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युवाओं को अराजकता, जातिवाद और परिवारवाद से नफरत है: ‘मन की बात’ में पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को देशवासियों के साथ वर्ष 2019 की आखिरी ‘मन की बात’ की। युवाओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारी ये पीढ़ी बहुत प्रतिभाशाली है। भारत के युवा हर दिन कुछ नया करना चाहते हैं। आज के युवा एक बेहतर सिस्टम पंसद करते हैं और अगर कोई सिस्टम सही से काम न करे तो वे बेचैन हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि वे इसे अच्छा मानते हैं। नई पीढ़ी को अराजकता पसंद नहीं है। अव्यवस्था, अराजकता के प्रति उन्हें चिढ़ है। जातिवाद, परिवारवाद जैसी अव्यवस्था को वे पसंद नहीं करते हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले दशक को गति देने में वे लोग ज्यादा सक्रिय भूमिका निभाएंगे,जिनका जन्म 21वीं सदी में हुआ है,जो इस सदी के महत्वपूर्ण मुद्दों को समझते हुए बड़े हुए हैं। ऐसे युवाओं को आज बहुत सारे नामों से पहचाना जाता है। कुछ लोग इन्हें मिलेनियल कहते हैं तो कुछ जेन जेड या जनरेशन जेड के नाम से जानते हैं। 

पीएम मोदी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी कहते थे कि युवावस्था की कीमत को आंका नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि ये जीवन का सबसे मूल्यवान कालखंड होता है। आपका जीवन इस पर निर्भर करता है कि आप अपनी युवावस्था का उपयोग किस प्रकार करते हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि हम अलग-अलग कॉलेजों में, यूनिवर्सिटीज में और स्कूल्स में पढ़ते तो हैं, लेकिन पढ़ने के बाद Alumni meet एक बहुत सुहाना अवसर है। इस अवसर पर सभी नौजवान पुरानी यादों में खो जाते हैं, इसका एक अलग ही आनंद है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि भारत में ये दशक न सिर्फ युवाओं के विकास के लिए होगा बल्कि युवाओं के सामर्थ्य से देश का विकास करने वाला भी साबित होगा। भारत को आधुनिक बनाने में युवा पीढ़ी की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इस संबंध में उन्होंनेे बिहार के बेतिया के संकल्प 95 की चर्चा है। यह ग्रुप लोगों को मुफ्त मेडिकल सेवा मुहैया कराता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने लाल किले से 15 अगस्त को देशवासियों को एक बात के लिए आग्रह किया था। मैंने कहा था कि हम देशवासी लोकल खरीदने का आग्रह रखें। आज फिर से एक बार मेरा सुझाव है- क्या हम स्थानीय स्तर पर बने उत्पादों को प्रोत्साहन दे सकते हैं? क्या अपनी खरीदारी में उन्हें प्राथमिकता दे सकते हैं? क्या हम लोकल प्रोडक्ट को अपनी प्रतिष्ठाा और शन से जोड़ सकते हैं।

मन की बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2022 आजादी के 75 साल पूरे होंगे। इससे पहले हमें देशवासियों के खून-पसीने से बनीं चीजों को इस्तेमाल को बढ़ावा देना चाहिए। 2022 तक स्थानीय उत्पादों पर बल दिया जाना चाहिए। इसके अलावा मन की बात में उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के हिमायत प्रोग्राम की भी चर्चा की, जो स्थानीय युवाओं को ट्रेनिंग देने के साथ-साथ रोजगार मुहैया करा रहा है।

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