कांग्रेस के अघोषित अध्यक्ष राहुल गांधी उस विचारधारा को मानते हैं, जो सनातन धर्म, उसकी परंपरा, उसके ज्ञान,पवित्र धार्मिक ग्रंथों, उसके देवी-देवताओं, भारत माता और देश का विरोध करती हैं। चाहे देश हो या विदेश, राहुल गांधी और कांग्रेस उन लोगों, संस्थाओं और एनजीओ को प्रोत्साहन देते हैं, जो सनातन धर्म और भारत की संस्कृति को अपमानित करने और नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं चुकते हैं। कांग्रेस ऐसी विचारधारा वाले लोगों को अपने पाले में लाने और उन्हें गले लगाने के लिए हमेशा मौके की तलाश में रहती है। मौका मिलते ही कांग्रेस के नेता ऐसे लोगों के दरवाजे पर दस्तक दे दते हैं, जैसा शुक्रवार (22 सितंबर, 2023) को दिल्ली में देखने को मिला। जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल बीएसपी के सांसद दानिश अली के घर पहुंच कर उन्हें गले लगाया। इस दौरान राहुल गांधी ने खुलकर अपनी मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति को प्रदर्शित किया।
कुँवर दानिश अली साहब से मिलने पहुंचे राहुल गांधी ,
राहुल गांधी इस संकट की घड़ी में BSP सांसद दानिश अली साहब के साथ खड़े है और उनके घर पर पहुंचे है ❤️pic.twitter.com/47yLZpiQFu
— Nargis Bano (@NargisBano70) September 22, 2023
दानिश अली के दरवाजे पर माथा टेकने पहुंचे राहुल और वेणुगोपाल
हाल ही में डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को डेंगू, मलेरिया और कुष्ट रोग बताकर खत्म करने का ऐलान किया था। इस ऐलान के बाद I.N.D.I. Alliance के नेताओं की जुबान में लकवा मार गया था। लेकिन संसद में बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी के अमर्यादित बयान के बाद I.N.D.I. Alliance के नेताओं की जुबान खुल गई। जो उपदेश उदयनिधि स्टालिन और डीएमके को दिए जाने चाहिए थे, वो रमेश बिधूड़ी और बीजेपी को दिए जाने लगे। इनमें मुस्लिम तुष्टिकरण की होड़ लग गई। अचानक दानिश अली सेकुलर पार्टियों के पोस्टर बॉय बन गए। विक्टिम कार्ड खेला जाने लगा। मानो पूरा मुस्लिम समाज खतरे में आ गया हो। दानिश अली के दरवाजे पर माथा टेकने राहुल गांधी और केसी वेणुगोपल पहुंचे। दोनों ने हाथ मिलाया, गले मिले, तस्वीरें लीं और उसे सोशल मीडिया में पोस्ट कर दिया।
नफ़रत के बाज़ार में मोहब्बत की दुकान pic.twitter.com/3IqLMFU0dx
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 22, 2023
भारत माता से नफरत करता है बीएसपी सांसद दानिश अली
राहुल गांधी ने जिस बीएसपी सांसद दानिश अली को गले लगाया, वह भारत माता से काफी नफरत करता है। हाल ही में दानिश अली ने भारत माता का नारा लगाने का विरोध किया। अमरोहा में एक कार्यक्रम के दौरान बीजेपी के शिक्षक विधायक डॉ. हरि सिंह ढिल्लों ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाया। इस पर दानिश अली भड़क गए। उन्होंने खड़े होकर इसका विरोध शुरू कर दिया। देखते ही देखते दोनों तरफ से नोकझोंक बढ़ गई। सांसद समर्थक व बीजेपी कार्यकर्ताओं में खींचतान शुरू हो गई। अधिकारियों ने किसी तरह मामला शांत कराया। दानिश अली का कहना था कि यह बीजेपी का निजी कार्यक्रम नहीं, बल्कि सरकारी कार्यक्रम है। दानिश अली के इस व्यवहार को लेकर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। सोशल मीडिया में लोगों ने सवाल किया किया कि दानिश अली गद्दार नहीं तो और क्या है?
