिया। इसके बाद दरिंदों ने उसको एक कुएं में फेंक दिया। घटना की जानकारी के बाद सांसद किरोडी लाल मीणा हिंडौन सिटी के राजकीय अस्पताल पहुंचे और सरकार को बेपरवाह बताते हुए पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए धरने पर बैठे।

बाड़मेर: दलित महिला को रेप के बाद जिंदा जलाया
राजस्थान के बाड़मेर जिले के पचपदरा में इसी साल अप्रैल माह में एक दलित महिला को बलात्कार के बाद आरोपियों ने जिंदा जला दिया गया। साठ फीसदी झुलसी महिला ने इलाज के दौरान जोधपुर के सरकारी अस्पताल में दम तोड़ दिया। मृतका के पति राजू राम का आरोप है कि उनकी पत्नी के साथ शकूर ख़ान ने बलात्कार किया और थिनर डालकर जिंदा जला दिया। इस बर्बर घटना के खिलाफ मृतका के परिजनों और ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर बालोतरा एसडीएम ऑफिस के सामने धरना भी दिया।

बीकानेर: रक्षक पुलिस ही बनी भक्षक, रेप के बाद मारा
गत जून माह में बीकानेर के खाजूवाला में एक दलित युवती के साथ पहले रेप करने और बाद में उसकी हत्या करने का सनसनीखेज आरोप भक्षक बनी पुलिस पर ही लगा है। महज बीस साल की इस युवती से एक घर में पहले रेप किया गया और बाद में वहीं मारकर फैंक दिया गया। महिला के पिता ने आरोप लगाया है कांस्टेबल मनोज और भागीरथ एक अन्य युवक के साथ उसे कमरे में ले गए। जहां पहले दुष्कर्म किया और इसके बाद मार दिया। एफआईआर में दो पुलिसकर्मियों के भी नाम आने के बाद पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने दोनों को सस्पेंड कर दिया है।

भरतपुर: सगे भाइयों ने किया दलित महिला से गैंगरेप
पूर्वी राजस्थान में दलितों के खिलाफ अपराधों में निरंतर वृद्धि हो रही है। भरतपुर जिले में इसी माह दलित महिला के साथ गैंगरेप की वारदात को दो सगे भाइयों ने ही अंजाम दिया। सेवर थाना क्षेत्र की रहने वाली एक महिला बाजार में चश्मा सही कराने दुकान पर गई थी। वहां पर मौजूद दो भाई काम कराने के बहाने से उसके घर के अंदर ले गए, जहां दोनों ने दलित महिला के साथ गैंगरेप किया। सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद महिला को किसी को भी बताने पर जान से मरने की धमकी दी।

राहुल-प्रियंका को अपनी सरकार में महिलाओं के खिलाफ अपराध नजर नहीं आते

राजस्थान की गहलोत सरकार के मंत्री और कांग्रेस पदाधिकारी ‘दीया तले अंधेरा’ की कहावत चरितार्थ करने में लगे हैं। सुदूर मणिपुर में महिलाओं के वीडियो आने पर सीएम गहलोत तक बीजेपी पर हमलावर हैं, लेकिन राजस्थान में महिलाओं के साथ दुष्कर्म, ज्यादती और नग्न परेड पर कांग्रेस नेता चुप्पी साधे हुए हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट भी बताती है कि प्रदेश में 6337 महिलाओं के साथ बलात्कार की वारदातें हुई हैं और इनमें पिछले तीन साल से लगातार इजाफा हो रहा है। पिछले दिनों उदयपुर में एक आदिवासी महिला को नग्न घुमाया गया। इसी प्रकार बाड़मेर जिले के सेड़वा तहसील में एक महिला का अर्द्धनग्न वीडियो वायरल हो रहा है। लेकिन सरकार की ओर से इन पर कोई टिप्पणी नहीं आई है। महिलाओं के साथ राजस्थान में इस तरह की वारदातों के लेकर गहलोत सरकार पर बीजेपी इसलिए भी हमलावर है, क्योंकि इतनी वारदातें होने के बावजूद कांग्रेस आलाकमान, सोनिया-राहुल या प्रियंका गांधी वाड्रा में से किसी का बयान नहीं आया है। जबकि यही नेता बीजेपी शासित राज्यों में एक भी गैंगरेप होने पर उसे राष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिशों में लगे रहे हैं। “लड़की हूं, लड़ सकती हूं” कहने वाली प्रियंका गांधी राजस्थान की अबलाओं की लड़ाई में हिस्सेदार नहीं बन रही हैं।कांग्रेस सरकार में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े, दुष्कर्म के 6337 केस
इसकी वजह भी है। कांग्रेस के राज में महिलाओं से बलात्कार के मामले रुक ही नहीं पा रहे हैं। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान में 1452 नाबालिगों से और 4885 महिलाओं से दुष्कर्म के केस हुए हैं। बीजेपी नेता इसलिए सरकार के खिलाफ हैं, क्योंकि गहलोत राज में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में हर साल बढ़ोत्तरी हो रही है। यहां तक कि आदिवासी और दलित महिलाओं को भी नहीं बख्शा जा रहा। मुख्यमंत्री गहलोत ने हाल ही में पीएम मोदी के बयान को शर्मनाक बताया था, लेकिन 2021 के ये आंकड़े गवाह हैं कि राजस्थान में महिलाओं की स्थिति कितनी ज्यादा शर्मनाक है। यहां तक कि सीएम के गृह जिले जोधपुर में ही पिछले दिनों दलित महिला से गैंगरेप की वारदात हो चुकी है।

उदयपुर जिले में आदिवासी महिला की प्रेमी के साथ कराई नग्न परेड
इतना ही नहीं पिछले दिनों उदयपुर के के कानोड़ पुलिस स्टेशन के तहत कसोटिया गांव में एक आदिवासी महिला की नग्न परेड भी कराई गई। उस महिला का अपराध यही था कि उसने समुदाय की अनुमति के बिना 24 वर्षीय प्रेमी के साथ रहने का फैसला किया था। पुलिस प्रशासन से बेखौफ समाजकंटकों ने न सिर्फ महिला और उसके प्रेमी के जबरन पेड़ के बांध दिया, बल्कि दो दिनों तक कैद में रखने और पिटाई करने के बाद उनकी नग्न परेड तक करा दी। मणिपुर की इतनी पुरानी घटना पर हो-हल्ला मचाने वाले कांग्रेस के नेता अपने ही प्रदेश में हाल ही में हुई इस घटना पर चुप्पी साधे बैठे रहे।

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