सोशल मीडिया पर राहुल गांधी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। 17 सितंबर को भोपाल में कार्यकर्ता संवाद के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा सवाल करती हैं कि कार्यकर्ता आपके कैलास मानसरोवर यात्रा के संस्मरण जानना चाहते हैं। ये सुनते ही राहुल गांधी कुछ बोल ही नहीं पाए। ऐसा लगा जैसे वे कैलास यात्रा के बारे में कुछ जानते ही न हों। थोड़ी देर तो बगल में खड़े मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अवाक रह गए और एक दूसरे का मुंह देखने लगे। राहुल को चुप देख कर उन्होंने कुछ समझाने की भी कोशिश की, लेकिन इसी बीच कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मोदी जिंदाबाद के नारे लगाने भी शुरू कर दिए।
काफी सोचने के बाद राहुल ने जो जवाब दिया वह भी काफी चौंकाने वाला है। उन्होंने कहा, ‘’जो एक बार कैलास पर्वत और मानसरोवर चला जाता है वापस आने पर सब-कुछ बदल जाता है। सोच बदल जाती है और गहराई आ जाती है।‘’ जाहिर है राहुल के जवाब में उनका ‘झूठ’ छिपा हुआ है क्योंकि यात्रा वे यात्रा के संस्मरण बता ही नहीं पाए।
एक महिला ने राहुल गांधी जी से भोपाल रैली में पूछा कि आप अपनी कैलाश यात्रा के बारे कुछ अनुभव कार्यकर्ताओं के साथ साझा करे,
ये सुनते ही राहुल जी कुछ बोल ही नही पाये तबतक जनता ने मोदी जी जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिये ??
मतलब ये यात्रा पे गये ही नही थे ?? pic.twitter.com/OEQr20NlpE— Sumit Katiyar (@iSKatiyar) September 17, 2018
See and hear for yourself! pic.twitter.com/ABXSRf3e03
— M.J. Akbar (@mjakbar) September 18, 2018
“Jo Kailash…,jo parvat hai…huh…jo Maansarovar hai….” Kamaal hai Rahul Gandhi. Who talks like that? You have plastered posters in MP which address you as ‘SHIV BHAKT RAHUL GANDHI’ – But you haw & hum, stammer, have to think so hard to talk abt a yatra you made? Or did you? https://t.co/mGEVfAiLE3
— Seema Trivedi (@SeemaTrivedi6) September 18, 2018
आपको बता दें कि राहुल गांधी ने दावा किया था कि वे 31 अगस्त से 9 सितंबर के बीच कैलास मानसरोवर यात्रा पर गए थे। यात्रा शुरू करने से पहले नेपाल में सूअर और चिकेन कुरकुरे खाने को लेकर भी काफी विवाद हो चुका है। इतना ही नहीं लोग यह भी जानना चाहते हैं कि जिस कैलास मानसरोवर की यात्रा में कम से कम 21 दिन लगते हैं, कांग्रेस अध्यक्ष ने 9 दिनों में ही अपनी यात्रा कैसे पूरी कर ली?
दरअसल खुद को हिंदू साबित करने के चक्कर में कांग्रेस अध्यक्ष फंसते जा रहे हैं। क्योंकि वे न तो सनातन धर्म के बारे में जानते हैं और पूजा का विधि-विधान जानते हैं। इतना ही नहीं उनके दादा का नाम भी फिरोज खान गांधी है। जाहिर है वे न तो धर्म से, न संस्कार से और न ही जन्म के आधार पर हिंदू हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर वे बार-बार खुद को हिंदू साबित करने में क्यों लगे हुए हैं?
इसलिए ‘ढोंगी’ हिंदू हैं राहुल गांधी
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