दानिश अली को “भारत माता की जय” के नारे से आपत्ति है, गद्दार नहीं तो और क्या है ये?pic.twitter.com/PPGTLo2IKm
— Avinash Srivastava 🇮🇳 (@go4avinash) September 22, 2023
दानिश अली को लेकर छाती पिटने वाले सनातन धर्म से करते हैं नफरत
राहुल गांधी के बाद आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह भी दानिश अली से मिलने पहुंचे। इस तरह दानिश अली से मिलने और सांत्वना देने के लिए I.N.D.I. Alliance के नेताओं का तांता लग गया। इसके ठीक विपरीत जब उदयनिधि स्टालि और ए राजा ने सनातन धर्म को बीमारी बताकर खत्म करने की बात कही तो उन्हें विरोध करने की जगह कांग्रेस, आरजेडी, एसपी जैसी पार्टियों के नेताओं ने सनातन धर्म को गाली देने का जो सिलसिला शुरू किया, वो अब थमने का नाम नहीं ले रहा है। जहां उदयनिधि अपने बयान पर अड़े हैं, वहीं कांग्रेस के नेता भी लगातर सनातन धर्म को गाली दे रहे हैं। एक नेता तो यहां तक खुलासा कर दिया है कि I.N.D.I. Alliance का गठन ही सनातन धर्म को खत्म करने के लिए किया गया है। डीएमके सरकार में मंत्री पोनमुडी ने दावा किया कि I.N.D.I. Alliance के नेताओं में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन सनातन धर्म को खत्म करने के लिए सब एकमत है।
DMK नेता पोनमुडी ने कहा कि I.N.D.I.A गठबंधन का गठन हीं सनातन धर्म के विरोध और उसे खत्म के लिए हुआ है ‘सनातन धर्म’ को ख़त्म करना हीं I. N. D. I. Alliance (गठबंधन) का असली उद्देश्य है। pic.twitter.com/veyGBr0env
— 💐✊🏼🚩वि० हि० महासंघ🚩✊🏼💐 (@R_N_Choudhary_) September 13, 2023
राहुल के प्रिय खड़गे पिता-पुत्र का सनातन धर्म से नफरत
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और उनके पुत्र व कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे दोनों सनातन धर्म से नफरत करते हैं। दोनों सिर्फ दिखावे के लिए राहुल गांधी के प्रिय बने हुए है, क्योंकि कांग्रेस को दलित वोटबैंक को आकर्षित करना है। लेकिन वास्तविक स्थिति इसके ठीक विपरीत है। कांग्रेस अध्यक्ष होते हुए भी मल्लिकार्जुन खड़गे गांधी परिवार के कठपुतली बने हुए हैं। गांधी परिवार इनके साथ भेदभाव करता है, लेकिन दोनों बाप-बेटे सनातन के खिलाफ बयान देने में पीछे नहीं रहते हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे ने जनता से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को वोट नहीं देने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि यदि मोदी दोबारा जीतते हैं तो फिर से देश में सनातनियों का, सनातन धर्म का तथा सनातनियों की सरकार बन जाएगी। वहीं अपने पिता से एक कदम आगे बढ़ते हुए प्रियांक खड़गे ने 4 सितंबर को कहा कि, ‘कोई भी धर्म जो समानता को बढ़ावा नहीं देता है या यह सुनिश्चित नहीं करता है कि आपके पास मानव होने की गरिमा है, वह धर्म नहीं है। मैं… कोई भी धर्म जो आपको समान अधिकार नहीं देता या आपके साथ इंसानों जैसा व्यवहार नहीं करता, वह बीमारी के समान ही है।’
#WATCH | Bengaluru, Karnataka: On Tamil Nadu Minister Udhayanidhi Stalin’s ‘Sanatana Dharma should be eradicated’ remark, Karnataka Minister Priyank Kharge says, “Any religion that does not promote equality or does not ensure you have the dignity of being human is not religion,… pic.twitter.com/lQcpB5s6aY
— ANI (@ANI) September 4, 2023
राहुल के साथ देवी-देवताओं का अपमान करने वाला जवाहिरुल्ला
I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल और तमिलनाडु सरकार के सहयोगी दल मनिथानेया मक्कल काची(MMK) के अध्यक्ष जवाहिरुल्ला ने सड़कों पर ऐसे पोस्टर लगवाए, जो हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने वाला था। यह अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इस पोस्टर में माता सीता को अपमानजनक तरीके से दिखाया गया है, जिससे करोड़ों हिन्दुओं की भावनाएं आहत हुई हैं। रविवार (30 जुलाई, 2023) को तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले में मणिपुर की घटना को लेकर एमएमके ने प्रदर्शन किया। इस दौरान सड़कों पर एक आपत्तिजनक पोस्टर लगाया गया। सोशल मीडिया में वायरल हो रहे इस पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भगवान राम और गृह मंत्री अमित शाह को लक्ष्मण दिखाया गया है। वहीं इन दोनों के बीच में माता सीता को निर्वस्त्र दिखाया गया है। इसके साथ ही राष्ट्रीय चिन्ह तिरंगे का भी अपमान किया गया है। गौरतलब है कि एमएमके प्रमुख को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान उनके साथ चलते हुए देखा गया था। भारत जोड़ो यात्रा में टुकड़े-टुकड़े गैंग से मिले थे राहुल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान जिस तरह के लोगों से मिल रहे थे और जो लोग उनकी इस यात्रा में शामिल हो रहे थे उससे पता चला कि यह भारत जोड़ो यात्रा नहीं बल्कि भारत तोड़ो यात्रा थी। उनकी इस यात्रा में गुजरात और विकास विरोधी मेधा पाटकर, किसान विरोधी योगेंद्र यादव, देश विरोधी कन्हैया कुमार के शामिल होने से सवालिया निशान उठे।मेधा पाटकर ने तीन दशकों तक नर्मदा परियोजना के पानी को रोकने के लिए अदालत गई, आंदोलन की। भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी उनके कंधे पर हाथ रखकर पदयात्रा पर निकले थे। इसी तरह कन्हैया कुमार की अगवानी में ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ और ‘अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं’ के नारे लगाने के आरोप लगे थे। कन्हैया कुमार ने भारतीय सेना के खिलाफ 8 मार्च 2016 को दिल्ली में विवादित बयान दिया था। कन्हैया ने कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा था कि कश्मीर में सेना महिलाओं से बलात्कार करती है। इसके साथ ही वे इस यात्रा में हिंदू धर्म विरोधी जॉर्ज पोन्नैया से मिले। इतना ही नहीं, मध्य प्रदेश में यात्रा के दौरान पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे तक लगे।
