Home समाचार नमामि गंगे के तहत यमुना की सफाई का काम तेज, 1387.71 करोड़...

नमामि गंगे के तहत यमुना की सफाई का काम तेज, 1387.71 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की मंजूरी

SHARE

2014 में आम चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने एक वक्तव्य में कहा था कि उनका सौभाग्य है कि उन्हें मां गंगा की सेवा का अवसर प्राप्त हुआ है। सत्ता में आते ही प्रधानमंत्री मोदी मां गंगा की सेवा में जुट गए। उन्होंने गंगा की सफाई के लिए एक अलग मंत्रालय बनाने का निर्णय लिया और नमामि गंगे योजना के तहत कई परियोजनाओं की शुरूआत की। मोदी सरकार ने गंगा के साथ-साथ उसकी सहायक नदी यमुना को भी साफ करने पर जोर दिया है और इसके लिए करोड़ों रुपये की लागत से कई परियोजनाएं शुरू की है। 

यमुना नदी के किनारे बसे शहरों पर फोकस

नमामि गंगे की कार्यकारी समिति ने यमुना नदी की सफाई के लिए इसके किनारे बसे शहरों पर फोकस किया है। समिति ने फिरोजाबाद, इटावा, बागपत और मेरठ के लिए सहायक नदियों पर 1387.71 करोड़ रुपये की लागत वाली कई परियोजनाओं को मंजूरी दी। इन परियोजनाओं में सीवेज शोधन संयंत्रों (एसटीपी) का निर्माण एवं जीर्णोद्धार शामिल है। इसके तहत नालों की निकासी, सीवेज पम्पिंग केन्द्रों का निर्माण, मुख्य सीवर लाइनों का निर्माण और अन्य विकास कार्य शामिल हैं।इन परियोजना में 15 वर्षों तक परियोजना का परिचालन एवं रखरखाव करना भी शामिल है।परियोजनाओं की ऑनलाइन निगरानी

सीवेज शोधन संयंत्रों और अन्य बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं की ऑनलाइन निगरानी पर भी जोर दिया गया है, जिसमें सभी परियोजनाओं की भू-टैगिंग के साथ-साथ वेब आधारित जीआईएस और एमआईएस शामिल हैं। इसका उद्देश्य परियोजनाओं को समय पर और तय लागत में पूरा करना है। परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए अनुकूल माहौल बनाने पर जोर

इसके साथ ही कार्यकारी समिति ने संबंधित परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए अनुकूल माहौल बनाने पर भी ध्यान दिया है, जिसके लिए शहरी स्थानीय निकायों और उत्तर प्रदेश जल निगम को प्रशिक्षित करने को मंजूरी दी है। इसके अलावा स्वच्छता संबंधी सर्वेक्षण भी शामिल है। 

जैव विविधता का संरक्षण

नमामि गंगे योजना के तहत गंगा नदी में जलीय जैव विविधता के संरक्षण और पुनरुत्थान पर भी ध्यान दिया गया है । कार्यकारी समिति ने गंगा नदी में जलीय जीवन को फिर से बहाल करने के लिए महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दी।परियोजनाओं के दूसरे चरण में जलीय प्रजातियों के संरक्षण के लिए नियोजन एवं प्रबंधन करना और गंगा नदी में पारिस्थितिकी से जुड़ी सेवाओं का रखरखाव करना शामिल हैं।

1.5 साल में यमुना नदी का पानी पीने योग्य -गडकरी

केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दावा किया है कि दिल्ली और मथुरा में यमुना की सफाई के लिए जिस गति से काम हो रहा है, उसके पूरा होने पर सवा साल के भीतर नदी का पानी पीने योग्य हो जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘नमामि गंगे मिशन’ के तहत दिल्ली में यमुना की 12 परियोजनाओं पर काम चल रहा है। गडकरी ने कहा कि हमारी सरकार ने अब नदी स्वच्छता का बीड़ा उठाया है और गंगा तथा उससे जुड़ी 40 नदियों को स्वच्छ बनाने का काम चल रहा है। 

कुंभ स्नान के वक्त गंगा स्वच्छ, पीएम मोदी को मिली बधाई

गडकरी ने केन्द्र सरकार के काम की तारीफ करते हुए कहा कि अभी तक 75 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इसी वजह से प्रयागराज में कुंभ स्नान के वक्त गंगा का पानी स्वच्छ रहा। वहां के लोगों ने मुझे, मेरी सरकार को और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी।

2020 तक गंगा सफाई का 80% काम हो जाएगा पूरा  

नमामि गंगे योजना दो हिस्सों में बांटकर चलाई जा रही है। छोटी अवधि के कार्य के लिए 5 साल निर्धारित किए गए हैं। जबकि लंबी अवधि के लिए 10 साल तय हैं। वर्तमान में गंगा की सफाई को लेकर मंत्रालय का काम देख रहे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दावा किया है कि 2020 तक गंगा की सफाई 70 से 80 फीसदी पूरी हो चुकी होगी।STP प्लांट से प्यूरिफाई हो रहा नालों का गंदा पानी

गंगा में गंदगी का सबसे बड़ा कारण उसमें गिरने वाले नालों का गंदा पानी है। मोदी सरकार ने ऐसे नालों के पानी को प्यूरीफाई करने के लिए कई बड़े शहरों में गंगा के किनारे STP प्लांट लगाए हैं। कानपुर में एशिया के सबसे बड़े नाले सिसामऊ के साथ ही 15 दूसरे बड़े नालों के पानी को गंगा में जाने से रोका जा रहा है। अब पानी एसटीपी संयत्र में साफ कर गंगा में डाला जा रहा है। काशी में गंदे पानी के 23 नालों में से 20 को बंद कर दिया गया है। कानपुर, वाराणसी, हरिद्वार, उन्नाव, फरुखाबाद, प्रयागराज जैसी जगहों पर पानी की सफाई पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक पहले के मुकाबले अब गंगा का पानी काफी साफ हो गया है।  

पक्के घाटों, श्मशान घाटों का निर्माण

घाटों और श्मशान घाटों के बेहतर रख-रखाव के बिना गंगा को साफ करना मुश्किल होता। इसे ध्यान में रखकर सरकार गंगा के तटों के विकास के लिए 145 घाटों और 53 शमशान गृहों का निर्माण करा रही है। इस काम के मार्च 2019 तक पूरा हो जाने की संभावना है।

उद्योगों को प्रदूषण की छूट नहीं

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा गंगा नदी में प्रदूषण फैलाने वाले 961 उद्योगों की पहचान की गई। नवम्बर 2018 तक सर्वाधिक प्रदूषण करने वाले 961 उद्योगों में से, 795 इकाइयों को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सर्वर की ऑनलाइन निगरानी प्रणाली से जोड़ा गया। नियमों का पालन न करने वाली 209 औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई की गई। 10 इकाइयों को बंद करने के निर्देश जारी किए गए। शीरा आधारित 32 शराब फैक्ट्रियों में शून्य तरल उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल किया गया।

मिशन गंगे अभियान दल ने की प्रधानमंत्री मोदी से भेंट

गंगा नदी की साफ-सफाई को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए मिशन गंगे अभियान पर निकले 40 सदस्यीय दल ने 4 अक्तूबर,2018 को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट की। दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला बछेंद्री पाल के नेतृत्व वाले इस अभियान दल में माउंट एवरेस्ट पर सफल चढ़ाई करने वाले 8 पर्वतारोही भी शामिल थे।

Leave a Reply