प्रोपेगंडा न्यूज पोर्टल ‘द क्विंट’ निष्पक्ष पत्रकारिता की जगह दंगाइयों और आतंकियों का पीआर एजेंसी के रूप में काम कर रहा है। पोर्टल ने जिस तरह से दंगाइयों और आतंकियों के पक्ष में खबरें प्रकाशित कर रहा हैं, उससे लगता है कि वह एक खास एजेंडे के तहत उनकी छवि सुधारने का मुहिम चला रहा है। हालांकि ऐसे सवाल उठ रहे हैं कि आखिर पोर्टल को ऐसी क्या ज़रूरत आ गई कि दिल्ली दंगे के आरोपी शाहरुख़ पठान के परिचितों से बात करके उसका महिमामंडन करने के लिए ग्राफिक्स बनाने और एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित करनी पड़ी है ?
शाहरुख़ पठान वही शख्स है, जिसकी दिल्ली दंगे के दौरान पुलिस पर पिस्तौल तानी हुई तस्वीर सामने आई थी। इसके बाद दिल्ली में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़की थी। वही, जिसे अनुराग मिश्रा बता कर रवीश कुमार सरीखों ने इस्लामी कट्टरपंथ पर पर्दा डालने की कोशिश की थी। अब वही शाहरुख़ पठान ‘द क्विंट’ का दुलारा बन गया है। द क्विंट ने शाहरुख का ग्राफिक्स बना कर ‘Shahrukh Pathan: The Person Behind the Iconic Image of Northeast Delhi Riots’ शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें उसे ‘बेटा, दोस्त और शख्सियत’ के रूप में दिखाया गया है और उसके ‘मानवीय पहलुओं’ को उजागर करने का प्रयास किया गया है।
‘द क्विंट’ ने अपनी रिपोर्ट में परिजनों के हवाले से तथ्यों को इस तरह से पेश किया है, ताकि उसे हालात का मारा और बेकसूर साबित किया जा सके। पोर्टल ने शाहरुख को मासूम और सीधा-सादा बताया है। शाहरुख के अब्बा के हवाले से पोर्टल ने लिखा है कि भीड़ थी, हिंसक लोग थे, एक के हाथ में पिस्टल था, शाहरुख़ ने खुद को बचाने के लिए उसे पीटा तो पिस्टल उसके हाथ में आ गया, फिर उसने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गोली चला दी। पोर्टल ने बताया है कि किस तरह शाहरुख़ बंदूक लेकर निकलने से पहले अपनी अम्मी के हाथ की बनी बिरयानी के लिए इंतजार कर रहा था। अब्बा-अम्मी के हवाले से बताया गया है कि ‘अल्लाह के करम’ से शाहरुख़ पठान बच गया, उसने कई लोगों की जान बचाई, हाथ में पिस्टल नहीं रहता तो वो मर जाता।
हालांकि पोर्टल ने कपिल मिश्रा को दोष देना नहीं भूला है। लिखा है कि शाहरुख़ पठान के घर से कुछ ही दूरी पर पत्थरबाजी और नारेबाजी हो रही थी, क्योंकि बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने ‘भड़काऊ भाषण’ दिया था। लेकिन पोर्टल ने ये नहीं बताया है कि पत्थरबाजी और नारेबाजी कौन लोग कर रहे थे। यहां तक कि पोर्टल ने शाहरुख के हाथ में पिस्टल आने को लेकर भी एक ऐसी कहानी गढ़ी है, जो बताता है कि ये मीडिया संस्थान पुलिस और न्यायालय पर तनिक भी भरोसा नहीं करते।
ऐसा पहली बार नहीं है, जब ‘ द क्विंट’ ने किसी दंगाई का महिमामंडन किया हो। इससे पहले पोर्टल जम्मू कश्मीर के आतंकियों के प्रति भी सहानुभूति दर्शा चुका है। उसने मोहम्मद रफ़ी भट्ट नाम के आतंकी के मारे जाने के बाद उसे विनम्र, मृदुभाषी, और विद्वान करार दिया था। इसी तरह हिज्बुल आतंकी रियाज नाइकू के मारे जाने के बाद उसे ‘गणित का विद्वान’ साबित कर दिया था। आतंकी ओसामा बिन लादेन को ‘पिता और पति’ के रूप में पेश कर चुका है। यहां तक कि ओसामा बिन लादेन के महात्मा गांधी से प्रेरित होने, उसके लैपटॉप में टॉम एन्ड जेरी के एपिसोड होने और पर्यावरण प्रेमी होने को लेकर कई लेख लिख चुका है।
Osama bin Laden,proud father of 23 kids & husband of 5, peace activist inspired by Gandhi, staunch climate activist, innocent child who had Tom & Jerry & cute cat videos on his laptop,dies at 54
That’s not one of the fake #WaPoDeathNotices,that’s a real Death Notice by @TheQuint pic.twitter.com/x8dEtTUilq
— Sir Jadeja fan (@SirJadeja) October 28, 2019
गौरतलब है कि जफराबाद कॉन्स्टेबल पर पिस्तौल ताने शाहरुख़ पठान की तस्वीरों पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा था कि इन वीडियो क्लिपिंग और तस्वीरों ने अंतरात्मा को हिला दिया है कि ये व्यक्ति कानून और व्यवस्था को अपने हाथों में कैसे ले सकता है। हिंसा के दौरान शाहरुख ने जाफराबाद इलाके में 8 राउंड फायरिंग की थी। उसके पास से एक पिस्तौल और दो कारतूस जब्त किए गए थे। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दिल्ली में शाहरुख के घर से पिस्टल और तीन कारतूस बरामद किए थे।