ये रिश्ता क्या कहलाता है ? pic.twitter.com/RGLIuUMvWx
— Social Tamasha (@SocialTamasha) November 29, 2022
राहुल की भारत जोड़ो यात्रा में गाय को मारने वाला हुआ शामिल
राहुल गांधी की पदयात्रा में गाय को मारने वाले रिजिल मकुट्टी भी साथ दिखाई दिया। सोशल मीडिया पर शेयर किए वीडियो में देखा जा सकता है कि एक तरफ जहां रिजिल मकुट्टी सरेआम दिनदहाड़े गौ हत्या करते देखा गया वहीं दूसरी ओर वह राहुल गांधी के साथ पदयात्रा में दिखाई दिया। इसी शख्स को 2017 में बीफ बैन के विरोध में सरेआम एक बछड़े को मारने के चलते कांग्रेस पार्टी से निलंबित कर दिया गया था।
From Digvijaya Singh, who blamed RSS for 26/11, and is Gandhi family’s nominee to be the CP to Rijil Makutty, who butchered a calf on street, and was Rahul Gandhi’s companion on his Bharat “Jodo” Yatra, Congress is not even making an attempt to conceal its hate for the Hindus… pic.twitter.com/fqaA2zHc0d
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 30, 2022
आइए देखते हैं राहुल गांधी विदेशी दौरे पर भारत विरोधी ताकतों से मिलते हैं और देश को बदनाम करने की कोशिश करते हैं…
भारत में जिस वक्त G20 हो रहा है ठीक उसी वक्त राहुल गांधी का विदेश जाना मात्र संयोग नहीं, बल्कि एक सोचा-समझा प्रयोग था। उनके इस विदेश दौरे पर सवाल भी खड़े किए गए। राहुल गांधी के पिछले विदेश दौरे को देखते हुए सहज अंदाजा लगाया गया कि वे एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि को बदनाम करने और भारत को नीचा दिखाने के इरादे से विदेश यात्रा पर पहुंचे थे। राहुल इस दौरे में यूरोप के तीन देशों बेल्जियम, फ्रांस और नार्वे के दौरे पर गए और कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। बेल्जियम में राहुल की बैठक से हालांकि बहुत कुछ साफ हो गया कि उनका मकसद क्या है। वे वहां भारत विरोधियों और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट से मिले। वे उन सभी लोगों से मिले जो भारत के बढ़ते कद से परेशान हैं।
राहुल गांधी का यूरोप दौरा किसने तय किया?
राहुल गांधी यूरोप यात्रा ने सोच-समझकर तय किया गया था। अब तो यह भी संशय होता है कि उनके दौरे को कांग्रेस ने तय किया या अमेरिकी अरबपति जार्ज सोरोस ने। वही जार्ज सोरोस जो कहता है कि भारत में लोकतंत्र है लेकिन पीएम मोदी लोकतांत्रिक नहीं हैं। जार्ज सोरोस की इस सोच को क्या कहा जाए। जब भारत की जनता ने बीजेपी को 300 से ज्यादा सीटें देकर नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री चुना है तो यह लोकतांत्रिक कैसे नहीं हुआ। खैर तो राहुल गांधी यूरोप दौरे गए। यूरोप पहले ही भारत की तरक्की से बौखलाया हुआ है और वह नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ता। यूरोपीय संसद द्वारा मणिपुर हिंसा पर प्रस्ताव पारित करना इसका ताजा उदाहरण है। पाकिस्तान में दस से ज्यादा चर्च जला दिए गए लेकिन यूरोपीय संसद ने कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया। इससे तो यही लग रहा चोर-चोर मौसेरे भाई।
बेल्जियम में FTLS ने की राहुल की बैठक का आयोजन, FTLS का जमात और आईएसआई से संबंध
राहुल ने यूरोप दौरे पर बेल्जियम में यूरोपीय संसद के सदस्यों के साथ एक बैठक में हिस्सा लिया। ये वही लोग हैं जिन्होंने मणिपुर पर भारत विरोधी प्रस्ताव पारित किया था। इसके बाद उन्होंने उन्होंने एक सार्वजनिक चर्चा में भाग लिया, जिसे कांग्रेस द्वारा “सिविल सोसायटी समूहों” के साथ एक बैठक के रूप में प्रचारित किया गया। और सोचिए इस बैठक का आयोजन फाउंडेशन द लंदन स्टोरी (FTLS) ने किया। FTLS का संबंध जमात और आईएसआई से है और यह सुनीता विश्वनाथ और रशीद अहमद जैसे भारत विरोधी व्यक्तियों से जुड़ा है। इसकी स्थापना ‘दक्षिण एशियाई’ रितुम्बरा मनुवे और इमरान वली अहमद द्वारा ‘नीदरलैंड’ में की गई थी। इस संगठन से जुड़े अन्य लोग हैं भारतीय अमेरिकी मुस्लिम काउंसिल के कार्यकारी दिर रशीद अहमद, हिंदूज़ फॉर ह्यूमन राइट्स की सह-संस्थापक सुनीता और पोलिस प्रोजेक्ट की फ्रांसेस्का रेचिया। ये मोर्चे जस्टिस फॉर ऑल (जेएफए) – पश्चिम में जमात/आईएसआई गठजोड़ से जुड़े हैं! FTLS ने इससे पहले पत्रकार राणा अयूब और वकील प्रशांत भूषण के कार्यक्रम आयोजित किए हैं। ये दोनों भी भारत विरोधी इकोसिस्टम का हिस्सा हैं। अब सवाल उठता है कि राहुल गांधी ने इन भारत विरोधी संगठन के कार्यक्रम में हिस्सा क्यों लिया?
यूरोप दौरे में राहुल भारत विरोधी फैबियो मास्सिमो से मिले
यूरोप दौरे में राहुल गांधी ऐसे लोगों से मिले जिनके पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से संपर्क रहे हैं। अब सवाल उठता है कि वे भारत विरोधी इन लोगों से क्यों मिल रहे हैं? राहुल गांधी यहां इतालवी वामपंथी राजनीतिज्ञ और यूरोपीय संसद के पूर्व सदस्य फैबियो मास्सिमो से मिले। इनका यूरोप में ISI के एसेट या एजेंट परवेज़ इक़बाल से संपर्क है। परवेज़ इक़बाल का खालिस्तान की मांग करने वाले भारत में उपद्रव करने वाले सिख फॉर जस्टिस से संबंध रहा है। इससे इनके गठजोड़ को समझा जा सकता है। फैबियो मास्सिमो कश्मीर मुद्दे पर भारत विरोधी प्रचार फैलाने में जुटे रहते हैं। इसका प्रमाण फैबियो के पुराने ट्वीट में देखा जा सकता है।
भारत में पिछले 40 वर्षों में सबसे अधिक बेरोजगारी
पिछले विदेश दौरों की तरह ही यूरोप दौरे में भी राहुल ने भारत को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। राहुल ने यहां कहा- भारत में बेरोजगारी बहुत है। गरीबी के स्तर में भारी वृद्धि हुई अधिकांश लोगों को गरीबी की ओर धकेल दिया गया है और फिर बढ़ती कीमतें और मुद्रास्फीति है। भारत जोड़ो यात्रा में मुझे लोगों ने ये बातें बताईं। राहुल ने कहा कि इस मामले में तथ्य यह है कि भारत में पिछले 40 वर्षों में सबसे अधिक बेरोजगारी है। तो हमारे आर्थिक मॉडल में स्पष्ट रूप से कुछ गड़बड़ है, इसे स्वीकार नहीं किया जाता है और सरकार समर्थक मीडिया ज्यादा है इसीलिए इस प्रकार की चीजें सामने नहीं आती हैं।
13 करोड़ भारतीय पांच साल में गरीबी से निकले
राहुल गांधी अपने एजेंडे में लगे हुए हैं। लेकिन उन्हें आईएमएफ की बातों पर भरोसा नहीं है। आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत ने “अति गरीबी” को लगभग खत्म कर दिया है और इसके डीबीटी (डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर) को लॉजिस्टिक मार्वल कहा है। राहुल गांधी को उन विश्वविद्यालयों पर भी भरोसा नहीं है जहां जाकर वह भाषण देते हैं। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में यूएनडीपी और ओपीएचआई द्वारा जारी वैश्विक एमपीआई के नवीनतम अपडेट के अनुसार, 2005/2006 से 2019/2021 तक केवल 15 वर्षों के भीतर भारत में कुल 41.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले। वहीं यूएनडीपी की रिपोर्ट हो या नीति आयोग की, कुल मिलाकर अगर देखें तो गरीबों की संख्या में 15 फीसदी की कमी आयी है। लगभग साढ़े 13 करोड़ भारतीय पांच साल में गरीबी से निकले हैं। यह सचमुच एक बड़ी संख्या है, इससे सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) को तय करने में मदद मिलेगी। इन साढ़े 13 करोड़ लोगों में साढ़े तीन करोड़ लोग केवल उत्तर प्रदेश के हैं।
राहुल गांधी ने की चीन की बेल्ट एंड रोड की प्रशंसा
राहुल गांधी ने यूरोप दौरे पर एक बार चीन प्रशंसा की। जैसा कि वह लगभग हर विदेश दौरे पर करते हैं। यहां उन्होंने चीन के बेल्ट एंड रोड (BRI) इनिशिएटिव की तारीफ की। जबकि चीन के BRI की हकीकत कुछ और ही है। BRI के कारण चीन भारी कर्ज में डूबा हुआ है। बीआरआई में शामिल देश या तो दिवालिया हो गए हैं या वे चीन से ऋण पुनर्निर्माण के लिए कह रहे हैं क्योंकि वे चीन को भुगतान करने में असमर्थ हैं।
राहुल गांधी ने भारत के लोकतंत्र पर सवाल उठाया
राहुल गांधी ने ब्रुसेल्स प्रेस क्लब, बेल्जियम में अंतरराष्ट्रीय मीडिया को संबोधित करते हुए भारत में लोकतंत्र का मुद्दा भी उठाया। जैसा कि वह हर विदेश दौरे में करते हैं। और जैसा कि जार्ज सोरोस भी कह चुके हैं कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है। राहुल ने कहा, “संस्थाओं और लोकतंत्र के संबंध में (भारत में) जिस तरह की कार्रवाइयां की जा रही हैं, वे गंभीर मुद्दे हैं।”
VIDEO | “There are serious issues about the type of actions that are being taken with regards to institutions and democracy (in India),” says Congress leader @RahulGandhi while addressing the international media at Brussels Press Club, Belgium. pic.twitter.com/phPy0VWN4S
— Press Trust of India (@PTI_News) September 8, 2023
राहुल गांधी ने इस साल प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे से पहले अमेरिका की यात्रा की थी वहां भी वे भारत विरोधी लोगों से मुलाकात की थी। इस पर एक नजर-
अमेरिका में राहुल का जमात, सुनीता विश्वनाथ कनेक्शन, फोटो ने खोल दी पोल
राहुल गांधी पीएम मोदी के अमेरिका दौरे से पहले 30 मई को अमेरिका पहुंचे थे। राहुल गांधी के विदेश दौरे का उद्देश्य भारत को नीचा दिखाना, पीएम मोदी और भाजपा को बदनाम करना और भारत में मुसलमान खतरे हैं, यही बताना रहता है। यह काम वह पिछले कई विदेश दौरे से करते आ रहे हैं। लेकिन जिस तरह सोशल मीडिया पर उनका एक फोटो वायरल हुआ उसने उनकी पोल खोलकर रख दी है। जिस अमेरिकी अरबपति कारोबारी जार्ज सोरोस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जहर उगला था, जिसने पीएम मोदी को सत्ता से हटाने की बात कही थी, जिसने राष्ट्रवाद से लड़ने के लिए 100 अरब डॉलर का फंड देने की बात कही थी, अब राहुल गांधी उसी के करीबी सहयोगी सुनीता विश्वनाथ के साथ बैठते करते देखे गए। आखिर राहुल गांधी देश विरोधी लोगों से क्यों मिल रहे थे? क्या भारत को कमजोर करने की जार्ज सोरोस की साजिश में वे भी शामिल हैं? राहुल गांधी का जमात, ISI और जॉर्ज सोरोस से जुड़े लोगों से मिलना यह साबित करता है कि वे भारत से प्रेम नहीं करते बल्कि सत्ता के लिए देश को कमजोर करने से लेकर किसी भी हथकंडे को अपना सकते हैं।
जॉर्ज सोरोस की प्रतिनिधि हैं सुनीता विश्वनाथ
सुनीता विश्वनाथ जॉर्ज सोरोस की प्रतिनिधि हैं, जिसने विपक्षी नेताओं, थिंक टैंक, पत्रकारों, वकीलों और कार्यकर्ताओं के एक नेटवर्क के माध्यम से भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने के लिए 1 अरब डॉलर देने का वादा किया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राहुल गांधी सत्ता पाने के लिए इस हद तक समझौता कर रहे हैं। अमेरिकी एक्टिविस्ट सुनीता विश्वनाथ वही हैं जिन्हें तीन साल पहले अयोध्या में एंट्री से रोक दिया गया था।
हिंदुओं के विरोध में मुसलमानों के पक्ष में एजेंडा चलाती है सुनीता विश्वनाथ
सुनीता विश्वनाथ हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स (एचएफएचआर) की सह-संस्थापक हैं, इसके जरिये भी वह हिंदुओं के खिलाफ एजेंडा चलाती है और इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (आईएएमसी) जैसे कट्टर संगठनों के साथ कई कार्यक्रमों की सह-मेजबानी करती हैं। पश्चिम में व्यापक जमात-आईएसआई सांठगांठ का हिस्सा हैं और भारत में सामाजिक भेदभाव के मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना उनका काम है। उनके अन्य संगठन वुमन फॉर अफगान वीमेन को सोरोस ओपन सोसाइटी फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित किया जाता है।
सुनीता विश्वनाथ ने किया था पीएम मोदी के दौरे का विरोध
सुनीता विश्वनाथ हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स (एचएफएचआर) की कोफाउंडर हैं। वह अमेरिका में इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल के साथ कई कार्यक्रमों में शिरकत करती हैं। यह एक कट्टर संगटन है। खबरों के अनुसार इस संगठन का पश्चिम में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के साथ सांठगांठ है। संदिग्ध संगठन ‘हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स’ ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे का विरोध किया था। इसके खिलाफ प्रोपेगेंडा के लिए विशेष टूलकिट लेकर आया था। संगठन द्वारा जारी टूलकिट उसके मोदी विरोधी अभियान का हिस्सा था। “मोदी प्रोटेस्ट टूलकिट” शीर्षक वाला 24 पेज का दस्तावेज़ एचएफएचआर की वेबसाइट पर खुले तौर पर उपलब्ध था।
मुस्लिम4पीस के कार्यक्रम में सुनीता का हिंदू और मोदी-विरोधी भाषण
अमेरिका में “डिसमेंटल ग्लोबल हिंदुत्व” अभियान चलाने वाली सुनीता सोरोस द्वारा वित्तपोषित कई संगठनों के साथ जुड़ी हुई है। मुस्लिम4पीस संगठन द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में उन्हें हिंदू, मोदी-विरोधी भाषण देते हुए साफ देखा जा सकता है। इससे यह आशंका दृढ़ हो जाती है कि भारत में सत्ता-परिवर्तन की मंशा पाले लोगों द्वारा राहुल गांधी को तैयार किया जा रहा है?
Driving “Dismantle Global Hindutva” campaign to Afghan & US, she is/has been associated with Soros funded orgs.
Take a glimpse as an apologist Hindu, anti-Modi speech at Iftar Party organised by MusIim4Peace, NJ.
Is Rahul Gandhi being groomed by regime-change-operators?
2/2 pic.twitter.com/B7E6Ms9E73
— The Hawk Eye (@thehawkeyex) June 2, 2023
बैठक में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का एजेंट भी शामिल
आपने सुनीता विश्वनाथ के साथ राहुल गांधी की तस्वीर देखी। इस बैठक में और कौन-कौन मौजूद थे? अब्दुल मलिक मुजाहिद द्वारा प्रवर्तित भारतीय अमेरिकी मुस्लिम परिषद के जिहादी – आईएसआई फ्रंटमैन भी थे। हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स केवल मुजाहिद द्वारा समर्थित संगठन है। राहुल गांधी के कांग्रेस यूएसए इनर सर्कल के कनेक्शन के बारे में जानकर गंभीर चिंताएं होती हैं। एक चौंकाने वाला रहस्योद्घाटन इंगित करता है कि सर्कल के एक सदस्य को सोरोस द्वारा सीधे वित्त पोषित किया जाता है, जिसका आईएसआई और जमात ए इस्लामी से जुड़े संगठनों से संबंध है, जो आतंकी गतिविधियों के लिए जाना जाता है।
सुनीता विश्वनाथ के पाकिस्तानी जमात-ए-इस्लामी से संबंध
हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स की संस्थापक सुनीता विश्वनाथ एक ऐसी शख्सियत हैं जिनका कथित तौर पर पाकिस्तानी जमात-ए-इस्लामी के एक प्रमुख व्यक्ति अब्दुल मलिक मुजाहिद के साथ करीबी संबंध हैं, जो भारत में आतंकी हमलों में सीधे तौर पर शामिल होने के लिए जाना जाता है। मुजाहिद का भारतीय प्रवासी संगठनों पर प्रभाव स्पष्ट है। उनकी वेबसाइट पर भारत के खिलाफ एजेंडा के रूप में ‘सेव इंडिया फ्रॉम फासिज्म’ और ‘सेव कश्मीर’ आदि के पोस्टर-बैनर देखे जा सकते हैं।
सुनीता विश्वनाथ का आईएसआई और खालिस्तानियों से भी गहरा संबंध
सुनीता विश्वनाथ के बारे में और जानकारी हासिल करने पर पता चलता है उनका आईएसआई और खालिस्तानियों से भी गहरा संबंध है। इसके साथ ही कई अन्य संगठनों से भी संबंध है जो उनके भारत विरोधी होने को उजागर करते हैं। वह अमेरिका में आईएसआई समर्थित खालिस्तानी गुर्गों, भजन सिंह भिंडर और पीटर फ्रेडरिक के साथ एलायंस फॉर जस्टिस एंड अकाउंटेबिलिटी की सह-संस्थापक भी हैं।
The plot thickens as we uncover Viswanath’s other associations. She was the co-founder of the Alliance for Justice and Accountability along with Bhajan Singh Bhinder and Pieter Friedrich, ISI-backed Khalistani operatives in the USA.
(4/n) pic.twitter.com/nCPayHetOh
— Radical Watch (@RadicalWatchOrg) June 2, 2023
भारत विरोधियों का कांग्रेस में सीधी पहुंच का क्या है मतलब?
सुनीता विश्वनाथ का विवादों से नाता यहीं तक नहीं है। सुनीता ने कई कार्यक्रमों का सह-आयोजन किया है और IAMC जैसे संगठनों के साथ सहयोग किया है, जो 2014 से पहले से ही भारत के खिलाफ खुले तौर पर पैरवी कर रहा है, देश के खिलाफ प्रतिबंधों का समर्थन करता रहा है। इन खुलासों से संकेत मिलता है कि अमेरिका में सुनीता विश्वनाथ और राहुल गांधी की बैठक किसी खतरनाक मंसूबे के तहत हुई। वे भारत के खिलाफ किसी एजेंडे पर काम कर रहे हैं। यह सोचना भी परेशान करने वाला है कि इस तरह की सोच वाला कोई व्यक्ति कांग्रेस पार्टी के अमेरिकी संगठन के अंदर तक सीधी पहुंच आखिर कैसे प्राप्त कर सकता है।
सुनीता विश्वनाथ भगवान शिव को बता चुकी ‘चिलमबाज’
हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स नामक संगठन की सह-संस्थापक सुनीता विश्वनाथ हिंदुओं के नाम पर हिंदुओं के खिलाफ झूठ और प्रोपेगेंडा फैलाने का काम करती रही है। ‘हिंदू बनाम हिंदुत्व’ के नैरेटिव का अभियान चलाकर लोगों को भ्रमित करने का काम करती रही है। वहीं सुनीता हिंदू देवी देवताओं को बदनाम करने के लिए उल-जुलूल बातें भी करती है। कभी वह भगवान शिव को चिलमबाज बताती है तो कभी कहती है हिंदुओं में शराब-सिगरेट का निषेध नहीं है, ये देवताओं को भी चढ़ाया जाता है।
क्या राहुल के भाषण की स्क्रिप्ट अमेरिका में लिखी जा रही?
करण थापर के एक शो में सुनीता ने कहा था कि भारत के हिंदुओं के लिए जरूरी है कि वो हिंदुत्व से लड़ें क्योंकि जो आज हो रहा है वो नरसंहार की शुरुआत है। सुनीता की तरह ही राहुल गांधी भी पिछले कुछ समय से हिंदू और हिंदुत्व को अलग बताकर प्रोपेगेंडा फैलाने में जुटे हैं। लेकिन इससे इस बात को बल मिल रहा है कि क्या राहुल के भाषण की स्क्रिप्ट अमेरिका में लिखी जा रही है।
राहुल के आयोजकों के नाम शाहीन बाग की लिस्ट जैसी क्यों?
अमेरिका में राहुल गांधी के कार्यक्रम के आयोजकों में से कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार है- फ़्रैंक इस्लाम, माजिद अली, नियाज़ ख़ान, जावेद सैयद, मोहम्मद असलम, मीनाज़ ख़ान, अकील मोहम्मद आदि। इन नामों को देखने ऐसा लगता है कि गोया यह शाहीन बाग की वोटर लिस्ट हो। लेकिन नहीं, ये उन लोगों के नाम हैं जिन्होंने राहुल गांधी का अमेरिका में प्रोग्राम ऑर्गनाइज़ कराया। इनमें से कई कश्मीर में कट्टरवाद के समर्थक हैं, यानी के आतंकवाद के समर्थक हैं। अब इससे यह समझना आसान हो जाता है कि राहुल गांधी क्यों सनातन संस्कृति का मजाक बना रहे थे और बस मुसलमान परेशान हैं, मुसलमानों को सेकेंड क्लास सिटीजन माना जाता है, भारत में यही सब गाना गा रहे थे।
इससे पहले राहुल गांधी 2022 में ब्रिटेन गए थे तब भी उन्होंने देश को नीचा दिखाया था। इस पर एक नजर-
राहुल गांधी ने कहा था- पूरे भारत में केरोसिन छिड़का जा चुका है, बस एक चिंगारी की जरूरत है
लंदन में 2022 में ‘आइडिया फॉर इंडिया’ कॉन्फ्रेंस में पहुंचे राहुल गांधी ने कहा था- ‘देश में धुव्रीकरण बढ़ता जा रहा है, बेरोजगारी अपने चरम पर है, महंगाई बढ़ती जा रही है। बीजेपी ने देश में हर तरफ़ केरोसीन छिड़क दिया है बस एक चिंगारी से हम सब एक बड़ी समस्या के बीच होंगे।’ यहां समझने की बात है कि राहुल को केरोसीन छिड़कने की बात कहनी थी तो उन्होंने इसमें बीजेपी को लपेट लिया।
राहुल ने लंदन में पाकिस्तानी प्रोफेसर कमल मुनीर के साथ मंच साझा किया
लंदन में भारतीय लोकतंत्र और संस्थानों पर हमला करते हुए राहुल गांधी ने पाकिस्तानी प्रोफेसर कमल मुनीर के साथ मंच साझा किया। राहुल गांधी का परिचय पाकिस्तान में जन्मे कमल मुनीर ने एमबीए दर्शकों से कराया। कमाल मुनीर को पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा दिए जाने वाले राजकीय सम्मान तमगा-ए-इम्तियाज से सम्मानित किया गया है। मुनीर का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ संपर्क है। इससे आप समझ सकते हैं कि डीप स्टेट भारत को तबाह करने के लिए किस स्तर पर काम कर रहा है। एक तरफ राहुल गांधी को खड़ा किया गया, लेफ्ट लिबरल गैंग प्रोपेगेंडा फैलाने में जुट जाती है। आईएसआई नेटवर्क के जरिये खालिस्तान मुद्दे को जिंदा किया गया जिससे देश में उथल-पुथल मचे।

इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी के नेता राहुल गांधी ब्रिटिश धरती पर जाकर भारत के आंतरिक मुद्दों पर बात करते हुए विदेशी दखल की बात करते हैं। वह ऐसा पहली बार नहीं कर रहे हैं- इससे पहले उन्होंने निकोलस बर्न और अमेरिका के हस्तक्षेप की मांग की थी। और हम सभी को याद है कि कैसे कांग्रेस ने हाल ही में जॉर्ज सोरोस के बयान को लेकर हाय-तौबा मचाया था जबकि सोरोस राष्ट्रवाद से लड़ने के लिए 100 करोड़ डालर देने का ऐलान कर चुका है। यह एक बार नहीं बल्कि भारत की संप्रभुता को कमजोर करने का एक सुनियोजित पैटर्न है। इससे यह भी साबित होता है कि राहुल विदेशी ताकतों के इशारों पर खेल रहे हैं।
राहुल गांधी हाल के समय में चीन का जिक्र बार-बार करते हैं। चीन भारत में घुसपैठ कर रहा है। चीनी सैनिक भारतीय जवानों को पीटते हैं। चीन में काफी सद्भावना है। इस तरह के न जाने कितने ही बयान हैं। लेकिन हाल में ब्रिटेन के दौरे के दौरान उनके जुबान से वह बात भी निकल गई जिसका उन्हें सब्जबाग दिखाया गया था। उन्होंने कहा- जैसा रूस ने यूक्रेन में किया, वही भारत के खिलाफ दोहरा सकता है चीन। पश्चिमी देशों के डीप स्टेट (दुनिया को अपने हिसाब से चलाने वाले) ने मई 2022 में राहुल गांधी के मेकओवर और पीएम उम्मीदवार बनाने की पटकथा तैयार की थी। उस वक्त राहुल भी ब्रिटेन के दौरे पर थे। उसी वक्त यह तय हुआ था कि जिस तरह यूक्रेन में आंदोलन खड़ा कर जेलेंस्की को प्रधानमंत्री बनाया गया उसी तरह 2024 में पीएम मोदी के खिलाफ आंदोलन खड़ा कर राहुल की ताजपोशी करवाई जाएगी।
राहुल के मेकओवर की पटकथा की कहानी भारत जोड़ो यात्रा से शुरू होती है। इसके बाद पटकथा के मुताबिक पीएम मोदी की छवि खराब करने के लिए बीबीसी डॉक्यूमेंट्री, अडानी समूह को बदनाम करने के लिए हिंडनबर्ग रिपोर्ट और ANI, RSS जैसी संस्थाओं पर हमले किए जा रहे हैं। फिर रामचरितमानस विवाद के जरिये हिंदू धर्म को बदनाम करना और खालिस्तान मुद्दे को हवा देकर देश को आंदोलन की आग में झोंकने की साजिश रची जा रही है। यह कोई संयोग नहीं है कि खालिस्तान के नए झंडाबरदार अमृतपाल सिंह जो बात कहता है वही राहुल गांधी भी कहते हैं। RSS के खिलाफ एक तरफ कनाडा में रिपोर्ट तैयार होती है उसे आतंकवादी संगठन करार दिया जाता है तो दूसरी तरफ राहुल गांधी लंदन में RSS के खिलाफ जहर उगलते हैं। RSS को लेकर उनसे प्लांटेड सवाल किए जाते हैं।
अमेरिकी अरबपति जार्ज सोरोस ने साल 2020 में वैश्विक स्तर पर राष्ट्रवाद से लड़ने के लिए 100 करोड़ डॉलर देने की बात कही थी। उसने कहा था कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना ‘राष्ट्रवादियों से लड़ने’ के लिए की जाएगी। सोरोस ने ‘अधिनायकवादी सरकारों’ और जलवायु परिवर्तन को अस्तित्व के लिए खतरा बताया था। सोरोस ने कहा था कि राष्ट्रवाद अब बहुत आगे निकल गया है। सबसे बड़ा और सबसे भयावह झटका भारत को लगा है, क्योंकि वहां लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित नरेंद्र मोदी भारत को एक हिन्दू राष्ट्रवादी देश बना रहे हैं।
डीप स्टेट भारत की तरक्की से खुश नहीं है और वह चाहता कि किसी तरह से भारत को कमजोर किया जाए। इसीलिए उसने प्यादे के रूप में राहुल गांधी को चुना है। राहुल गांधी इसके लिए योग्य उम्मीदवार हैं। उनके पास अपना कोई विजन नहीं है। डीप स्टेट जैसा कहेगा वो वैसा ही करते जाएंगे। जैसा कि यूक्रेन में हो रहा है। कुल मिलाकर डीप स्टेट चाहता है कि पश्चिमी देशों को चुनौती देने वाली दो बड़ी अर्थव्यवस्थाएं भारत और चीन के बीच रूस-यूक्रेन की तरह युद्ध छिड़ जाए जिससे ये दोनों देश कमजोर हो जाएं। और राहुल गांधी लालचवश में उनके एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्हें इस बात से तनिक भी दुख नहीं है कि इससे देश का क्या होगा।
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA और पश्चिमी देश अपना हित साधने के लिए सरकार भी खरीद लेती थी और तमाम तरह की साजिश रचने में सफल हो जाती थी। इसका सबसे बड़ा उदाहरण 90 के दशक में हुए इसरो जासूसी कांड है। उस वक्त भारतीय वैज्ञानिक नंबी नारायण के नेतृत्व में भारत लिक्विड प्रोपेलेंट इंजन बनाने में सफल होने के करीब पहुंच गया था लेकिन CIA ने कांग्रेस सरकार और नेताओं को खरीद कर नंबी नारायण को जेल में डलवा दिया और भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम 20-30 साल पीछे चला गया। इसरो जासूसी कांड में जब नंबी नारायण को गिरफ्तार किया गया था तो उस वक्त केरल में कांग्रेस की सरकार थी। सीबीआई की जांच में सामने आया है कि नंबी नारायण की अवैध गिरफ्तारी में केरल सरकार के तत्कालीन बड़े अधिकारी भी शामिल थे। हाईकोर्ट में सीबीआई ने कहा कि नंबी नारायण की गिरफ्तारी संदिग्ध अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा थी।
विदेशी ताकतें और जार्ज सोरोस जैसे लोग भारत में एक कमजोर और गठबंधन सरकार को पसंद करते हैं, जिससे वे अपनी आवश्यकताओं के अनुसार उसे चला सकें। एक स्थिर, पूर्ण बहुमत वाली सरकार से वे डरते हैं और इसीलिए उसे हटाना चाहते हैं। यह एक सर्वविदित तथ्य है कि राहुल गांधी 2022 में जब ब्रिटेन में थे उसी समय सोरोस भी ब्रिटेन में था। यह डीपस्टेट का षड़यंत्र है जिसमें कांग्रेस सहित लेफ्ट लिबरल मिले हुए हैं।
जिस तरह 2014 के बाद से भारत विकास के पथ पर अग्रसर है उसे देखते हुए देशवासियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल में बसाया है। इसकी झांकी पीएम मोदी के रोड शो में साफ देखने को मिलती है। सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं भारतीय मतदाताओं को प्रभावित करने वाले ये विदेशी ताकतें और जार्ज सोरोस कौन होता है। भारतीय मतदाता निश्चित रूप से 2024 में मोदी जी को फिर से वापस लाएगा! 2024 में सोरोस और विदेशी ताकतों का सपना चकनाचूर होगा। देशों में शासन परिवर्तन के उसके मंसूबे का अंत भारत में होगा। भारत में ऐसा कुछ करने की कोशिश करना मुश्किल है। अब देश ने मोदी को दिल में बसा लिया है।
